Class 9 Hindi Kshitij Chapter Gramshree : कक्षा 9 हिन्दी क्षितिज, भाग-1 के पाठ “ ग्रामश्री ” के महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

Class 9 Hindi Kshitij Chapter Gramshree : कक्षा 9 के एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यपुस्तक (क्षितिज, भाग-1) के पाठ “ग्राम श्री” के लिए प्रश्नों और उत्तरों का एक व्यापक संग्रह दिया गया है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs), रिक्त स्थान पूर्ति, स्तंभ मिलान, लघु उत्तरीय प्रश्न, और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल हैं। प्रश्न पाठ की सामग्री के अनुरूप डिज़ाइन किए गए हैं, जो सुमित्रानंदन पंत की कविता “ग्राम श्री” पर केंद्रित हैं, और पाठ्यपुस्तक की भाषा के अनुसार हिंदी में प्रस्तुत किए गए हैं। उत्तर सटीक और विस्तृत हैं, जो कक्षा 9 के छात्रों के लिए उपयुक्त हैं।


बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

  1. “ग्राम श्री” कविता का मुख्य विषय क्या है?
    a) शहरी जीवन का वर्णन
    b) ग्रामीण सौंदर्य और प्रकृति
    c) स्वतंत्रता संग्राम
    d) धार्मिक भक्ति
    उत्तर: b) ग्रामीण सौंदर्य और प्रकृति
  2. कविता में ग्राम को किसका प्रतीक माना गया है?
    a) आधुनिकता
    b) सादगी और समृद्धि
    c) औद्योगिक विकास
    d) सामाजिक परिवर्तन
    उत्तर: b) सादगी और समृद्धि
  3. कविता में खेतों की तुलना किससे की गई है?
    a) हरे कालीन से
    b) नीले आकाश से
    c) चमकते सितारों से
    d) बहती नदी से
    उत्तर: a) हरे कालीन से
  4. कविता में किस रस की प्रधानता है?
    a) वीर रस
    b) शृंगार रस
    c) करुण रस
    d) शांत रस
    उत्तर: b) शृंगार रस
  5. सुमित्रानंदन पंत ने ग्राम श्री में किस भाव को विशेष रूप से उभारा है?
    a) देशभक्ति
    b) प्रकृति प्रेम
    c) सामाजिक सुधार
    d) आध्यात्मिकता
    उत्तर: b) प्रकृति प्रेम

रिक्त स्थान पूर्ति

  1. “ग्राम श्री” कविता के रचयिता ______ हैं।
    उत्तर: सुमित्रानंदन पंत
  2. कविता में ग्राम को ______ का प्रतीक कहा गया है।
    उत्तर: सादगी और समृद्धि
  3. खेतों को कविता में ______ कालीन के समान बताया गया है।
    उत्तर: हरे
  4. कविता में ______ रस की प्रधानता है।
    उत्तर: शृंगार
  5. ग्राम की नदियाँ ______ के समान बहती हैं।
    उत्तर: चाँदी की धार

स्तंभ मिलान

कॉलम A (पंक्ति/प्रतीक)कॉलम B (संदेश/अर्थ)
1. हरे कालीन सा खेतa) ग्रामीण जीवन की सादगी
2. चाँदी सी नदियाँb) प्रकृति का सौंदर्य
3. ग्राम श्री का वैभवc) खेतों का वर्णन
4. पुष्पों का हासd) नदियों का चित्रण
5. ग्राम की शोभाe) फूलों की सुंदरता

उत्तर:
1-c, 2-d, 3-a, 4-e, 5-b


लघु उत्तरीय प्रश्न

  1. “ग्राम श्री” कविता का मुख्य भाव क्या है?
    उत्तर: कविता का मुख्य भाव ग्रामीण जीवन के सौंदर्य, सादगी और प्रकृति की समृद्धि का चित्रण है। यह ग्राम को सौंदर्य और शांति का प्रतीक दर्शाती है।
  2. कविता में खेतों का वर्णन कैसे किया गया है?
    उत्तर: खेतों को हरे कालीन के समान वर्णित किया गया है, जो ग्राम की समृद्धि और प्रकृति के सौंदर्य को दर्शाता है।
  3. कविता में नदियों की क्या विशेषता बताई गई है?
    उत्तर: नदियाँ चाँदी की धार के समान बहती हैं, जो उनकी निर्मलता और सौंदर्य को व्यक्त करती हैं।
  4. कविता में शृंगार रस की अभिव्यक्ति कैसे हुई है?
    उत्तर: ग्राम के प्राकृतिक सौंदर्य, खेतों, नदियों और फूलों के मनोहारी चित्रण से शृंगार रस की अभिव्यक्ति होती है।
  5. सुमित्रानंदन पंत ने ग्राम को समृद्धि का प्रतीक क्यों कहा है?
    उत्तर: ग्राम की हरियाली, नदियाँ, फूल और सादगी इसकी प्राकृतिक और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं, इसलिए इसे समृद्धि का प्रतीक कहा गया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

  1. “ग्राम श्री” कविता का मुख्य विषय क्या है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर:
    “ग्राम श्री” कविता का मुख्य विषय ग्रामीण जीवन का सौंदर्य, प्रकृति की समृद्धि, और सादगी है। सुमित्रानंदन पंत ने ग्राम को प्रकृति की गोद में बसा एक सुंदर और शांत स्थल के रूप में चित्रित किया है, जो आधुनिक शहरी जीवन के विपरीत सादगी और शांति का प्रतीक है।
    उदाहरण: कविता में पंक्ति है:
    \begin{quote} हरे कालीन-से खेत, चाँदी-सी धार नदी।
    \end{quote} इस पंक्ति में खेतों को हरे कालीन और नदियों को चाँदी की धार के रूप में वर्णित किया गया है, जो ग्राम के प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्धि को दर्शाता है। कविता ग्रामीण जीवन की शोभा और प्रकृति के साथ सामंजस्य को उजागर करती है, जो पाठकों को सादगी की ओर आकर्षित करती है।
  2. कविता में ग्राम के सौंदर्य का वर्णन कैसे किया गया है? व्याख्या कीजिए।
    उत्तर:
    कविता में ग्राम के सौंदर्य का वर्णन अत्यंत चित्रात्मक और मनोहारी ढंग से किया गया है:
    • खेतों का सौंदर्य: खेतों को हरे कालीन के समान वर्णित किया गया है, जो ग्राम की हरियाली और समृद्धि को दर्शाता है।
    • नदियों की निर्मलता: नदियाँ चाँदी की धार के समान बहती हैं, जो उनकी पवित्रता और सौंदर्य को व्यक्त करती हैं।
    • फूलों की शोभा: पुष्पों का हास (मुस्कान) ग्राम की जीवंतता और प्रकृति की सुंदरता को उजागर करता है।
    • प्रकृति का सामंजस्य: ग्राम की हरियाली, नदियाँ और फूल मिलकर एक शांत और सुंदर चित्र प्रस्तुत करते हैं।
      उदाहरण:
      \begin{quote} चाँदी-सी धार नदी, पुष्पों का हास सुंदर।
      \end{quote} इस पंक्ति में नदियों और फूलों का सौंदर्य शृंगार रस के साथ ग्राम की शोभा को बढ़ाता है। सुमित्रानंदन पंत ने इस वर्णन के माध्यम से ग्रामीण जीवन की सादगी और प्रकृति की महिमा को जीवंत किया है।
  3. कविता में शृंगार रस की अभिव्यक्ति कैसे हुई है? उदाहरण सहित समझाइए।
    उत्तर:
    कविता में शृंगार रस की अभिव्यक्ति ग्राम के प्राकृतिक सौंदर्य के चित्रण के माध्यम से हुई है:
    • प्रकृति का सौंदर्य: खेतों, नदियों और फूलों का मनोहारी वर्णन शृंगार रस का संचार करता है, जो सौंदर्य और आनंद की भावना जगाता है।
    • चित्रात्मक भाषा: कविता की बिंबात्मक और अलंकारिक भाषा पाठक के मन में सौंदर्यबोध उत्पन्न करती है।
    • सादगी और शांति: ग्राम की सादगी और प्रकृति की शोभा शृंगार रस को और गहरा करती हैं।
      उदाहरण:
      \begin{quote} हरे कालीन-से खेत, चाँदी-सी धार नदी।
      \end{quote} इस पंक्ति में खेतों और नदियों का सौंदर्यपूर्ण चित्रण शृंगार रस को व्यक्त करता है, जो पाठक के मन में सौंदर्य और आनंद की भावना उत्पन्न करता है। यह रस कविता को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
  4. कविता में ग्राम को सादगी और समृद्धि का प्रतीक क्यों कहा गया है? उदाहरण सहित समझाइए।
    उत्तर:
    कविता में ग्राम को सादगी और समृद्धि का प्रतीक निम्नलिखित कारणों से कहा गया है:
    • प्राकृतिक समृद्धि: ग्राम की हरियाली, नदियाँ और फूल इसकी प्राकृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं, जो भौतिक धन से परे है।
    • सादगी: ग्रामीण जीवन की सादगी और शांति आधुनिक शहरी जीवन के दिखावे और जटिलता के विपरीत है।
    • सांस्कृतिक मूल्य: ग्राम भारतीय संस्कृति और परंपराओं का केंद्र है, जो सादगी में भी समृद्धि को दर्शाता है।
      उदाहरण:
      \begin{quote} ग्राम श्री वैभवपूर्ण, सादगी में बस्ती।
      \end{quote} इस पंक्ति में ग्राम की सादगी और वैभव को एक साथ दर्शाया गया है। सुमित्रानंदन पंत ने ग्राम को प्रकृति और संस्कृति की समृद्धि का प्रतीक बनाकर इसके सौंदर्य और महत्व को उजागर किया है।
  5. “ग्राम श्री” कविता का आज के समाज पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? विस्तार से समझाइए।
    उत्तर:
    “ग्राम श्री” कविता आज के समाज पर निम्नलिखित प्रभाव डाल सकती है:
    • प्रकृति संरक्षण: कविता ग्राम के प्राकृतिक सौंदर्य को उजागर करती है, जो आधुनिक समाज को पर्यावरण संरक्षण और हरियाली की ओर प्रेरित कर सकती है।
    • सादगी की प्रेरणा: ग्राम की सादगी और शांति आज के भौतिकवादी और तनावपूर्ण समाज को सादगीपूर्ण जीवन अपनाने की प्रेरणा दे सकती है।
    • ग्रामीण जीवन का सम्मान: कविता ग्रामीण जीवन की समृद्धि को दर्शाती है, जो शहरी समाज को ग्रामों के महत्व और उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बना सकती है।
    • सांस्कृतिक जागृति: ग्राम को भारतीय संस्कृति का केंद्र दर्शाकर कविता युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़ने और परंपराओं को महत्व देने की प्रेरणा दे सकती है।
    • मानसिक शांति: कविता का शांत और सौंदर्यपूर्ण चित्रण तनावग्रस्त लोगों को प्रकृति और सादगी में शांति खोजने के लिए प्रेरित कर सकता है।
      उदाहरण: कविता की पंक्ति “हरे कालीन-से खेत, चाँदी-सी धार नदी” आज के समाज को प्रकृति के सौंदर्य की ओर आकर्षित करती है और पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देती है।
      इस प्रकार, “ग्राम श्री” कविता प्रकृति प्रेम, सादगी, और सांस्कृतिक जागृति का संदेश देकर आधुनिक समाज को प्रेरित और दिशा प्रदान कर सकती है।

टिप्पणियाँ

  • सामग्री: प्रश्न और उत्तर ग्राम श्री पाठ (सुमित्रानंदन पंत) पर आधारित हैं, जो कक्षा 9 की एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यपुस्तक (क्षितिज, भाग-1) के अनुरूप हैं।
  • प्रश्नों की विविधता: MCQs, रिक्त स्थान पूर्ति, स्तंभ मिलान, लघु उत्तरीय, और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल हैं, जैसा अनुरोधित था।
  • भाषा: सभी प्रश्न और उत्तर हिंदी में हैं, सरल और स्पष्ट भाषा में, जो कक्षा 9 के छात्रों के लिए समझने योग्य है।
  • फोकस: केवल “ग्राम श्री” पाठ के अभ्यास पर केंद्रित, बिना किसी अन्य संदर्भ के।

Leave a Comment