MP Board Class 12 Sanskrut Grammar Dhaturupani
धातुरुपाणी (धातु रूप): संस्कृत में विस्तृत अध्ययन
1. परिचय (Introduction)
MP Board Class 12 Sanskrut Grammar Dhaturupani: संस्कृत व्याकरण में धातुरुपाणी (Dhaturupāṇi) या धातु रूप (Verb Conjugations) क्रियापदों के विभिन्न रूपों को समझने और प्रयोग करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। किसी भी वाक्य में क्रिया (action) को व्यक्त करने के लिए धातु रूपों का प्रयोग होता है। ये काल (tense), अवस्था (mood), पुरुष (person) और वचन (number) के अनुसार बदलते हैं। परीक्षा की दृष्टि से धातु रूपों का सही ज्ञान अत्यंत आवश्यक है।
धातु (Dhātu) क्रिया का मूल रूप होता है। जैसे ‘पढना’ क्रिया का मूल ‘पठ्’ धातु है।
2. धातु (Dhātu / Root Word)
धातु (Dhātu) क्रिया का मूल रूप होता है, जिससे क्रिया के विभिन्न रूप बनते हैं। इसे ‘क्रियावाचक’ भी कहते हैं। उदाहरण (Example):
- पठ् (पढ़ना / to read)
- गम् (जाना / to go)
- भू (होना / to be)
- लिख् (लिखना / to write)
- हस् (हँसना / to laugh)
3. पुरुष (Puruṣa / Person)
संस्कृत में क्रियापदों का प्रयोग तीन पुरुषों (Persons) के अनुसार होता है:
- प्रथम पुरुष (Prathama Puruṣa / Third Person): जिसके बारे में बात की जा रही हो (वह, वे)। उदाहरण: सः पठति (वह पढ़ता है), तौ गच्छतः (वे दो जाते हैं), ते लिखन्ति (वे सब लिखते हैं)।
- मध्यम पुरुष (Madhyama Puruṣa / Second Person): जिससे बात की जा रही हो (तुम, तुम दो, तुम सब)। उदाहरण: त्वं पठसि (तुम पढ़ते हो), युवां गच्छथः (तुम दो जाते हो), यूयं लिखथ (तुम सब लिखते हो)।
- उत्तम पुरुष (Uttama Puruṣa / First Person): बात करने वाला स्वयं (मैं, हम दो, हम सब)। उदाहरण: अहं पठामि (मैं पढ़ता हूँ), आवां गच्छावः (हम दो जाते हैं), वयं लिखामः (हम सब लिखते हैं)।
4. वचन (Vacanam / Number)
संस्कृत में तीन वचन होते हैं, जो संख्या का बोध कराते हैं:
- एकवचन (Ekavacanam / Singular): एक की संख्या का बोध।
- द्विवचन (Dvivacanam / Dual): दो की संख्या का बोध।
- बहुवचन (Bahuvacanam / Plural): दो से अधिक की संख्या का बोध।
5. लकार (Lakāra / Tense and Mood)
संस्कृत में 10 लकार होते हैं, परंतु माध्यमिक स्तर पर मुख्य रूप से पञ्च लकार (Pañca Lakāra) पढ़ाए जाते हैं, जो काल (tense) और क्रिया की अवस्था (mood) को दर्शाते हैं:
- लट्लकार (Laṭlakāra / Present Tense – वर्तमान काल): जो क्रिया वर्तमान समय में हो रही हो। उदाहरण (Example): धातु: पठ् (पढ़ना / to read)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | पठति (reads) | पठतः (read) | पठन्ति (read) |
मध्यम पुरुष | पठसि (read) | पठथः (read) | पठथ (read) |
उत्तम पुरुष | पठामि (read) | पठावः (read) | पठामः (read) |
धातु: **गम्/गच्छ्** (जाना / to go)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | गच्छति (goes) | गच्छतः (go) | गच्छन्ति (go) |
मध्यम पुरुष | गच्छसि (go) | गच्छथः (go) | गच्छथ (go) |
उत्तम पुरुष | गच्छामि (go) | गच्छावः (go) | गच्छामः (go) |
- लृट्लकार (Lṛṭlakāra / Future Tense – भविष्यत् काल): जो क्रिया भविष्यत् काल में होगी। उदाहरण (Example): धातु: पठ् (पढ़ना / to read)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | पठिष्यति (will read) | पठिष्यतः (will read) | पठिष्यन्ति (will read) |
मध्यम पुरुष | पठिष्यसि (will read) | पठिष्यथः (will read) | पठिष्यथ (will read) |
उत्तम पुरुष | पठिष्यामि (will read) | पठिष्यावः (will read) | पठिष्यामः (will read) |
धातु: **गम्/गमिष्य्** (जाना / to go)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | गमिष्यति (will go) | गमिष्यतः (will go) | गमिष्यन्ति (will go) |
मध्यम पुरुष | गमिष्यसि (will go) | गमिष्यथः (will go) | गमिष्यथ (will go) |
उत्तम पुरुष | गमिष्यामि (will go) | गमिष्यावः (will go) | गमिष्यामः (will go) |
- लङ्लकार (Laṅlakāra / Past Tense – भूतकाल): जो क्रिया भूतकाल में हुई हो। इसमें धातु से पहले ‘अ’ (a) जुड़ता है। उदाहरण (Example): धातु: पठ् (पढ़ना / to read)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | अपठत् (read) | अपठताम् (read) | अपठन् (read) |
मध्यम पुरुष | अपठः (read) | अपठतम् (read) | अपठत (read) |
उत्तम पुरुष | अपठम् (read) | अपठाव (read) | अपठाम (read) |
धातु: **गम्/गच्छ्** (जाना / to go)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | अगच्छत् (went) | अगच्छताम् (went) | अगच्छन् (went) |
मध्यम पुरुष | अगच्छः (went) | अगच्छतम् (went) | अगच्छत (went) |
उत्तम पुरुष | अगच्छम् (went) | अगच्छाव (went) | अगच्छाम (went) |
- लोट्लकार (Loṭlakāra / Imperative Mood – आज्ञार्थक): आज्ञा, प्रार्थना, आशीर्वाद, या निवेदन के लिए। उदाहरण (Example): धातु: पठ् (पढ़ना / to read)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | पठतु (let him read) | पठताम् (let them two read) | पठन्तु (let them all read) |
मध्यम पुरुष | पठ (you read) | पठतम् (you two read) | पठत (you all read) |
उत्तम पुरुष | पठानि (let me read) | पठाव (let us two read) | पठाम (let us all read) |
धातु: **गम्/गच्छ्** (जाना / to go)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | गच्छतु (let him go) | गच्छताम् (let them two go) | गच्छन्तु (let them all go) |
मध्यम पुरुष | गच्छ (you go) | गच्छतम् (you two go) | गच्छत (you all go) |
उत्तम पुरुष | गच्छानि (let me go) | गच्छाव (let us two go) | गच्छाम (let us all go) |
- विधिलिङ्लकार (Vidhiḷiṅlakāra / Optative/Potential Mood – चाहिए अर्थ में): चाहिए, संभावना, या कर्तव्य का बोध कराने के लिए। उदाहरण (Example): धातु: पठ् (पढ़ना / to read)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | पठेत् (should read) | पठेताम् (should read) | पठेयुः (should read) |
मध्यम पुरुष | पठेः (should read) | पठेत्तम् (should read) | पठेत् (should read) |
उत्तम पुरुष | पठेयम् (should read) | पठेव (should read) | पठेम (should read) |
धातु: **गम्/गच्छ्** (जाना / to go)
पुरुष (Puruṣa) | एकवचन (Singular) | द्विवचन (Dual) | बहुवचन (Plural) |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | गच्छेत् (should go) | गच्छेताम् (should go) | गच्छेयुः (should go) |
मध्यम पुरुष | गच्छेः (should go) | गच्छेतम् (should go) | गच्छेत (should go) |
उत्तम पुरुष | गच्छेयम् (should go) | गच्छेव (should go) | गच्छेम (should go) |
6. अन्य महत्वपूर्ण धातुएँ (Other Important Dhātus)
कुछ धातुएँ ऐसी भी होती हैं जिनके रूप अलग-अलग लकारों में थोड़े भिन्न होते हैं या विशेष नियम होते हैं।
- भू (होना / to be) – लट्लकार: भवति, भवतः, भवन्ति
- अस् (होना / to be) – लट्लकार: अस्ति, स्तः, सन्ति (प्रथम पुरुष)
- कृ (करना / to do) – लट्लकार: करोति, कुरुतः, कुर्वन्ति
- दा (देना / to give) – लट्लकार: ददाति, दत्तः, ददति
7. परीक्षा के लिए महत्व (Importance for Exams)
एमपी बोर्ड की 12वीं कक्षा की संस्कृत परीक्षाओं में धातु रूपों से संबंधित प्रश्न निश्चित रूप से पूछे जाते हैं। इन पर पकड़ बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- मूल धातुएँ याद करें: पाठ्यक्रम में दी गई सभी धातुओं के पाँचों लकारों के रूपों को कंठस्थ (memorize) करें।
- नियमों को समझें: प्रत्येक लकार और पुरुष-वचन के प्रत्ययों (suffixes) को समझें।
- अभ्यास करें: विभिन्न धातुओं के रूपों को लिखकर और वाक्यों में उनका प्रयोग करके अभ्यास करें।
- विभिन्न लकारों में अंतर: प्रत्येक लकार के अर्थ और प्रयोग में अंतर को स्पष्ट रूप से समझें (जैसे लट्लकार वर्तमान काल के लिए, लङ्लकार भूतकाल के लिए)।
- अव्ययों और उपसर्गों का प्रयोग: धातु रूपों के साथ अव्ययों और उपसर्गों के प्रयोग को भी समझें।
- नियमित पुनरावृत्ति (Regular Revision): नियमों और उदाहरणों की नियमित रूप से पुनरावृत्ति करें ताकि वे स्मृति में बने रहें।
इन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करके आप संस्कृत में धातु रूपों के प्रश्नों को प्रभावी ढंग से हल कर सकते हैं और परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त कर सकते हैं।
धातुरुपाणी (धातु रूप) पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) – संस्कृत
संस्कृत व्याकरण में क्रिया का मूल रूप क्या कहलाता है?
a) शब्द
b) प्रत्यय
c) धातु
d) अव्यय
उत्तर: c) धातु
‘पठ्’ धातु का अर्थ क्या है?
a) जाना
b) हँसना
c) पढ़ना
d) लिखना
उत्तर: c) पढ़ना
संस्कृत में क्रियापदों का प्रयोग कितने पुरुषों (Persons) के अनुसार होता है?
a) दो
b) तीन
c) चार
d) पाँच
उत्तर: b) तीन
‘सः पठति’ वाक्य में ‘सः’ किस पुरुष में है?
a) प्रथम पुरुष
b) मध्यम पुरुष
c) उत्तम पुरुष
d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: a) प्रथम पुरुष
‘त्वं’ शब्द किस पुरुष में प्रयुक्त होता है?
a) प्रथम पुरुष
b) मध्यम पुरुष
c) उत्तम पुरुष
d) सभी में
उत्तर: b) मध्यम पुरुष
‘अहं पठामि’ वाक्य में ‘पठामि’ किस पुरुष और वचन में है?
a) प्रथम पुरुष, एकवचन
b) मध्यम पुरुष, बहुवचन
c) उत्तम पुरुष, एकवचन
d) उत्तम पुरुष, द्विवचन
उत्तर: c) उत्तम पुरुष, एकवचन
संस्कृत में वचनों की संख्या कितनी है?
a) एक
b) दो
c) तीन
d) चार
उत्तर: c) तीन
‘द्विवचन’ किसका बोध कराता है?
a) एक की संख्या का
b) दो की संख्या का
c) दो से अधिक की संख्या का
d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: b) दो की संख्या का
वर्तमान काल को दर्शाने वाला लकार कौन सा है?
a) लृट्लकार
b) लङ्लकार
c) लट्लकार
d) लोट्लकार
उत्तर: c) लट्लकार
‘गच्छति’ यह रूप किस धातु और लकार का है?
a) गम्/गच्छ्, लृट्लकार
b) गम्/गच्छ्, लट्लकार
c) गम्/गच्छ्, लङ्लकार
d) गम्/गच्छ्, लोट्लकार
उत्तर: b) गम्/गच्छ्, लट्लकार
भविष्यत् काल को दर्शाने वाला लकार कौन सा है?
a) लट्लकार
b) लङ्लकार
c) लृट्लकार
d) विधिलिङ्लकार
उत्तर: c) लृट्लकार
‘पठिष्यसि’ यह रूप किस पुरुष और वचन में है?
a) प्रथम पुरुष, एकवचन
b) मध्यम पुरुष, एकवचन
c) उत्तम पुरुष, बहुवचन
d) मध्यम पुरुष, द्विवचन
उत्तर: b) मध्यम पुरुष, एकवचन
भूतकाल को दर्शाने वाला लकार कौन सा है?
a) लोट्लकार
b) विधिलिङ्लकार
c) लङ्लकार
d) लृट्लकार
उत्तर: c) लङ्लकार
‘अपठत्’ इस धातु रूप में ‘अ’ का प्रयोग किस लकार की पहचान है?
a) लट्लकार
b) लृट्लकार
c) लङ्लकार
d) लोट्लकार
उत्तर: c) लङ्लकार
‘गच्छन्तु’ यह धातु रूप किस लकार में है?
a) लट्लकार
b) लङ्लकार
c) लोट्लकार
d) विधिलिङ्लकार
उत्तर: c) लोट्लकार
आज्ञा, प्रार्थना, आशीर्वाद, या निवेदन के लिए किस लकार का प्रयोग होता है?
a) लट्लकार
b) लृट्लकार
c) लोट्लकार
d) विधिलिङ्लकार
उत्तर: c) लोट्लकार
‘पठेयम्’ इस धातु रूप का अर्थ क्या है?
a) मैं पढ़ता हूँ
b) मैं पढूँगा
c) मुझे पढ़ना चाहिए
d) मैं पढ़ा
उत्तर: c) मुझे पढ़ना चाहिए
‘चाहिए’ अर्थ या कर्तव्य के लिए किस लकार का प्रयोग होता है?
a) लट्लकार
b) लङ्लकार
c) लोट्लकार
d) विधिलिङ्लकार
उत्तर: d) विधिलिङ्लकार
‘अस्’ धातु का लट्लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन में क्या रूप होता है?
a) भवति
b) करोति
c) अस्ति
d) ददाति
उत्तर: c) अस्ति
‘कृ’ धातु का लट्लकार, प्रथम पुरुष, बहुवचन में क्या रूप होता है?
a) करोति
b) कुरुतः
c) कुर्वन्ति
d) करोमि
उत्तर: c) कुर्वन्ति