MP Board Class 9 Science solutions and suspensions
विलयन, निलंबन और कोलाइडल विलयन: मिश्रणों के प्रकार
पिछले अध्याय में हमने शुद्ध पदार्थों और मिश्रणों के बारे में जाना। इस अध्याय में हम मिश्रणों के विभिन्न प्रकारों विशेष रूप से विलयन, निलंबन और कोलाइडल विलयन को विस्तार से समझेंगे ।
1. विलयन (Solution)
परिभाषा: विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का एक समांगी मिश्रण होता है। समांगी मिश्रण का अर्थ है कि विलयन में कण समान रूप से वितरित होते हैं और पूरे मिश्रण में एक समान संरचना होती है।
उदाहरण:
- नींबू पानी (पानी में चीनी और नींबू का रस)
- नमक का घोल (पानी में नमक)
- सोडा जल (पानी में कार्बन डाइऑक्साइड गैस)
- मिश्र धातुएँ (जैसे पीतल – जिंक और तांबे का ठोस विलयन)
- हवा (गैसों का गैसीय विलयन)
विलयन के घटक:
एक विलयन में दो मुख्य घटक होते हैं:
a) विलायक (Solvent):
- विलयन का वह घटक जो दूसरे घटक को अपने में घोलता है।
- यह आमतौर पर विलयन में अधिक मात्रा में होता है।
- उदाहरण: नमक के घोल में पानी विलायक है।
b) विलेय (Solute):
- विलयन का वह घटक जो विलायक में घुलता है।
- यह आमतौर पर विलयन में कम मात्रा में होता है।
- उदाहरण: नमक के घोल में नमक विलेय है।
विलयन के गुण (Properties of a Solution):
- समांगी प्रकृति: विलयन एक समांगी मिश्रण होता है।
- कणों का आकार: विलयन के कण बहुत छोटे होते हैं (1 nm, यानी 10−9 मीटर से भी छोटे)।
- कणों की अदृश्यता: इन छोटे आकार के कारण, विलयन के कणों को नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता।
- प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं: विलयन के कण इतने छोटे होते हैं कि वे प्रकाश की किरण को नहीं फैलाते (प्रकीर्णित नहीं करते), इसलिए विलयन से होकर गुजरने वाला प्रकाश का मार्ग दिखाई नहीं देता।
- स्थिरता: विलयन स्थायी होता है। विलेय के कणों को छानने की विधि द्वारा विलयन से अलग नहीं किया जा सकता। यदि विलयन को शांत छोड़ दिया जाए, तो विलेय के कण नीचे नहीं बैठते।
विलयन की सांद्रता (Concentration of a Solution):
विलयन की सांद्रता विलयन में विलेय की मात्रा को दर्शाती है। किसी विलयन की सांद्रता विलेय की वह मात्रा है जो विलयन या विलायक की दी गई मात्रा में घुली हुई है।


उदाहरण : यदि 20 ग्राम नमक को 180 ग्राम पानी में घोला जाता है, तो विलयन की सांद्रता क्या होगी?
विलेय (नमक) का द्रव्यमान = 20 g
विलायक (पानी) का द्रव्यमान = 180 g
विलयन का कुल द्रव्यमान = 20 g + 180 g = 200 g
सांद्रता = (20/200) × 100 = 10%
उदाहरण: यदि 20 ग्राम नमक को 180 ग्राम पानी में घोला जाता है, तो विलयन की सांद्रता क्या होगी?
- विलेय (नमक) का द्रव्यमान = 20 g
- विलायक (पानी) का द्रव्यमान = 180 g
- विलयन का कुल द्रव्यमान = 20 g + 180 g = 200 g
- सांद्रता = (20/200)×100=10%
2. निलंबन (Suspension)
परिभाषा: निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है जिसमें ठोस कण द्रव में परिक्षेपित (फैले हुए) रहते हैं लेकिन घुलते नहीं हैं। ये कण नंगी आँखों से देखे जा सकते हैं।
उदाहरण:
- मिट्टी और पानी का मिश्रण
- चाक पाउडर और पानी का मिश्रण
- रेत और पानी का मिश्रण
निलंबन के गुण (Properties of a Suspension):
- विषमांगी प्रकृति: निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है।
- कणों का आकार: निलंबन के कण बड़े होते हैं (100 nm से अधिक)।
- कणों की दृश्यता: इन कणों को नंगी आँखों से देखा जा सकता है।
- प्रकाश का प्रकीर्णन: निलंबन के कण इतने बड़े होते हैं कि वे प्रकाश की किरण को फैला देते हैं (प्रकीर्णित करते हैं), जिससे प्रकाश का मार्ग दिखाई देता है (टिंडल प्रभाव)।
- अस्थिरता: निलंबन अस्थायी होता है। यदि इसे शांत छोड़ दिया जाए, तो कण नीचे बैठ जाते हैं।
- पृथक्करण: निलंबन के कणों को छानने की विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।
3. कोलाइडल विलयन (Colloidal Solution)
परिभाषा: कोलाइडल विलयन एक ऐसा मिश्रण है जो देखने में समांगी लगता है, लेकिन वास्तव में यह विषमांगी होता है। इसमें कणों का आकार विलयन के कणों से बड़ा लेकिन निलंबन के कणों से छोटा होता है।
उदाहरण:
- दूध
- स्याही
- रक्त
- जेली
- धुंध (fog)
- बादल (cloud)
कोलाइडल विलयन के घटक: कोलाइडल विलयन में दो प्रावस्थाएँ होती हैं:
a) परिक्षिप्त प्रावस्था (Dispersed Phase):
- यह विलेय जैसे घटक या कण होते हैं जो कोलाइडल विलयन में परिक्षेपित होते हैं।
- उदाहरण: दूध में वसा की बूँदें।
b) परिक्षेपण माध्यम (Dispersion Medium):
- यह वह माध्यम होता है जिसमें परिक्षिप्त कण फैले होते हैं।
- उदाहरण: दूध में पानी।
कोलाइडल विलयन के गुण (Properties of a Colloidal Solution):
- विषमांगी प्रकृति: कोलाइडल विलयन देखने में समांगी लगता है, लेकिन यह वास्तव में विषमांगी मिश्रण होता है।
- कणों का आकार: कोलाइडल कणों का आकार विलयन के कणों से बड़ा (1 nm से 100 nm के बीच) लेकिन निलंबन के कणों से छोटा होता है।
- कणों की अदृश्यता: इन कणों को नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता।
- प्रकाश का प्रकीर्णन (टिंडल प्रभाव): कोलाइडल कण इतने बड़े होते हैं कि वे प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, जिससे प्रकाश का मार्ग दिखाई देता है। इस प्रभाव को टिंडल प्रभाव (Tyndall Effect) कहते हैं।
- स्थिरता: कोलाइडल विलयन काफी स्थायी होता है। यदि इसे शांत छोड़ दिया जाए, तो कण नीचे नहीं बैठते।
- पृथक्करण: कोलाइडल कणों को छानने की विधि द्वारा अलग नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें अपकेंद्रण (centrifugation) जैसी विशेष विधियों द्वारा अलग किया जा सकता है।
सारांश: विलयन, निलंबन और कोलाइडल विलयन में अंतर
गुण | विलयन (Solution) | निलंबन (Suspension) | कोलाइडल विलयन (Colloidal Solution) |
प्रकृति | समांगी (Homogeneous) | विषमांगी (Heterogeneous) | विषमांगी (Heterogeneous), लेकिन देखने में समांगी |
कणों का आकार | < 1 nm (बहुत छोटे) | > 100 nm (बड़े) | 1 nm से 100 nm के बीच (मध्यम) |
कणों की दृश्यता | नंगी आँखों से अदृश्य | नंगी आँखों से दृश्य | नंगी आँखों से अदृश्य |
प्रकाश का प्रकीर्णन | प्रकाश को प्रकीर्णित नहीं करते (टिंडल प्रभाव नहीं) | प्रकाश को प्रकीर्णित करते हैं (टिंडल प्रभाव) | प्रकाश को प्रकीर्णित करते हैं (टिंडल प्रभाव) |
स्थिरता | स्थायी (कण नीचे नहीं बैठते) | अस्थायी (कण नीचे बैठ जाते हैं) | स्थायी (कण नीचे नहीं बैठते) |
छानने से पृथक्करण | छानने से अलग नहीं किया जा सकता | छानने से अलग किया जा सकता है | छानने से अलग नहीं किया जा सकता (अपकेंद्रण से) |
उदाहरण | नमक का घोल, चीनी का घोल, सोडा जल | मिट्टी का पानी, चाक-पानी का मिश्रण | दूध, स्याही, रक्त, धुंध |
