MP Board Class 9 Science Gravitation Important Question Answer
गुरुत्वाकर्षण महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वात्रिक नियम बताइए।
उत्तर : गुरुत्वाकर्षण का सार्वात्रिक नियम बताता है कि ब्रह्मांड में प्रत्येक पिंड (वस्तु) दूसरे पिंड को एक बल से आकर्षित करता है। यह आकर्षण बल:
- दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती (सीधे आनुपातिक) होता है।
- उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती (उल्टे आनुपातिक) होता है।
- इस बल की दिशा दोनों पिंडों के केंद्रों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है।
सूत्र: F=Gr2m1m2 जहाँ, F गुरुत्वाकर्षण बल है, G गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है, m1 और m2 पिंडों के द्रव्यमान हैं और r उनके बीच की दूरी है।
2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर : पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण (जो वस्तु का भार भी है) ज्ञात करने का सूत्र है: F=GRe2Mem जहाँ, F गुरुत्वाकर्षण बल (या वस्तु का भार) है, G गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है, Me पृथ्वी का द्रव्यमान है, m वस्तु का द्रव्यमान है और Re पृथ्वी की त्रिज्या है। इस सूत्र को सरल रूप में F=mg भी लिखा जा सकता है जहाँ g गुरुत्वीय त्वरण है।
3. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : मुक्त पतन (Free Fall) वह स्थिति है जब कोई वस्तु केवल गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में गिरती है और उस पर वायु प्रतिरोध या अन्य कोई बल कार्य नहीं कर रहा होता है।
4. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : गुरुत्वीय त्वरण (Acceleration due to Gravity) वह त्वरण है जो किसी वस्तु में पृथ्वी (या किसी अन्य खगोलीय पिंड) के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उत्पन्न होता है। इसे ‘g’ अक्षर से दर्शाया जाता है। पृथ्वी की सतह पर इसका औसत मान लगभग 9.8 m/s2 होता है।
5. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?
उत्तर :द्रव्यमान (Mass):
- यह किसी वस्तु में निहित पदार्थ की मात्रा है।
- यह एक अदिश राशि है (केवल परिमाण होता है, दिशा नहीं)।
- इसका मान स्थान परिवर्तन से नहीं बदलता।
- इसका SI मात्रक किलोग्राम (kg) है।
- भार (Weight):
- यह वह गुरुत्वाकर्षण बल है जिससे पृथ्वी (या कोई अन्य खगोलीय पिंड) किसी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है।
- यह एक सदिश राशि है (परिमाण और दिशा दोनों होते हैं)।
- इसका मान स्थान परिवर्तन से बदलता है (क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल स्थान के अनुसार बदलता है)।
- इसका SI मात्रक न्यूटन (N) है।
6. किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर उसके भार का 1/6 क्यों होता है?
उत्तर : किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर उसके भार का 1/6 होता है क्योंकि चंद्रमा का द्रव्यमान और त्रिज्या पृथ्वी की तुलना में बहुत कम है। इस कारण चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का लगभग 1/6 गुना है। चूंकि भार गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है (W=mg) इसलिए चंद्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण (g) कम होने के कारण वस्तु का भार भी कम हो जाता है।
7. पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर : पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है क्योंकि पतली डोरी का संपर्क क्षेत्र (contact area) बहुत कम होता है। जब हम बैग उठाते हैं, तो बैग का पूरा भार इस छोटे से क्षेत्र पर केंद्रित हो जाता है, जिससे हमारे कंधे पर बहुत अधिक दाब (Pressure) पड़ता है (दाब = बल/क्षेत्रफल)। अधिक दाब के कारण दर्द महसूस होता है। चौड़े पट्टे दाब को बड़े क्षेत्र में फैला देते हैं, जिससे दाब कम हो जाता है और बैग उठाना आसान हो जाता है।
8. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : उत्प्लावकता (Buoyancy) किसी तरल (द्रव या गैस) का वह गुण है जिसके कारण वह उसमें आंशिक या पूर्ण रूप से डूबी हुई वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है। इस बल को उत्प्लावन बल (Buoyant Force) कहते हैं।
9. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
उत्तर : कोई वस्तु पानी की सतह पर तैरती या डूबती है, यह उसके घनत्व (Density) पर निर्भर करता है:
- तैरती है: यदि वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम है, तो वस्तु तैरती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वस्तु पर लगने वाला उत्प्लावन बल उसके भार से अधिक या उसके बराबर होता है।
- डूबती है: यदि वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है, तो वस्तु डूब जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वस्तु का भार उस पर लगने वाले उत्प्लावन बल से अधिक होता है।
10. एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका भार 42 kg है या अधिक है या कम?
उत्तर : आपका द्रव्यमान 42 kg है। आपका भार 42 kg नहीं है। भार एक बल है और इसे न्यूटन (N) में मापा जाता है।
- आपका भार लगभग 42 kg×9.8 m/s2=411.6 N होगा।
- इसलिए, आपका भार 42 kg से अधिक (न्यूटन में) है क्योंकि 42 kg द्रव्यमान है भार नहीं। तुला द्रव्यमान को किलोग्राम में दर्शाती है, लेकिन यह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होने वाले भार को मापकर ही द्रव्यमान का अनुमान लगाती है।
11. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला दोनों का 100 kg द्रव्यमान दर्शाती है। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं, कौन भारी है और क्यों?
उत्तर 11: यदि तुला दोनों का 100 kg द्रव्यमान दर्शाती है, तो दोनों का द्रव्यमान 100 kg है और इसलिए दोनों का भार भी समान है।
- द्रव्यमान: द्रव्यमान वस्तु में निहित पदार्थ की मात्रा है। यदि तुला 100 kg दर्शाती है तो रुई के बोरे और लोहे की छड़ दोनों में 100 kg पदार्थ है।
- भार: भार = द्रव्यमान × गुरुत्वीय त्वरण (W=mg)। चूंकि दोनों का द्रव्यमान (m) समान है और गुरुत्वीय त्वरण (g) भी समान है (एक ही स्थान पर), इसलिए दोनों का भार भी समान होगा।
- अंतर: रुई का बोरा लोहे की छड़ की तुलना में बहुत अधिक स्थान (आयतन) घेरता है क्योंकि रुई का घनत्व (density) लोहे की तुलना में बहुत कम होता है। हालाँकि, उनके द्रव्यमान और भार समान हैं।