कक्षा 9 हिन्दी गद्य की संस्मरण विधा का सामान्य परिचय : MP Board Class 9 Subject Hindi Sansmaran Gadya Vidha

MP Board Class 9 Subject Hindi Sansmaran Gadya Vidha :

गद्य की विधाओं में संस्मरण: स्मृतियों का कलात्मक पुनर्निर्माण

MP Board Class 9 Subject Hindi Sansmaran Gadya Vidha : हिंदी साहित्य की गद्य विधाएँ हमें जीवन के विविध अनुभवों से परिचित कराती हैं। कहानी, निबंध, एकांकी, यात्रा वृत्तांत और डायरी के साथ-साथ ‘संस्मरण’ भी गद्य की एक महत्वपूर्ण और हृदयस्पर्शी विधा है। संस्मरण हमें अतीत की उन यादों से जोड़ता है जो किसी व्यक्ति, स्थान, घटना या वस्तु के साथ गहराई से जुड़ी होती हैं। यह लेखक के व्यक्तिगत अनुभवों को कलात्मक ढंग से प्रस्तुत कर पाठकों के मन में एक स्थायी छाप छोड़ता है।

संस्मरण क्या है?

‘संस्मरण’ शब्द संस्कृत के ‘सम्यक् स्मरण’ से बना है, जिसका अर्थ है ‘भली-भाँति याद किया हुआ’ या ‘अच्छी तरह से स्मरण किया हुआ’। गद्य साहित्य की वह विधा जिसमें लेखक अपने जीवन में घटित किसी वास्तविक घटना, किसी विशिष्ट व्यक्ति, किसी महत्वपूर्ण स्थान या किसी वस्तु से संबंधित अपनी विश्वसनीय और मार्मिक स्मृतियों (यादों) को कलात्मक और रोचक ढंग से प्रस्तुत करता है, उसे संस्मरण कहते हैं।

संस्मरण लेखन में लेखक अपने अनुभव किए हुए अतीत में झाँकता है और उन यादों को जीवंत कर देता है, जो उसके मन में गहराई से अंकित हो गई हैं। यह केवल घटनाओं का तथ्यात्मक विवरण नहीं होता, बल्कि उन घटनाओं से जुड़ी लेखक की भावनाएँ, विचार और उनका प्रभाव भी इसमें शामिल होता है।

संस्मरण और अन्य संबंधित विधाओं में अंतर:

संस्मरण को अक्सर आत्मकथा या जीवनी जैसी विधाओं से भ्रमित किया जाता है, लेकिन इनमें कुछ मूलभूत अंतर हैं:

  • संस्मरण बनाम आत्मकथा:
    • संस्मरण: लेखक अपने जीवन के किसी एक विशेष व्यक्ति, घटना या कालखंड पर केंद्रित होता है। यह लेखक के जीवन का आंशिक विवरण होता है, जिसमें दूसरों का महत्व भी बराबर होता है। इसमें लेखक दूसरों के बारे में अपनी यादें प्रमुखता से लिखता है।
    • आत्मकथा: लेखक अपने संपूर्ण जीवन का क्रमबद्ध और विस्तृत विवरण स्वयं लिखता है। इसमें ‘मैं’ शैली की प्रधानता होती है और लेखक के अपने जीवन के विभिन्न पड़ावों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • संस्मरण बनाम जीवनी:
    • संस्मरण: लेखक किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अपने व्यक्तिगत संबंध और उससे जुड़ी यादें लिखता है। यह लेखक के अनुभव पर आधारित होता है।
    • जीवनी: किसी दूसरे व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का विस्तृत और क्रमबद्ध इतिहास होता है, जिसे कोई दूसरा लेखक शोध और तथ्यों के आधार पर लिखता है। इसमें लेखक का व्यक्तिगत अनुभव नहीं, बल्कि वस्तुनिष्ठता प्रमुख होती है।
  • संस्मरण बनाम रेखाचित्र:
    • संस्मरण: किसी घटना या व्यक्ति से जुड़ी यादों का कथात्मक और भावनात्मक वर्णन। इसमें कहानीपन अधिक होता है।
    • रेखाचित्र: किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का शब्दों द्वारा खींचा गया चित्र, जिसमें उस व्यक्ति की विशेषताओं को उभारा जाता है। यह अधिक चित्रात्मक और कम कथात्मक होता है।

संस्मरण के प्रमुख तत्व

एक प्रभावी संस्मरण के लिए कुछ विशिष्ट तत्वों का होना आवश्यक है:

  1. स्मृति पर आधारित: संस्मरण का मूल आधार लेखक की अपनी वास्तविक स्मृतियाँ और अनुभव होते हैं। यह सुनी-सुनाई बातों या कल्पना पर आधारित नहीं होता।
  2. सत्यता और विश्वसनीयता: संस्मरण में वर्णित घटनाएँ, व्यक्ति और स्थान विश्वसनीय होने चाहिए। लेखक को तथ्यों और अनुभवों के प्रति ईमानदार रहना होता है, हालाँकि प्रस्तुतीकरण कलात्मक हो सकता है।
  3. व्यक्तिपरकता और आत्मीयता: लेखक अपने व्यक्तिगत दृष्टिकोण, भावनाओं और संवेगों के साथ अपने अनुभवों को प्रस्तुत करता है। इसमें आत्मीयता का पुट होता है, जिससे पाठक स्वयं को उस अनुभव से जुड़ा हुआ महसूस करता है।
  4. कलात्मकता और रोचकता: संस्मरण केवल यादों का संग्रह नहीं है, बल्कि उन्हें कलात्मक और रोचक ढंग से प्रस्तुत करना भी आवश्यक है। लेखक की भाषा शैली, वर्णन क्षमता और प्रस्तुतीकरण का तरीका उसे साहित्यिक सौंदर्य प्रदान करता है।
  5. चित्रण की सजीवता: संस्मरण में वर्णित पात्रों, घटनाओं, स्थानों और परिवेश का चित्रण इतना सजीव होना चाहिए कि वे पाठक के मन में एक स्पष्ट और जीवंत तस्वीर बना सकें।
  6. भावनात्मक गहराई: लेखक का वर्णित व्यक्ति या घटना के प्रति भावनात्मक जुड़ाव संस्मरण को अधिक मार्मिक और प्रभावशाली बनाता है। यह पाठक में भी समान भावनाओं को जागृत कर सकता है।
  7. गैर-कालानुक्रमिकता: आत्मकथा के विपरीत, संस्मरण में घटनाओं का वर्णन हमेशा कालक्रमानुसार हो, यह आवश्यक नहीं है। लेखक अपनी यादों के क्रम में या जो स्मृति सबसे अधिक प्रभावशाली हो, उसे पहले प्रस्तुत कर सकता है।

हिंदी साहित्य में संस्मरण का महत्व

हिंदी साहित्य में संस्मरण विधा ने अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। इसका महत्व कई कारणों से है:

  • इतिहास और समाज का दर्पण: संस्मरण किसी विशेष कालखंड के समाज, संस्कृति, राजनीति और जीवन-शैली का प्रत्यक्षदर्शी विवरण प्रस्तुत करते हैं। वे इतिहास के उन कोनों को उजागर करते हैं जो शायद औपचारिक इतिहास की किताबों में न मिलें।
  • व्यक्तिगत जीवन का अंतरंग दर्शन: संस्मरण हमें महत्वपूर्ण साहित्यकारों, राजनेताओं या सामाजिक कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के अनछुए पहलुओं, उनकी आदतों, स्वभाव और उनसे जुड़ी रोचक घटनाओं से परिचित कराते हैं।
  • अविस्मरणीय पात्रों का निर्माण: कई संस्मरणों में ऐसे गौण पात्रों का जीवंत चित्रण किया जाता है, जो शायद इतिहास में दर्ज न हों, लेकिन लेखक की स्मृतियों में विशेष स्थान रखते हैं। ये पात्र अविस्मरणीय बन जाते हैं।
  • भावनात्मक जुड़ाव: संस्मरण पाठक को लेखक और वर्णित विषय से भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं। वे मानवीय संबंधों, संवेदनाओं और अनुभवों की गहराई को समझने में मदद करते हैं।
  • भाषा का विकास और सहजता: संस्मरण लेखन ने हिंदी गद्य को सरलता, प्रवाहमयता और स्वाभाविक भाषा प्रदान की है। इसमें अलंकरण की बजाय सहज और आत्मीय अभिव्यक्ति पर जोर होता है।
  • आत्मकथा और जीवनी का पूरक: कई संस्मरण किसी व्यक्ति की आत्मकथा या जीवनी के लिए पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं, या उनके विशिष्ट पहलुओं को और अधिक स्पष्ट करते हैं।

प्रमुख हिंदी संस्मरण लेखक और उनकी रचनाएँ

हिंदी संस्मरण साहित्य को समृद्ध करने वाले कई महत्वपूर्ण लेखक हुए हैं:

  1. महादेवी वर्मा: इन्हें हिंदी की सर्वश्रेष्ठ संस्मरण लेखिकाओं में से एक माना जाता है। उनकी रचनाएँ अत्यंत मार्मिक और भावनात्मक गहराई लिए होती हैं।
    • ‘पथ के साथी’: इसमें उन्होंने अपने समकालीन साहित्यकारों (जैसे प्रेमचंद, निराला, प्रसाद, पंत) के साथ अपने अनुभवों और संस्मरणों को लिखा है।
    • ‘स्मृति की रेखाएँ’: इसमें उन्होंने अपने संपर्क में आए साधारण व्यक्तियों (जैसे ग्वालिन, अभागिन, घीसा, रधिया) के अविस्मरणीय चरित्र-चित्रण प्रस्तुत किए हैं।
    • ‘मेरा परिवार’: इसमें उन्होंने अपने पालतू पशु-पक्षियों (जैसे नीलकंठ, गिल्लू) के साथ अपने आत्मीय संबंधों को संस्मरणात्मक शैली में लिखा है।
  2. रामवृक्ष बेनीपुरी: ‘माटी की मूरतें’ उनकी प्रसिद्ध रचना है, जो रेखाचित्र और संस्मरण का अद्भुत संगम है। इसमें उन्होंने ग्रामीण जीवन के साधारण लोगों के असाधारण व्यक्तित्व का चित्रण किया है।
  3. कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’: ‘दीप जले शंख बजे’ और ‘माटी हो गई सोना’ उनके प्रसिद्ध संस्मरण संग्रह हैं, जिनमें उन्होंने अपने आसपास के लोगों और घटनाओं को जीवंत किया है।
  4. विष्णु प्रभाकर: ‘यादों की तीर्थयात्रा’ और ‘मेरे हमसफर’ उनके महत्वपूर्ण संस्मरण हैं। उनकी जीवनी ‘आवारा मसीहा’ (शरतचंद्र पर आधारित) में भी संस्मरणात्मक अंश प्रचुर मात्रा में हैं।
  5. बनारसीदास चतुर्वेदी: इन्हें हिंदी संस्मरण साहित्य के प्रारंभिक और महत्वपूर्ण लेखकों में से एक माना जाता है।
  6. यशपाल: उनकी आत्मकथा ‘सिंहावलोकन’ में संस्मरण के अंश भी मिलते हैं, जिसमें वे अपने क्रांतिकारी जीवन के अनुभवों को साझा करते हैं।
  7. देवेन्द्र सत्यार्थी: ‘रेखाएँ बोल उठीं’, ‘एक युग एक प्रतीक’ उनके संस्मरणों में शामिल हैं।
  8. मोहन राकेश: ‘मोहन राकेश की डायरी’ में यद्यपि यह डायरी है, पर इसमें संस्मरणात्मक पुट भी देखा जा सकता है।

निष्कर्ष

संस्मरण गद्य की एक ऐसी विधा है जो अतीत को वर्तमान में जीवंत करती है। यह केवल यादों का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि लेखक की आत्मा की आवाज है जो अनुभवों को कलात्मक रूप देती है। संस्मरण हमें महत्वपूर्ण व्यक्तियों के अनछुए पहलुओं, बीते हुए कालखंड के यथार्थ और मानवीय संवेदनाओं की गहराई से परिचित कराता है। यह साहित्य में उस सहजता और आत्मीयता को बनाए रखता है जो पाठक को सीधे हृदय से जोड़ती है। हिंदी साहित्य में संस्मरणों ने न केवल अतीत को सहेजा है, बल्कि उसे एक नया अर्थ और नई पहचान भी दी है। यह विधा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी पहले थी क्योंकि यादें ही हमारे जीवन का आधार होती हैं और संस्मरण उन यादों को अमर बनाने का कार्य करता है।


बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) – संस्मरण गद्य विधा

यहाँ ‘संस्मरण’ गद्य विधा पर आधारित 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) उनके उत्तरों के साथ प्रस्तुत किए गए हैं:

निर्देश: सही विकल्प का चयन कीजिए।

  1. ‘संस्मरण’ शब्द किस मूल शब्द से बना है? (अ) सम्यक् स्मरण (ब) संशय (स) संकल्प (द) संवाद

उत्तर: (अ) सम्यक् स्मरण

  1. संस्मरण गद्य साहित्य की वह विधा है जिसमें लेखक अपनी किस चीज को कलात्मक ढंग से प्रस्तुत करता है? (अ) केवल काल्पनिक कहानियों को (ब) अपनी विश्वसनीय और मार्मिक स्मृतियों को (स) भविष्य की योजनाओं को (द) केवल समाचारों को

उत्तर: (ब) अपनी विश्वसनीय और मार्मिक स्मृतियों को

  1. संस्मरण में लेखक अपने जीवन के किस पहलू पर केंद्रित होता है? (अ) पूरे जीवन का क्रमबद्ध विवरण (ब) किसी दूसरे व्यक्ति के पूरे जीवन का इतिहास (स) किसी एक विशेष व्यक्ति, घटना या कालखंड पर (द) केवल अपने बचपन पर

उत्तर: (स) किसी एक विशेष व्यक्ति, घटना या कालखंड पर

  1. संस्मरण का मूल आधार क्या होता है? (अ) कल्पना और अनुमान (ब) सुनी-सुनाई बातें (स) लेखक की अपनी वास्तविक स्मृतियाँ और अनुभव (द) भविष्यवाणियाँ

उत्तर: (स) लेखक की अपनी वास्तविक स्मृतियाँ और अनुभव

  1. संस्मरण की एक प्रमुख विशेषता ‘व्यक्तिपरकता’ से क्या तात्पर्य है? (अ) केवल तथ्यों का वर्णन (ब) लेखक का निजी दृष्टिकोण और भावनात्मक जुड़ाव (स) केवल दूसरों के विचारों को प्रस्तुत करना (द) केवल वस्तुनिष्ठ होकर लिखना

उत्तर: (ब) लेखक का निजी दृष्टिकोण और भावनात्मक जुड़ाव

  1. संस्मरण को केवल यादों का संग्रह न मानकर उसे क्या भी कहा जाता है? (अ) वैज्ञानिक रिपोर्ट (ब) कलात्मक और रोचक प्रस्तुति (स) एक नाटक का अभिनय (द) एक प्रश्नोत्तरी

उत्तर: (ब) कलात्मक और रोचक प्रस्तुति

  1. संस्मरण और आत्मकथा में मुख्य अंतर क्या है? (अ) संस्मरण केवल कल्पना पर आधारित होता है। (ब) आत्मकथा पूरे जीवन का विवरण है जबकि संस्मरण आंशिक। (स) संस्मरण दूसरों के जीवन पर केंद्रित होता है। (द) आत्मकथा में सत्य नहीं होता।

उत्तर: (ब) आत्मकथा पूरे जीवन का विवरण है जबकि संस्मरण आंशिक।

  1. ‘स्मृति की रेखाएँ’ और ‘पथ के साथी’ किस प्रसिद्ध संस्मरण लेखिका की रचनाएँ हैं? (अ) मन्नू भंडारी (ब) महादेवी वर्मा (स) उषा प्रियंवदा (द) मृदुला गर्ग

उत्तर: (ब) महादेवी वर्मा

  1. महादेवी वर्मा की संस्मरण रचनाओं में कौन-सा गुण प्रमुखता से मिलता है? (अ) केवल हास्य (ब) अत्यधिक राजनीतिक चर्चा (स) अत्यंत मार्मिकता और भावनात्मक गहराई (द) शुष्क तथ्यात्मकता

उत्तर: (स) अत्यंत मार्मिकता और भावनात्मक गहराई

  1. ‘माटी की मूरतें’ नामक प्रसिद्ध रचना किस लेखक की है, जो संस्मरण और रेखाचित्र का संगम है? (अ) रामवृक्ष बेनीपुरी (ब) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ (स) विष्णु प्रभाकर (द) यशपाल

उत्तर: (अ) रामवृक्ष बेनीपुरी

  1. ‘दीप जले शंख बजे’ और ‘माटी हो गई सोना’ किस संस्मरण लेखक के संग्रह हैं? (अ) महादेवी वर्मा (ब) रामवृक्ष बेनीपुरी (स) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ (द) बनारसीदास चतुर्वेदी

उत्तर: (स) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

  1. संस्मरण में वर्णित पात्रों और घटनाओं का चित्रण कैसा होना चाहिए? (अ) अस्पष्ट और धुँधला (ब) केवल काल्पनिक (स) सजीव और जीवंत (द) बहुत लंबा और जटिल

उत्तर: (स) सजीव और जीवंत

  1. संस्मरण का एक महत्व यह है कि यह किसी विशेष कालखंड का क्या प्रस्तुत करता है? (अ) केवल भविष्यवाणियाँ (ब) इतिहास और समाज का प्रत्यक्षदर्शी विवरण (स) केवल दार्शनिक विचार (द) काल्पनिक दुनिया

उत्तर: (ब) इतिहास और समाज का प्रत्यक्षदर्शी विवरण

  1. संस्मरण हमें महत्वपूर्ण व्यक्तियों के किन पहलुओं से परिचित कराते हैं? (अ) केवल उनके सार्वजनिक भाषणों से (ब) उनके निजी जीवन के अनछुए पहलुओं से (स) केवल उनकी पढ़ाई से (द) उनके व्यापारिक निर्णयों से

उत्तर: (ब) उनके निजी जीवन के अनछुए पहलुओं से

  1. ‘यादों की तीर्थयात्रा’ और ‘मेरे हमसफर’ किस लेखक के महत्वपूर्ण संस्मरण हैं? (अ) विष्णु प्रभाकर (ब) मोहन राकेश (स) अज्ञेय (द) देवेन्द्र सत्यार्थी

उत्तर: (अ) विष्णु प्रभाकर

  1. संस्मरण में घटनाओं का वर्णन हमेशा किस क्रम में होता है? (अ) हमेशा कालक्रमानुसार (ब) यादों के क्रम में (जरूरी नहीं कालक्रमानुसार हो) (स) केवल सबसे पुरानी घटनाएँ पहले (द) केवल सबसे नई घटनाएँ पहले

उत्तर: (ब) यादों के क्रम में (जरूरी नहीं कालक्रमानुसार हो)

  1. संस्मरण को जीवनी से कौन-सी बात अलग करती है? (अ) संस्मरण शोध पर आधारित होता है। (ब) जीवनी में लेखक अपने अनुभव लिखता है। (स) संस्मरण लेखक के अपने अनुभव पर आधारित होता है जबकि जीवनी दूसरों के शोध पर। (द) संस्मरण बहुत लंबा होता है।

उत्तर: (स) संस्मरण लेखक के अपने अनुभव पर आधारित होता है जबकि जीवनी दूसरों के शोध पर।

  1. संस्मरण लेखन ने हिंदी गद्य को क्या प्रदान किया है? (अ) अत्यधिक जटिलता (ब) असहज भाषा (स) सरलता, प्रवाहमयता और स्वाभाविक भाषा (द) केवल व्याकरणिक नियम

उत्तर: (स) सरलता, प्रवाहमयता और स्वाभाविक भाषा

  1. ‘मेरा परिवार’ नामक संस्मरण रचना में महादेवी वर्मा ने किसके बारे में लिखा है? (अ) अपने रिश्तेदारों के बारे में (ब) अपने पालतू पशु-पक्षियों के बारे में (स) अपने मित्रों के बारे में (द) अपने पड़ोसियों के बारे में

उत्तर: (ब) अपने पालतू पशु-पक्षियों के बारे में

  1. संस्मरण में लेखक की भावनाएँ क्यों महत्वपूर्ण होती हैं? (अ) ये केवल पाठक को भ्रमित करती हैं। (ब) ये संस्मरण को अधिक मार्मिक और प्रभावशाली बनाती हैं। (स) इनका कोई महत्व नहीं होता। (द) ये केवल लेखक का मूड दर्शाती हैं।

उत्तर: (ब) ये संस्मरण को अधिक मार्मिक और प्रभावशाली बनाती हैं।

  1. हिंदी संस्मरण साहित्य के प्रारंभिक और महत्वपूर्ण लेखकों में से एक कौन हैं? (अ) मोहन राकेश (ब) बनारसीदास चतुर्वेदी (स) अज्ञेय (द) निर्मल वर्मा

उत्तर: (ब) बनारसीदास चतुर्वेदी

  1. ‘सिंहावलोकन’ (आत्मकथात्मक संस्मरण) के लेखक कौन हैं? (अ) महादेवी वर्मा (ब) यशपाल (स) रामवृक्ष बेनीपुरी (द) विष्णु प्रभाकर

उत्तर: (ब) यशपाल

  1. संस्मरण पाठक को किससे भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं? (अ) केवल मनोरंजन से (ब) लेखक और वर्णित विषय से (स) केवल तथ्यों से (द) काल्पनिक दुनिया से

उत्तर: (ब) लेखक और वर्णित विषय से

  1. ‘संस्मरण’ गद्य की कौन-सी विधा मानी जाती है? (अ) कल्पना-प्रधान (ब) अनुभव-प्रधान और स्मृति-आधारित (स) केवल तथ्यात्मक (द) भविष्य-प्रधान

उत्तर: (ब) अनुभव-प्रधान और स्मृति-आधारित

  1. संस्मरण की मूल प्रकृति में क्या शामिल है? (अ) पूर्णतः वस्तुनिष्ठता (ब) आत्मपरकता और आत्मीयता (स) भविष्य की भविष्यवाणी (द) पूरी तरह से काल्पनिक कथावस्तु

उत्तर: (ब) आत्मपरकता और आत्मीयता

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