MP Board Class 12 Chemistry Vapor Pressure of Liquid Solution
1.4 द्रव्य विलयनों का वाष्प दाब
जब विलायक कोई द्रव होता है तो **द्रवीय विलयन (Liquid Solutions)** बनते हैं। विलेय एक गैस, द्रव या ठोस हो सकता है। हमने खंड 1.3.2 में गैसों के द्रवों में विलयनों का अध्ययन किया था। अब हम द्रवों और ठोसों के द्रवों में विलयनों का अध्ययन करेंगे।
इस प्रकार के विलयनों में एक या अधिक अवयव **वाष्पशील (volatile)** हो सकते हैं। सामान्यतः द्रवीय विलायक वाष्पशील होते हैं। विलेय वाष्पशील हो भी सकते हैं अथवा नहीं भी। हम यहाँ केवल **द्विअंगी विलयनों (Binary Solutions)** के गुणों का अध्ययन करेंगे, अर्थात् वे विलयन जिनमें दो अवयव होते हैं:
- द्रवों का द्रवों में विलयन
- ठोसों का द्रवों में विलयन
1.4.1 द्रव-द्रव विलयन (Liquid-Liquid Solutions)
आइए, हम दो वाष्पशील द्रवों के द्विअंगी विलयन का अध्ययन करें। इसके दोनों अवयवों को 1 व 2 से अंकित करें।
वाष्प दाब (Vapour Pressure)
एक बंद पात्र में लेने पर दोनों अवयव वाष्पीकृत होंगे तथा अंततः वाष्प प्रावस्था एवं द्रव प्रावस्था के मध्य एक साम्य स्थापित हो जाएगा।
- मान लीजिए इस अवस्था में कुल दाब
है।
- अवयव 1 एवं 2 के आंशिक वाष्प दाब (partial vapour pressures) क्रमशः
एवं
हैं।
- ये आंशिक वाष्प दाब, अवयव 1 एवं 2 के मोल-अंश (mole fractions), क्रमशः
व
से संबंधित हैं।
राउल्ट का नियम (Raoult’s Law)
- फ्रेंच रसायनज्ञ **फ्रैंसियस मार्टे राउल्ट (1886)** ने इनके बीच एक मात्रात्मक संबंध दिया, जिसे राउल्ट नियम के नाम से जाना जाता है।
- परिभाषा: वाष्पशील द्रवों के विलयन में प्रत्येक अवयव का आंशिक वाष्प दाब विलयन में उसके मोल-अंश के समानुपाती होता है।
- सूत्र:
शुद्ध घटक 1 का समान ताप पर वाष्प दाब है और
शुद्ध घटक 2 का समान ताप पर वाष्प दाब है।
डाल्टन के आंशिक दाब का नियम (Dalton’s Law of Partial Pressures)
- डाल्टन के आंशिक दाब के नियमानुसार, पात्र में विलयन अवस्था का कुल दाब (
) विलयनों के अवयवों के आंशिक दाब के जोड़ के बराबर होता है।
- सूत्र:
व
के मान राउल्ट के नियम से रखने पर:
- चूँकि
, अतः
। इस मान को रखने पर:
1.4.2 राउल्ट का नियम; हेनरी के नियम की एक विशेष स्थिति (Raoult’s Law as a Special Case of Henry’s Law)
- राउल्ट के नियम के अनुसार: किसी विलयन में उसके वाष्पशील घटक का वाष्प दाब
द्वारा व्यक्त किया जाता है।
- हेनरी के नियम के अनुसार: किसी द्रव में गैस के विलयन के प्रकरण में,
- तुलना: दोनों नियमों में, वाष्पशील घटक अथवा गैस का आंशिक दाब विलयन में उसके मोल-अंश के समानुपाती होता है। केवल समानुपातिक स्थिरांक (
एवं
) में भिन्नता होती है।
- निष्कर्ष: इस प्रकार, **राउल्ट का नियम, हेनरी के नियम की एक विशेष स्थिति है** जिसमें
का मान
के मान के बराबर हो जाता है।
1.4.3 ठोस पदार्थों का द्रवों में विलयन एवं उनका वाष्प दाब (Solid Substances in Liquids and their Vapour Pressure)
विलयनों का एक अलग महत्त्वपूर्ण वर्ग द्रवों में घुले हुए ठोस पदार्थों का है।
- उदाहरण: सोडियम क्लोराइड, ग्लूकोस, यूरिया एवं शर्करा का जल में विलयन और आयोडीन, गंधक जैसे ठोसों का कार्बन डाइ सल्फाइड में विलयन।
- इन विलयनों के कुछ भौतिक गुण शुद्ध विलायकों से बहुत अलग होते हैं, उदाहरण है – वाष्प दाब।
वाष्प दाब में अवनमन (Vapour Pressure Lowering)
- किसी दिए गए ताप पर शुद्ध द्रव वाष्पीकृत होता है तथा साम्यावस्था पर द्रव की वाष्प का, द्रव प्रावस्था पर डाला गया दाब उस द्रव का वाष्प दाब कहलाता है।
- शुद्ध द्रवों की सारी सतह द्रव के अणुओं द्वारा घिरी रहती है।
- यदि किसी विलायक में एक **अवाष्पशील (non-volatile) विलेय** डालकर विलयन बनाया जाए तो इस विलयन का वाष्प दाब केवल विलायक के वाष्प दाब के कारण होता है।
- दिए गए ताप पर विलयन का यह वाष्प दाब शुद्ध विलायक के वाष्प दाब से **कम होता है (वाष्प दाब में अवनमन)**।
- कारण: विलयन की सतह पर विलेय व विलायक दोनों के अणु उपस्थित रहते हैं। अतः, सतह का विलायक के अणुओं से घिरा भाग कम रह जाता है। इसके कारण सतह छोड़कर जाने वाले विलायक अणुओं की संख्या भी तदनुसार घट जाती है, अत: विलायक का वाष्प दाब भी कम हो जाता है।
- विलायक के वाष्प दाब में कमी विलयन में उपस्थित अवाष्पशील विलेय की मात्रा पर निर्भर करती है, उसकी प्रकृति पर नहीं।
- उदाहरणार्थ, 1 kg जल में 1.0 मोल सुक्रोस मिलाने पर जल के वाष्प दाब में कमी लगभग वही होती है जो कि 1.0 मोल यूरिया को जल की उसी मात्रा में उसी ताप पर मिलाने से होती है।
अवाष्पशील विलेय वाले विलयनों के लिए राउल्ट का नियम
- राउल्ट नियम को सामान्यतः इस प्रकार व्यक्त किया जाता है: “किसी विलयन के प्रत्येक वाष्पशील अवयव का आंशिक वाष्प दाब इसके मोल-अंश के समानुपाती होता है।”
- जब विलेय अवाष्पशील होता है, तो विलयन में केवल विलायक ही वाष्पशील घटक होता है।
- यदि विलायक को 1 व अवाष्पशील विलेय को 2 से व्यक्त करें, तो राउल्ट के नियम के अनुसार विलायक का आंशिक वाष्प दाब होगा:
- यहाँ
विलयन का कुल वाष्प दाब है, क्योंकि अवाष्पशील विलेय (अवयव 2) का अपना कोई वाष्प दाब नहीं होता (
)।
- यह नियम बताता है कि अवाष्पशील विलेय की उपस्थिति से विलायक का वाष्प दाब उसके मोल-अंश के अनुपात में कम हो जाता है।
उदाहरण 1.5: वाष्प दाब एवं वाष्पी प्रावस्था के मोल-अंश की गणना
उदाहरण 1.5: 298 K पर क्लोरोफॉर्म (CHCl3) एवं डाइक्लोरोमेथेन (CH2Cl2) के वाष्प दाब क्रमशः 200 mm Hg व 415 mm Hg हैं।
(i) 25.5 g CHCl3 व 40 g CH2Cl2 को मिलाकर बनाए गए विलयन के वाष्प दाब की गणना 298 K पर कीजिए।
(ii) वाष्पी प्रावस्था के प्रत्येक अवयव के मोल-अंश की गणना कीजिए?
हल : दिया गया है:
- शुद्ध क्लोरोफॉर्म का वाष्प दाब (
) = 200 mm Hg
- शुद्ध डाइक्लोरोमेथेन का वाष्प दाब (
) = 415 mm Hg
- CHCl3 का द्रव्यमान = 25.5 g
- CH2Cl2 का द्रव्यमान = 40 g
मोलर द्रव्यमान:
- CHCl3 का मोलर द्रव्यमान
- CH2Cl2 का मोलर द्रव्यमान
मोलों की संख्या:
कुल मोल
विलयन में मोल-अंश:
(i) विलयन का कुल वाष्प दाब (
)
राउल्ट के नियम से:
डाल्टन के आंशिक दाब के नियम से, विलयन का कुल वाष्प दाब:
अतः, विलयन का कुल वाष्प दाब 347.92 mm Hg है।
(ii) वाष्पी प्रावस्था में प्रत्येक अवयव के मोल-अंश
वाष्पी प्रावस्था में घटक के मोल-अंश () की गणना डाल्टन के नियम के अनुसार की जाती है:
अतः, वाष्पी प्रावस्था में CHCl3 का मोल-अंश लगभग 0.179 और CH2Cl2 का मोल-अंश लगभग 0.821 है।