श्लोककण्ठस्थीकरणम् MP Board Class 10th Sanskrit Shloka Memorization

MP Board Class 10th Sanskrit Shloka Memorization (श्लोककण्ठस्थीकरणम् ): संस्कृत भाषा में श्लोक एक विशेष प्रकार का छंद होता है, जो प्राचीन ग्रंथों, महाकाव्यों एवं धार्मिक ग्रंथों में प्रयुक्त होता है। यह अनुष्टुप छंद में रचित होता है, जिसमें प्रत्येक पंक्ति में ८-८ अक्षर होते हैं। श्लोक का प्रयोग मुख्यतः रामायण, महाभारत, भगवद्गीता एवं अन्य ग्रंथों में किया गया है।

श्लोक के प्रकार (Types of Shloka)

संस्कृत साहित्य में श्लोक विभिन्न प्रकार के होते हैं—

  1. धार्मिक श्लोक – ईश्वर की स्तुति एवं आध्यात्मिक ज्ञान से संबंधित।
  2. नीतिश्लोक – नैतिकता, सदाचार एवं जीवन के मूल सिद्धांतों को दर्शाने वाले।
  3. प्रेरणादायक श्लोक – आत्मविश्वास, परिश्रम एवं सफलता से जुड़े हुए।
  4. शिक्षाप्रद श्लोक – विद्यार्थियों के लिए ज्ञान एवं शिक्षा से संबंधित।
  5. संस्कृत महाकाव्यों के श्लोक – रामायण, महाभारत एवं अन्य ग्रंथों से लिए गए।

उदाहरण (Examples of Shloka)

१. धार्मिक श्लोक

📖 श्लोक: “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।” अर्थ: मनुष्य को केवल कर्म करने का अधिकार है, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।

२. नीतिश्लोक

📖 श्लोक: “विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम्।” अर्थ: विद्या विनय प्रदान करती है, विनय से पात्रता आती है।

३. प्रेरणादायक श्लोक

📖 श्लोक: “उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।” अर्थ: केवल सोचने से कार्य सिद्ध नहीं होते, उन्हें करने से सफलता मिलती है।

४. शिक्षाप्रद श्लोक

📖 श्लोक: “क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत्।” अर्थ: विद्या को क्षण-क्षण में अर्जित करना चाहिए, धन को कण-कण में संचित करना चाहिए।

५. महाकाव्य से श्लोक

📖 श्लोक: “रामो विग्रहवान् धर्मः साधुः सत्यपराक्रमः।” अर्थ: श्रीराम धर्म के मूर्त स्वरूप हैं, वे सत्य और पराक्रम से युक्त हैं।

कक्षा 10वीं की एनसीईआरटी संस्कृत पाठ्यपुस्तक “शेमुषी भाग-2” में कई महत्वपूर्ण श्लोक दिए गए हैं। यहाँ 10 संपूर्ण श्लोक प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जो छात्रों के लिए सीखने योग्य हैं—

1. बुद्धिर्बलवती सदा (Chapter 2)

श्लोक: न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते। तत्स्वयं योगसंसिद्धः कालेनात्मनि विन्दति॥

अर्थ: इस संसार में ज्ञान के समान कोई पवित्र वस्तु नहीं है। योग द्वारा सिद्ध व्यक्ति स्वयं इसे समय के साथ प्राप्त करता है।

2. व्यायामः सर्वदा पथ्यः (Chapter 3)

श्लोक: शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्। नास्ति मेघसमं तोयं न च व्यायामसमं बलम्॥

अर्थ: शरीर ही सभी धर्मों के पालन का प्रथम साधन है। वर्षा का जल सर्वोत्तम होता है, और व्यायाम से उत्तम बल प्राप्त होता है।

3. सुभाषितानि (Chapter 6)

श्लोक: विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम्। पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम्॥

अर्थ: विद्या विनय प्रदान करती है, विनय से पात्रता आती है। पात्रता से धन प्राप्त होता है, धन से धर्म और अंततः सुख की प्राप्ति होती है।

4. सौहार्दं प्रकृतेः शोभा (Chapter 7)

श्लोक: वसुधैव कुटुम्बकम्। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः॥

अर्थ: संपूर्ण पृथ्वी एक परिवार के समान है। सभी सुखी रहें, सभी स्वस्थ रहें।

5. सूक्तयः (Chapter 9)

श्लोक: असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मा अमृतं गमय॥

अर्थ: असत्य से सत्य की ओर ले चलो। अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मृत्यु से अमृतत्व की ओर ले चलो।

6. भगवद्गीता से प्रेरित श्लोक

श्लोक: कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

अर्थ: मनुष्य को केवल कर्म करने का अधिकार है, लेकिन उसे फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।

7. हितोपदेश से प्रेरित श्लोक

श्लोक: सत्यमेव जयते नानृतम्। धर्मेण पथो विजयते॥

अर्थ: सत्य की ही विजय होती है, असत्य की नहीं। धर्म के मार्ग पर चलने से सफलता प्राप्त होती है।

8. रामायण से प्रेरित श्लोक

श्लोक: रामो विग्रहवान् धर्मः साधुः सत्यपराक्रमः। राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां प्रियदर्शनः॥

अर्थ: श्रीराम धर्म के मूर्त स्वरूप हैं, वे सत्य और पराक्रम से युक्त हैं। वे सभी लोकों के राजा हैं और देवताओं को प्रिय हैं।

9. चाणक्य नीति से प्रेरित श्लोक

श्लोक: शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्। नास्ति मेघसमं तोयं न च व्यायामसमं बलम्॥

अर्थ: शरीर ही सभी धर्मों के पालन का प्रथम साधन है। वर्षा का जल सर्वोत्तम होता है, और व्यायाम से उत्तम बल प्राप्त होता है।

10. महाभारत से प्रेरित श्लोक

श्लोक: यतो धर्मस्ततो जयः। धर्मेण पथो विजयते॥

अर्थ: जहाँ धर्म होता है, वहीं विजय होती है। धर्म के मार्ग पर चलने से सफलता प्राप्त होती है।

ये श्लोक कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं और परीक्षा में भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। यदि आपको किसी विशेष अध्याय के श्लोक चाहिए, तो मुझे बताइए! आप यहाँ से पूरी पुस्तक देख सकते हैं।

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