MP Board class 9 Science Momentum and Force
संवेद और बल (Momentum and Force)
संवेग (Momentum)
संवेग किसी गतिमान वस्तु में निहित गति की मात्रा का माप है। यह केवल इस बात पर निर्भर नहीं करता कि कोई वस्तु कितनी तेज़ चल रही है, बल्कि इस बात पर भी निर्भर करता है कि वह कितनी भारी है।
परिभाषा: किसी वस्तु का संवेग उसके द्रव्यमान (mass) और उसके वेग (velocity) का गुणनफल होता है।
सूत्र: संवेग (p) = द्रव्यमान (m) × वेग (v) p=mv
मुख्य विशेषताएँ:
- सदिश राशि (Vector Quantity): संवेग एक सदिश राशि है। इसकी दिशा वही होती है जो वस्तु के वेग की दिशा होती है।
- उदाहरण: यदि एक कार पूर्व दिशा में 20 m/s की चाल से चल रही है, तो उसका संवेग भी पूर्व दिशा में होगा।
- SI मात्रक: संवेग का SI मात्रक किलोग्राम-मीटर प्रति सेकंड (kg⋅m/s या kg⋅ms−1) है।
- जड़त्व का माप: संवेग एक तरह से गतिमान वस्तु के जड़त्व का माप भी है। भारी वस्तु को रोकना कठिन होता है क्योंकि उसका संवेग अधिक होता है।
- परिवर्तन: किसी वस्तु का संवेग तब बदलता है जब उसका द्रव्यमान बदलता है (जो आमतौर पर स्थिर रहता है) या उसका वेग बदलता है (जैसे उसकी चाल या दिशा)।
उदाहरण:
- चलती हुई ट्रक बनाम चलती हुई साइकिल:
- मान लीजिए एक ट्रक का द्रव्यमान 5000 kg है और वह 5 m/s के वेग से चल रहा है। संवेग (pट्रक) = 5000 kg×5 m/s=25000 kg⋅m/s
- एक साइकिल का द्रव्यमान 50 kg है और वह भी 5 m/s के वेग से चल रही है। संवेग (pसाइकिल) = 50 kg×5 m/s=250 kg⋅m/s
- आप देख सकते हैं कि समान वेग होने पर भी ट्रक का संवेग साइकिल से कहीं अधिक है। यही कारण है कि ट्रक को रोकना साइकिल को रोकने से कहीं अधिक कठिन होता है।
- धीमी गति की ट्रेन बनाम तेज़ गति की कार:
- एक भारी ट्रेन धीमी गति से भी बहुत अधिक संवेग रख सकती है। यदि एक 100000 kg की ट्रेन केवल 1 m/s की चाल से चल रही है, तो उसका संवेग 100000 kg⋅m/s होगा।
- एक 1000 kg की कार को समान संवेग प्राप्त करने के लिए 100 m/s की बहुत अधिक चाल से चलना होगा।
- यह दर्शाता है कि संवेग, द्रव्यमान और वेग दोनों का परिणाम है।
बल (Force) और संवेग में संबंध
न्यूटन के गति के दूसरे नियम (Newton’s Second Law of Motion) में बल और संवेग के बीच गहरा संबंध बताया गया है।
न्यूटन का गति का द्वितीय नियम (संवेग के संदर्भ में): “किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए असंतुलित बल के समानुपाती होती है, और यह परिवर्तन बल की दिशा में ही होता है।”
गणितीय व्याख्या: संवेग में परिवर्तन की दर = लिया गया समयसंवेग में परिवर्तन संवेग में परिवर्तन = अंतिम संवेग (pf) – प्रारंभिक संवेग (pi) या, pf=mv और pi=mu तो, संवेग में परिवर्तन = mv−mu=m(v−u)
संवेग में परिवर्तन की दर = tm(v−u)
हम जानते हैं कि tv−u त्वरण (a) के बराबर होता है। इसलिए, संवेग में परिवर्तन की दर = ma
न्यूटन के द्वितीय नियम के अनुसार, असंतुलित बल (F) संवेग में परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है: F∝tm(v−u) या F∝ma
समानुपातिकता स्थिरांक को 1 मानने पर, हमें मिलता है: F=ma
यह सूत्र दर्शाता है कि बल ही वह कारक है जो किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन लाता है। जब कोई बल किसी वस्तु पर कार्य करता है, तो वह उसके वेग को बदलता है, जिससे उसका संवेग बदल जाता है।
उदाहरण:
- क्रिकेट में कैच लेते समय हाथ पीछे खींचना:
- सिद्धांत: खिलाड़ी तेज़ी से आती हुई गेंद (जिसका कुछ संवेग होता है) को पकड़ते समय अपने हाथों को पीछे की ओर खींचता है।
- व्याख्या: ऐसा करके, खिलाड़ी गेंद के संवेग को शून्य तक लाने में लगने वाले समय को बढ़ाता है (Δt)।
- चूंकि बल (F) = समयसंवेग में परिवर्तन, यदि Δt बढ़ता है, तो गेंद द्वारा हाथों पर लगाया गया बल (F) कम हो जाता है। इससे खिलाड़ी को चोट कम लगती है। यदि वह हाथों को पीछे नहीं खींचता, तो समय Δt बहुत कम होता, जिससे हाथों पर लगने वाला बल बहुत अधिक होता।
- एक ऊँची कूद में एथलीट का गद्दे पर गिरना:
- सिद्धांत: एक ऊँची कूद के एथलीट को कंक्रीट के फर्श के बजाय गद्देदार सतह पर कूदने के लिए कहा जाता है।
- व्याख्या: गद्देदार सतह पर गिरने से एथलीट के शरीर के संवेग को शून्य तक लाने में लगने वाला समय बढ़ जाता है। यह संवेग परिवर्तन की दर को कम कर देता है, जिससे एथलीट के शरीर पर लगने वाला बल कम हो जाता है और चोट का खतरा कम हो जाता है।
- कारों में सीट बेल्ट और एयरबैग:
- सिद्धांत: दुर्घटना की स्थिति में, सीट बेल्ट और एयरबैग चालक और यात्रियों को गंभीर चोटों से बचाते हैं।
- व्याख्या: ये सुरक्षा उपकरण टक्कर के दौरान व्यक्ति के संवेग को शून्य तक लाने के समय को बढ़ाते हैं। सीट बेल्ट व्यक्ति को डैशबोर्ड या विंडशील्ड से टकराने से रोककर शरीर पर लगने वाले बल को फैलाता है। एयरबैग भी व्यक्ति को अचानक रोकने के बजाय धीरे-धीरे रोकता है, जिससे संवेग परिवर्तन का समय बढ़ जाता है और बल कम हो जाता है।