MP Board Class 12 Physics Force Among Multi Charges
1.6 बहुल आवेशों के बीच बल
दो आवेशों के बीच लगने वाला पारस्परिक वैद्युत बल कूलॉम के नियम द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।
परंतु यदि किसी स्थिति में किसी एक आवेश के चारों ओर अनेक आवेश उपस्थित हों, तो उस विशेष आवेश पर आरोपित कुल बल की गणना कैसे की जाए?
कल्पना कीजिए कि निर्वात में स्थित nnn स्थिर आवेशों q1,q2,q3,…,qn के एक समूह पर विचार किया जा रहा है।
अब प्रश्न यह है कि इनमें से एक विशेष आवेश qiq_iqi पर शेष सभी आवेशों q1,q2,…,qi−1,qi+1,…,qnq_1, q_2, …, q_{i-1}, q_{i+1}, …, q_nq1,q2,…,qi−1,qi+1,…,qn के कारण कुल बल कितना लगेगा?
केवल कूलॉम का नियम इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त नहीं है।
हमें यह स्मरण करना होगा कि यांत्रिकी में बलों का संयोजन सदिशों के नियम अर्थात चतुर्भुज नियम द्वारा किया जाता है।
तो क्या यही नियम स्थिर वैद्युत बलों पर भी लागू होता है?
उत्तर है — हाँ।
प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि किसी एक आवेश पर अन्य अनेक आवेशों द्वारा लगाए गए बलों का कुल प्रभाव उस आवेश पर इन सभी बलों के सदिश योग के बराबर होता है।
यानी कि किसी एक आवेश द्वारा लगाया गया विशिष्ट बल अन्य आवेशों की उपस्थिति से प्रभावित नहीं होता।
इसी सिद्धांत को अध्यारोपण का सिद्धांत (Principle of Superposition) कहा जाता है।
इस सिद्धांत को स्पष्ट रूप से समझने के लिए हम तीन आवेशों q1, q2 और q3 के एक निकाय पर विचार करते हैं, जैसा कि चित्र 1.5(क) में दर्शाया गया है।
मान लीजिए कि हम यह जानना चाहते हैं कि q1 पर q2 और q3 के कारण कितना कुल बल लगेगा।
तो हम सबसे पहले q2 द्वारा q1 पर लगाए गए बल का सदिश रूप में मान निकालते हैं, फिर q3 द्वारा q1 पर लगाए गए बल का मान निकालते हैं।
अंततः इन दोनों बलों का सदिश योग निकालकर q1 पर कुल बल ज्ञात करते हैं।


