कक्षा 9 विज्ञान वेग और त्वरण : MP Board class 9 Science Velocity and Acceleration

MP Board class 9 Science Velocity and Acceleration

वेग और त्वरण (Velocity and Acceleration )

वेग (Velocity)

परिभाषा: किसी वस्तु के विस्थापन की दर को वेग कहते हैं। यह बताता है कि कोई वस्तु कितनी तेज़ी से और किस दिशा में अपनी स्थिति बदल रही है।

विशेषताएँ:

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  • सदिश राशि (Vector Quantity): वेग को व्यक्त करने के लिए परिमाण (magnitude) (जो कि चाल है) और दिशा (direction) दोनों की आवश्यकता होती है।
    • उदाहरण: 20 m/s पूर्व की ओर, 50 km/h उत्तर-पश्चिम में।
  • मात्रक (Unit): वेग का SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड (m/s या ms−1) है। अन्य मात्रक किलोमीटर प्रति घंटा (km/h या kmh−1) भी हैं।
  • धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य:
    • वेग धनात्मक हो सकता है (यदि वस्तु निर्दिष्ट दिशा में चल रही है)।
    • यह ऋणात्मक हो सकता है (यदि वस्तु निर्दिष्ट दिशा के विपरीत चल रही है)।
    • यह शून्य हो सकता है (यदि वस्तु विराम अवस्था में है या अपनी प्रारंभिक स्थिति पर लौट आई है)।
  • परिवर्तन: किसी वस्तु का वेग निम्न में से किसी एक या दोनों में परिवर्तन के साथ बदल सकता है:
    • चाल में परिवर्तन: यदि वस्तु की चाल बदलती है (जैसे तेज़ या धीमी होना)।
    • दिशा में परिवर्तन: यदि वस्तु की गति की दिशा बदलती है (जैसे मुड़ना या वृत्ताकार पथ पर चलना)।

सूत्र:

  • वेग = समयविस्थापन​
  • औसत वेग (vavg​) = कुल समयकुल विस्थापन​
  • यदि वस्तु का वेग समान रूप से बदल रहा हो (एकसमान त्वरण), तो औसत वेग को प्रारंभिक और अंतिम वेग के अंकगणितीय माध्य द्वारा भी निकाला जा सकता है: vavg​=2प्रारंभिक वेग (u) + अंतिम वेग (v)​

उदाहरण:

  1. सीधी सड़क पर कार: एक कार 60 km/h की गति से सीधी सड़क पर पूर्व की ओर जा रही है। यहाँ कार का वेग 60 km/h पूर्व की ओर है।
  2. वृत्ताकार पथ पर दौड़ना: एक एथलीट 5 m/s की एकसमान चाल से एक वृत्ताकार ट्रैक पर दौड़ रहा है। यद्यपि उसकी चाल स्थिर है, उसकी गति की दिशा लगातार बदल रही है, इसलिए उसका वेग भी लगातार बदल रहा है। यह एक परिवर्तनशील वेग का उदाहरण है।

त्वरण (Acceleration)

परिभाषा: किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। यह बताता है कि कोई वस्तु कितनी तेज़ी से अपना वेग बदल रही है।

विशेषताएँ:

  • सदिश राशि (Vector Quantity): त्वरण को व्यक्त करने के लिए परिमाण और दिशा दोनों की आवश्यकता होती है। त्वरण की दिशा वही होती है जो वेग में परिवर्तन की दिशा होती है।
  • मात्रक (Unit): त्वरण का SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड स्क्वायर (m/s2 या ms−2) है।
  • धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य:
    • धनात्मक त्वरण: यदि वेग बढ़ रहा है (जैसे साइकिल चलाते समय पैडल मारना)। त्वरण की दिशा वेग की दिशा में होती है।
    • ऋणात्मक त्वरण (मंदन या अवत्वरण – Retardation/Deceleration): यदि वेग घट रहा है (जैसे ब्रेक लगाने पर)। त्वरण की दिशा वेग की दिशा के विपरीत होती है।
    • शून्य त्वरण: यदि वस्तु का वेग स्थिर है (यानी, चाल और दिशा दोनों नहीं बदल रहे हैं)।
  • एकसमान त्वरण (Uniform Acceleration): यदि वस्तु का वेग समान समयांतराल में समान रूप से बढ़ता या घटता है (जैसे स्वतंत्रतापूर्वक गिरती हुई वस्तु)।
  • असमान त्वरण (Non-Uniform Acceleration): यदि वस्तु का वेग समान समयांतराल में असमान रूप से बदलता है (जैसे भीड़ वाली सड़क पर चलती कार)।

सूत्र:

  • त्वरण (a) = लिया गया समयवेग में परिवर्तन​
  • यदि वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) है और t समय के बाद अंतिम वेग (v) हो जाता है, तो: a=tv−u​

उदाहरण:

  1. कार का गति पकड़ना: एक कार विराम अवस्था से चलना शुरू करती है और 5 सेकंड में अपनी गति 10 m/s तक बढ़ा लेती है।
    • प्रारंभिक वेग (u) = 0 m/s
    • अंतिम वेग (v) = 10 m/s
    • समय (t) = 5 s
    • त्वरण (a) = 510−0​=510​=2 m/s2 (धनात्मक त्वरण)
  2. ब्रेक लगाना: एक चलती हुई बस ब्रेक लगाने पर 3 सेकंड में 15 m/s से रुक जाती है (0 m/s)।
    • प्रारंभिक वेग (u) = 15 m/s
    • अंतिम वेग (v) = 0 m/s
    • समय (t) = 3 s
    • त्वरण (a) = 30−15​=3−15​=−5 m/s2 (ऋणात्मक त्वरण या मंदन)

वेग और त्वरण में मुख्य अंतर

विशेषताएँवेग (Velocity)त्वरण (Acceleration)
परिभाषाविस्थापन की दरवेग में परिवर्तन की दर
क्या मापता हैगति की गति और दिशावेग के बदलने की दर
राशिसदिश राशि (परिमाण + दिशा)सदिश राशि (परिमाण + दिशा)
मात्रकm/sm/s2
शून्य कब होता हैजब वस्तु विराम अवस्था में हो या अपनी प्रारंभिक स्थिति पर लौट आएजब वस्तु एक स्थिर वेग (नियत चाल और नियत दिशा) से चल रही हो

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