कक्षा 9 विज्ञान प्रणोद तथा दाब : MP Board Class 9 Science Thrust And Pressure

MP Board Class 9 Science Thrust And Pressure

प्रणोद तथा दाब (Thrust And Pressure)

प्रणोद और दाब भौतिकी की दो महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं जो बल और क्षेत्रफल के बीच संबंध को समझने में मदद करती हैं। यद्यपि ये संबंधित हैं, फिर भी ये भिन्न-भिन्न भौतिक राशियाँ हैं।

1. प्रणोद (Thrust)

प्रणोद किसी सतह पर लंबवत (perpendicular) रूप से लगने वाला कुल बल होता है।

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  • परिभाषा: जब कोई बल किसी वस्तु की सतह के लंबवत (यानी 90 डिग्री के कोण पर) कार्य करता है, तो उस बल को प्रणोद कहते हैं।
  • प्रकृति: प्रणोद एक प्रकार का बल है, इसलिए यह एक सदिश राशि (vector quantity) है। इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं।
  • उदाहरण:
    • जब आप दीवार में कील ठोकते हैं, तो हथौड़े द्वारा कील के सिरे पर लगाया गया बल, जो दीवार की सतह के लंबवत होता है, प्रणोद कहलाता है।
    • किसी मेज पर रखी पुस्तक द्वारा मेज की सतह पर लगाया गया बल (जो पुस्तक के भार के बराबर होता है और मेज के लंबवत होता है) प्रणोद है।
    • पानी में तैरती हुई वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाला उत्प्लावन बल (buoyant force) भी एक प्रकार का प्रणोद है।
  • SI मात्रक: प्रणोद का SI मात्रक न्यूटन (N) है, क्योंकि यह एक बल है।

2. दाब (Pressure)

दाब प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाला प्रणोद होता है। यह बताता है कि बल कितनी सघनता से वितरित है।

  • परिभाषा: किसी सतह के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले लंबवत बल (प्रणोद) को दाब कहते हैं।
  • सूत्र: दाब (P) को निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है:

जहाँ:

  • P = दाब (Pressure)
  • F = प्रणोद (बल) (Thrust/Force)
  • A = वह क्षेत्रफल जिस पर बल लग रहा है (Area)
  • प्रकृति: दाब एक अदिश राशि (scalar quantity) है, क्योंकि यह किसी विशेष दिशा में कार्य नहीं करता है, बल्कि पूरे क्षेत्रफल पर समान रूप से वितरित होता है।
  • उदाहरण:
    • एक नुकीली कील दीवार में आसानी से घुस जाती है, जबकि एक कुंद कील नहीं, क्योंकि नुकीली कील का क्षेत्रफल कम होने के कारण समान प्रणोद अधिक दाब उत्पन्न करता है।
    • स्कूल बैग की पट्टियां चौड़ी बनाई जाती हैं ताकि कंधे पर लगने वाला दाब कम हो जाए (क्योंकि क्षेत्रफल बढ़ जाता है)।
    • रेगिस्तान में ऊँट आसानी से चल पाते हैं क्योंकि उनके पैर चौड़े होते हैं, जिससे रेत पर कम दाब पड़ता है।
  • SI मात्रक: दाब का SI मात्रक न्यूटन प्रति वर्ग मीटर (N/m2) है। इसे पास्कल (Pascal – Pa) भी कहा जाता है।
    • 1 Pa=1 N/m2

3. प्रणोद और दाब में मुख्य अंतर

विशेषताप्रणोद (Thrust)दाब (Pressure)
परिभाषासतह के लंबवत लगने वाला कुल बल।प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाला लंबवत बल (प्रणोद)।
प्रकृतिसदिश राशि (परिमाण और दिशा)।अदिश राशि (केवल परिमाण)।
निर्भरताकेवल लगाए गए बल के परिमाण और दिशा पर निर्भर करता है।लगाए गए बल (प्रणोद) और उस क्षेत्रफल पर निर्भर करता है जिस पर बल लग रहा है।
सूत्रयह स्वयं एक बल है।P=F/A
SI मात्रकन्यूटन (N)न्यूटन प्रति वर्ग मीटर (N/m2) या पास्कल (Pa)
प्रभावबल का कुल प्रभाव।बल के वितरण की सघनता का प्रभाव।

संक्षेप में, प्रणोद एक बल है जबकि दाब उस बल का प्रति इकाई क्षेत्रफल पर पड़ने वाला प्रभाव है। दाब को कम या ज्यादा करने के लिए हम बल के क्षेत्रफल को बदल सकते हैं, जबकि प्रणोद समान रहता है।

तरलों में दाब (Pressure in Fluids)

तरल पदार्थ (द्रव और गैस) अपने अंदर या अपने संपर्क में आने वाली सतहों पर बल लगाते हैं। प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले इस बल को दाब कहते हैं। तरलों में दाब की अवधारणा ठोसों में दाब से थोड़ी भिन्न होती है, क्योंकि तरल पदार्थ बह सकते हैं और उनका कोई निश्चित आकार नहीं होता।

1. तरलों में दाब की परिभाषा

तरल पदार्थों (द्रव और गैस) के संदर्भ में, दाब तरल पदार्थ द्वारा प्रति इकाई क्षेत्रफल में डूबी हुई किसी वस्तु पर या किसी कंटेनर की दीवारों पर लगाया गया बल है। यह बल हमेशा सतह के लंबवत (perpendicular) कार्य करता है।

  • सूत्र: दाब (P) को निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है:

जहाँ:

  • P = दाब (Pressure)
  • F = बल (Force)
  • A = वह क्षेत्रफल जिस पर बल लग रहा है (Area)
  • SI मात्रक: दाब का SI मात्रक न्यूटन प्रति वर्ग मीटर (N/m2) है, जिसे पास्कल (Pascal – Pa) भी कहा जाता है।

2. तरलों में दाब की विशेषताएँ

  • सभी दिशाओं में संचरण: एक बंद तरल में किसी भी बिंदु पर लगाया गया दाब तरल के माध्यम से सभी दिशाओं में समान रूप से संचरित होता है। यह पास्कल के नियम का आधार है।
  • गहराई के साथ वृद्धि: किसी तरल स्तंभ में, दाब गहराई के साथ बढ़ता जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गहरी परतों पर ऊपर की सभी तरल परतों का भार होता है।
    • किसी तरल में h गहराई पर दाब का सूत्र: P=ρgh
    • जहाँ:
      • P = गहराई h पर दाब
      • ρ (rho) = तरल का घनत्व
      • g = गुरुत्वीय त्वरण
      • h = तरल की सतह से गहराई
  • घनत्व पर निर्भरता: तरल का घनत्व जितना अधिक होगा एक निश्चित गहराई पर दाब उतना ही अधिक होगा।
  • सतह के लंबवत: तरल द्वारा किसी भी सतह पर लगाया गया बल हमेशा उस सतह के लंबवत होता है।

3. पास्कल का नियम (Pascal’s Law)

पास्कल का नियम द्रवस्थैतिकी (hydrostatics) में दाब से संबंधित एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है।

नियम का कथन: “किसी संलग्न तरल के किसी भी भाग पर लगाया गया दाब तरल के माध्यम से सभी दिशाओं में समान रूप से और बिना किसी कमी के संचरित होता है।”

यह नियम बताता है कि यदि आप एक बंद तरल में किसी एक बिंदु पर दाब बढ़ाते हैं, तो यह बढ़ा हुआ दाब तरल के हर बिंदु और कंटेनर की दीवारों तक समान रूप से पहुँचता है।

4. तरलों में दाब के अनुप्रयोग

तरलों में दाब के सिद्धांत और विशेष रूप से पास्कल के नियम के कई व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं:

  • हाइड्रोलिक लिफ्ट (Hydraulic Lift): इसका उपयोग भारी वस्तुओं (जैसे कार) को उठाने के लिए किया जाता है। एक छोटे पिस्टन पर लगाया गया छोटा बल एक बड़े पिस्टन पर बहुत बड़े बल में परिवर्तित हो जाता है।
  • हाइड्रोलिक ब्रेक (Hydraulic Brakes): वाहनों में हाइड्रोलिक ब्रेक प्रणाली पास्कल के नियम पर कार्य करती है। ब्रेक पैडल पर लगाया गया बल तरल के माध्यम से समान रूप से संचरित होकर पहियों पर लगे ब्रेक पैड तक पहुँचता है, जिससे वाहन रुक जाता है।
  • हाइड्रोलिक जैक (Hydraulic Jack): यह भी हाइड्रोलिक लिफ्ट के समान सिद्धांत पर कार्य करता है और भारी वस्तुओं को उठाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • द्रव चालित प्रेस (Hydraulic Press): इसका उपयोग कपास की गांठों, धातुओं आदि को संपीड़ित करने के लिए किया जाता है।
  • जलाशयों और बांधों का डिज़ाइन: बांधों की दीवारें नीचे की ओर मोटी बनाई जाती हैं क्योंकि पानी का दाब गहराई के साथ बढ़ता है।
  • गोताखोरों पर दाब: समुद्र में गहराई में जाने पर गोताखोरों पर पानी का दाब बहुत बढ़ जाता है, जिसके लिए उन्हें विशेष उपकरणों (जैसे स्कूबा गियर) की आवश्यकता होती है।
  • वायुमंडलीय दाब: पृथ्वी के चारों ओर की वायु (गैस) भी दाब डालती है, जिसे वायुमंडलीय दाब कहते हैं। यह दाब ऊँचाई के साथ घटता जाता है।

तरलों में दाब की समझ इंजीनियरिंग, मौसम विज्ञान, चिकित्सा और कई अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।

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