MP Board Class 9 Nature of Matter and behaviour : कक्षा 9 के विद्यार्थियों के लिए पदार्थ की प्रकृति और व्यवहार – Nature of Matter and behaviour (हमारे आस-पास के पदार्थ – Matter in Our Surroundings) विषय पर व्यापक और परीक्षा-केंद्रित नोट्स प्राप्त करें। यह लेख पदार्थ के भौतिक स्वरूप, उसके कणों के अभिलाक्षणिक गुणों तथा संबंधित अभ्यास प्रश्नों के विस्तृत उत्तरों के साथ छात्रों को उनकी विज्ञान परीक्षा की तैयारी में सहायता प्रदान करेगा।
पदार्थ की प्रकृति और व्यवहार (Nature of Matter and behaviour)
(कक्षा 9, मध्य प्रदेश बोर्ड के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण नोट्स)
1. परिचय (Introduction)
अपने चारों ओर देखने पर हमें कई वस्तुएँ दिखाई देती हैं, जिनका आकार, आकृति और बनावट अलग-अलग होती है। वैज्ञानिकों ने इस विश्व में प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी होती है, उसे ‘पदार्थ’ (Matter) का नाम दिया है।
- पदार्थ की परिभाषा: प्रत्येक वह वस्तु जिसका द्रव्यमान (Mass) होता है और जो स्थान (आयतन/Volume) घेरती है, पदार्थ कहलाती है।
- उदाहरण: हवा, भोजन, पत्थर, बादल, तारे, पौधे, पशु, पानी की एक बूँद या रेत का एक कण – ये सभी पदार्थ हैं।
- पदार्थ के उदाहरण और पहचान (उदाहरण प्रश्न 1 का उत्तर):
- पदार्थ हैं: कुर्सी (द्रव्यमान और स्थान घेरती है), वायु (द्रव्यमान और स्थान घेरती है), बादाम (द्रव्यमान और स्थान घेरती है), नींबू पानी (द्रव्यमान और स्थान घेरता है), इत्र की सुगंध (गंध हवा में फैले हुए इत्र के कण हैं, जिनका द्रव्यमान और आयतन है)।
- पदार्थ नहीं हैं: स्नेह (भावना), गंध (संवेदना, गंध के कण पदार्थ हैं), घृणा (भावना), विचार (अमूर्त), शीत (तापमान की अनुभूति)।
प्राचीन काल से ही मनुष्य अपने आस-पास की दुनिया को समझने का प्रयास करता रहा है। भारत के प्राचीन दार्शनिकों ने पदार्थ को पाँच मूल तत्वों में वर्गीकृत किया, जिसे ‘पंचतत्व’ कहा गया। ये पंचतत्व हैं: वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश। उनके अनुसार, इन्हीं पंचतत्वों से सभी वस्तुएँ बनी हैं, चाहें वो सजीव हों या निर्जीव।
आधुनिक वैज्ञानिकों ने पदार्थ को उनके भौतिक गुणधर्मों एवं रासायनिक प्रकृति के आधार पर दो प्रकार से वर्गीकृत किया है। इस अध्याय में हम पदार्थ के भौतिक गुणों के आधार पर अध्ययन करेंगे। रासायनिक पहलुओं को आगे के अध्यायों में पढ़ा जाएगा।
2. पदार्थ का भौतिक स्वरूप (Physical Nature of Matter)
2.1 पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है (Matter is Made Up of Particles)
बहुत समय तक पदार्थ की प्रकृति के बारे में दो विचारधाराएँ प्रचलित थीं:
- सतत विचारधारा: एक विचारधारा का यह मानना था कि पदार्थ लकड़ी के टुकड़े की तरह सतत (continuous) होते हैं, यानी उनके बीच कोई रिक्त स्थान नहीं होता।
- कणिका विचारधारा: परंतु अन्य विचारधारा का मानना था कि पदार्थ रेत की तरह के कणों (particles) से मिलकर बने हैं।
- क्रियाकलाप 1.1 (नमक/शर्करा को पानी में घोलना):
- विधि: एक बीकर में आधा जल भरकर जल के स्तर पर निशान लगाएँ। दिए गए नमक या शर्करा को काँच की छड़ की मदद से जल में घोल दें।
- प्रेक्षण: जल का स्तर लगभग नहीं बदलता। नमक या शर्करा पानी में ‘गायब’ हो जाती है।
- निष्कर्ष: यह क्रियाकलाप इस विचार को स्वीकारने में मदद करता है कि सभी पदार्थ कणों से बने होते हैं। नमक या शर्करा के कण जल के कणों के बीच के रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं।
2.2 पदार्थ के ये कण कितने छोटे हैं? (How Small are These Particles of Matter?)
पदार्थ के कण अत्यंत छोटे होते हैं, इतने छोटे कि हम उनकी कल्पना भी नहीं कर सकते।
- क्रियाकलाप 1.2 (पोटैशियम परमैंगनेट/डेटॉल का तनुकरण):
- विधि: पोटैशियम परमैंगनेट के दो या तीन क्रिस्टल को 100 mL पानी में घोलें। इस घोल में से 10 mL घोल निकालकर उसे 90 mL शुद्ध जल में मिला दें। इस प्रक्रिया को 5 से 8 बार तक दोहराते रहें। (पोटैशियम परमैंगनेट की जगह 2 mL डेटॉल का भी उपयोग किया जा सकता है।)
- प्रेक्षण: हर बार घोल का रंग हल्का होता जाता है, फिर भी पानी रंगीन नज़र आता है। (डेटॉल के मामले में, लगातार तनुकृत होने पर भी उसकी महक मिलती रहती है।)
- निष्कर्ष:
- यह प्रयोग दर्शाता है कि पोटैशियम परमैंगनेट के बहुत थोड़े से क्रिस्टलों से भी पानी की बहुत अधिक मात्रा (जैसे 1000 L) रंगीन हो जाती है।
- इससे हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि पोटैशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में भी कई सूक्ष्म कण होंगे।
- ये कण और छोटे-छोटे कणों में विभाजित होते रहते हैं। अंततः एक स्थिति आती है जब ये कण और छोटे भागों में विभाजित नहीं किए जा सकते।
- सारांश: पदार्थ के कण अत्यंत सूक्ष्म होते हैं – इतने छोटे कि हम उनकी कल्पना भी नहीं कर सकते।
3. पदार्थ के कणों के अभिलाक्षणिक गुण (Characteristic Properties of Particles of Matter)
पदार्थ के कणों में कुछ विशिष्ट गुण होते हैं जो उन्हें पदार्थ का स्वरूप प्रदान करते हैं:
3.1 पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है (Particles of Matter Have Space Between Them)
- उदाहरण: क्रियाकलाप 1.1 (नमक/शर्करा को पानी में घोलना) और 1.2 (पोटैशियम परमैंगनेट का तनुकरण) में हमने देखा कि नमक, शर्करा, डेटॉल या पोटैशियम परमैंगनेट के कण समान रूप से पानी में वितरित हो गए।
- इसी प्रकार जब हम चाय, कॉफ़ी या नींबू-पानी बनाते हैं तो एक पदार्थ के कण दूसरे पदार्थ के कणों के रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं।
- निष्कर्ष: यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पदार्थ के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होता है।
3.2 पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं (Particles of Matter are Continuously Moving)
- गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy): पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं, अर्थात उनमें गतिज ऊर्जा होती है। गतिज ऊर्जा वह ऊर्जा है जो किसी वस्तु में उसकी गति के कारण होती है।
- तापमान का प्रभाव: तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज़ हो जाती है। इसलिए हम कह सकते हैं कि तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है।
- क्रियाकलाप 1.3 (अगरबत्ती की सुगंध):
- प्रेक्षण: अपनी कक्षा के किसी कोने में एक बुझी हुई अगरबत्ती रखने पर उसकी सुगंध लेने के लिए उसके समीप जाना पड़ता है। परंतु अगरबत्ती जलाने पर उसकी सुगंध दूर से ही मिल जाती है।
- क्रियाकलाप 1.4 (स्याही/शहद का जल में फैलाव):
- प्रेक्षण: जल से भरे दो बीकर में स्याही की बूँद डालने के तुरंत बाद वह फैलने लगती है, जबकि शहद की बूँद को पूरे जल में एकसमान रूप से फैलने में कई दिन या घंटे लगते हैं।
- क्रियाकलाप 1.5 (कॉपर सल्फेट/परमैंगनेट गर्म/ठंडे पानी में):
- प्रेक्षण: एक गिलास गर्म पानी में कॉपर सल्फेट या पोटैशियम परमैंगनेट का क्रिस्टल डालने पर वह ठंडे पानी की तुलना में तेजी से घुलता और फैलता है। इससे पता चलता है कि तापमान के साथ मिश्रित होने की दर बढ़ती है।
- विसरण (Diffusion): पदार्थ के कण अपने आप ही एक-दूसरे के साथ अंतःमिश्रित हो जाते हैं। ऐसा कणों के रिक्त स्थानों में समावेश के कारण होता है। दो विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वत: (अपने आप) मिलना ही विसरण कहलाता है। गर्म करने पर विसरण तेज हो जाता है क्योंकि कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।
- उदाहरण प्रश्न 2 का उत्तर (गरमा-गरम खाने की गंध):
- गरमा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है क्योंकि गर्म करने पर खाने के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है, जिससे वे तेजी से वायु के कणों के साथ विसरित होकर दूर तक फैल जाते हैं। ठंडे खाने के कणों की गतिज ऊर्जा कम होती है, इसलिए वे तेजी से विसरित नहीं होते और उनकी महक लेने के लिए आपको उसके समीप जाना पड़ता है।
3.3 पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं (Particles of Matter Attract Each Other)
- आकर्षण बल (Force of Attraction): पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है। यह बल कणों को एक साथ रखता है। इस आकर्षण बल का सामर्थ्य प्रत्येक पदार्थ में अलग-अलग होता है।
- क्रियाकलाप 1.6 (मानव-श्रृंखला खेल):
- विधि: विभिन्न तरीकों से चार समूह बनाकर मानव-श्रृंखला बनाएँ (कसकर पकड़ना, हाथ पकड़ना, उंगली के सिरे से छूना)। फिर चौथे समूह से इन श्रृंखलाओं को तोड़ने का प्रयास करने को कहें।
- प्रेक्षण: जिस समूह में सदस्य (कण) एक-दूसरे को कसकर पकड़े हुए थे, उसे तोड़ना सबसे कठिन था।
- निष्कर्ष: यह दर्शाता है कि कणों के बीच आकर्षण बल होता है और यह बल विभिन्न प्रकार के जुड़ाव में अलग-अलग सामर्थ्य का होता है।
- क्रियाकलाप 1.7 (लोहे की कील, चॉक का टुकड़ा, रबर बैंड):
- विधि: एक लोहे की कील, एक चॉक का टुकड़ा और एक रबर बैंड लें। इन पर हथौड़ा मारकर, काटकर, या खींचकर उसे भंगुर करने का प्रयास करें।
- प्रेक्षण: लोहे की कील को तोड़ना सबसे कठिन है, चॉक आसानी से टूट जाती है और रबर बैंड को खींचने पर वह फैलता है लेकिन आसानी से नहीं टूटता।
- निष्कर्ष: इन तीनों में से लोहे की कील के कण सबसे अधिक बल से एक-दूसरे से जुड़े हैं, जबकि चॉक के कणों के बीच आकर्षण बल सबसे कम है।
- क्रियाकलाप 1.8 (जल की सतह को उंगली से काटना):
- विधि: एक थाली में जल लेकर उसे उंगली से काटने का प्रयास करें।
- प्रेक्षण: जल की सतह नहीं कटती है।
- निष्कर्ष: जल की सतह न कटने का कारण यह है कि जल के कणों के बीच एक आकर्षण बल कार्य करता है जो उन्हें एक साथ रखता है।
- उदाहरण प्रश्न 3 का उत्तर (स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है):
- स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का यह गुण प्रेक्षित होता है कि पदार्थ के कणों के बीच आकर्षण बल होता है, लेकिन यह बल उतना प्रबल नहीं होता कि उन्हें पूरी तरह से अलग न किया जा सके। द्रवों में कणों के बीच आकर्षण बल ठोसों की तुलना में कम होता है, जिससे कण गति कर पाते हैं और उन्हें अलग करना आसान होता है।
3.4 पदार्थ के कणों की विशेषताएँ (Characteristics of Particles of Matter – उदाहरण प्रश्न 4 का उत्तर)
पदार्थ के कणों की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- कणों के बीच रिक्त स्थान होता है: पदार्थ के कणों के बीच खाली जगह होती है।
- कण निरंतर गतिशील होते हैं: पदार्थ के कण हमेशा गतिमान रहते हैं और उनमें गतिज ऊर्जा होती है।
- कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं: पदार्थ के कणों के बीच एक आकर्षण बल कार्य करता है जो उन्हें आपस में बाँधे रखता है। इस बल का सामर्थ्य अलग-अलग पदार्थों में भिन्न होता है।
4. अभ्यास प्रश्न (Practice Questions)
यहाँ उन चार प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं जो आपके लिए अभ्यास के लिए दिए गए थे:
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं –
कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, नींबू पानी, इत्र की सुगंध?
उत्तर 1: पदार्थ हैं:
- कुर्सी: यह स्थान घेरती है और इसका द्रव्यमान होता है।
- वायु: यह स्थान घेरती है और इसका द्रव्यमान होता है (यद्यपि हम इसे देख नहीं पाते)।
- बादाम: यह स्थान घेरता है और इसका द्रव्यमान होता है।
- नींबू पानी: यह स्थान घेरता है और इसका द्रव्यमान होता है।
- इत्र की सुगंध: यह इत्र के कणों के फैलने के कारण महसूस होती है, और इत्र के कणों का द्रव्यमान और आयतन होता है।
- पदार्थ नहीं हैं:
- स्नेह: यह एक भावना है।
- गंध: यह एक संवेदी अनुभव है (कण पदार्थ हैं, लेकिन ‘गंध’ स्वयं पदार्थ नहीं)।
- घृणा: यह एक भावना है।
- विचार: यह एक अमूर्त अवधारणा है।
- शीत: यह तापमान की अनुभूति है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ –
गरमा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके समीप जाना पड़ता है।
उत्तर 2: यह प्रेक्षण पदार्थ के कणों के निरंतर गतिशील होने और तापमान के साथ गतिज ऊर्जा में वृद्धि के गुण को दर्शाता है।
- गरमा-गरम खाने के कणों की गतिज ऊर्जा अधिक होती है, जिससे वे तेजी से हवा में विसरित (फैलते) होते हैं और दूर तक पहुँच जाते हैं।
- ठंडे खाने के कणों की गतिज ऊर्जा कम होती है, इसलिए उनका विसरण धीमा होता है और उनकी महक लेने के लिए हमें उसके समीप जाना पड़ता है।
प्रश्न 3: स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है?
उत्तर 3: यह प्रेक्षण दर्शाता है कि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है और पदार्थ के कणों के बीच आकर्षण बल होता है, लेकिन यह बल ठोसों की तुलना में कम प्रबल होता है, जिससे कणों को अलग किया जा सकता है।
- द्रव अवस्था में (पानी) कणों के बीच आकर्षण बल इतना प्रबल नहीं होता कि उन्हें बिल्कुल भी अलग न किया जा सके, लेकिन इतना कमजोर भी नहीं होता कि वे एक-दूसरे से पूरी तरह से अलग हो जाएँ। इस कारण गोताखोर पानी के कणों के बीच के आकर्षण बल को तोड़कर आगे बढ़ पाता है।
प्रश्न 4: पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर 4: पदार्थ के कणों की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है। (उदाहरण: जल में नमक का घुलना)
- पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं। (उदाहरण: अगरबत्ती की सुगंध का फैलना)
- पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। (उदाहरण: लोहे की कील का कठोर होना, जल की सतह का न कटना)