MP Board Class 12 Chemistry Expressing Concentration of Solutions

MP Board Class 12 Chemistry Expressing Concentration of Solutions

1.2 विलयनों की सांद्रता व्यक्त करना (Expressing Concentration of Solutions)

किसी विलयन का संघटन (composition) उसकी सांद्रता (concentration) से व्यक्त किया जा सकता है। सांद्रता को गुणात्मक (qualitatively) या मात्रात्मक (quantitatively) रूप से व्यक्त किया जा सकता है।

  • गुणात्मक रूप से (Qualitatively): हम कह सकते हैं कि विलयन तनु (dilute) है (अर्थात् विलेय की अपेक्षाकृत बहुत कम मात्रा) अथवा यह सांद्र (concentrated) है (अर्थात् विलेय की अपेक्षाकृत बहुत अधिक मात्रा)। लेकिन वास्तविकता में, इस तरह का वर्णन बहुत स्पष्ट नहीं होता है।
  • मात्रात्मक रूप में (Quantitatively): इसलिए, विलयनों का मात्रात्मक रूप में वर्णन करने की आवश्यकता होती है। विलयनों की सांद्रता का मात्रात्मक वर्णन हम कई प्रकार से कर सकते हैं:

I. द्रव्यमान प्रतिशत (Mass Percentage, w/w)

  • परिभाषा: विलयनों के अवयवों को द्रव्यमान प्रतिशत में निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है:
  • उदाहरण: यदि एक विलयन का वर्णन, जल में 10% ग्लूकोस का द्रव्यमान, के रूप में किया जाए तो इसका तात्पर्य यह है कि 10 g ग्लूकोस को 90 g जल में घोलने पर 100 g विलयन प्राप्त हुआ।
  • उपयोग: द्रव्यमान प्रतिशत में व्यक्त सांद्रता का उपयोग सामान्य रासायनिक उद्योगों के अनुप्रयोगों में किया जाता है। जैसे व्यावसायिक ब्लीचिंग विलयन में सोडियम हाइपोक्लोराइट का जल में 3.62% द्रव्यमान होता है।

II. आयतन प्रतिशत (Volume Percentage, V/V)

  • परिभाषा: आयतन प्रतिशत को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है:
  • उदाहरण: एथेनॉल का जल में 10% विलयन का तात्पर्य है कि 10 mL एथेनॉल को इतने जल में घोलते हैं कि विलयन का कुल आयतन 100 mL हो जाए।
  • उपयोग: द्रवीय विलयनों को सामान्यतः इस मात्रक में प्रदर्शित किया जाता है। जैसे एथिलीन ग्लाइकॉल का 35% (V/V) विलयन वाहनों के इंजन को ठंडा करने के काम में आता है। यह सांद्रता हिमरोधी (antifreeze) होती है और जल के हिमांक को 255.4 K (-17.6 °C) तक कम कर देती है।

III. द्रव्यमान-आयतन प्रतिशत (Mass-Volume Percentage, w/V)

  • परिभाषा: यह 100 mL विलयन में घुले हुए विलेय का द्रव्यमान होता है।
  • उपयोग: यह एक अन्य इकाई (मात्रक) है जो औषधियों व फार्मेसी में उपयोग में आती है।

IV. पार्ट्स पर मिलियन (Parts Per Million, ppm)

  • उपयोग: जब विलेय की मात्रा अत्यंत सूक्ष्म हो तो सांद्रता को पार्ट्स पर मिलियन (ppm) में प्रदर्शित करना उपयुक्त रहता है।
  • विशेषता: प्रतिशत की भाँति ppm सांद्रता को भी द्रव्यमान-द्रव्यमान, आयतन-आयतन व द्रव्यमान-आयतन में प्रदर्शित किया जा सकता है।
  • उदाहरण: एक लीटर (1030 g) समुद्री जल में 6×10−3 g ऑक्सीजन (O2​) घुली होती है। इतनी कम सांद्रता को 5.8 g प्रति 106 g समुद्री जल (5.8 ppm) से भी व्यक्त किया जा सकता है।
  • अनुप्रयोग: जल अथवा वायुमंडल में प्रदूषकों की सांद्रता को प्रायः ppb (पार्ट्स पर बिलियन) अथवा ppm में प्रदर्शित किया जाता है।

V. मोल-अंश (Mole Fraction)

VI. मोलरता (Molarity, M)

  • परिभाषा: एक लीटर (1 क्यूबिक डेसीमीटर) विलयन में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या को उस विलयन की मोलरता (M) कहते हैं। मोलरता (M)=विलयन का लीटर में आयतनविलेय के मोल​
  • उदाहरण: NaOH के 0.25 mol L^{-1} (0.25 M) विलयन का तात्पर्य है कि NaOH के 0.25 मोल को 1 लीटर (एक क्यूबिक डेसीमीटर) विलयन में घोला गया है।

VII. मोललता (Molality, m)

  • परिभाषा: किसी विलयन की मोललता (m) 1 kg विलायक में उपस्थित विलेय के मोलों की संख्या के रूप में परिभाषित की जाती है और इसे निम्न प्रकार से व्यक्त करते हैं: मोललता (m)=विलायक का किलोग्राम में द्रव्यमानविलेय के मोल​
  • उदाहरण: 1.00 mol kg^{-1} (1.00 m) KCl का जलीय विलयन से तात्पर्य है कि 1 mol (74.5 g) KCl को 1 kg जल में घोला गया है।
  • महत्वपूर्ण अंतर (ताप पर निर्भरता):
    • द्रव्यमान प्रतिशत (w/w), पार्ट्स पर मिलियन (ppm), मोल-अंश तथा मोललता (m) ताप पर निर्भर नहीं करते, क्योंकि ये सभी द्रव्यमान पर आधारित हैं, और द्रव्यमान ताप परिवर्तन से नहीं बदलता।
    • जबकि मोलरता (M) ताप पर निर्भर करती है, ऐसा इसलिए होता है कि आयतन (volume) ताप पर निर्भर करता है जबकि द्रव्यमान नहीं। तापमान बदलने पर आयतन बदलता है, जिससे मोलरता भी बदल जाती है।


उदाहरण 1.1 एथिलीन ग्लाइकॉल (C2H6O2) के मोल-अंश की गणना करो यदि विलयन में C2H6O2 का 20% द्रव्यमान उपस्थित हो।

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हल : माना कि हमारे पास 100 g विलयन है। (हम विलयन की किसी भी मात्रा से प्रारंभ कर सकते हैं क्योंकि परिणाम समान ही होगा।) विलयन में 20 g एथिलीन ग्लाइकॉल व 80 g जल होगा।

C2H6O2 का आण्विक द्रव्यमान = (12 \times 2) + (1 \times 6) + (16 \times 2) = 62 \text{ g mol}^{-1}

C2H6O2 के मोल = \frac{20 \text{ g}}{62 \text{ g mol}^{-1}} = 0.322 \text{ mol}

जल के मोल = \frac{80 \text{ g}}{18 \text{ g mol}^{-1}} = 4.444 \text{ mol}

X_{\text{ग्लैकॉल}} = \frac{\text{C}_{2}\text{H}_{6}\text{O}_{2} \text{ के मोल}}{\text{C}_{2}\text{H}_{6}\text{O}_{2} \text{ के मोल} + \text{H}_{2}\text{O} \text{ के मोल}} = \frac{0.322 \text{ mol}}{0.322 \text{ mol} + 4.444 \text{ mol}} = 0.068

इसी प्रकार,

X_{\text{जल}} = \frac{4.444 \text{ mol}}{0.322 \text{ mol} + 4.444 \text{ mol}} = 0.932

जल के मोल-अंश की गणना निम्नलिखित प्रकार से भी की जा सकती है:

1 - 0.068 = 0.932

उदाहरण 1.2 उस विलयन की मोलरता की गणना कीजिए, जिसमें 5 g NaOH, 450 mL विलयन में घुला हुआ है।

हल : NaOH के मोल = \frac{5 \text{ g}}{40 \text{ g mol}^{-1}} = 0.125 \text{ mol}

विलयन का लीटर में आयतन = \frac{450 \text{ mL}}{1000 \text{ mL L}^{-1}}

समीकरण (1.8) का उपयोग करने पर मोलरता = \frac{0.125 \text{ mol} \times 1000 \text{ mL L}^{-1}}{450 \text{ mL}}

= 0.278 \text{ M}

= 0.278 \text{ mol L}^{-1}

= 0.278 \text{ mol dm}^{-3}

उदाहरण 1.3 : 2.5 g एथेनोइक अम्ल (CH3COOH) के 75 g बेन्जीन में विलयन की मोललता की गणना करो।

हल : C2H4O2 का मोलर द्रव्यमान = (12 \times 2) + (1 \times 4) + (16 \times 2) = 60 \text{ g mol}^{-1}

C2H4O2 के मोल = \frac{2.5 \text{ g}}{60 \text{ g mol}^{-1}} = 0.0417 \text{ mol}

बेन्जीन का kg में द्रव्यमान = \frac{75 \text{ g}}{1000 \text{ g kg}^{-1}} = 75 \times 10^{-3} \text{ kg}

C2H4O2 की मोललता = \frac{\text{C}_{2}\text{H}_{4}\text{O}_{2} \text{ के मोल}}{\text{बेन्जीन का kg में द्रव्यमान}}

= \frac{0.0417 \text{ mol}}{75 \times 10^{-3} \text{ kg}}

= \frac{0.0417 \text{ mol} \times 1000 \text{ g kg}^{-1}}{75 \text{ g}} = 0.556 \text{ mol kg}^{-1}




पाठ्यनिहित प्रश्न हल

1.1 यदि 22 g बेन्जीन में 22 g कार्बन टेट्राक्लोराइड घुली हो तो बेन्जीन एवं कार्बन टेट्राक्लोराइड के द्रव्यमान प्रतिशत की गणना कीजिए।

हल : दिया गया है:

  • बेन्जीन का द्रव्यमान (विलेय) = 22 \text{ g}
  • कार्बन टेट्राक्लोराइड का द्रव्यमान (विलायक) = 22 \text{ g}

विलयन का कुल द्रव्यमान = \text{बेन्जीन का द्रव्यमान} + \text{कार्बन टेट्राक्लोराइड का द्रव्यमान}

    \[= 22 \text{ g} + 22 \text{ g} = 44 \text{ g}\]

बेन्जीन का द्रव्यमान प्रतिशत (w/w) = \frac{\text{बेन्जीन का द्रव्यमान}}{\text{विलयन का कुल द्रव्यमान}} \times 100

    \[= \frac{22 \text{ g}}{44 \text{ g}} \times 100 = 50\%\]

कार्बन टेट्राक्लोराइड का द्रव्यमान प्रतिशत (w/w) = \frac{\text{कार्बन टेट्राक्लोराइड का द्रव्यमान}}{\text{विलयन का कुल द्रव्यमान}} \times 100

    \[= \frac{22 \text{ g}}{44 \text{ g}} \times 100 = 50\%\]

अतः, बेन्जीन और कार्बन टेट्राक्लोराइड दोनों का द्रव्यमान प्रतिशत 50% है।

1.2 एक विलयन में बेन्जीन का 30 द्रव्यमान % कार्बन टेट्राक्लोराइड में घुला हो तो बेन्जीन के मोल-अंश की गणना कीजिए।

हल : माना विलयन का कुल द्रव्यमान = 100 \text{ g}

  • बेन्जीन का द्रव्यमान = 30 \text{ g}
  • कार्बन टेट्राक्लोराइड का द्रव्यमान = 100 \text{ g} - 30 \text{ g} = 70 \text{ g}

अणुभार:

  • बेन्जीन (C6H6) का मोलर द्रव्यमान = (12 \times 6) + (1 \times 6) = 72 + 6 = 78 \text{ g mol}^{-1}
  • कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl4) का मोलर द्रव्यमान = 12 + (35.5 \times 4) = 12 + 142 = 154 \text{ g mol}^{-1}

मोलों की संख्या:

    \[\text{बेन्जीन के मोल } (n_{\text{बेंजीन}}) = \frac{30 \text{ g}}{78 \text{ g mol}^{-1}} \approx 0.3846 \text{ mol}\]

    \[\text{कार्बन टेट्राक्लोराइड के मोल } (n_{\text{CCl}_4}) = \frac{70 \text{ g}}{154 \text{ g mol}^{-1}} \approx 0.4545 \text{ mol}\]

कुल मोल = n_{\text{बेंजीन}} + n_{\text{CCl}_4} = 0.3846 + 0.4545 = 0.8391 \text{ mol}

बेन्जीन का मोल-अंश (X_{\text{बेंजीन}}) = \frac{\text{बेन्जीन के मोल}}{\text{कुल मोल}}

    \[X_{\text{बेंजीन}} = \frac{0.3846 \text{ mol}}{0.8391 \text{ mol}} \approx 0.4583\]

अतः, बेन्जीन का मोल-अंश लगभग 0.4583 है।

1.3 निम्नलिखित प्रत्येक विलयन की मोलरता की गणना कीजिए–

हल : **(क) 30 g, Co(NO3)2.6H2O 4.3 लीटर विलयन में घुला हुआ हो**

  • विलेय का द्रव्यमान (Co(NO3)2.6H2O) = 30 \text{ g}
  • विलयन का आयतन = 4.3 \text{ L}

Co(NO3)2.6H2O का मोलर द्रव्यमान:

Co = 58.9 \text{ g/mol}

N = 14.0 \text{ g/mol}

O = 16.0 \text{ g/mol}

H = 1.0 \text{ g/mol}

    \[\text{Co(NO}_3\text{)}_2\text{.6H}_2\text{O का मोलर द्रव्यमान} = 58.9 + (2 \times 14.0) + (6 \times 16.0) + (6 \times (2 \times 1.0 + 16.0))\]

    \[= 58.9 + 28.0 + 96.0 + (6 \times 18.0)\]

    \[= 58.9 + 28.0 + 96.0 + 108.0 = 290.9 \text{ g mol}^{-1}\]

Co(NO3)2.6H2O के मोलों की संख्या:

    \[\text{मोल} = \frac{30 \text{ g}}{290.9 \text{ g mol}^{-1}} \approx 0.1031 \text{ mol}\]

विलयन की मोलरता (M) = \frac{\text{विलेय के मोल}}{\text{विलयन का लीटर में आयतन}}

    \[M = \frac{0.1031 \text{ mol}}{4.3 \text{ L}} \approx 0.02398 \text{ mol L}^{-1} \text{ या } 0.024 \text{ M}\]

**(ख) 30 mL 0.5 M H2SO4 को 500 mL तनु करने पर।**

यहाँ तनुकरण सूत्र का उपयोग करेंगे: M_1V_1 = M_2V_2

  • प्रारंभिक मोलरता (M_1) = 0.5 \text{ M}
  • प्रारंभिक आयतन (V_1) = 30 \text{ mL}
  • अंतिम आयतन (V_2) = 500 \text{ mL}
  • अंतिम मोलरता (M_2) = ?

    \[M_2 = \frac{M_1 V_1}{V_2} = \frac{0.5 \text{ M} \times 30 \text{ mL}}{500 \text{ mL}}\]

    \[M_2 = \frac{15}{500} \text{ M} = 0.03 \text{ M}\]

अतः, तनुकरण के बाद मोलरता 0.03 M होगी।

1.4 यूरिया (NH2CONH2) के 0.25 मोलर, 2.5 kg जलीय विलयन को बनने के लिए आवश्यक यूरिया के द्रव्यमान की गणना कीजिए।

हल : यूरिया (NH2CONH2) का मोलर द्रव्यमान:

N = 14 \text{ g/mol}

H = 1 \text{ g/mol}

C = 12 \text{ g/mol}

O = 16 \text{ g/mol}

    \[\text{मोलर द्रव्यमान} = (2 \times 14) + (4 \times 1) + 12 + 16 = 28 + 4 + 12 + 16 = 60 \text{ g mol}^{-1}\]

प्रश्न में मोलरता (0.25 M) दी गई है और विलयन का कुल द्रव्यमान (2.5 kg) भी दिया गया है। मोलरता की गणना के लिए विलयन के आयतन की आवश्यकता होती है। **चूँकि विलयन का घनत्व नहीं दिया गया है**, हम एक सामान्य धारणा का उपयोग करेंगे कि **तनु जलीय विलयनों का घनत्व लगभग जल के घनत्व (1 g/mL या 1 kg/L) के बराबर होता है।**

इस धारणा के साथ:

  • विलयन का द्रव्यमान = 2.5 \text{ kg} = 2500 \text{ g}
  • विलयन का अनुमानित आयतन = \frac{\text{द्रव्यमान}}{\text{घनत्व}} = \frac{2500 \text{ g}}{1 \text{ g/mL}} = 2500 \text{ mL} = 2.5 \text{ L}

मोलरता (M) = \frac{\text{विलेय के मोल}}{\text{विलयन का लीटर में आयतन}}

विलेय के मोल (यूरिया) = मोलरता \times विलयन का आयतन (लीटर में)

    \[\text{यूरिया के मोल} = 0.25 \text{ mol L}^{-1} \times 2.5 \text{ L} = 0.625 \text{ mol}\]

यूरिया का द्रव्यमान = यूरिया के मोल \times यूरिया का मोलर द्रव्यमान

    \[\text{यूरिया का द्रव्यमान} = 0.625 \text{ mol} \times 60 \text{ g mol}^{-1} = 37.5 \text{ g}\]

अतः, 0.25 मोलर, 2.5 kg जलीय विलयन बनाने के लिए लगभग 37.5 g यूरिया की आवश्यकता होगी।

1.5 20% (w/w) जलीय KI का घनत्व 1.202 g mL-1 हो तो KI विलयन की (क) मोललता, (ख) मोलरता, (ग) मोल-अंश की गणना कीजिए।

हल : दिया गया है: 20% (w/w) जलीय KI विलयन, घनत्व = 1.202 \text{ g mL}^{-1}

मान लें कि विलयन का कुल द्रव्यमान = 100 \text{ g}

  • KI का द्रव्यमान (विलेय) = 20 \text{ g}
  • जल का द्रव्यमान (विलायक) = 100 \text{ g} - 20 \text{ g} = 80 \text{ g}

मोलर द्रव्यमान:

  • KI का मोलर द्रव्यमान (K=39.1, I=126.9) = 39.1 + 126.9 = 166 \text{ g mol}^{-1}
  • जल (H2O) का मोलर द्रव्यमान = 18 \text{ g mol}^{-1}

मोलों की संख्या:

    \[\text{KI के मोल } (n_{\text{KI}}) = \frac{20 \text{ g}}{166 \text{ g mol}^{-1}} \approx 0.1205 \text{ mol}\]

    \[\text{जल के मोल } (n_{\text{H}_2\text{O}}) = \frac{80 \text{ g}}{18 \text{ g mol}^{-1}} \approx 4.444 \text{ mol}\]

**(क) मोललता (Molality, m):**

विलायक का द्रव्यमान (kg में) = 80 \text{ g} = 0.080 \text{ kg}

मोललता (m) = \frac{\text{विलेय के मोल}}{\text{विलायक का किलोग्राम में द्रव्यमान}}

    \[m = \frac{0.1205 \text{ mol}}{0.080 \text{ kg}} \approx 1.506 \text{ mol kg}^{-1}\]

**(ख) मोलरता (Molarity, M):**

विलयन का कुल द्रव्यमान = 100 \text{ g}

विलयन का आयतन = \frac{\text{विलयन का द्रव्यमान}}{\text{विलयन का घनत्व}}

    \[\text{विलयन का आयतन} = \frac{100 \text{ g}}{1.202 \text{ g mL}^{-1}} \approx 83.19 \text{ mL}\]

आयतन को लीटर में बदलने पर = 83.19 \text{ mL} \times \frac{1 \text{ L}}{1000 \text{ mL}} = 0.08319 \text{ L}

मोलरता (M) = \frac{\text{विलेय के मोल}}{\text{विलयन का लीटर में आयतन}}

    \[M = \frac{0.1205 \text{ mol}}{0.08319 \text{ L}} \approx 1.448 \text{ mol L}^{-1}\]

**(ग) मोल-अंश (Mole Fraction):**

कुल मोल = n_{\text{KI}} + n_{\text{H}_2\text{O}} = 0.1205 + 4.444 = 4.5645 \text{ mol}

KI का मोल-अंश (X_{\text{KI}}) = \frac{\text{KI के मोल}}{\text{कुल मोल}}

    \[X_{\text{KI}} = \frac{0.1205 \text{ mol}}{4.5645 \text{ mol}} \approx 0.0264\]

जल का मोल-अंश (X_{\text{H}_2\text{O}}) = \frac{\text{जल के मोल}}{\text{कुल मोल}}

    \[X_{\text{H}_2\text{O}} = \frac{4.444 \text{ mol}}{4.5645 \text{ mol}} \approx 0.9736\]

(जाँच: X_{\text{KI}} + X_{\text{H}_2\text{O}} = 0.0264 + 0.9736 = 1.0000)

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