MP Board class 9 Science distance and Displacement
दूरी और विस्थापन (distance and Displacement)
दूरी (Distance)
परिभाषा: किसी गतिमान वस्तु द्वारा तय किए गए कुल पथ की लंबाई को दूरी कहते हैं। यह इस बात पर निर्भर नहीं करती कि वस्तु किस दिशा में चली, बल्कि केवल इस बात पर कि उसने कितना रास्ता तय किया।
विशेषताएँ:
- अदिश राशि (Scalar Quantity): दूरी को व्यक्त करने के लिए केवल उसके परिमाण (magnitude) की आवश्यकता होती है, दिशा की नहीं। उदाहरण के लिए, 5 किलोमीटर, 100 मीटर।
- सदैव धनात्मक: दूरी हमेशा धनात्मक होती है। यह कभी भी शून्य या ऋणात्मक नहीं हो सकती, जब तक कि वस्तु गतिमान न हो। यदि वस्तु विराम अवस्था में है, तो दूरी शून्य होगी।
- पथ पर निर्भरता: दूरी उस मार्ग पर निर्भर करती है जिसका अनुसरण वस्तु करती है।
उदाहरण:
- सीधी रेखा में गति:
- कल्पना कीजिए आप अपने घर (बिंदु A) से स्कूल (बिंदु B) तक सीधे 5 किलोमीटर चलते हैं। इस स्थिति में, आपके द्वारा तय की गई दूरी 5 किलोमीटर है।
- अब, मान लीजिए आप स्कूल से वापस घर आते हैं। तो, आपके द्वारा तय की गई कुल दूरी 5 किलोमीटर (जाने में) + 5 किलोमीटर (आने में) = 10 किलोमीटर होगी।
- घुमावदार रास्ते पर गति:
- आप अपने घर से एक दुकान तक जाते हैं जो 3 किलोमीटर दूर है, लेकिन रास्ता सीधा न होकर घुमावदार है। आपने उस घुमावदार रास्ते पर चलते हुए 3 किलोमीटर की दूरी तय की। यहाँ, दूरी 3 किलोमीटर है।
- वृत्ताकार पथ पर गति:
- एक एथलीट 100 मीटर त्रिज्या के एक वृत्ताकार ट्रैक पर एक चक्कर पूरा करता है।
- वृत्त की परिधि = 2×π×त्रिज्या
- परिधि = 2×3.14×100 m=628 m
- इस मामले में, एथलीट द्वारा तय की गई दूरी 628 मीटर है।
- एक एथलीट 100 मीटर त्रिज्या के एक वृत्ताकार ट्रैक पर एक चक्कर पूरा करता है।
विस्थापन (Displacement)
परिभाषा: किसी गतिमान वस्तु की प्रारंभिक स्थिति और अंतिम स्थिति के बीच की न्यूनतम सीधी दूरी को विस्थापन कहते हैं। यह वस्तु के स्थान में हुए कुल परिवर्तन को दर्शाता है, जिसमें दिशा भी शामिल होती है।
विशेषताएँ:
- सदिश राशि (Vector Quantity): विस्थापन को व्यक्त करने के लिए परिमाण (magnitude) और दिशा (direction) दोनों की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, 5 किलोमीटर उत्तर की ओर, 100 मीटर पूर्व की ओर।
- धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य:
- यह धनात्मक हो सकता है (यदि वस्तु प्रारंभिक बिंदु से दूर जा रही है)।
- यह ऋणात्मक हो सकता है (यदि वस्तु प्रारंभिक बिंदु की ओर वापस आ रही है या उससे विपरीत दिशा में जा रही है)।
- यह शून्य भी हो सकता है, यदि वस्तु अपनी गति के बाद वापस अपनी प्रारंभिक स्थिति पर आ जाती है।
- पथ पर निर्भर नहीं: विस्थापन वस्तु द्वारा तय किए गए पथ पर निर्भर नहीं करता; यह केवल प्रारंभिक और अंतिम बिंदुओं पर निर्भर करता है।
उदाहरण:
- सीधी रेखा में गति:
- आप अपने घर (बिंदु A) से स्कूल (बिंदु B) तक सीधे 5 किलोमीटर चलते हैं। इस स्थिति में, आपका विस्थापन 5 किलोमीटर स्कूल की दिशा में है।
- अब, मान लीजिए आप स्कूल से वापस घर आते हैं। आपकी प्रारंभिक स्थिति घर थी और अंतिम स्थिति भी घर है। इस मामले में, आपका कुल विस्थापन शून्य होगा, क्योंकि आप अपनी प्रारंभिक स्थिति पर वापस आ गए हैं।
- घुमावदार रास्ते पर गति:
- आप अपने घर से एक दुकान तक जाते हैं जो घुमावदार रास्ते से 3 किलोमीटर दूर है, लेकिन दुकान आपके घर से सीधी रेखा में 2 किलोमीटर पूर्व दिशा में है। आपने 3 किलोमीटर की दूरी तय की, लेकिन आपका विस्थापन 2 किलोमीटर पूर्व की दिशा में होगा।
- वृत्ताकार पथ पर गति:
- एक एथलीट 100 मीटर त्रिज्या के एक वृत्ताकार ट्रैक पर एक चक्कर पूरा करता है।
- एथलीट ने जहां से दौड़ना शुरू किया, एक चक्कर पूरा करने के बाद वह वहीं वापस आ गया। इसलिए, इस मामले में एथलीट का विस्थापन शून्य होगा।
- एक एथलीट 100 मीटर त्रिज्या के एक वृत्ताकार ट्रैक पर एक चक्कर पूरा करता है।
दूरी और विस्थापन में मुख्य अंतर
विशेषताएँ | दूरी (Distance) | विस्थापन (Displacement) |
परिभाषा | तय किए गए कुल पथ की लंबाई | प्रारंभिक और अंतिम स्थिति के बीच की न्यूनतम सीधी दूरी |
राशि | अदिश राशि (केवल परिमाण) | सदिश राशि (परिमाण और दिशा दोनों) |
मान | सदैव धनात्मक | धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य हो सकता है |
पथ पर निर्भरता | वस्तु द्वारा तय किए गए पथ पर निर्भर करता है | वस्तु द्वारा तय किए गए पथ पर निर्भर नहीं करता, केवल प्रारंभिक और अंतिम बिंदु पर |
परिमाण की तुलना | दूरी का परिमाण विस्थापन के परिमाण से हमेशा बराबर या अधिक होता है। दूरी कभी भी विस्थापन से कम नहीं होती। | विस्थापन का परिमाण दूरी से बराबर या कम होता है। |