अध्याय 2: अम्ल, क्षारक एवं लवण MP Board 10th Science chapter 2 Acid Base and Salt

अध्याय 2: अम्ल, क्षारक एवं लवण

लिटमस विलयन एवं अम्ल-क्षारक सूचक: प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: लिटमस विलयन क्या होता है?

उत्तर:
लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है, जो थैलोफाइटा समूह के लिचेन (lichen) पौधे से निकाला जाता है। इसे अम्ल-क्षारक सूचक के रूप में प्रयोग किया जाता है।


प्रश्न 2: लिटमस विलयन का रंग कब बैंगनी होता है?

उत्तर:
जब लिटमस विलयन न तो अम्लीय होता है और न ही क्षारकीय, तब इसका रंग बैंगनी होता है।


प्रश्न 3: किन प्राकृतिक पदार्थों को अम्ल-क्षारक सूचक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है?

उत्तर:
कुछ प्राकृतिक पदार्थ, जो अम्ल और क्षार की उपस्थिति को सूचित करते हैं, निम्नलिखित हैं:
* लाल पत्ता गोभी
* हल्दी
* हायड्रेजिया
* पेटूनिया
* जेरानियम
इनकी रंगीन पंखुड़ियाँ विलयन के अम्लीय या क्षारकीय होने को प्रदर्शित करती हैं।


प्रश्न 4: अम्ल-क्षारक सूचक किसे कहते हैं?

उत्तर:
वे पदार्थ, जो किसी विलयन में अम्ल और क्षारक की उपस्थिति को दर्शाते हैं, अम्ल-क्षारक सूचक कहलाते हैं। इन्हें कभी-कभी केवल सूचक भी कहा जाता है।


रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं अम्ल-क्षारक सूचक: प्रश्न-उत्तर प्रारूप

प्रश्न 1: आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल है, दूसरी में अम्लीय विलयन और तीसरी में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है, तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?

उत्तर:
* लाल लिटमस पत्र अम्लीय विलयन में कोई परिवर्तन नहीं करेगा।
* लाल लिटमस पत्र क्षारीय विलयन में नीला हो जाएगा।
* यदि किसी विलयन में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो वह आसवित जल होगा।
इस प्रकार, तीनों परखनलियों की पहचान केवल लाल लिटमस पत्र की सहायता से की जा सकती है।


प्रश्न 2: अम्ल एवं क्षारक के रासायनिक गुणधर्म क्या होते हैं?

उत्तर:

गुणधर्मअम्ल (Acid)क्षारक (Base)
स्वादखट्टाकड़वा
लिटमस प्रभावलाल लिटमस को नीला नहीं करता, नीला लिटमस लाल हो जातालाल लिटमस को नीला करता, नीला लिटमस को नहीं बदलता
धातु के साथ अभिक्रियाहाइड्रोजन गैस उत्पन्न करताकोई स्पष्ट गैस नहीं निकलती
pH मान7 से कम7 से अधिक
स्रोतनींबू, सिरका, दहीसाबुन, चूना, बेकिंग सोडा

प्रश्न 3: पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?

उत्तर:
* दही और खट्टे पदार्थ अम्लीय प्रकृति के होते हैं।
* ये अम्ल ताँबे (\ce{Cu}) और पीतल (\ce{Cu+Zn} मिश्रधातु) के साथ अभिक्रिया करके हानिकारक नमक बना सकते हैं।
* यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
* इसलिए ऐसे पदार्थ काँच या स्टील के बर्तन में रखने चाहिए।


प्रश्न 4: धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर कौन सी गैस निकलती है? एक उदाहरण द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच कैसे करेंगे?

उत्तर:
* धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया से सामान्यतः हाइड्रोजन गैस (\ce{H2}) निकलती है।
* उदाहरण:
\ce{Zn + 2HCl -> ZnCl2 + H2}
* इस गैस की उपस्थिति की जाँच:
o एक जलती हुई मोमबत्ती लाकर हाइड्रोजन गैस के निकास के पास रखने पर “पॉप” की आवाज होगी।
o यह हाइड्रोजन की उपस्थिति की पुष्टि करता है।


प्रश्न 5: कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड हैं, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।

उत्तर:
* चूँकि गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है, इसका अर्थ है कि यह कार्बन डाइऑक्साइड (\ce{CO2}) गैस है।
* संभावित अभिक्रिया:
\ce{CaCO3 + 2HCl -> CaCl2 + CO2 + H2O}
* इसमें कैल्सियम क्लोराइड (\ce{CaCl2}), कार्बन डाइऑक्साइड (\ce{CO2}) और जल (\ce{H2O}) का निर्माण होता है।


अम्ल एवं क्षारक: प्रश्न-उत्तर प्रारूप

प्रश्न 1: \ce{HCl, HNO3} आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?

उत्तर:
\ce{HCl, HNO3} आदि अम्ल जल में घुलने पर हाइड्रोजन आयन (\ce{H+}) या हाइड्रोनियम आयन (\ce{H3O+}) उत्पन्न करते हैं, जिससे ये अम्लीय गुण दर्शाते हैं।
जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ के अणु जल में घुलने पर हाइड्रोजन आयन नहीं छोड़ते, इसलिए ये अम्लीयता नहीं दर्शाते।


प्रश्न 2: अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?

उत्तर:
अम्ल जब जल में घुलते हैं तो वे आयन (\ce{H3O+} और \ce{X-}) उत्पन्न करते हैं, जिससे विलयन विद्युत का चालन करता है।
उदाहरण:
\ce{HCl + H2O -> H3O+ + Cl-}
ये आयन्स इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को संभव बनाते हैं, जिससे विद्युत का चालन होता है।


प्रश्न 3: शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?

उत्तर:
* हाइड्रोक्लोरिक गैस (\ce{HCl}) शुष्क अवस्था में आयनों में विघटित नहीं होती।
* अम्लीय गुण तभी प्रकट होते हैं जब अम्ल जल में घुलकर \ce{H+} या \ce{H3O+} आयन उत्पन्न करे।
* चूँकि यहाँ जल अनुपस्थित है, इसलिए लिटमस पत्र के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता।


प्रश्न 4: अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?

उत्तर:
* यदि जल को अम्ल में मिलाया जाए, तो अम्ल की सांद्रता अधिक होने के कारण अचानक ऊष्मा उत्पन्न होती है।
* इससे अम्ल उछल सकता है और दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है।
* इसलिए हमेशा अम्ल को धीरे-धीरे जल में मिलाना चाहिए ताकि ऊष्मा नियंत्रित रहे।


प्रश्न 5: अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (\ce{H3O+}) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?

उत्तर:
* जब अम्ल को जल में तनुकृत किया जाता है, तो उसका आयतन बढ़ जाता है।
* इससे \ce{H3O+} आयनों की सांद्रता कम हो जाती है।
* परिणामस्वरूप, अम्ल की अम्लीयता घट जाती है, यानी pH बढ़ जाता है।


प्रश्न 6: जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं, तो हाइड्रॉक्साइड आयन (\ce{OH-}) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?

उत्तर:
* यदि अतिरिक्त सोडियम हाइड्रॉक्साइड मिलाया जाए, तो \ce{OH-} आयनों की सांद्रता बढ़ जाती है।
* इससे विलयन अधिक क्षारीय हो जाता है और pH बढ़ जाता है।
* उदाहरण: \ce{NaOH} के अधिक जोड़ने पर विलयन अधिक शक्तिशाली क्षार बन जाता है।


प्राकृतिक स्रोत और अम्ल:

प्राकृतिक स्रोतअम्ल
सिरकाऐसीटिक अम्ल (\ce{CH3COOH})
खट्टा दूध (दही)लैक्टिक अम्ल (\ce{C3H6O3})
संतरासिट्रिक अम्ल (\ce{C6H8O7})
नींबूसिट्रिक अम्ल (\ce{C6H8O7})
इमलीटार्टरिक अम्ल (\ce{C4H6O6})
चींटी का डंकमेथैनॉइक अम्ल (\ce{HCOOH})
टमाटरऑक्सैलिक अम्ल (\ce{C2H2O4})
नेटल (बिच्छू बूटी) का डंकमेथैनॉइक अम्ल (\ce{HCOOH})

प्रश्न 7: विलयन ‘A’ (pH = 6) और विलयन ‘B’ (pH = 8) में से किसमें हाइड्रोजन आयन (\ce{H+}) की सांद्रता अधिक है? कौन अम्लीय है और कौन क्षारकीय?

उत्तर:
* हाइड्रोजन आयन (\ce{H+}) की सांद्रता:
o pH मान जितना कम होता है, \ce{H+} आयनों की सांद्रता उतनी अधिक होती है।
o विलयन ‘A’ (pH = 6) में \ce{H+} की सांद्रता अधिक है।
o विलयन ‘B’ (pH = 8) में \ce{H+} की सांद्रता कम है।
* विलयन की प्रकृति:
o विलयन ‘A’ (pH = 6) → अम्लीय (क्योंकि pH < 7)
o विलयन ‘B’ (pH = 8) → क्षारकीय (क्योंकि pH > 7)


प्रश्न 8: \ce{H+}(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर:
* \ce{H+} आयनों की सांद्रता अधिक होने पर:
o विलयन अम्लीय होता है (pH < 7)।
* \ce{H+} आयनों की सांद्रता कम होने पर:
o विलयन क्षारकीय होता है (pH > 7)।
* \ce{H+} और \ce{OH-} आयनों की सांद्रता बराबर होने पर:
o विलयन उदासीन होता है (pH = 7, जैसे शुद्ध जल)।


प्रश्न 9: क्या क्षारकीय विलयन में \ce{H+}(aq) आयन होते हैं? यदि हाँ, तो फिर वह क्षारकीय क्यों होता है?

उत्तर:
* हाँ, क्षारकीय विलयन में भी \ce{H+} आयन होते हैं, लेकिन बहुत कम मात्रा में।
* क्षारकीय विलयन में \ce{OH-} आयनों की सांद्रता, \ce{H+} आयनों से अधिक होती है, जिससे pH > 7 हो जाता है।
* उदाहरण: \ce{NaOH} विलयन में \ce{OH-} आयन अधिक होते हैं, इसलिए वह क्षारकीय होता है।


प्रश्न 10: किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा चूना (\ce{CaO}), बुझा चूना (\ce{Ca(OH)2}) या चॉक (\ce{CaCO3}) का उपयोग करेगा?

उत्तर:
* अम्लीय मृदा (pH < 7) में:
o किसान बिना बुझा चूना (\ce{CaO}) या बुझा चूना (\ce{Ca(OH)2}) का उपयोग करता है, क्योंकि ये मृदा की अम्लीयता को कम करके pH बढ़ाते हैं।
o \ce{CaO + H2O -> Ca(OH)2} (तेजी से क्रिया करता है)
o \ce{Ca(OH)2} (धीरे-धीरे क्रिया करता है)
* हल्की अम्लीय या संतुलित मृदा में:
o चॉक (\ce{CaCO3}) का उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे अम्ल को उदासीन करता है।
o \ce{CaCO3 + 2H+ -> Ca^2+ + CO2 + H2O}
सारांश तालिका:

मृदा की स्थितिउपयोगी पदार्थप्रभाव
अत्यधिक अम्लीयबिना बुझा चूना (\ce{CaO})तेजी से pH बढ़ाता है
सामान्य अम्लीयबुझा चूना (\ce{Ca(OH)2})धीरे-धीरे pH बढ़ाता है
हल्की अम्लीयचॉक (\ce{CaCO3})धीमी गति से अम्लीयता कम करता है

प्रश्न 11: \ce{CaOCl2} यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?

उत्तर:
* विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder)
* रासायनिक नाम: कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड (Calcium Oxychloride)


प्रश्न 12: वह पदार्थ जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है?

उत्तर:
* शुष्क बुझा हुआ चूना (Dry Slaked Lime) – \ce{Ca(OH)2}
* अभिक्रिया:

\ce{Ca(OH)2 + Cl2 -> CaOCl2 + H2O}


प्रश्न 13: कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?

उत्तर:
* सोडियम कार्बोनेट (\ce{Na2CO3 \cdot 10H2O}) – धोने का सोडा (Washing Soda)
* कार्यप्रणाली:
o यह कैल्शियम (\ce{Ca^2+}) और मैग्नीशियम (\ce{Mg^2+}) आयनों को अवक्षेपित करके जल को मृदु बनाता है।

\ce{Na2CO3 + CaCl2 -> CaCO3 \downarrow + 2NaCl}


प्रश्न 14: सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (\ce{NaHCO3}) के विलयन को गर्म करने पर क्या होता है? समीकरण लिखिए।

उत्तर:
* उत्पाद: सोडियम कार्बोनेट (\ce{Na2CO3}), जल (\ce{H2O}) और कार्बन डाइऑक्साइड (\ce{CO2}) गैस निकलती है।
* समीकरण:
\ce{2NaHCO3 ->[heat] Na2CO3 + H2O + CO2 \uparrow}
* उपयोग: इस अभिक्रिया का उपयोग बेकिंग सोडा से खाने का सोडा (धोने का सोडा) बनाने में किया जाता है।


प्रश्न 15: प्लास्टर ऑफ पेरिस (\ce{CaSO4 \cdot 1/2H2O}) की जल के साथ अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।

उत्तर:
* उत्पाद: जिप्सम (\ce{CaSO4 \cdot 2H2O}) – यह कठोर ठोस पदार्थ बनाता है।
* समीकरण:
\ce{CaSO4 \cdot 1/2H2O + 3/2H2O -> CaSO4 \cdot 2H2O}
* उपयोग: इस गुण के कारण इसका उपयोग मूर्तियाँ, साँचे और फ्रैक्चर उपचार में किया जाता है।


अम्ल-क्षार, pH एवं अन्य रासायनिक अवधारणाएँ: प्रश्न-उत्तर प्रारूप

प्रश्न 1: कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?

उत्तर:
लाल लिटमस को नीला करने वाला विलयन क्षारीय होता है।
इसलिए इसका pH 7 से अधिक होगा।
सही उत्तर: (d) 10


प्रश्न 2: कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?

उत्तर:
अंडे का कवच मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट (\ce{CaCO3}) से बना होता है।
जब यह अम्ल (\ce{HCl}) से अभिक्रिया करता है, तो कार्बन डाइऑक्साइड (\ce{CO2}) गैस निकलती है।
\ce{CO2} चूने के पानी (\ce{Ca(OH)2}) के साथ प्रतिक्रिया करके दूधिया अवक्षेप बनाती है।
सही उत्तर: (b) \ce{HCl}


प्रश्न 3: \ce{NaOH} का 10 ml विलयन, \ce{HCl} के 8 ml विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम \ce{NaOH} के उसी विलयन का 20 ml लें तो इसे उदासीन करने के लिए \ce{HCl} के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?

उत्तर:
चूँकि 10 ml \ce{NaOH} को 8 ml \ce{HCl} द्वारा उदासीन किया जाता है, तो 20 ml \ce{NaOH} के लिए \ce{HCl} की मात्रा दोगुनी होगी।
सही उत्तर: (d) 16 ml


प्रश्न 4: अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?

उत्तर:
अपच अम्लता के कारण होता है, जिसे एंटी-एसिड (Antacid) द्वारा कम किया जाता है।
सही उत्तर: (c) ऐन्टैसिल


प्रश्न 5: निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए पहले शब्द-समीकरण लिखें, फिर संतुलित समीकरण।

(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल वानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
शब्द-समीकरण:
जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
संतुलित समीकरण:
\ce{Zn + H2SO4 -> ZnSO4 + H2}
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
शब्द-समीकरण:
मैग्नीशियम + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
संतुलित समीकरण:
\ce{Mg + 2HCl -> MgCl2 + H2}
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
शब्द-समीकरण:
ऐलुमिनियम + सल्फ्यूरिक अम्ल → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
संतुलित समीकरण:
\ce{2Al + 3H2SO4 -> Al2(SO4)3 + 3H2}
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
शब्द-समीकरण:
लौह + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → लौह (II) क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
संतुलित समीकरण:

\ce{Fe + 2HCl -> FeCl2 + H2}


प्रश्न 6: ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं, लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। इसे एक क्रियाकलाप द्वारा साबित करें।

उत्तर:
* क्रियाकलाप:
o ऐल्कोहॉल या ग्लूकोज़ का जलीय विलयन विद्युत अपघटन में विद्युत धारा का चालन नहीं करता।
o जबकि \ce{HCl} या \ce{HNO3} जल में घुलने पर हाइड्रोजन आयन (\ce{H+}) उत्पन्न करता है और विद्युत प्रवाहित करता है।
* निष्कर्ष:
o ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ हाइड्रोजन आयन नहीं छोड़ते, इसलिए वे अम्लीय नहीं होते।


प्रश्न 7: आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?

उत्तर:
* आसवित जल में कोई आयन नहीं होते, इसलिए यह विद्युत का चालन नहीं करता।
* वर्षा जल में \ce{CO2} और अन्य घुले हुए लवण होते हैं, जो आयनों के रूप में मौजूद रहते हैं, जिससे यह विद्युत का चालन करता है।


प्रश्न 8: जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?

उत्तर:
* अम्लीयता तब प्रकट होती है जब अम्ल \ce{H+} या \ce{H3O+} आयन उत्पन्न करता है।
* बिना जल के, अम्ल आयनों में विघटित नहीं हो सकता, इसलिए अम्लीयता प्रदर्शित नहीं होती।


प्रश्न 9: पाँच विलयनों A, B, C, D, E के pH क्रमशः 4, 1, 11, 7 एवं 9 हैं। इनमें कौन सा विलयन:

उत्तर:
(a) उदासीन है? → D (pH = 7)
(b) प्रबल क्षारीय है? → C (pH = 11)
(c) प्रबल अम्लीय है? → B (pH = 1)
(d) दुर्बल अम्लीय है? → A (pH = 4)
(e) दुर्बल क्षारीय है? → E (pH = 9)
हाइड्रोजन आयन की सांद्रता का आरोही क्रम: C > E > D > A > B


प्रश्न 10: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (\ce{HCl}) और ऐसिटिक अम्ल (\ce{CH3COOH}) में समान मात्रा और सांद्रता होने के बावजूद कौन सा अधिक तेजी से बुदबुदाहट उत्पन्न करेगा और क्यों?

उत्तर:
परखनली ‘A’ में \ce{HCl} अधिक तेज़ी से बुदबुदाहट उत्पन्न करेगा, क्योंकि यह एक मजबूत अम्ल है और पूरी तरह आयनित हो जाता है।
\ce{CH3COOH} (एसीटिक अम्ल) एक दुर्बल अम्ल है, जो आंशिक रूप से आयनित होता है।


प्रश्न 11: ताज़े दूध का pH 6 होता है। दही बनने पर इसका pH कैसे बदलता है?

उत्तर:
* दही बनने पर pH घट जाता है क्योंकि दूध में लैक्टिक अम्ल (\ce{C3H6O3}) बनता है।
* pH 6 से घटकर लगभग 4 – 5 हो जाता है।


प्रश्न 12: दूध में बेकिंग सोडा मिलाने पर:

(a) pH थोड़ा बढ़कर क्षारीय क्यों हो जाता है?
* क्योंकि बेकिंग सोडा (\ce{NaHCO3}) क्षारीय प्रकृति का होता है।
(b) दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
* बेकिंग सोडा लैक्टिक अम्ल बनने की प्रक्रिया धीमी कर देता है, जिससे दही बनने में अधिक समय लगता है।


प्रश्न 13: प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।

उत्तर:
* प्लास्टर ऑफ पेरिस (\ce{CaSO4 \cdot 1/2H2O}) जब जल से संपर्क करता है, तो वह जल को अवशोषित कर कठोर जिप्सम (\ce{CaSO4 \cdot 2H2O}) में परिवर्तित हो जाता है।
* यदि इसे खुले वातावरण में रखा जाए, तो यह नमी अवशोषित कर कठोर हो सकता है, जिससे इसका उपयोग बाधित होगा।
* इसलिए प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी (एयरटाइट) बर्तन में रखा जाता है।
रासायनिक समीकरण:

\ce{CaSO4 \cdot 1/2H2O + 3/2H2O -> CaSO4 \cdot 2H2O}


प्रश्न 14: उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर:
जब अम्ल और क्षार परस्पर अभिक्रिया करते हैं और नमक एवं जल का निर्माण होता है, तो इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण 1: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड
\ce{HCl + NaOH -> NaCl + H2O}
(यह अभिक्रिया नमक (\ce{NaCl}) और जल (\ce{H2O}) उत्पन्न करती है।)
उदाहरण 2: सल्फ्यूरिक अम्ल और कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड
\ce{H2SO4 + Ca(OH)2 -> CaSO4 + 2H2O}
(यह अभिक्रिया कैल्शियम सल्फेट (\ce{CaSO4}) और जल (\ce{H2O}) उत्पन्न करती है।)


प्रश्न 15: धोने का सोडा और बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।

उत्तर:
धोने का सोडा (\ce{Na2CO3 \cdot 10H2O}) के उपयोग:
1. कठोर जल को नरम करने में उपयोग किया जाता है।
2. काँच और साबुन बनाने में सहायक होता है।
बेकिंग सोडा (\ce{NaHCO3}) के उपयोग:
1. खाद्य पदार्थों को फुलाने (बेकिंग) में प्रयोग किया जाता है।
2. एंटासिड के रूप में अपच और अम्लता को कम करने में उपयोग किया जाता है।


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