कक्षा 9 विज्ञान 1 हमारे आस-पास के पदार्थ प्रश्नोत्तर : MP Board Class 9 Matters Sarrounding Us Question Answer

MP Board Class 9 Matters Sarrounding Us Question Answer

पदार्थ: अवधारणाएँ और मुख्य बिंदु

इस खंड में हम पदार्थ की मूल अवधारणाओं, उसकी अवस्थाओं और उनसे जुड़े महत्वपूर्ण परिघटनाओं को समझेंगे।

1. पदार्थ क्या है?

  • द्रव्य (Matter) सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है।
  • हमारे आस-पास द्रव्य मुख्य रूप से तीन अवस्थाओं में मौजूद होता है: ठोस (Solid), द्रव (Liquid), और गैस (Gas)

2. पदार्थ की अवस्थाओं के कणों की विशेषताएँ

पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं में अंतर उनके कणों की विशेषताओं के कारण होता है:

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विशेषताठोसद्रवगैस
कणों के बीच आकर्षण बलसबसे अधिक (Maximum)मध्यवर्तीय (Intermediate)सबसे कम (Minimum)
कणों के बीच रिक्त स्थानन्यूनतम (Minimum)मध्यवर्तीय (Intermediate)अधिकतम (Maximum)
कणों की गतिज ऊर्जान्यूनतम (Minimum) – केवल कंपन करते हैंमध्यवर्तीय (Intermediate) – स्वतंत्र रूप से गति करते हैंअधिकतम (Maximum) – अनियमित रूप से विचरण करते हैं
कणों की व्यवस्थाअत्यधिक क्रमित (Highly ordered)परतें एक-दूसरे पर फिसल व स्खलित हो सकती हैंकोई क्रम नहीं (No order), अनियमित रूप से विचरण

3. पदार्थ की अवस्थाओं में परिवर्तन

पदार्थ की अवस्थाएँ अंतःपरिवर्तित (Interconvertible) होती हैं। पदार्थ की अवस्थाओं में परिवर्तन ताप (Temperature) और दाब (Pressure) में परिवर्तन करके किया जा सकता है।

  • ऊर्ध्वपातन (Sublimation): वह प्रक्रिया जिसमें एक ठोस पदार्थ द्रव में परिवर्तित हुए बिना ही सीधे गैसीय अवस्था में बदल जाता है।
  • निक्षेपण (Deposition): वह प्रक्रिया जिसमें एक गैसीय पदार्थ सीधे ठोस अवस्था में बदल जाता है (बिना द्रव में बदले)।

. वाष्पीकरण और क्वथन

  • क्वथनांक (Boiling Point) की समष्टि परिघटना (Bulk Phenomenon): यह वह प्रक्रिया है जिसमें पूरे द्रव के कण (केवल सतह के नहीं) द्रव अवस्था से तेजी से वाष्प में परिवर्तित होते हैं, जब द्रव अपने क्वथनांक पर पहुँच जाता है।
  • वाष्पीकरण (Evaporation) एक सतही परिघटना (Surface Phenomenon) है: यह वह प्रक्रिया है जिसमें सतह के कण पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त कर अपने बीच के परस्पर आकर्षण बलों को पार कर लेते हैं और द्रव को वाष्प अवस्था में परिवर्तित कर देते हैं। यह क्वथनांक से कम तापमान पर भी हो सकता है।

वाष्पीकरण की गति को प्रभावित करने वाले कारक:

  1. सतही क्षेत्रफल: जितना अधिक सतही क्षेत्रफल होता है, वाष्पीकरण की गति उतनी ही तेज होती है।
  2. तापमान: तापमान बढ़ने पर वाष्पीकरण की गति बढ़ती है।
  3. आर्द्रता (Humidity): वायु में आर्द्रता बढ़ने पर वाष्पीकरण की गति घटती है।
  4. वायु की गति (Wind Speed): वायु की गति बढ़ने पर वाष्पीकरण की गति बढ़ती है।

वाष्पीकरण से ठंडक उत्पन्न होती है:

  • वाष्पीकरण की प्रक्रिया में, द्रव के कण आस-पास से ऊष्मा (ऊर्जा) अवशोषित करते हैं ताकि वे वाष्प में बदल सकें। इस ऊष्मा के अवशोषण के कारण आस-पास के क्षेत्र में ठंडक महसूस होती है।

5. गुप्त ऊष्मा (Latent Heat)

  • वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Vaporization): ताप की वह मात्रा जो 1 किलोग्राम द्रव को वायुमंडलीय दाब पर और उसके क्वथनांक पर गैसीय अवस्था में बदलने के लिए आवश्यक होती है।
  • संगलन की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Fusion): ऊर्जा की वह मात्रा जो 1 किलोग्राम ठोस को वायुमंडलीय दाब पर उसके गलनांक बिंदु पर लाने (और द्रव में बदलने) के लिए आवश्यक होती है।

6. मापने योग्य राशियाँ और उनके मात्रक

कुछ महत्वपूर्ण भौतिक राशियाँ और उनके SI मात्रक जिनका हमें ज्ञान होना चाहिए:

  • तापमान: केल्विन (K)
  • लंबाई: मीटर (m)
  • संहति (Mass): किलोग्राम (kg)
  • भार (Weight): न्यूटन (N)
  • आयतन: घन मीटर (m³)
  • घनत्व (Density): किलोग्राम प्रति घनमीटर (kg/m³)
  • दाब (Pressure): पास्कल (Pa)

दाब का विशेष मात्रक:

  • ऐटमॉस्फीयर (atm): यह गैसीय दाब के मापन का एक मात्रक है।
    • 1 atm = 1.01×105 Pa
  • वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure): वायुमंडल में वायु द्वारा लगाया गया दाब।
  • सामान्य दाब: समुद्र की सतह पर वायुमंडलीय दाब एक ऐटमॉस्फीयर होता है, जिसे सामान्य दाब कहा जाता है।

अभ्यास प्रश्न और उत्तर

1. निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें:

सूत्र: सेल्सियस (°C) = केल्विन (K) – 273.15 (या साधारण गणना के लिए 273)

(a) 300 K उत्तर: °C=300−273 °C=27°C

(b) 573 K उत्तर: °C=573−273 °C=300°C

2. निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें:

सूत्र: केल्विन (K) = सेल्सियस (°C) + 273.15 (या साधारण गणना के लिए 273)

(a) 25°C उत्तर: K=25+273 K=298 K

(b) 373 °C उत्तर: K=373+273 K=646 K

3. निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें:

(a) नैफ़्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है। कारण: नैफ़्थलीन एक उर्ध्वपातज (sublimable) पदार्थ है। उर्ध्वपातन वह प्रक्रिया है जिसमें कोई ठोस पदार्थ द्रव अवस्था में बदले बिना सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। नैफ़्थलीन के कणों को कमरे के तापमान पर ही पर्याप्त ऊर्जा मिल जाती है जिससे वे सीधे ठोस से गैस में बदल जाते हैं, इसलिए यह बिना कोई अवशेष छोड़े अदृश्य हो जाती है।

(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है। कारण: इत्र एक वाष्पशील (volatile) द्रव है, जिसके कण वायु में तेजी से विसरित (diffuse) होते हैं। गैसों में कणों की गतिज ऊर्जा बहुत अधिक होती है और उनके बीच रिक्त स्थान भी बहुत अधिक होता है। ये कण तेजी से गति करते हुए वायु के कणों के साथ मिल जाते हैं और दूर तक फैल जाते हैं, जिसके कारण हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी महसूस होती है।

4. निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें:

(a) जल (b) चीनी (c) ऑक्सीजन

उत्तर: कणों के बीच आकर्षण बल पदार्थ की अवस्था पर निर्भर करता है: ठोस में सबसे अधिक, द्रव में मध्यम और गैस में सबसे कम।

  • ऑक्सीजन (गैस): कणों के बीच सबसे कम आकर्षण बल।
  • जल (द्रव): कणों के बीच मध्यम आकर्षण बल।
  • चीनी (ठोस): कणों के बीच सबसे अधिक आकर्षण बल।

इसलिए, बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार क्रम है: ऑक्सीजन < जल < चीनी

5. निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है:

उत्तर: जल का गलनांक 0°C और क्वथनांक 100°C है।

(a) 25°C भौतिक अवस्था: द्रव (Liquid) (क्योंकि यह गलनांक से ऊपर और क्वथनांक से नीचे है)

(b) 0°C भौतिक अवस्था: ठोस (बर्फ) और द्रव (पानी) दोनों। (यह जल का गलनांक बिंदु है, जिस पर बर्फ पिघलना शुरू करती है या पानी जमना शुरू करता है। इस तापमान पर दोनों अवस्थाएँ सह-अस्तित्व में हो सकती हैं)।

(c) 100°C भौतिक अवस्था: द्रव (पानी) और गैस (भाप) दोनों। (यह जल का क्वथनांक बिंदु है, जिस पर पानी उबलना शुरू करता है और भाप में बदलता है। इस तापमान पर दोनों अवस्थाएँ सह-अस्तित्व में हो सकती हैं)।

6. पुष्टि हेतु कारण दें:

(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है। कारण: कमरे का तापमान (लगभग 20-25°C) जल के गलनांक (0°C) से अधिक है और क्वथनांक (100°C) से कम है। इस तापमान सीमा के भीतर, जल द्रव अवस्था में रहता है क्योंकि इसके कणों में इतनी गतिज ऊर्जा होती है कि वे बह सकते हैं लेकिन वे पूरी तरह से एक-दूसरे से अलग नहीं होते।

(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है। कारण: लोहे का गलनांक बहुत अधिक होता है (लगभग 1538°C)। कमरे का तापमान इस गलनांक से बहुत कम है। इसलिए, लोहे की अलमारी के कण एक निश्चित और व्यवस्थित स्थिति में मजबूती से बंधे रहते हैं, जिससे इसका आकार और आयतन निश्चित रहता है और यह दृढ़ होती है। ये सभी ठोस के गुण हैं।

7. 273 K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने में शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?

उत्तर: 273 K पर बर्फ का शीतलता प्रभाव जल की तुलना में अधिक होता है। कारण: 273 K (या 0°C) पर, बर्फ के कणों की ऊर्जा उसी तापमान पर जल के कणों की ऊर्जा से कम होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जल को बर्फ से द्रव अवस्था में बदलने के लिए “संगलन की गुप्त ऊष्मा” की आवश्यकता होती है। जब बर्फ पिघलती है, तो वह अपने आसपास से यह गुप्त ऊष्मा अवशोषित करती है, जिससे आसपास का तापमान और भी कम हो जाता है और अधिक ठंडक महसूस होती है। इसके विपरीत, 273 K पर जल के पास पहले से ही यह गुप्त ऊष्मा मौजूद होती है और उसे पिघलने के लिए अतिरिक्त ऊष्मा की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए, बर्फ अधिक प्रभावी शीतलक होती है।

8. उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है?

उत्तर: उबलते हुए जल की अपेक्षा भाप (steam) से जलने की तीव्रता अधिक महसूस होती है। कारण: 100°C पर उबलते हुए जल की तुलना में 100°C पर भाप के कणों में वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा के रूप में अतिरिक्त ऊर्जा होती है। जब भाप त्वचा के संपर्क में आती है, तो वह संघनित होकर जल में बदल जाती है और इस प्रक्रिया के दौरान वह अपनी अतिरिक्त गुप्त ऊष्मा को मुक्त करती है। यह मुक्त हुई अतिरिक्त ऊष्मा उबलते जल द्वारा दी गई ऊष्मा से कहीं अधिक होती है, जिससे जलने की तीव्रता बढ़ जाती है।

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