कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान वन लाइनर MP Board Class 10th Social Science One Liner

MP Board Class 10th Social Science One Liner : कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान वन लाइनर के द्वारा बहुत सरलता एवं आसानी से परिक्षोपयोगी सामाग्री छात्रों द्वारा तैयार की जा सकती है । यह समस्त MP Board Class 10th Social Science One Liner पूरी तरह एनसीईआरटी के द्वारा प्रस्तावित पुस्तक के आधार पर Vimarsh Portal के द्वारा प्रकाशित की गयी है जिसे एक साथ सभी तथ्यों को MP Board Class 10th Social Science One Liner के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है ।

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समकालीन भारत – 2 (भूगोल)

अध्याय – 1  संसाधन एवं विकास Resources and Development One Liner

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अध्याय – 2 वन एवं वन्य जीव संसाधन Forest and Forest Bio Resources One Liner

अध्याय – 3 जल संसाधन Water Resources One Liner

अध्याय  –  4  कृषि Agriculture One Liner

अध्याय  –  5  खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

अध्याय 6 – विनिर्माण उद्योग

अध्याय – 7 : राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

भारत और समकालीन विश्व – 02 (इतिहास)

अध्याय – 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

अध्याय – 2 :भारत में राष्ट्रवाद

अध्याय – 3 :भू-मंडलीकृत विश्व का बनना

अध्याय 4   औध्योगीकरण का युग

अध्याय – 5 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया
           

लोकतान्त्रिक राजनीति

अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी

अध्याय – 2 : संघवाद

अध्याय – 3 : जाति, धर्म और लैंगिक मसले

अध्याय – 4 राजनीतिक दल

अध्याय – 5  लोकतंत्र के परिणाम

आर्थिक विकास की समझ

अध्याय – 1  विकास

अध्याय – 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

अध्याय – 3 मुद्रा और साख

अध्याय – 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था


समकालीन भारत – 2 (भूगोल)

अध्याय – 1 संसाधन एवं विकास

  1. प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करती है, संसाधन कहलाती है।
  2. संसाधन के दो प्रकार होते हैं प्राकृतिक तथा मानवीय संसाधन ।
  3. समाप्ति के आधार पर संसाधन नवीकरणीय एवं अनवीकरणीय होते हैं।
  4. पवन, जल, सौर नवीकरण योग्य संसाधन हैं।
  5. पेट्रोल, जीवाश्म ईंधन अनवीकरण योग्य संसाधन हैं।
  6. उत्पत्ति के आधार पर संसाधन जैव और अजैव प्रकार के होते हैं।
  7. प्राकृतिक वनस्पति (वन) एवं वन्य जीव जैविक संसाधन है।
  8. धातु, भूमि, जल और वायु अजैविक संसाधन हैं।
  9. संसाधनों के अंधाधुंध शोषण से वैश्विक पारिस्थितिक संकट पैदा होता है।
  10. पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए जो विकास होता है वह सतत् पोषणीय विकास कहलाता है।
  11. 1992 में रियो डि जेनरो में पृथ्वी सम्मेलन हुआ था।
  12. रियो डि जेनरो, ब्राजील (द. अमेरिका) में स्थित है।
  13. UNCED में क्लब ऑफ रोम ने संसाधनों के संरक्षण की बात कही ।
  14. 1968 में क्लब ऑफ रोम ने संसाधनों के संरक्षण की बात कही ।
  15. ‘स्माल इज़ ब्यूटीफुल’ पुस्तक शुमेसर ने 1974 में लिखी ।
  16. ब्रुन्ड्रटलैण्ड आयोग रिपोर्ट में संसाधनों के संरक्षण की बात कही गई है।
  17. ‘हमारा सांझा भविष्य’ पुस्तक संसाधन संरक्षण से सम्बन्धित है ।
  18. भारत के कुल क्षेत्रफल का 43 प्रतिशत भू-क्षेत्र मैदानी है।
  19. भारत के कुल क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत हिस्सा पर्वतीय है ।
  20. भारत के कुल क्षेत्रफल का 27 प्रतिशत हिस्सा पठारी है।
  21. पठारी क्षेत्र खनिजों एवं जीवाश्म ईंधनों से समृद्ध होते हैं।
  22. भू-आकृति, जलवायु, मृदा भौतिक कारक कहलाते हैं।
  23. जनसंख्या घनत्व, प्रौद्योगिकी क्षमता मानवीय कारक हैं।
  24. भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी. है।
  25. राष्ट्रीय वन नीति (1952) के अनुसार भारत में 33 प्रतिशत भू भाग वनों से आच्छादित होना चाहिए।
  26. पंजाब, हरियाणा में अधिक सिंचाई भूमि निम्नीकरण का कारण है।
  27.  
  28. जनक शैल, जलवायु, वनस्पति आदि मृदा बनाने के प्रमुख कारक हैं। मृदा का निर्माण जैव व अजैव पदार्थों से होता है।
  29. भारत का उत्तरी मैदान जलोढ मृदा से बना है।
  30. बांगर पुरानी जलोढ मृदा को कहते हैं।
  31. खादर नवीन जलोढ़ मृदा को कहते हैं।
  32. काली मृदा को रेगर मृदा भी कहते हैं।
  33. काली मृदा को काली कपास मृदा भी कहते हैं।
  34. लाल मृदा का रंग लौह धातु के कारण लाल होता है।
  35. लेटराइट शब्द ग्रीक भाषा के लेटर शब्द से लिया गया है।
  36. लेटरराइट मृदा अम्लीय होती है।
  37. लेटराइट मृदा काजू की फसल के लिए अधिक उपयुक्त होती है।
  38. मरुस्थलीय मृदा रेतीली व लवणीय होती है।
  39. वन मृदा-पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में पायी जाती है।
  40. वन मृदा ह्यूमस रहित होती है।
  41. मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं।
  42. जो भूमि जोतने योग्य नहीं होती है उसे उत्खात भूमि (Bad land) कहते हैं।
  43. मृदा का जल के साथ घुलकर बह जाना चादर अपरदन कहलाता है।
  44. सोपान कृषि अपरदन को नियन्त्रित करती है।
  45. पर्वतीय एवं पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीदार कृषि की जाती है।
  46. महाराष्ट्र, मालवा, म.प्र. और छत्तीसगढ़ में काली मृदा पायी जाती है।
  47. काली मृदा कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम से भरपूर होती है।
  48. काली मृदा बहुत महीन कणों से बनी होती है तथा इसकी नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती है।
  49. चंबल बेसिन में उत्खात भूमि को खड्ड (Ravine) भूमि कहा जाता है।
  50. भारत के पंजाब और हरियाणा राज्य 80 प्रतिशत भूमि पर कृषि होती है।

अध्याय – 2 वन एवं वन्य जीव संसाधन

  1. वन प्राथमिक उत्पादक है।
  2. भारतीय वन जीवन (रक्षण) अधिनियम 1972 में लागू किया गया ।
  3. “प्रोजेक्ट टाईगर” वन्य जीव परियोजना 1973 में शुरु की गई ।
  4. रक्षित वन देश के कुल वन क्षेत्र का एक तिहाई हिस्से पर होते हैं ।
  5. भारत में आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन हैं ।
  6. भारत आरक्षित वनों को सर्वाधिक मूल्यवान माना जाता है ।
  7. सारिस्का बाघ रिजर्व राजस्थान में स्थित है ।
  8. छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जनजातियाँ निवास करती हैं।
  9. मुंडा और संथाल जनजातियाँ महुआ और कदंब के पेड़ों की पूजा करते हैं ।
  10. चिपको आंदोलन वनों के संरक्षण से सम्बन्धित है ।
  11. बीज बचाओ आंदोलन बीजों के संरक्षण से सम्बन्धित है।
  12. कॉरबेट नेशनल पार्क उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है ।
  13. भारत में स्थायी वनों का क्षेत्र म.प्र. में सर्वाधिक है।
  14. ओडिशा राज्य में संयुक्त वन प्रबंधन का पहला प्रस्ताव पास किया गया था ।

अध्याय – 3 जल संसाधन

  1. पृथ्वी का तीन-चौथाई धरातल जल से ढका हुआ है।
  2. जल एक नवीकरणीय योग्य संसाधन है ।
  3. भारत में कुल विद्युत का लगभग 22 प्रतिशत भाग जल विद्युत से प्राप्त होता है ।
  4. जे.जे.एम. (J.J.M.) का पूर्ण रूप “जल जीवन मिशन” है ।
  5. “जल जीवन मिशन” भारत सरकार द्वारा ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हेतु चलायी गयी एक योजना है ।
  6. 11वीं शताब्दी की भोपाल झील सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है।
  7. भाखड़ा-नांगल परियोजना सतलुज नदी पर बनी है ।
  8. हीराकुंड परियोजना महानदी पर बनाई गई है।
  9. हीराकुंड बाँध उड़ीसा राज्य में स्थित है।
  10. बाँधों का ‘आधुनिक भारत का मंदिर’ जवाहर लाल नेहरू ने कहा है ।
  11. सरदार सरोवर बाँध गुजरात में नर्मदा नदी पर बनाया गया है।
  12. सरदार सरोवर बाँध से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात तथा राजस्थान राज्यों को लाभ पहुँचता है।
  13. बाँध बहते जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा है ।
  14. ‘गुल’ अथवा ‘कुल’ (पश्चिमी हिमालय) में नदी वाहिकाएँ नदी की धारा बदलकर खेतों में सिंचाई के लिए बनाई गई हैं।
  15. खादीन राजस्थान में छत पर वर्षा जल संग्रहण करने की एक परम्परागत तकनीक है।
  16. जोहड़, राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में खादीन को ही जोहड़ कहते हैं।
  17. टांका, राजस्थान में वर्षा जल को टैंक बनाकर जल का संग्रहण है।
  18. ‘पालर पानी’ – वर्षा जल को ही पालर पानी कहा जाता है ।
  19. चेरापूँजी और मासिनराम विश्व के सबसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्र हैं ।
  20. चन्द्रगुप्त मौर्य ने बाँधों द्वारा सिंचाई, झीलों तथा अन्य सिंचाई तंत्रों का निर्माण करवाया । उत्कृष्ट जल संग्रहण तन्त्र इलाहाबाद में बनाया गया ।
  21. इल्तुमिश ने दिल्ली के सिरी फोर्ट क्षेत्र में जल की सप्लाई के लिए हौज़ खास बनवाया ।
  22. हौज खास एक विशिष्ट तालाब को कहते हैं ।
  23. दामोदर नदी को भारत की शोक की नदी कहा जाता है।
  24. भारत का तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जहाँ पूरे राज्य में प्रत्येक घर में छत वर्षाजल संग्रहण ढाँचों का बनाना आवश्यक कर दिया ।

अध्याय 4 कृषि

  1. कृषि एक प्राथमिक क्रियाकलाप है।
  2. कृषि विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराता है।
  3. कर्त्तन दहन प्रणाली को विभिन्न नामों से जाना जाता है।
  4. कर्त्तन दहन कृषि को पूर्वोत्तर राज्यों “झूम” कहा जाता है।
  5. चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना महत्वपूर्ण रोपण फसलें हैं।
  6. रबी फसलों को शीत ऋतु में बोया जाता है।
  7. रबी की फसलों को ग्रीष्म ऋतु में काटा जाता है।
  8. गेहूँ, जौ, मटर, चना, सरसों मुख्य रबी फसलें हैं।
  9. खरीफ़ फसलों को जून-जुलाई में बोया जाता है।
  10. खरीफ़ फसलों को सितम्बर-अक्टूबर में काट लिया जाता है।
  11. चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, सोयाबीन मुख्य खरीफ़ फसलें हैं।
  12. गेहूँ, भारत की दूसरी सबसे बड़ी खाद्यान्न फसल है।
  13. रबी की फसल के लिए 50 से 75 सेमी. वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है ।
  14. ज्वार, बाजरा और रागी मोटे अनाज हैं।
  15. मोटे अनाज में पोषक तत्त्वों की मात्रा अत्यधिक होती है।
  16. दालें फलीदार फसल का उदाहरण है।
  17. भारत विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक व उपभोक्ता देश है।
  18. दालें सबसे अधिक प्रोटीन दायक होती है।
  19. दालें भूमि की उर्वरता को बनाकर रखती है। गुजरात मूँगफली का प्रमुख उत्पादक राज्य है।
  20. चाय एक रोपण फसल का उदाहरण है।
  21. असम, दार्जिलिंग, तमिलनाडु मुख्य चाय उत्पादक क्षेत्र हैं।
  22. हमारे देश में अरेबिका किस्म की कॉफी पैदा की जाती है।
  23. भारत में कॉफी आरम्भ में यमन से लाई गई थी।
  24. कॉफी की खेती नीलगिरि पहाड़ियों में की जाती है।
  25. रबड़, कपास, जूट एक रेशेदार अखाद्य फसलें हैं।
  26. रबड़ भूमध्यरेखीय क्षेत्र की फसल है।
  27. रबड़ मुख्यत: भारत के केरल, तमिलनाडु में उगाया जाता है।
  28. रेशम के कीड़ों का पालन करना रेशम उत्पादन (SERICULTURE) कहलाता है।
  29. कपास उत्पादन में भारत का विश्व में चीन के बाद दूसरा स्थान है ।
  30. महाराष्ट्र, गुजरात और म.प्र. कपास के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
  31. जूट को सुनहरा रेशा (GOLDEN FIBER) कहा जाता है।
  32. प. बंगाल, बिहार और असम जूट के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
  33. जूट का प्रयोग बोरियाँ, चटाई, रस्सी बनाने में किया जाता है ।
  34. भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरु की है।
  35. प्रथम पंचवर्षीय योजना में भूमि सुधार मुख्य लक्ष्य था ।

पाठ 6 विनिर्माण उद्योग

  1. कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित करना विनिर्माण कहलाता है।
  2. उद्योग देश की आर्थिक उन्नति का मापन है ।
  3. कृषि तथा उद्योग एक-दूसरे के पूरक हैं।
  4. चीनी उद्योग में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है।
  5. सूती वस्त्र, पटसन, रेशम, चीनी, चाय और कॉफी आदि कृषि आधारित उद्योग हैं।
  6. लौह इस्पात, पेट्रो रसायन, सीमेन्ट, मशीन, औजार आदि खनिज आधारित उद्योग हैं।
  7. BHEL का पूर्ण रूप भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड है।
  8. SAIL का पूर्ण रूप स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड है ।
  9. भारत प्रथम सफल सूती वस्त्र उद्योग 1854 में लगाया गया था।
  10. भारत प्रथम सूती वस्त्र उद्योग मुम्बई में लगाया गया था।
  11. भारत पटसन से निर्मित सामान का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
  12. भारत, बांग्लादेश के पश्चात् पटसन का दूसरा बड़ा निर्यातक देश है।
  13. भारत का प्रथम पटसन उद्योग कोलकाता के निकट रिशरा में लगाया गया ।
  14. भारत का प्रथम पटसन उद्योग कोलकाता में 1855 में लगाया गया।
  15. वे उद्योग जो खनिज व धातुओं को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करते हैं, खनिज आधारित उद्योग कहलाते हैं।
  16. इस्पात को कठोर बनाने के लिए इसमें मैंगनीज़ मिलाया जाता है।
  17. भारत के छोटानागपुर के पठार में अधिकांश लौह तथा इस्पात उद्योग स्थापित हैं।
  18. भारत में एल्यूमिनियम प्रगलन, धातु शोधन उद्योग है।
  19. एल्यूमिनियम में बॉक्साइट को कच्चे पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  20. भारत में रसायन उद्योग एशिया का तीसरा बड़ा उद्योग है।
  21. भारत, रसायन उद्योग में विश्व में 12वें स्थान पर है।
  22. D. A. P. एक उर्वरक उद्योग है।
  23. रसायन उद्योग की भागीदारी सकल घरेलू उत्पाद में तीन प्रतिशत है ।
  24. उर्वरक उद्योग नाइट्रोजनी उर्वरक मुख्यतः यूरिया से सम्बन्धित है।
  25. गुजरात, तमिलनाडु, उ.प्र., पंजाब और केरल राज्य कुल उर्वरक उत्पादन का 50 प्रतिशत उत्पादन करते हैं।
  26. चूना पत्थर, सिलिका और जिप्सम को सीमेंट उद्योग में कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है I
  27. बेंगलुरू भारत की इलैक्टॉनिक राजधानी है।
  28. इलेक्ट्रानिक उद्योग के अन्तर्गत दूरभाष, कम्प्यूटर, टेलीविजन आदि निर्मित किए जाते हैं ।
  29. कार्बनिक तथा अकार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों से जल प्रदूषण फैलता है।
  30. उद्योगों से औद्योगिक प्रदूषण होता है ।
  31. उद्योगों से चार प्रकार के प्रदूषण होते हैं – वायु, जल, भूमि एवं ध्वनि ।
  32. अनचाही गैसों जैसे कि सल्फर डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोआक्साइड वायु प्रदूषण का कारण हैं।

अध्याय – 7

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

  1. जो व्यक्ति उत्पाद को परिवहन द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुँचाते हैं वे व्यापारी कहलाते हैं ।
  2. परिवहन के तीन साधन होते हैं – स्थल, जल और वायु ।
  3. भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक सड़क जाल वाला देश है ।
  4. भारत में सड़क जाल लगभग 62.16 लाख किमी. तक फैला है।
  5. सड़क परिवहन, अन्य परिवहन साधनों को जोड़ने का कार्य करता है ।
  6. उत्तर-दक्षिण गलियारा श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है ।
  7. पूर्व-पश्चिम गलियारा सिलचर (असम) को पोरबन्दर (गुजरात) से जोड़ता है।
  8. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग का उद्देश्य भारत के मेगासिटी के मध्य की दूरी को कम करना है।
  9. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आता है ।
  10. NHAI का पूर्ण रूप भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण है।
  11. राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं।
  12. • CPWD का पूर्ण रूप केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग है ।
  13. भारत में सड़कों का रखरखाव व निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है ।
  14. प्रसिद्ध शेरशाह सूरी मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 के नाम से जाना जाता है।
  15. ऐतिहासिक शेरशाह सूरी मार्ग दिल्ली व अमृतसर को आपस में जोड़ता है।
  16. राज्य राजमार्गों का निर्माण व रखरखाव का दायित्व राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग का होता है।
  17. PWD का पूर्ण रूप सार्वजनिक निर्माण विभाग का होता है ।
  18. जिला मार्गों की व्यवस्था का उत्तरदायित्व जिला परिषद् का होता है।
  19. भारत देश के प्रत्येक गांव को प्रमुख शहरों से सड़कों द्वारा जोड़ने का कार्य ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना’ के तहत किया जाता है ।
  20. भारत सरकार प्राधिकरण के अधीन सीमा सड़क संगठन को 1960 में बनाया गया ।
  21. सीमा सड़क संगठन देश की सीमांत क्षेत्रों की सड़कों का निर्माण व रखरखाव देखती है।
  22. भारत के उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों की सामरिक महत्व की सड़कों का उत्तरदायित्व सीमा सड़क संगठन
  23. विश्व की सबसे लम्बी राजमार्ग सुरंग भारत में स्थित है जिसकी लंबाई 9.02 किमी. है।
  24. विश्व की सबसे लम्बी राजमार्ग सुरंग-अटल टनल है ।
  25. अटल टनल भारत सरकार की सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाई गई है ।
  26. अटल टनल पूरे साल मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है।
  27. भारत की अटल टनल हिमालय की पीरपंजाल पर्वतमाला में स्थित है ।
  28. भारत की अटल टनल समुद्र तल से 8000 मीटर की ऊँचाई पर बनी है। भारत देश की पहली रेलगाड़ी 1853 में चलाई गई ।
  29. भारत देश की पहली रेलगाड़ी मुम्बई और थाणे के मध्य चलाई गई ।
  30. भारत देश की पहली रेलगाड़ी 34 किमी. की दूरी तय करती थी ।
  31. भारतीय रेल परिवहन को 16 रेल प्रखंडों में बाँटा गया है।
  32. भारत देश में पाइपलाइन परिवहन के तीन प्रमुख जाल हैं ।
  33. भारत देश की पहली हजीरा – विजयपुर – जगदीशपुर (एच.वी.जे.) गैस पाइपलाइन 1700 किमी. लम्बी है ।
  34. भारत की समुद्री तट रेखा 7,516.6 किमी. लम्बी है ।
  35. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कच्छ में कांडला पहले पत्तन के रूप में विकसित किया गया।
  36. भारत का 95 प्रतिशत विदेशी व्यापार प्रमुख समुद्री पत्तनों से होता है।
  37. भारत का प्रमुख पहला पत्तन कांडला है ।
  38. भारत के कांडला पत्तन को दीनदयाल पत्तन के नाम से भी जाना जाता है
  39. भारत का कांडला पत्तन एक ज्वारीय पत्तन है ।
  40. भारत मुम्बई वृहत्तम पत्तन है ।
  41. भारत के मुम्बई पत्तन के अधिक परिवहन को कम करने के लिए जवाहरलाल नेहरू पत्तन विकसित किया गया है।
  42. भारत के कुल निर्यात का 50 प्रतिशत लौह-अयस्क का निर्यात मारमागाओं पत्तन के द्वारा किया जाता है
  43. मैंगलोर पत्तन कुद्रेमुख (कर्नाटक) में स्थित है।
  44. भारत का कोची पत्तन सुदूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
  45. कोची पत्तन एक प्राकृतिक पोताश्रय है ।
  46. चेन्नई हमारे देश का प्राचीनतम कृत्रिम पत्तन है।
  47. विशाखापट्टनम पत्तन स्थल से घिरा, गहरा व सुरक्षित पत्तन है ।
  48. भारत का पारादीप पत्तन ओडिशा राज्य में स्थित है ।
  49. कोलकाता एक अन्तः स्थलीय नदीय पत्तन है।
  50. कोलकाता एक ज्वारीय पत्तन होने के कारण इसे नियमित रूप से साफ करना पड़ता है।
  51. सन् 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया ।
  52. एयर इंडिया घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करती है ।
  53. पवन हंस दूरगामी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाएँ उपलबध करवाता है।
  54. दूरदर्शन, रेडियो, समाचार-पत्र आदि देश के प्रमुख संचार साधन हैं ।
  55. विश्व का वृहत्तम डाक-संचार भारत में है।
  56. डिजिटल भारत, सूचना प्रौद्योगिकरी को समझने का एक विशाल कार्यक्रम है।
  57. दूर संचार तंत्र में भारत एशिया महाद्वीप में अग्रणी है।
  58. भारत में समाचार-पत्र लगभग 100 भाषाओं में प्रकाशित होते हैं।
  59. भारत विश्व में सर्वाधिक चलचित्रों का उत्पादक भी है।
  60. बाज़ार एक ऐसी जगह है जहाँ वस्तुओं का विनिमय होता है।
  61. दो देशों के मध्य व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है।
  62. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति किसी राष्ट्र की आर्थिक बैरोमीटर कहलाती है ।
  63. कोलकाता पत्तन पर बढ़ते व्यापार के दबाव को कम करने के लिए हल्दिया पत्तन विकसित किया गया है।
  64. हल्दिया तथा इलाहाबाद के मध्य गंगा जलमार्ग 1620 किमी. लम्बा है।
  65. नौगम्य जलमार्ग संख्या-1 हल्दिया को इलाहाबाद से जोड़ती है।
  66. भारतीय व विदेशी सभी फिल्मों को प्रमाणित करने का अधिकार केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को है।

अध्याय 7 : राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

  1. जो व्यक्ति उत्पाद को परिवहन द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुँचाते हैं, वे व्यापारी कहलाते हैं।
  2. परिवहन के तीन साधन होते हैं – स्थल, जल और वायु।
  3. भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक सड़क जाल वाला देश है।
  4. भारत में सड़क जाल लगभग 62.16 लाख किमी तक फैला है।
  5. सड़क परिवहन अन्य परिवहन साधनों को जोड़ने का कार्य करता है।
  6. उत्तर-दक्षिण गलियारा श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है।
  7. पूर्व-पश्चिम गलियारा सिलचर (असम) को पोरबंदर (गुजरात) से जोड़ता है।
  8. स्वर्णिम चतुर्भुज महामार्ग का उद्देश्य भारत के मेगासिटी के मध्य की दूरी को कम करना है।
  9. स्वर्णिम चतुर्भुज महामार्ग भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आता है।
  10. NHAI का पूर्ण रूप है – भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
  11. राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं।
  12. CPWD का पूर्ण रूप है – केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग
  13. भारत में सड़कों का रखरखाव व निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है।
  14. प्रसिद्ध शेरशाह सूरी मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 के नाम से जाना जाता है।
  15. ऐतिहासिक शेरशाह सूरी मार्ग दिल्ली व अमृतसर को आपस में जोड़ता है।
  16. राज्य राजमार्गों का निर्माण व रखरखाव का दायित्व राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग का होता है।
  17. ·  PWD का पूर्ण रूप सार्वजनिक निर्माण विभाग होता है।
  18. ·  जिलामार्गों की व्यवस्था का उत्तरदायित्व जिला परिषद् का होता है।
  19. ·  भारत देश के प्रत्येक गांव को प्रमुख शहरों से सड़कों द्वारा जोड़ने का कार्य प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के तहत किया जाता है।
  20. ·  भारत सरकार के प्राधिकरण के अधीन सीमा सड़क संगठन (BRO) को 1960 में बनाया गया।
  21. ·  सीमा सड़क संगठन देश की सीमांत क्षेत्रों की सड़कों का निर्माण व रखरखाव करती है।
  22. ·  भारत के उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों की सामरिक महत्व की सड़कों का उत्तरदायित्व सीमा सड़क संगठन का है।
  23. ·  विश्व की सबसे लम्बी राजमार्ग सुरंग भारत में स्थित है, जिसकी लंबाई 9.02 किमी है।
  24. ·  विश्व की सबसे लम्बी राजमार्ग सुरंग अटल टनल है।
  25. ·  अटल टनल भारत सरकार की सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाई गई है।
  26. ·  अटल टनल पूरे साल मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है।
  27. ·  अटल टनल हिमालय की पीरपंजाल पर्वतमाला में स्थित है।
  28. ·  अटल टनल समुद्र तल से 8000 फीट की ऊँचाई पर बनी है।
  29. ·  भारत देश की पहली रेलगाड़ी 1853 में चलाई गई
  30. ·  यह रेलगाड़ी मुम्बई और थाणे के मध्य चलाई गई थी।
  31. ·  भारत की पहली रेलगाड़ी ने 34 किमी की दूरी तय की थी।
  32. ·  भारतीय रेल परिवहन को 16 रेल प्रखंडों में बाँटा गया है।
  33. ·  भारत देश में पाइपलाइन परिवहन के तीन प्रमुख जाल हैं।
  34. ·  भारत देश की पहली गैस पाइपलाइन हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HVJ) 1700 किमी लम्बी है।
  35. ·  भारत की समुद्री तट रेखा 7,516.6 किमी लम्बी है।
  36. ·  स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कच्छ में कांडला को पहले पत्तन के रूप में विकसित किया गया।
  37. ·  भारत का 95 प्रतिशत विदेशी व्यापार प्रमुख समुद्री पत्तनों से होता है।
  38. ·  भारत का प्रमुख पहला पत्तन कांडला है।
  39. ·  भारत के कांडला पत्तन को दीनदयाल पत्तन के नाम से भी जाना जाता है।
  40. ·  भारत का कांडला पत्तन एक ज्वारीय पत्तन है।
  41. ·  भारत में मुम्बई वृहत्तम पत्तन है।
  42. ·  मुम्बई पत्तन के अधिक परिवहन को कम करने के लिए जवाहरलाल नेहरू पत्तन विकसित किया गया है।
  43. ·  भारत के कुल निर्यात का 50 प्रतिशत लौह-अयस्क का निर्यात मारमागाओ पत्तन के द्वारा किया जाता है।
  44. ·  न्यू-मैंगलोर पत्तन कुद्रेमुख (कर्नाटक) में स्थित है।
  45. ·  भारत का कोची पत्तन सुदूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
  46. ·  कोची पत्तन एक प्राकृतिक पोताश्रय है।
  47. ·  चेन्नई हमारे देश का प्राचीनतम कृत्रिम पत्तन है।
  48. ·  विशाखापट्टनम पत्तन स्थल से घिरा, गहरा व सुरक्षित पत्तन है।
  49. ·  भारत का पारादीप पत्तन ओडिशा राज्य में स्थित है।
  50. ·  कोलकाता एक अन्त:स्थलीय नदीय पत्तन है।
  51. ·  कोलकाता एक ज्वारीय पत्तन होने के कारण इसे नियमित रूप से साफ करना पड़ता है।
  52. ·  सन् 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया।
  53. ·  एयर इंडिया घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करती है।
  54. ·  पवन हंस दूरगामी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाएँ उपलब्ध करवाता है।
  55. ·  दूरदर्शन, रेडियो, समाचार-पत्र आदि देश के प्रमुख संचार साधन हैं।
  56. ·  विश्व का वृहत्तम डाक-संचार भारत में है।
  57. ·  डिजिटल भारत, सूचना प्रौद्योगिकी को समझने का एक विशाल कार्यक्रम है।
  58. ·  दूर संचार-तंत्र में भारत एशिया महाद्वीप में अग्रणी है।
  59. ·  भारत में समाचार-पत्र लगभग 100 भाषाओं में प्रकाशित होते हैं।
  60. ·  भारत विश्व में सर्वाधिक चलचित्रों का उत्पादक भी है।
  61. ·  बाज़ार एक ऐसी जगह है जहाँ वस्तुओं का विनिमय होता है।
  62. ·  दो देशों के मध्य व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है।
  63. ·  अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रगति किसी राष्ट्र की आर्थिक बैरोमीटर कहलाती है।
  64. ·  कोलकाता पत्तन पर बढ़ते व्यापार के दबाव को कम करने के लिए हल्दिया पत्तन विकसित किया गया है।
  65. ·  हल्दिया तथा इलाहाबाद के मध्य गंगा जलमार्ग 1620 किमी लम्बा है।
  66. ·  नौगम्य जलमार्ग संख्या-1 हल्दिया को इलाहाबाद से जोड़ती है।
  67. ·  भारतीय व विदेशी सभी फिल्मों को प्रमाणित करने का अधिकार केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को है।

सामाजिक विज्ञान

भारत और समकालीन विश्व – 02 (इतिहास)

कक्षा – 10

अध्याय – 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

  1. ऐसी सरकार या शासन व्यवस्था जिसकी सत्ता पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं होता निरंकुशवाद कहलाता है।
  2. यूरोप में राष्ट्र राज्य और राष्ट्रवाद उन्नीसवीं सदी में अस्तित्व में आये।
  3. फ्रांसीसी कलाकार फ्रेड्रिक सारयू चित्रकार थे जिन्होंने 1848 ई. में चार चित्रों की श्रृंखला बनायी ।
  4. फ्रेड्रिक सारयू ने चित्रों के माध्यम से सपनों का संसार रचा, जो जनतांत्रिक और सामाजिक गणतंत्रों से मिलकर बना था ।
  5. सारयू के कल्पनादर्श (यूरोपिया) में दुनिया के लोग अलग राष्ट्रों के समूहों में बंटे हुए हैं। जिनकी पहचान उनके कपड़े और राष्ट्रीय पोशाक से होती है।
  6. कल्पनादर्श (यूरोपिया) एक ऐसे समाज की कल्पना जो इतना आदर्श है कि उसका साकार होना लगभग असंभव होता है।
  7. फ्रेड्रिक सारयू द्वारा बनाया गया पहला चित्र स्त्री-पुरुष एक लम्बी कतार में स्वतंत्रता की प्रतिमा की वन्दना करते हुए जा रहे हैं ।
  8. फ्राँसीसी दार्शनिक अर्नेस्ट रेनन ने 1882 में सॉबान विश्वविद्यालय में दिए व्याख्यान को निबंध के रूप में छापा जिसका शीर्षक था “राष्ट्र क्या है।”
  9. एक प्रत्यक्ष मतदान जिसके जरिए एक क्षेत्र के सभी लोगों से एक प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए पूछा जाता है, जनमत संग्रह कहलाता है ।
  10. राष्ट्रवाद की शुरुआत 1789 में फ्रांसीसी क्रान्ति के समय हुई थी।
  11. यूरोप में छात्र तथा शिक्षित मध्य वर्गों के अन्य सदस्यों द्वारा क्लब की स्थापना की गई। जिसे जेकोबिन क्लब कहा जाता है।
  12. रेबमान एक पत्रकार था जो मेंज नामक शहर में रहता था वह जर्मन जेकोविन गुट का सदस्य था।
  13. 1814 की नागरिक संहिता, जिसे नेपोलियन की संहिता के नाम से भी जाना जाता है I
  14. नेपोलियन की नागरिक संहिता
  15. जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त
  16. कानून के समक्ष बराबरी और सम्पत्ति का अधिकार सुरक्षित प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाया
  17. सामन्ती व्यवस्था खत्म
  18. यातायात और संचार-व्यवस्थाओं में सुधार
  19. सामाजिक विज्ञान जर्मन चित्रकार कार्ल कैस्पर फ्रिट्ज ने रंगीन चित्र के माध्यम से फ्रेंच सेनाओं द्वारा ज्वेब्रकेन शहर पर कब्जा करते हुए दर्शाया गया है ।
  20. राइनलैण्ड का डाकिया चित्र के माध्यम से नोपोलियन को 1813 में लाइदिसग की लड़ाई में हारकर फ्रांस लौटते हुए दर्शाया गया है ।
  21. आस्ट्रिया-हंगरी पर शासन करने वाला हैब्सवर्ग साम्राज्य अलग-अलग क्षेत्रों और जन समूहों को जोड़कर बना था ।
  22. हैब्सवर्ग साम्राज्य में लाम्बार्डी और वेनेसिया जैसे इतालवी -भाषी प्रान्त भी शामिल थे।
  23. गालीसिया में कुलीन वर्ग पोलिश भाषा बोलते थे।
  24. सामाजिक और राजनीतिक रूप से जमीन का मालिक कुलीन वर्ग कहलाता था जो यूरोपीय महाद्वीप का सबसे प्रभुत्वशाली वर्ग था।
  25. उच्च वर्ग के लोग राजनीतिक कार्यों के लिए फ्रेंच भाषा का प्रयोग करते थे।
क्रमांकवर्षघटना
11797नेपोलियन का इटली पर हमला, नेपोलियन युग की शुरुआत
21814-1815नेपोलियन का पतन, वियना शांति संधि
31821यूनानी स्वतंत्रता संग्राम का प्रारंभ
41848फ्रांस में क्रांति; आर्थिक सुधारों की माँग, कारीगरों और औद्योगिक मजदूरों के संगठन की माँग; इतालवी, जर्मन, मैग्यार, पोलिश, चेक आदि राष्ट्र-राज्यों की माँग
51859-1870इटली का एकीकरण
61866-1871जर्मनी का एकीकरण
71905हैब्सबर्ग और ऑटोमन साम्राज्य में स्लाव राष्ट्रवाद का उदय
  • औद्योगीकरण प्रक्रिया के फलस्वरूप नये सामाजिक समूह अस्तित्व में आये, कुलीन विशेषाधिकार की समाप्ति हुई और शिक्षित एवं उदारवादी मध्य वर्गों के बीच राष्ट्रीय एकता के विचार लोकप्रिय हुए।
  • उदारवाद यानी (Liberalism) शब्द लैटिन भाषा के मूल Liber पर आधारित है जिसका अर्थ हैं ‘आजाद’ ।
  • नए मध्य वर्गों के लिए उदारवाद का मतलब था व्यक्ति के लिए आजादी और कानून की समझ में सबकी बराबरी |
  • जैकोबिन शासन के समय सभी वयस्क पुरुषों को मताधिकार प्राप्त था ।
  • 1815 में वाटर लू के युद्ध में ब्रिटेन, रूस, प्रशा और आस्ट्रिया जैसी यूरोपीय शक्तियों ने मिलकर नेपोलियन को पराजित किया था ।
  • नेपोलियन के पराजय के बाद 1815 में वियना संधि हुई जिसकी मेजबानी आस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मैटरनिख ने की थी ।
  • वियना शांति संधि की शर्तें
  • बृवों वंश की सत्ता में बहाली
  • फ्रांस ने उन इलाकों को खो दिया जिन पर नेपोलियन का कब्जा था।
  • फ्रांस की सीमाओं पर कई राज्य कायम कर दिए गये ताकि भविष्य में फ्रांस विस्तार न कर सके।
  • आस्ट्रिया को उत्तरी इटली का नियंत्रण सौंपा गया।
  • नेपोलियन ने 39 राज्यों का जो जर्मन महासंघ स्थापित किया था उसे बरकरार रखा गया।
  • ऐसा राजनीतिक दर्शन जो परम्परा, स्थापित संस्थानों और रिवाजों पर जोर देता है और तेज बदलावों की बजाय क्रमिक और धीरे-धीरे विकास को प्राथमिकता देता है, रूढ़िवाद कहलाता है ।
  • इटली का क्रान्तिकारी ज्युसेपी मेत्सिनी का जन्म 1807 ई. में जेनोआ में हुआ था जो कार्बोनारी के गुप्त संगठन का सदस्य था ।
  • आटोमन साम्राज्य में आयरलैण्ड और पोलेण्ड जैसे कुछ क्षेत्र थे ।
  • प्रथम विद्रोह फ्रांस में जुलाई 1830 ई. में हुआ था।
  • फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना लुई फिलिप की अध्यक्षता में की गयी थी ।
  • मैटरनिस्व ने टिप्पणी की थी कि “जब फ्रांस छींकता है तो बाकी यूरोप को सर्दी-जुकाम हो जाता है।
  • यूरोप में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद की प्रगति से यूनानियों का आजादी के लिए संघर्ष 1821 में आरम्भ हुआ था।
  • अंग्रेज कबिलार्ड बायरन ने धन इकट्ठा किया और बाद में युद्ध में लड़ने भी गए जहाँ 1824 में बुखार से उनकी मृत्यु हो गयी थी।
  • कुस्तुनतुनिया की संधि 1932 ई. में हुई थी ।
  • फ्रांसीसी चित्रकार देलाक्रोआ फ्रेंच रूमानी चित्रकार था । उसने एक घटना को चित्रित किया है जिसे किऑस दीप कहा जाता है।
  • जर्मन दार्शनिक योहान गॉट फ्रीड जैसे रूमानी चिन्तक ने दावा किया है कि सच्ची जर्मनी संस्कृति उसके आम लोगों में निहित थी।
  • जैकब ग्रिम का जन्म 1785 ई. एवं विल्हेल्म ग्रिम का जन्म 1786 ई. में जर्मनी के हनाऊ शहर में हुआ था। इन दोनों भाइयों ने कानून की पढ़ाई के समय लोक कथाएँ इकट्ठा करना शुरु किया था। जो 1812 ई. में 33 खण्डों में जर्मन भाषा में प्रकाशित हुई थी ।
  • स्त्री-पुरुष की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक समानता की सोच के आधार पर महिलाओं के अधिकारों और हितों का बोध, नारीवाद कहलाता है।
  • लुइजे आटो-पीटर्स (1819-95) एक राजनैतिक कार्यकर्ता थी, जिसने नारीवादी राजनीतिक संगठन की स्थापना की थी ।
  • एक खास प्रकार की सामाजिक एवं राजनीतिक दृष्टि को इंगित करने वाले विचारों का समूह विचारधारा कहलाती है।
  • सामाजिक विज्ञान जर्मनी के एकीकरण का जनक बिस्मार्क था । जिससे प्रशा की सेना और नौकरशाही की मदद से सात वर्ष के अन्दर आस्ट्रिया, डेन्मार्क और फ्रांस से तीन युद्धों में प्रशा की जीत हुई और एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई।
  • जनवरी 1871 में वर्साय में हुए समारोह में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया।
  • उन्नीसवीं सदी के मध्य में इटली सात राज्यों में बँटा हुआ था ।
  • 1830 के दशक में ज्युसेपे मेल्सिनी ने यंग इटली नामक एक गुप्त संगठन बनाया था।
  • 1831 और 1848 में क्रान्तिकारी विद्रोहों की असफलता से युद्ध के जरिए इतालवी राज्यों को जोड़ने की जिम्मेदारी सार्डिनिया-पीडमॉण्ट के शासक विक्टर इमेनुएल द्वितीय पर आई थी ।
  • कावूर ने इटली के प्रदेशों को एकीकृत करने वाले आन्दोलन का नेतृत्व किया था।
  • 1861 में इमेनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया ।
  • ला. टालिया विक्टर इमेनुअल की पत्नी थी।
  • एक साझा नस्ली, जनजातीय या सांस्कृतिक उद्गम अथवा पृष्ठभूमि जिसे कोई समुदाय अपनी पहचान मानत है नृजातीय कहलाता है ।
  • इटली सात राज्यों में बँटा हुआ था ।
  • 1830 के दशक में ज्यूसेपे मेत्सिनी ने इटली के एकीकरण के लिए कार्यक्रम प्रस्तुत किया ।
  • 1859 में फ्रांस से सार्डिनिया पीडमॉण्ट ने एक चतुर कूटनीतिक संधि की जिसके माध्यम से उसने आस्ट्रियाई बलों को हरा दिया।
  • 1861 में इमेनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया ।
  • ज्युसेपे गैरीबाल्डी पेशे से नाविक था उसका इटली के एकीकरण में बड़ा योगदान था ।
  • गैरीबाल्डी ने युवाओं की एक शक्तिशाली सेना तैयार की थी। जिसे लालकुर्ती दल के नाम से जाना गया था।
  • गैरीवाल्डी ने सिसली तथा नेपल्स को जीतकर वहाँ गणराज्य की स्थापना की थी ।
  • ब्रिटेन साम्राज्य में- अंग्रेज, वेल्श, स्काट या आयरिश जैसे समाज था जिसे नृजातीय कहते थे ।
  • 1707 में इग्लैण्ड और स्कॉटलैण्ड को मिलाकर यूनाइटेड किंगडम ऑफ ब्रिटेन का गठन किया गया।
  • 1798 में हुए असफल विद्रोह के बाद 1801 में आयरलैण्ड को बलपूर्वक यूनाटेड किंगडम में शामिल कर लिया गया ।
  • वाल्कन भौगोलिक एवं नृजातीय रूप से विभिन्नताओं का क्षेत्र था, जिसमें आधुनिक रूमानिया, बल्गारिया, अल्बेनिया, ग्रीस, मकदूनिया, क्रोएशिया, स्लोवानिया, सर्विया आदि शामिल थे। इनके मूल निवासियों को स्लाव कहा जाता था ।
  • वाल्कन क्षेत्र का बड़ा हिस्सा आटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था ।
  • यूरोपीय शक्तियों के मध्य वाल्कन क्षेत्र पर कब्जा जमाने के लिए यूरोपीय शक्तियों के मध्य प्रतिस्पर्धा रही, जिस कारण यहाँ विभिन्न युद्ध हुए। जिसकी परिणति प्रथम विश्व युद्ध के रूप में हुई।
  • जब कोई देश, अपने देश की शक्ति को बढ़ाता है, आर्मी और अन्य साधन का प्रयोग करके तब उसे साम्राज्यवाद कहते हैं ।
  • जब किसी अमूर्त विचार (जैसे लालच, स्वतंत्रता, ईर्ष्या, मुक्ति) को किसी व्यक्ति या किसी चीज के जरिए इंगित किया जाता है तब उसे रूपक कहते हैं।
  • 18वीं और 19वीं शताब्दी में रूपक का प्रयोग राष्ट्रवादी भावना के विकास और मजबूत बनाने में किया जाता था।
  • प्रतीक चिह्न और उनका अर्थ

प्रतीक                                महत्व

टूटी हुई बेड़ियां                                                  आजादी मिलना

बाज-छाप कवच                                                                बलूत पत्तियों का मुकुट

तलवार                                                                  जर्मन साम्राज्य की प्रतीक-शक्ति

बहादुरी                                                                  मुकाबले की तैयारी

तलवार पर लिपटी जैतून की डाली    शान्ति की चाह

                काला तिल और सुनहरा तिरंगा 1848 में उदारवादी – राष्टवादियों का झण्डा, जिसे जर्मन राज्यों के                                       ड्यूक्स ने प्रतिबंधित घोषित कर दिया ।

                उगते सूर्य की किरणें                                                      एक नए युग का सूत्रपात

अध्याय – 2 :भारत में राष्ट्रवाद

  1. महात्मा गांधी जनवरी 1915 में भारत लौटे। इससे पहले वे दक्षिण अफ्रीका में थे।
  2. सत्याग्रह का अर्थ है – सत्य को स्वीकार कराने के लिए आग्रह करना।
  3. भारत आने के बाद गांधी जी ने सत्याग्रह आन्दोलन चलाया, जिसके अंतर्गत 1917 में बिहार के चम्पारण में दमनकारी नील की खेती के खिलाफ सत्याग्रह किया गया।
  4. गांधी जी द्वारा चलाए गए प्रमुख सत्याग्रह आंदोलन
वर्षस्थानकारण
1917चम्पारण (बिहार)नील की खेती में किसानों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में
1918खेड़ा (गुजरात)किसानों की फसल खराब होने पर कर माफ करवाने हेतु
1918अहमदाबादसूती कपड़ा मिल के मजदूरों के वेतन बढ़ाने हेतु
  1. रौलट एक्ट 1919 में पारित हुआ, जिसके अंतर्गत राजनीतिक कैदियों को बिना मुकदमा चलाए दो वर्ष तक जेल में बंद रखा जा सकता था।
  2. 6 अप्रैल 1919 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में अखिल भारतीय हड़ताल आयोजित की गई। इसमें रैली, जुलूस, रेलवे वर्कशॉप में हड़ताल और दुकानों का बंद होना शामिल था।
  3. जलियावाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियावाला बाग में हुआ।
  4. गांधी जी ने इस कांड के विरोध में केसर-ए-हिन्द की उपाधि त्याग दी थी।
  5. खिलाफत आंदोलन 1919 में शौकत अली और मुहम्मद अली द्वारा शुरू किया गया।
  6. महात्मा गांधी ने हिन्द स्वराज नामक पुस्तक 1909 में लिखी थी।
  7. असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव 1920 में कलकत्ता अधिवेशन में पारित हुआ था।
  8. 1922 में चौरी-चौरा घटना से दुखी होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था।
  9. विरोध के एक स्वरूप को पिकेटिंग कहा जाता है, जिसमें लोग किसी दुकान, फैक्ट्री या दफ्तर के भीतर जाने का रास्ता रोक लेते हैं।
  10. औपनिवेशिक शासन के दौरान बहुत से लोगों को काम के लिए फीजी, गुयाना, वेस्टइंडीज आदि जगहों पर ले जाया गया, जिन्हें बाद में गिरमिटिया कहा गया।
  11. जिस अनुबंध के अंतर्गत इन मजदूरों को ले जाया गया, उसे गिरमिट कहा जाता था।
  12. बिना किसी पारिश्रमिक के काम करवाना बेगार कहलाता है।
  13. आंध्र प्रदेश में बेगारी प्रथा के विरोध का नेतृत्व अल्लूरी सीताराम राजू ने किया था, जिन्हें 1924 में फाँसी दे दी गई थी।1928 में वल्लभभाई पटेल ने गुजरात के बारडोली तालुका में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया, जो कि भू-राजस्व में वृद्धि के विरोध में था। यह आंदोलन बारडोली सत्याग्रह के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
  14. सी.आर. दास और मोतीलाल नेहरू ने कांग्रेस के भीतर रहते हुए परिषद् राजनीति में भाग लेने के लिए स्वराज पार्टी का गठन किया।
  15. भारत में संवैधानिक व्यवस्था की कार्यप्रणाली के अध्ययन हेतु 1927 में साइमन कमीशन का गठन ब्रिटेन में किया गया।
  16. 1928 में साइमन कमीशन भारत पहुँचा, जिसका पूरे देश में विरोध हुआ और साइमन वापस जाओ” का नारा लगाया गया।
  17. दिसम्बर 1929 को जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की माँग को औपचारिक रूप से स्वीकृत किया गया।
  18. 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने अपने 78 अनुयायियों के साथ नमक सत्याग्रह या दांडी यात्रा प्रारंभ की।
  19. गांधी जी ने 6 अप्रैल 1930 को गुजरात के दांडी गाँव में पहुँचकर नमक कानून तोड़ा।
  20. गांधी जी ने पुनः आंदोलन वापस लिया और 15 मार्च 1931 को इरविन समझौता किया।
  21. 1929 में हुई विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का प्रभाव भारत पर भी पड़ा।
  22. वायसराय लार्ड इरविन ने अक्टूबर 1929 में भारत को डोमिनियन स्टेटस देने की घोषणा की।
  23. 26 जनवरी 1930 को गांधी जी ने वायसराय को पत्र लिखकर 11 सूत्रीय माँगें प्रस्तुत कीं।
  24. 1928 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में हुई बैठक में हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (HSRA) की स्थापना हुई, जिसमें भगत सिंह, जतिन दास और अजय घोष शामिल थे।
  25. 1929 में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने लेजिस्लेटिव असेंबली में बम फेंका।
  26. इसी वर्ष उस ट्रेन को उड़ाने का प्रयास किया गया जिसमें लार्ड इरविन यात्रा कर रहे थे।
  27. भगत सिंह को जब फाँसी दी गई, तब उनकी उम्र मात्र 23 वर्ष थी। उन्होंने अपने मुकदमे के दौरान कहा था —
  28. “हम बम और पिस्तौल की पूजा नहीं करते, हम समाज में क्रांति लाना चाहते हैं।”
  1. भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद” का नारा दिया।
  2. सिविल नाफरमानी आंदोलन में महिलाओं ने बड़े पैमाने पर भाग लिया।
  3. महात्मा गांधी ने कहा था —
  4. “जब तक अस्पृश्यता (छुआछूत) समाप्त नहीं की जाती, तब तक स्वराज प्राप्त नहीं किया जा सकता, चाहे सौ साल लग
  1. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 1930 में दलितों को संगठित कर दमित वर्ग एसोसिएशन की स्थापना की।
  2. 1930 में मुस्लिम लीग के अध्यक्ष सर मोहम्मद इक़बाल ने मुसलमानों के अल्पसंख्यक राजनीतिक हितों की रक्षा हेतु पृथक निर्वाचिका की मांग की।
  3. भारत माता की छवि
    20वीं सदी में राष्ट्रवाद के विकास के साथ भारत की पहचान भारत माता” की छवि से जोड़ दी गई।
    ➤ इस छवि की शुरुआत बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने की।
    ➤ उन्होंने 1870 के दशक में मातृभूमि की स्तुति में वन्दे मातरम्” गीत लिखा।
    ➤ यह गीत उनके उपन्यास आनन्दमठ” में भी सम्मिलित है।
  4. स्वदेशी आंदोलन की प्रेरणा से प्रसिद्ध चित्रकार अबनीन्द्रनाथ ठाकुर ने भारत माता की एक प्रसिद्ध पेंटिंग बनाई। इसमें भारत माता को एक सन्यासिनी के रूप में दर्शाया गया, जिनके हाथ में पुस्तक, चावल, माला और कपड़ा है।
  5. नटेसा शास्त्री ने द फोकलोर्स ऑफ सदर्न इंडिया” नामक पुस्तक के माध्यम से तमिल लोककथाओं का चार खंडों में संग्रह प्रकाशित किया।
  6. बंगाल में स्वदेशी आंदोलन के दौरान एक तिरंगा झण्डा (हरा, पीला, लाल) तैयार किया गया था।
  7. 1921 में गांधी जी ने स्वराज का झंडा तैयार किया। यह भी तिरंगा (सफेद, हरा, लाल) था, जिसमें बीच में चरखा बनाया गया था। यह स्वावलंबन और गांधीवादी विचारधारा का प्रतीक था।

🔹 भारत छोड़ो आन्दोलन

  1. कृप्स मिशन की असफलता और द्वितीय विश्व युद्ध के प्रभावों से उत्पन्न असंतोष ने गांधी जी को भारत छोड़ो आंदोलन” शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
  2. अगस्त 1942 में गांधी जी ने भारत छोड़ो” आंदोलन की शुरुआत की और प्रसिद्ध नारा दिया —

करो या मरो”

  1. इस आंदोलन में प्रमुख नेताओं एवं महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी की:
    • जयप्रकाश नारायण, अरुणा आसफ अली, राम मनोहर लोहिया
    • मातंगिनी हाजरा (बंगाल)
    • कनकलता बरुआ (असम)
    • रमा देवी (उड़ीसा)

🔹 भारत में राष्ट्रवाद – एक नज़र में (महत्वपूर्ण वर्ष और घटनाएँ)

वर्षप्रमुख घटना
1857भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
1870बंकिमचन्द्र चटर्जी द्वारा वन्दे मातरम्” गीत की रचना
1885भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (मुम्बई में)
1905बंगाल विभाजन (लॉर्ड कर्जन द्वारा)
1905अबनीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा भारत माता का चित्र निर्माण
1915महात्मा गांधी का दक्षिण अफ्रीका से भारत आगमन
1919रौलट एक्ट पारित, जलियांवाला बाग हत्याकांड
1920असहयोग आंदोलन की शुरुआत
1928बारडोली सत्याग्रह (वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में)
1930दांडी मार्च और नमक सत्याग्रह
1931गांधी-इरविन समझौता
1942भारत छोड़ो आंदोलन एवं “करो या मरो” का नारा

इस प्रकार, राष्ट्रवाद की भावना ने भारत को एक संगठित आंदोलन की ओर अग्रसर किया, जिससे अंततः 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

वर्ष / तिथिमहत्वपूर्ण घटना
1906आगा खाँ व नवाब सलीमुल्ला द्वारा मुस्लिम लीग की स्थापना
1907कांग्रेस का विभाजन — नरम दल और गरम दल (सूरत अधिवेशन)
1911दिल्ली दरबार का आयोजन
1914प्रथम विश्व युद्ध का प्रारम्भ
1915महात्मा गांधी की स्वदेश वापसी
1917गांधी जी द्वारा चम्पारण सत्याग्रह (नील की खेती के विरुद्ध)
1918गांधी जी द्वारा अहमदाबाद में सूती मिल मजदूरों के समर्थन में सत्याग्रह
1918प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति
1919रौलट एक्ट लागू हुआ
13 अप्रैल 1919जलियांवाला बाग हत्याकांड (वैशाख पूर्णिमा को अमृतसर में)
1919खिलाफत आन्दोलन की शुरुआत
1920भारतीय औद्योगिक एवं व्यावसायिक कांग्रेस (Indian Industrial Congress) की स्थापना
1920असहयोग आन्दोलन की शुरुआत
फरवरी 1922चौरी-चौरा कांड के बाद गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस लिया
मई 1924अल्लूरी सीताराम राजू की गिरफ्तारी, दो वर्ष पुराना आदिवासी संघर्ष समाप्त
9 अगस्त 1925काकोरी कांड — क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी खजाना ले जा रही ट्रेन को लूटा
1927भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघ (FICCI) की स्थापना
1928साइमन कमीशन भारत आया, पूरे देश में विरोध हुआ
दिसम्बर 1929लाहौर कांग्रेस अधिवेशन, पूर्ण स्वराज की माँग स्वीकार
12 मार्च 1930गांधी जी ने साबरमती आश्रम से दाण्डी यात्रा की शुरुआत
6 अप्रैल 1930गांधी जी ने दाण्डी में नमक कानून तोड़ा, सविनय अवज्ञा आन्दोलन आरम्भ
1930डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने दमित वर्ग एसोसिएशन की स्थापना की
23 मार्च 1931भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फाँसी दी गई
1931गांधी-इरविन समझौता, सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित
1931गांधी जी ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया (परन्तु सफलता नहीं मिली)
1932गांधी जी और डॉ. अम्बेडकर के बीच पूना पैक्ट
अगस्त 1942भारत छोड़ो आन्दोलन, गांधी जी ने नारा दिया — करो या मरो”

अध्याय – 3 : भू-मंडलीकृत विश्व का बनना

🔹 वैश्वीकरण और मंडलीकरण

  • वैश्वीकरण एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है, जिसमें व्यक्ति, वस्तुएँ और नौकरियाँ एक देश से दूसरे देश में स्थानांतरित होती हैं
  • दुनियाभर की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक व सांस्कृतिक प्रणालियों के एकीकरण की प्रक्रिया को मंडलीकरण (Globalisation) कहा जाता है।

🔹 ऐतिहासिक व्यापारिक मार्ग – सिल्क रूट

  • सिल्क रूट (रेशम मार्ग) एक प्राचीन व्यापारिक मार्ग था, जो दूसरी शताब्दी ई. पू. से लेकर 14वीं शताब्दी तक सक्रिय था।
  • यह मार्ग चीन, भारत, अरब, ग्रीस, फ्रांस और इटली को जोड़ते हुए भूमध्यसागर तक फैला था।
  • इन मार्गों के माध्यम से व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक, धार्मिक एवं तकनीकी विचारों का आदान-प्रदान भी होता था।

🔹 खाद्य पदार्थों का आदान-प्रदान और प्रभाव

  • नूडल्स चीन से पश्चिमी देशों में पहुँचे और वहीं से स्पैघेत्ती का विकास हुआ।
  • पास्ता पाँचवीं सदी में अरब यात्रियों के साथ इटली के टापू सिसली पहुँचा।
  • आलू, मक्का, सोया, मूँगफली, टमाटर, मिर्च, शकरकंद जैसे खाद्य पदार्थ अमेरिका से यूरोप तब पहुँचे जब क्रिस्टोफर कोलंबस ने गलती से अमेरिका की खोज की।
  • आयरलैंड में 1840 के दशक में आलू की फसल खराब होने से लाखों लोग भुखमरी के शिकार हुए।

🔹 कीमती धातुओं का व्यापार

  • पेरू और मैक्सिको की खानों से निकलने वाली चाँदी ने यूरोप की धन-सम्पदा बढ़ाई और पश्चिम एशिया के साथ व्यापार को गति दी।

🔹 जैविक युद्ध

  • 1634 में मैसाचुसेट्स (न्यू इंग्लैंड) के पहले गवर्नर जॉन विनथार्प ने लिखा कि छोटी चेचक (Smallpox) उपनिवेशकारों के लिए ईश्वर का वरदान है।
  • बीमारी के कारण स्थानीय जनजातियाँ लगभग समाप्त हो गईं, जिससे उपनिवेशवादियों ने उनकी भूमि पर अधिकार कर लिया।

🔹 अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • जो लोग स्थापित नियमों और विश्वासों को नहीं मानते, उन्हें असंतुष्ट कहा जाता है।
  • 18वीं शताब्दी तक भारत और चीन को विश्व के धनाढ्य देशों में गिना जाता था।
  • जबकि 19वीं शताब्दी तक यूरोप में गरीबी और भुखमरी व्याप्त थी।

आर्थिक प्रवाह के तीन प्रकार

  1. पहला प्रवाह – वस्तुओं का व्यापार
    • जैसे – कपड़ा, गेहूँ आदि का व्यापार।
  2. दूसरा प्रवाह – श्रम का प्रवाह
    • यानी काम या रोज़गार की तलाश में लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना।
  3. तीसरा प्रवाह – पूँजी का प्रवाह
    • अल्प या दीर्घ अवधि के लिए निवेश, जैसे – दूरदराज के क्षेत्रों में पूँजी लगाना।

🔹 कार्न लॉ (Corn Law)

  • 18वीं सदी के अंत तक ब्रिटेन में कार्न लॉ” लागू था।
  • यह वह कानून था जिसके अंतर्गत मक्का के आयात पर रोक लगा दी गई थी।
  • इसके प्रभाव:
    • भोजन की माँग बढ़ी →
    • जनसंख्या बढ़ी →
    • कीमतें बढ़ीं →
    • व्यापार बढ़ा।
  • कार्न लॉ हटाने के बाद:
    • विकास तेजी से हुआ
    • खाद्यान्न भण्डारण बढ़ा
    • आयात बढ़ा

🔹 केनाल कॉलोनी (नहर बस्तियाँ)

  • पंजाब में नहरों की सिंचाई के कारण लोगों को अन्य स्थानों से लाकर बसाया गया।
  • इन नई बसाहटों को केनाल कॉलोनी” कहा गया।

🔹 1820 से 1914 का व्यापारिक विस्तार

  • इस काल में विश्व व्यापार 25 से 40 गुना बढ़ा।
  • व्यापार का लगभग 60% हिस्सा प्राथमिक उत्पादों (जैसे गेहूँ, कपास, कोयला आदि) का था।

🔹 रिंडरपेस्ट (Rinderpest) बीमारी

  • मवेशियों में फैलने वाली संक्रामक बीमारी
  • 1890 के दशक में यह बीमारी बड़ी तेजी से फैली और पशुधन को नष्ट कर दिया।

🔹 बंधुआ मजदूर

  • वे मजदूर जो किसी मालिक के लिए एक निश्चित समय तक कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।

🔹 आर्थिक महामंदी (1929)

  • 1929 से शुरू हुई और तीन दशक तक चली।
  • इस दौरान पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा।

🔹 ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (1944)

  • ब्रेटन वुड्स (न्यू हैम्पशायर, अमेरिका) में संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन हुआ।
  • इसमें एक नई विनिमय दर प्रणाली (Exchange Rate System) पर सहमति बनी।
  • ब्रेटन वुड्स व्यवस्था के अंतर्गत:
    • सभी मुद्राओं की दरें स्थिर की गईं।
    • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की स्थापना हुई।
  • ·  एक कानून या निकाय द्वारा किए गए प्रस्ताव को अस्वीकार करने का संबैधानिक अधिकार वीटो कहलाता है।
  • ·  देश के आयात या निर्यात पर दूसरे देश द्वारा लगाया जाने वाला कर आयात शुल्क कहलाता है।
  • ·  विनिमय दर के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधा के लिए विभिन्न देशों की राष्ट्रीय मुद्राओं को एक दूसरे से जोड़ा जाता है।
  • ·  मोटे तौर पर विनिमय दर दो प्रकार की होती है। (1) स्थिर विनिमय दर, (2) परिवर्तनशील विनिमय दर
  • ·  जब विनिमय दर स्थिर होती है और उनमें आने वाले उतार-चढ़ावों को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को हस्तक्षेप करना पड़ता है, ऐसी विनिमय दर को स्थिर विनिमय दर कहा जाता है।
  • ·  ऐसी विनिमय दर जो विदेशी मुद्रा बाजार में विभिन्न मुद्राओं की माँग या आपूर्ति के आधार पर और सरकारों के हस्तक्षेप के बिना घटती-बढ़ती रहती है, लचीली या परिवर्तनशील विनिमय दर कहलाती है।
  • ·  कार निर्माता हेनरी फोर्ड वृहत उत्पादन के विख्यात प्रणेता थे।
  • ·  उन्होंने शिकागो के एक बूचड़खाने की असेंबली लाइन की तर्ज पर डेट्रायट के अपने कारखाने में भी आधुनिक असेंबली लाइन स्थापित की थी।
  • ·  बंगाल में जूट/पटसन का उत्पादन होता था।
  • ·  प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कीन्स का मानना था कि भारतीय सोने के निर्यात से भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद मिली।
  • ·  भारत में आर्थिक मंदी के समय महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा (सिविल नाफरमानी) आन्दोलन शुरू किया था।
  • ·  द्वितीय विश्व युद्ध के समय दुनिया दो खेमों में बँटी थी।
  • ·  एक गुट में धुरी शक्तियाँ (मुख्य रूप से नात्सी, जर्मनी, जापान एवं इटली) थीं।
  • ·  दूसरा खेमा मित्र राष्ट्रों (ब्रिटेन, सोवियत संघ, फ्रांस और अमेरिका) के नाम से जाना जाता था।
  • ·  द्वितीय विश्व युद्ध में करीब 6 करोड़ लोग मारे गए और करोड़ों लोग घायल हुए थे।
  • ·  विदेश व्यापार में लाभ और घाटे से निपटने के लिए ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में 1947 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) की स्थापना की गई।
  • ·  एक साथ बहुत सारे देशों में व्यवसाय करने वाली कंपनियों को बहुराष्ट्रीय निगम (मल्टीनेशनल कार्पोरेशन – एमएनसी) या बहुराष्ट्रीय कंपनी कहा जाता है।
  • ·  बहुराष्ट्रीय कंपनियों की स्थापना 1920 के दशक में की गई थी।

अध्याय 4 औध्योगीकरण का युग

  1. ई.टी. पाल म्यूजिक कंपनी ने संगीत की एक किताब प्रकाशित की थी।
  2. ·  ई.पी. पाल अमेरिका का एक संगीतकार था।
  3. ·  भूमध्य सागर के पूर्व में स्थित देशों को प्राच्य कहा जाता है।
  4. ·  किसी चीज की पहली या प्रारंभिक अवस्था को आदि कहा जाता है।
  5. ·  औद्योगीकरण के पहले समय को आदि औद्योगीकरण कहा जाता है।
  6. ·  उत्पादकों के संगठन को गिल्डस कहा जाता था।
  7. ·  ऐसा व्यक्ति जो रेशों के हिसाब से ऊन को ‘स्टेपल’ करता है, स्टेप्नर कहलाता है।
  8. ·  लंदन को फिनिशिंग सेंटर के रूप में जाना जाता था।
  9. ·  ऐसा व्यक्ति जो फुल करता है यानी चुन्नटों के सहारे कपड़े को समेटता है, फुलर कहलाता है।
  10. ·  वह प्रक्रिया जिसमें कपास या ऊन आदि रेशों को कताई के लिए तैयार किया जाता है- काडिंग कहलाती है।
  11. ·  सबसे पहली औद्योगिक क्रांति इंग्लैंड में हुई।
  12. ·  सबसे पहली सूती कपड़ा मिल रिचर्ड आर्कराइट ने लगाई।
  13. ·  सूती उद्योग और कपास उद्योग ब्रिटेन के सबसे फलते-फूलते उद्योग थे।
  14. ·  भाप के इंजन का आविष्कार जेम्स वाट ने किया।
  15. ·  विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में मानव की कोई कमी नहीं थी।
  16. ·  विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में उच्च वर्ग के लोग कुलीन और पूँजीपति वर्ग हाथों से बनी चीजों को तरजीह देते थे।
  17. ·  स्पिनिंग जैनी कताई की एक मशीन थी।
  18. ·  स्पिनिंग जेनी का आविष्कार जेम्स हरग्रीव्ज ने किया था।
  19. ·  स्पिनिंग जेनी का आविष्कार 1764 में हुआ।
  20. ·  कंपनी ने बुनकरों पर निगरानी रखने वेतनभोगी कर्मचारी तैनात किए जिन्हें गुमाश्ता कहा जाता था।
  21. ·  भारत का मैनचेस्टर अहमदाबाद है।
  22. ·  भारत में पहली कपड़ा मिल मुंबई में लगी।
  23. ·  पहली कताई और बुनाई मिल मद्रास में खुली।
  24. ·  जमशेदजी जीजीभोये एक पारसी बुनकर के बेटे थे।
  25. ·  चीन के साथ व्यापार और जहाज़रानी का काम जमशेद जीजीभोये ने किया।
  26. ·  देश की पहली जूट मिल सेठ हुकुमचंद ने लगाई थी।
  27. ·  देश की पहली जूट मिल 1917 में कोलकाता में लगी थी।
  28. ·  द्वारकानाथ टैगोर ने जहाजरानी, जहाज निर्माण, खनन, बैंकिंग, बागान और बीमा क्षेत्र में निवेश किया था।
  1. जमशेदपुर से भारत का पहला लौह एवं इस्पात संयंत्र जे.एन. टाटा ने स्थापित किया।
  2. भारत का पहला लौह एवं इस्पात संयंत्र 1912 में स्थापित किया गया।
  3. उन्नीसवीं सदी में उद्योगपति नए मजदूरों की भर्ती के लिए पुराने और विश्वस्त कर्मचारी रखते थे जिन्हें जाबर कहा जाता था।
  4. अलग-अलग इलाकों में ‘सरदार या मिस्त्री’ आदि को जाबर भी कहा जाता था।
  5. भाई भोसले मुंबई के ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता थे।
  6. रस्सियों और पुलियों के जरिए चलने वाला एक यांत्रिक औजार जिसका बुनाई के लिए इस्तेमाल होता था, फ्लाई शटल कहलाता है।
  7. चीजों की गुणवत्ता के प्रतीक को लेबल कहा जाता है।
  8. वस्तुओं / उत्पादों के लेबलों पर भारतीय देवी-देवताओं की तस्वीरें होती थीं।
  9. पहले विश्व युद्ध तक भारत का औद्योगिक विकास धीमा था।

अध्याय – 5 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

  1. मुद्रण की सबसे पहली तकनीक चीन, जापान और कोरिया में विकसित हुई।
  2. पारंपरिक चीनी किताब ‘एकॉडियन’ शैली में किनारों को मोड़ने के बाद सिल कर बनाई जाती थी।
  3. किताबों का सुलेखन या खुशनवीसी करने वाले लोग दक्ष सुलेखक होते थे।
  4. मुद्रित सामग्री का सबसे बड़ा उत्पादक चीनी राजतंत्र था।
  5. चीनी बौद्ध छपाई की तकनीक लेकर जापान आए।
  6. जापान की सबसे पुरानी पुस्तक डायमंड सूत्र है।
  7. त्रिपीटका कोरियाना वुडब्लाक्स मुद्रण के रूप में बौद्ध ग्रंथों का कोरियाई संग्रह है।
  8. कितागावा उतामारो ने उकियो नाम की चित्रकला शैली में अहम योगदान दिया।
  9. चीन से रेशम और मसाले रेशम मार्ग से यूरोप आते थे।
  10. मार्को पोलो वुड ब्लाक वाली छपाई की तकनीक चीन से लेकर आया था।
  11. चर्म पत्र या जानवरों के चमड़े से बनी लेखन की सतह को वेलम कहा जाता था।
  12.  गुटेन्बर्ग के पिता व्यापारी थे।
  13. गुटेन्बर्ग का पूरा नाम योहान गुटेन्बर्ग था।
  14.  प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार गुटेन्बर्ग ने 1448 में किया।
  15. गुटेन्बर्ग ने जैतून प्रेस को प्रिंटिंग का मॉडल बनाया था।
  16. गुटेन्बर्ग ने सबसे पहली किताब बाइबिल छापी थी।
  17. गुटेन्बर्ग ने बाइबिल की 180 प्रतियाँ छापी थीं।
  18. गुटेन्बर्ग ने छपाई के लिए रोमन वर्णमाला के 26 अक्षरों के टाइप बनाए।
  19. गुटेन्बर्ग की प्रिंटिंग मशीन को मूवेबल टाइप प्रिंटिंग मशीन के नाम से जाना गया।
  20. गुटेन्बर्ग प्रेस एक घंटे में 250 प्रति छाप सकता था।
  21. लेटरप्रेस छपाई में प्लाटेन एक बोर्ड होता है।
  22. छपाई के लिए इबारत कम्पोज करने वाले व्यक्ति को कम्पोजीटर कहा जाता था।
  23. धातुई फ्रेम जिसमें टाइप बिछाकर इबारत बनाई जाती थी, गैली कहलाती थी।
  24. लोकगीत का ऐतिहासिक आख्यान जिसे गाया या सुनाया जाता था, गाथा गीत कहलाता है।
  25. मार्टिन लूथर एक धर्म सुधारक थे।
  26. मार्टिन लूथर ने कहा “मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम्‌ देन है, सबसे बड़ा तोहफ़ा”।
  27. सोलहवीं सदी में यूरोप में रोमन कैथलिक चर्च में सुधार के आंदोलन को प्रोटेस्टेंट धर्म सुधार कहा गया।
  28. इटली में धर्म-द्रोहियों की शिनाख्त करने और सजा देने वाली रोमन कैथोलिक संस्था को इन्क्वीजीशन कहा गया।
  29. इरैस्मस ने कहा “किताबें भिनभिनाती मक्खियों की तरह हैं, दुनिया का कौन सा कोना है जहाँ ये नहीं पहुँच पाती?”
  30. इंसान या विचार जो चर्च की मान्यताओं से असहमत होते थे, धर्म विरोधी कहलाते थे।
  31. किसी धर्म का एक उपसमूह संप्रदाय कहा जाता है।
  32. पकेट बुक के आकार की किताबों को चैपबुक कहा जाता था।
  33. इंग्लैंड में पेनी चैपबुक्स या एकपैसिया किताबें बेचने वालों को चैपमेन कहा जाता था।
  34. रूसो एक दार्शनिक थे।
  35. फ्रांस के उपन्यासकार लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए ने घोषणा की “छापाख़ाना प्रगति का सबसे ताकतवर औज़ार है, इसमें बन रही जनमत की आँधी में निरंकुशवाद उड़ जाएगा”।
  36. राजकाज की ऐसी व्यवस्था जिसमें किसी एक व्यक्ति को संपूर्ण शक्ति प्राप्त हो, उस पर कोई पाबंदी न हो, निरंकुशवाद कहलाता है।
  37. बाल पुस्तकें छापने के लिए प्रेस फ्रांस में स्थापित किया गया।
  38. ग्रिम बंधु जर्मनी के थे।
  39. अठारहवीं सदी के अंत तक प्रेस धातु से बनने लगे थे।
  40. “गीत गोविंद” की रचना संस्कृत के महान कवि जयदेव ने की थी।
  41. पांडुलिपियाँ ताड़ के पत्तों या हाथ से बने कागज पर नकल कर बनाई जाती थीं।
  42. भारत में प्रिंटिंग प्रेस लाने का श्रेय पुर्तगालियों को जाता है।
  43. भारत में सबसे पहली प्रिंटिंग प्रेस सोलहवीं सदी में गोवा में लगाई गई थी।·
  44. भारत में सबसे पहले कोंकणी और तेलुगु भाषाओं में किताबें छापी गईं।
  45. भारत में प्रेस के जनक जेम्स आगस्टस हिक्की हैं।
  46. राजा राममोहन राय ने एक बंगाली साप्ताहिक समाचार पत्र संबाद कौमुदी प्रकाशित किया।
  47. दो फारसी अख़बार जाम-ए-जहाँ नामा और शम्सुल अख़बार 1882 में प्रकाशित हुए।
  48. इस्लामी कानून और शरिया के विद्वान को उलमा कहा जाता था।
  49. इस्लामी कानून जानने वाले विद्वान द्वारा की जाने वाली घोषणा फ़तबा कहलाता है।
  50. तुलसीदास की सोलहवीं सदी की किताब रामचरितमानस का पहला मुद्रित संस्करण कलकत्ता से प्रकाशित हुआ।
  51. राजा रवि वर्मा उन्नीसवीं सदी के भारत के प्रसिद्ध चित्रकार थे।
  52. रससुन्दरी देवी बंगाली साहित्य की प्रारम्भिक महिला लेखक थीं।
  53. हिन्दी छपाई की शुरुआत 1870 के दशक से हुई।
  54. अमर जीबन नामक आत्मकथा रससुन्दरी देवी ने लिखी।
  55. ज्योतिबा फुले ने अपनी पुस्तक गुलामगिरी में जाति प्रथा के अत्याचारों पर लिखा।
  56. मद्रास में ई.वी. रामास्वामी नायकर को पेरियार नाम से जाना जाता है।
  57. आधुनिक असमिया साहित्य के एक वरिष्ठ रचनाकार लक्ष्मीनाथ बेजबरूवा थे।
  58. असम का लोकप्रिय गीत ओ मेरे अपुनर देश लक्ष्मीनाथ बेजबरूवा ने लिखा था।
  59. बाल गंगाधर तिलक ने मराठी भाषा का समाचार पत्र केसरी निकाला।
  60. भारतीय भाषाओं के पत्र-पत्रिकाओं पर कड़ा नियंत्रण रखने के लिए बर्नाक्युलर प्रेस एक्ट 1878 में लागू किया गया।

लोकतान्त्रिक राजनीति -II

अध्याय 1 सत्ता की साझेदारी

  1. बेल्जियम यूरोप का एक छोटा सा राज्य है।
  2. श्रीलंका निवासी अधिकतर बौद्धों की भाषा “सिंहली” भाषा है।
  3. सन् 1956 में श्रीलंका की राजभाषा “सिंहली” घोषित की गई।
  4. बेल्जियम राज्य की सीमाएँ फ्रांस, नीदरलैण्ड, जर्मनी और लक्समबर्ग राज्य से लगी हुई हैं।
  5. बेल्जियम राज्य के 59 प्रतिशत लोग फ्लेमिश इलाके में रहते हैं।
  6. श्रीलंका में तमिल लोग अल्पसंख्यक हैं।
  7. बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स है।
  8. बेल्जियम स्वतन्त्र राज्य सन् 1830 में बना।
  9. श्रीलंका स्वतन्त्र राष्ट्र सन् 1948 में बना।
  10. बेल्जियम में सामुदायिक सरकार का चुनाव एक ही भाषा (डच, जर्मन) बोलने वाले लोग करते हैं।
  11. शासन के विभिन्न अंग जैसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा किया जाता है, जिसे सत्ता का क्षैतिज वितरण कहते हैं।
  12. श्रीलंका में सिंहली आबादी का बहुमत था।
  13. श्रीलंका में विश्वविद्यालयों एवं सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता दी गई थी।
  14. श्रीलंका के संविधान में यह प्रावधान किया गया कि सरकार बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा देगी।
  15. श्रीलंका दो समुदायों तमिल और सिंहली में बँटा हुआ है।
  16. श्रीलंका में तमिलों ने तमिल को राजभाषा बनाने, क्षेत्रीय स्वायत्तता हासिल करने तथा शिक्षा एवं रोजगार के समान अवसरों की माँग के लिए संघर्ष किया।
  17. यूरोपीय संघ का मुख्यालय ब्रूसेल्स में है।
  18. बेल्जियम में संघात्मक शासन व्यवस्था है।
  19. औपनिवेशिक शासनकाल में बागानों में काम करने वाले भारत से लाए गए लोग थे।
  20. श्रीलंका में तमिल मुख्य रूप से उत्तर और पूर्वी प्रांतों में रहते हैं।
  21. बेल्जियम में डच भाषी लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।
  22. श्रीलंका में बौद्ध धर्मावलंबी, सिंहलियों का नेतृत्व करते थे।
  23. किसी देश में सरकार विरोधी समूहों की हिंसक लड़ाई जो युद्ध के समान लगे, गृह युद्ध कहलाती है।
  24. यूरोपीय देशों ने साथ मिलकर यूरोपीय संघ बनाने का फैसला किया तो ब्रूसेल्स को उसका मुख्यालय चुना गया।
  25. श्रीलंका में व्यवहारिक रूप से अभी भी एकात्मक शासन व्यवस्था है।
  26.  श्रीलंका में तमिल और सिंहली समुदायों के बीच संघर्ष हुआ।
  27. तमिल ईलम (सरकार) बनाने की माँग को लेकर अनेक राजनीतिक संगठन बने।
  28. सत्ता का सीधा बँटवारा केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच होता है।
  29.  श्रीलंका में गृह युद्ध की समाप्ति वर्ष 2009 में हुई।

अध्याय – 2 : संघवाद

  1. एकात्मक शासन व्यवस्था में शासन का एक ही स्तर होता है।
  2. सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र की आत्मा है।
  3. भारतीय संघ का गठन संघीय शासन व्यवस्था के सिद्धांत पर हुआ।
  4. भारत में दो स्तरीय शासन व्यवस्था है – केंद्र सरकार और राज्य सरकार।
  5. भारतीय संघ का प्रतिनिधित्व केन्द्र सरकार करती है।
  6. संघवाद में संविधान के द्वारा विभिन्न शक्तियों का बंटवारा होता है।
  7. केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को तीन सूचियों में बाँटा गया है –
      1. संघ सूची
      2. राज्य सूची
      3. समवर्ती सूची
  8. प्रतिरक्षा, विदेशी मामले, बैंकिंग, संचार और मुद्रा संघ सूची के अंतर्गत आते हैं।
  9. व्यापार, कृषि, सिंचाई और पुलिस जैसे प्रांतीय और स्थानीय विषय राज्य सूची के अंतर्गत आते हैं।
  10. शिक्षा, वन, मज़दूर संघ, विवाह, गोद आदि विषय समवर्ती सूची में शामिल किए गए हैं।
  11. संघवाद दो या दो से अधिक स्तरों में बँटा हुआ होता है।
  12. भारत में 73वाँ संविधान संशोधन के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई।
  13.  हमारे संविधान में किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है।
  14. भारत ने सन् 1947 में लोकतंत्र की राह पर अपनी जीवन यात्रा शुरू की।
  15. संघवाद से देश की एकता और अखंडता की रक्षा होती है।
  16. विशेष शक्तियों का लाभ असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम को प्राप्त है।
  17. संविधान में हिन्दी के अलावा अन्य 21 भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है। कुल 22 भाषाएँ हैं।
  18. सत्ता का विभिन्न स्तरों के बीच ऊर्ध्वाधर वितरण लोकतंत्र कहलाता है।
  19. सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती हैं, पर कानून बनाने, कर वसूलने और प्रशासन का उनका अपना-अपना अधिकार क्षेत्र होता है।
  20. संघीय शासन व्यवस्था के दो उद्देश्य होते हैं – देश की एकता की सुरक्षा करना और उसे बढ़ावा देना।
  21. भाषा के आधार पर प्रांतों का गठन हमारे देश की लोकतांत्रिक राजनीति की पहली और कठिन परीक्षा थी।
  22. राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट को सन् 1956 में लागू किया गया।
  23. भारत में हिन्दी लगभग 44 प्रतिशत लोगों की मातृभाषा है।
  24. भारतीय संविधान में भारत को राज्यों का संघ घोषित किया गया है।
  25. प्रतिरक्षा और विदेशी मामले संघ सूची में शामिल होते हैं।
  26. भाषाओं को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में रखा गया है।
  27. भारत, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, स्विट्जरलैंड आदि देशों में संघात्मक शासन व्यवस्था लागू है।
  28. भारत में शासन का तीसरा स्तर पंचायत एवं नगरीय विकास है।
  29. शासन के दो रूप होते हैं – एकात्मक शासन व्यवस्था और संघात्मक शासन व्यवस्था।

अध्याय – 3 : जाति, धर्म और लैंगिक मसले

  1. लैंगिक विभाजन सामाजिक अपेक्षाओं पर आधारित होता है।
  2. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में साक्षरता दर 73 प्रतिशत थी।
  3. 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुषों की साक्षरता दर 76 प्रतिशत थी।
  4. 2011 की जनगणना के अनुसार लिंग अनुपात 943 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष था।
  5. 2011 में देश की आबादी में अनुसूचित जनजातियों का हिस्सा 8.6 प्रतिशत था।
  6. धर्म के आधार पर भेदभाव न करने वाले व्यक्ति को धर्मनिरपेक्ष कहा जाता है।
  7. महिलाओं के लिए पंचायतों में एक तिहाई स्थान आरक्षित है।
  8. भारत की आबादी में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों का हिस्सा लगभग दो-तिहाई है।
  1. जब हम लैंगिक विभाजन की बात करते हैं तो हमारा अभिप्राय समाज द्वारा स्त्री पुरुष को दी गई असमान भूमिकाओं से है।
  2. जातिवाद पर आधारित सामाजिक विभाजन सिर्फ भारत में ही है।
  3. भारत में औसतन एक स्त्री एक पुरुष की तुलना में रोज 1 घण्टा ज्यादा काम करती है।
  4. भारत में राज्यों की विधान सभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 8 फीसदी से अधिक हैं।
  5. 2011 की जनगणना के अनुसार प्रति हजार बालकों पर बालिकाओं की संख्या 919 थी।
  6. निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  7. भारत में मुस्लिम लीग की स्थापना 1906 ई. में हुई।
  8. हमारे देश के सभी स्त्री-पुरुष जिनकी आयु 18 वर्ष है, उन्हें वोट देने का अधिकार है। इसे वयस्क मताधिकार कहते हैं।
  9. भारत में बहुदलीय प्रणाली प्रचलित है।
  10. भारत में चुनाव, चुनाव आयोग द्वारा सम्पन्न कराए जाते हैं।
  11. लैंगिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति और इस सवाल पर राजनीतिक गोलबंदी ने सार्वजनिक जीवन में औरतों की भूमिका को बढ़ाने में मदद की है।
  12. महिलाओं में साक्षरता की दर 2011 के अनुसार 54 प्रतिशत एवं पुरुषों में 76 प्रतिशत है।
  13. 2011 के अनुसार आज भी उच्च पद प्राप्त महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा कम है।
  14. समान मजदूरी से संबंधित अधिनियम में कहा गया है कि “समान काम के लिए समान मजदूरी दी जाएगी” आज के परिवेश में यह कथन असत्य है।
  15. भारत की विधायिका में महिला प्रतिनिधियों का अनुपात बहुत कम है।
  16. भारत में पंचायती राज के अंतर्गत एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं।
  17. महिला संगठनों की माँग है कि लोकसभा एवं राज्य विधान सभाओं की भी एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होनी चाहिए।
  18. वर्ण-व्यवस्था अन्य जाति समूहों से भेदभाव और उन्हें अपने से अलग मानने की धारणा पर आधारित है।

अध्याय – 4 राजनीतिक दल

  1. राजनीतिक दलों को मान्यता देने के लिए निर्वाचन आयोग बनाया गया है।
  2. भारत में निर्वाचन आयोग का कार्यालय दिल्ली में है।
  3. भारत में 5 वर्षों के बाद चुनाव होते हैं।
  4. निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  5. चुनाव में बहुमत प्राप्त दल को सत्तारूढ़ दल कहते हैं।
  6. जनमत-निर्माण में दल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  7. नागरिकों का प्रतिनिधि चुनने का अधिकार मताधिकार कहलाता है।
  8. बहुजन समाज पार्टी का गठन सन् 1984 में किया गया।
  9. कई दल मिलकर जब सरकार बनाते हैं तब वह साझा सरकार या गठबंधन सरकार कहलाती है।
  10. यूनाइटेड किंगडम (इंग्लैंड) में द्विदलीय व्यवस्था है।
  11. बहुमत प्राप्त न करने वाले राजनैतिक दल को विपक्ष कहते हैं।
  12. “भारतीय जनसंघ को 1980 में पुनर्जनन करके” भारतीय जनता पार्टी का गठन किया गया।
  13. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में की गई।
  14. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस जनवरी 1998 को ममता बनर्जी के नेतृत्व में बनी।
  15. राजनीतिक दल देश के कानून निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाता है।
  16. लोकतंत्र में नागरिकों का कोई भी समूह राजनीतिक दल बना सकता है।
  17. जिन देशों में एक ही दल को सरकार बनाने एवं चलाने की अनुमति होती है उन्हें एकदलीय शासन व्यवस्था कहा जाता है।
  18. दूसरे दलों के साथ मिलकर (गठबंधन) सत्ता चलाने का कार्य बहुदलीय व्यवस्था कहलाता है।
  19. सन् 2004 के संसदीय चुनाव में भारत में तीन प्रमुख गठबंधन थे:
  20. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन
  21. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन
  22. बहुदलीय व्यवस्था
  23. बहुजन समाज पार्टी का निर्माण स्व. कांशीराम के नेतृत्व में हुआ।
  24. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) की स्थापना सन् 1964 में हुई।
  25. कांग्रेस पार्टी में विभाजन के बाद सन् 1999 में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का निर्माण हुआ। इंडियन नेशनल काँग्रेस
  26. क्षेत्रीय दल वे दल हैं जिनका निर्माण किसी क्षेत्र विशेष में होता है जो आमतौर पर राज्य से प्राप्त होता है।
  27. देश में किसी नई पार्टी को निर्वाचन आयोग में अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होता है।

अध्याय – 5 लोकतंत्र के परिणाम

  1. लोकतंत्र में सभी नागरिकों को एक ही वोट देने का अधिकार है।
  2. भारत और जर्मनी ऐसे दो देश हैं, जहाँ लोकतंत्र मजबूत है।
  3. आधुनिक लोग अन्य किसी भी वैकल्पिक शासन व्यवस्था की तुलना में लोकतंत्र को पसंद करते हैं।
  4. लोकतंत्र के परिणामों का मूल्यांकन:
    1. नागरिकों में समानता को बढ़ावा देता है।
    1. व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है।
    1. लोकतंत्र में गलतियों को सुधारने की गुंजाइश होती है।
  5. आज विश्व के लगभग 200 देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू है।
  6. लोकतंत्र सभी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं का समाधान कर सकता है।
  7. लोकतंत्र हमारी सभी सामाजिक बुराइयों को मिटा देने वाली जादू की छड़ी है।
  8. “जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए शासन” अब्राहम लिंकन की परिभाषा है।
  9. लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसी सरकार का गठन होता है, जो कायदे-कानून मानने में विश्वास रखती है।
  10. लोकतांत्रिक व्यवस्था राजनीतिक समानता पर निर्भर होती है।
  11. अलोकतांत्रिक व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं होती है।
  12. आर्थिक विकास कई कारकों पर निर्भर करता है:
    1. जनसंख्या का आकार
    1. वैश्विक स्थिति
    1. अन्य देशों से सहयोग
    1. आर्थिक प्राथमिकताएँ
  13. तानाशाही और लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के आर्थिक विकास में अंतर होता है।
  14. लोकतांत्रिक व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है।
  15. लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाएँ शांति और सद्भाव का जीवन जीने में नागरिकों के लिए मददगार साबित होती हैं।
  16. लोकतंत्र की जरूरी शर्त है कि महिलाओं के साथ गरिमा और समानता का व्यवहार किया जाए।
  17. सफल प्रजातंत्र के लिए लिखित संविधान होना आवश्यक है।
  18. लोकतंत्र में जनता का हित सर्वोपरि होता है।
  19. प्रजातंत्र दो प्रकार के होते हैं – प्रत्यक्ष प्रजातंत्र, अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र।
  20. राज्य की सर्वोच्च सत्ता संप्रभुता कहलाती है।
  21. गैर-लोकतांत्रिक देशों में मजदूर अपने अधिकारों के लिए माँग उठाने में स्वतंत्र नहीं हैं।
  22. अरस्तु ने प्रजातंत्र को बहुतों का शासन कहा है।
  23. लोकतंत्र “सरकार के उस रूप से संबंधित है जिसमें लोगों की शक्ति का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रयोग किया जाता है।”
  24. भारतीय संविधान 26 जनवरी सन् 1950 को लागू हुआ।
  25. संसार में लोकतांत्रिक, तानाशाही और राजतंत्र प्रकार की सरकारें विद्यमान हैं।
  26. लोकतांत्रिक सरकार को लोगों द्वारा चुना जाता है इसलिए ऐसी सरकार वैध होती है।
  27. आर्थिक समृद्धि के मायने में तानाशाही शासन व्यवस्था का रिकॉर्ड अच्छा है।
  28. जाँच, परख और परीक्षा कभी खत्म नहीं होती, यह लोकतंत्र की विशेषता है।
  29. साम्यवादी शासन व्यवस्था चीन में लागू है।
  30. मानसिक रूप से विकलांग एवं दिवालिया व्यक्ति को मत देने का अधिकार नहीं है।

आर्थिक विकास की समझ

अध्याय – 1 विकास

  1. किसी देश के विकास के तीन संकेतक:
    (i) प्रति व्यक्ति आय, (ii) साक्षरता दर, (iii) स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता।
  2. सरदार सरोवर बाँध नर्मदा नदी पर बना है।
  3. विकास का अर्थ आर्थिक प्रगति के साथ ही समानता एवं स्वतंत्रता भी है।
  4. विभिन्न देशों के विकास की तुलना का एक प्रमुख आधार “प्रति व्यक्ति आय” है।
  5. विभिन्न देशों में विकास की तुलना का एक अन्य आधार “औसत साक्षरता दर” है।
  6. देशों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता उसके विकसित या अविकसित होने को दर्शाता है।
  7. किसी देश की राष्ट्रीय आय को उस देश की कुल जनसंख्या से भाग देकर प्रति व्यक्ति आय ज्ञात की जाती है।
    सूत्र रूप में:
    प्रति व्यक्ति आय = देश की कुल आय / देश की कुल जनसंख्या
  8. विभिन्न देशों की प्रति व्यक्ति आय की तुलना के लिए उसकी गणना डॉलर में की जाती है।
  9. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वह देश जिनकी प्रति व्यक्ति आय 2019 में US $49,300 प्रतिवर्ष या अधिक है, वह समृद्ध देशों की श्रेणी में आते हैं।
  10. भारत मध्य आय वर्ग के देशों की श्रेणी में है।
  11. “शिशु मृत्यु दर” किसी वर्ष में जन्मे प्रति 1000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु के पूर्व मृत होने वाले बच्चों का अनुपात है।
  12. 73 या अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात साक्षरता दर कहलाता है।
  13. भारत का सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाला राज्य – हरियाणा।
  14. भारत का सर्वाधिक साक्षर राज्य – केरल।
  15. केरल में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की मौलिक सुविधाओं की पर्याप्त सुविधाएँ हैं, अत: वहाँ शिशु मृत्यु दर काफी कम है।
  16. HDI का अर्थ है – मानव विकास सूचकांक।
    HDI के प्रमुख सूचक हैं:
    i) प्रति व्यक्ति आय
    ii) जीवन प्रत्याशा
    iii) औसत साक्षरता दर
  17. भूमिगत जल नवीकरणीय संसाधन है।
  18. नवीकरणीय संसाधनों की पुन: पूर्ति प्रकृति करती है।
  19. कच्चा तेल गैर-नवीकरणीय संसाधन है।
  20. गैर-नवीकरणीय संसाधन वर्षों के प्रयोग के पश्चात समाप्त हो जाते हैं।
  21. भारत कच्चे तेल का आयातक है।
  22. प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण दोहन “धारणीय विकास” है।
  23. जीवन प्रत्याशा – किसी व्यक्ति के औसत जीवनकाल का सांख्यिकीय अनुपात है।
  24. सार्वजनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व होता है।
  25. प्रदूषण का मुख्य कारण उद्योगों, कारखानों, परिवहन के साधनों का धुआँ है।
  26. आणविक संरचनाओं में परिवर्तन विकास के साथ ही पर्यावरण की क्षति का कारण भी है।
  27. मानव विकास रिपोर्ट यूएनडीपी प्रकाशित करता है।
  28. यूएनडीपी का पूर्ण रूप है – “संयुक्त राष्ट्र संघ विकास कार्यक्रम”।

अध्याय – 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

  1. भारतीय अर्थव्यवस्था का विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के आधार पर वर्गीकरण:
    • प्राथमिक क्षेत्रक: कृषि, खनन, मत्स्य पालन
    • द्वितीयक क्षेत्रक: विनिर्माण, निर्माण
    • तृतीयक क्षेत्रक: संचार, स्वास्थ्य, प्रशासनिक, शैक्षिक आदि
  2. प्राथमिक क्षेत्रक – प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर किसी वस्तु का उत्पादन।
  3. विनिर्माण क्षेत्रक – प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण प्रणाली द्वारा अन्य उपयोगी उत्पादों के रूप में निर्मित करना।
  4. सेवा क्षेत्रक – प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रों के विकास में सहायक गतिविधियाँ।
  5. देश में एक वर्ष विशेष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य “सकल घरेलू उत्पाद” कहलाता है।
  6. सकल घरेलू उत्पाद का संक्षिप्त रूप है – GDP (Gross Domestic Product)।
  7. कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों को प्रचलित मजदूरी दर पर कार्य न मिलना “बेरोजगारी” कहलाता है।
  8. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्रक में “प्रच्छन्न बेरोजगारी” की स्थिति है।
  9. प्रच्छन्न बेरोजगारी को “छिपी बेरोजगारी” भी कहा जाता है।
  10.  शहरों में अधिकांशत: “शिक्षित बेरोजगार” हैं।
  11. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम – 2005 में लागू हुआ।
  12. नियोजन के आधार पर क्षेत्रकों का विभाजन:
  13. संगठित क्षेत्रक – सरकार द्वारा पंजीकृत।
  14. असंगठित क्षेत्रक – सरकारी नियंत्रण से बाहर।
  15. संगठित क्षेत्रक के लाभ:
    (i) सवेतन अवकाश
    (ii) सेवानुदान
    (iii) चिकित्सकीय लाभ
    (iv) पेंशन

  14. नियोजन के आधार पर क्षेत्रकों का विभाजन:

  1. संगठित क्षेत्रक – सरकार द्वारा पंजीकृत।
  2. असंगठित क्षेत्रक – सरकारी नियंत्रण से बाहर।
  3. प्रमुख उपक्रम – स्वामित्व:
    i. रेलवे – सार्वजनिक क्षेत्रक
    ii. डाकघर – सार्वजनिक क्षेत्रक
    iii. टिस्को (TISCO) – निजी क्षेत्रक
    iv. रिलायंस इंडस्ट्रीज – निजी क्षेत्रक

अध्याय – 3 मुद्रा और साख

  1. मुद्रा विनिमय का माध्यम है।
  2. मुद्रा वस्तुओं व सेवाओं को क्रय करने के लिए आवश्यक है।
  3. मुद्रा के प्रचलन के पूर्व “वस्तु विनिमय प्रणाली” प्रचलित थी।
  4. वस्तु के बदले वस्तु का लेन-देन “वस्तु-विनिमय” कहलाता है।
  5. केवल देश की सरकार ही “मुद्रा” को विनिमय के माध्यम के रूप में प्राधिकृत कर सकती है।
  6. भारत में “भारतीय रिजर्व बैंक” करेंसी नोट जारी करता है।
  7. भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है।
  8. भारत की मुद्रा “रुपया” है।
  9. भिन्न-भिन्न देशों की मुद्राएँ भिन्न-भिन्न होती हैं।
  10. मुद्रा का प्राथमिक कार्य “विनिमय का माध्यम” है।
  11. बैंकों में जमा धन को माँग जमा कहा जाता है।
  12. व्यापारिक बैंक के प्रमुख कार्य:
    (i) धन जमा करना
    (ii) ऋण प्रदान करना
  13. चलन मुद्रा को सरकार द्वारा अमान्य घोषित करने की प्रक्रिया विमुद्रीकरण कहलाती है।
  14. भारत में नवंबर 2016 में 500 एवं 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण किया गया।
  15. चेक का प्रयोग स्थगित भुगतान हेतु किया जाता है।
  16. ऋण स्रोत:
    (i) औपचारिक क्षेत्र
    (ii) अनौपचारिक क्षेत्र
  17. औपचारिक क्षेत्र ऋणदाता: बैंक, सहकारी समिति।
  18. अनौपचारिक क्षेत्र ऋणदाता: साहूकार, महाजन, व्यापारी।
  19. औपचारिक क्षेत्र ऋणदाता की कार्यप्रणाली पर नियंत्रण करने वाली संस्था – रिजर्व बैंक है।
  20. अनौपचारिक क्षेत्र ऋणदाता की कार्यप्रणाली पर नियंत्रण करने वाली कोई संस्था नहीं है।
  21. ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह ऋण-स्रोत हैं।
  22. स्व-सहायता समूहों में 15-20 सदस्य होते हैं।
  23. स्व-सहायता समूह के सदस्य छोटी बचतें करते हैं।
  24. स्व-सहायता समूह की बचत जरूरतमंदों को ऋण की सुविधा देती है।
  25. अनौपचारिक क्षेत्रों की ऋण पर ब्याज दर “उच्च” होती है।
  26. बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक के संस्थापक – प्रो. मोहम्मद युनूस हैं।
  27. शांति का नोबेल पुरस्कार वर्ष 2006 में प्रो. मोहम्मद युनूस को दिया गया।

अध्याय – 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

  1. वैश्वीकरण – विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया है।
  2. बहुराष्ट्रीय कंपनी – जिसका एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण एवं स्वामित्व होता है।
  3. बहुराष्ट्रीय कंपनी का संक्षिप्त रूप – MNC।
  4. बहुराष्ट्रीय कंपनियों का उद्देश्य है:
    (i) उत्पादन लागत कम करना
    (ii) अधिक लाभ कमाना
  5. विकासशील देशों में सस्ता श्रम, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है।
  6. स्थायी परिसंपत्तियों पर किया गया व्यय निवेश कहलाता है।
  7. भूमि, भवन, मशीनरी आदि स्थायी परिसंपत्तियाँ होती हैं।
  8. वैश्वीकरण के प्रसार में सहायक – सूचना प्रौद्योगिकी।
  9. विश्व व्यापार संगठन का संक्षिप्त रूप – WTO (World Trade Organization)।
  10. विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्य है, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना।
  11. विश्व व्यापार संगठन की सदस्य संख्या – लगभग 160।
  12. आयात पर कर – व्यापार अवरोधक कहलाते हैं।
  13. उदारीकरण – सरकार द्वारा व्यापार अवरोधकों को हटाने की प्रक्रिया।
  14. भारत की नई आर्थिक नीति – 1991 में लागू हुई।
  15. भारत की नई आर्थिक नीति (1991) के कदम:
    (i) उदारीकरण
    (ii) निजीकरण
    (iii) वैश्वीकरण
  16. आयात कोटा – सरकार द्वारा आयातित वस्तुओं की संख्या सीमित करना।
  17. भारत की कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नाम:
    (i) टाटा मोटर्स (मोटर गाड़ियाँ)
    (ii) इंफोसिस (आई.टी.)
    (iii) रैनबैक्सी (दवाइयाँ)
    (iv) एशियन पेंट्स (पेंट)
    (v) सुंदरम फास्नर्स (नट, बोल्ट)
  18. वैश्वीकरण के सकारात्मक परिणाम:
    (i) रोजगार में वृद्धि
    (ii) उपभोक्ता के समक्ष वस्तुओं के विकल्प
  19. वैश्वीकरण के नकारात्मक परिणाम:
    (i) लघु एवं कुटीर उद्योगों को हानि
    (ii) बढ़ती प्रतिस्पर्धा एवं अनिश्चित रोजगार

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