MP Board Class 9 Law of Conservation of Energy
ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy)
परिभाषा: ऊर्जा संरक्षण का नियम भौतिकी का एक मौलिक और सार्वभौमिक (universal) सिद्धांत है। यह नियम बताता है कि: “ऊर्जा को न तो उत्पन्न (created) किया जा सकता है और न ही नष्ट (destroyed) किया जा सकता है। इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित (transformed) किया जा सकता है।”
दूसरे शब्दों में किसी विलगित निकाय (Isolated System) – ऐसा निकाय जिस पर कोई बाहरी बल कार्य नहीं कर रहा हो और न ही कोई ऊर्जा उससे बाहर या अंदर जा रही हो – की कुल ऊर्जा (Total Energy) हमेशा नियत (Constant) रहती है। ब्रह्मांड को एक विलगित निकाय माना जाता है इसलिए ब्रह्मांड की कुल ऊर्जा हमेशा स्थिर रहती है।
नियम का स्पष्टीकरण: यह नियम दर्शाता है कि ऊर्जा कभी भी ‘खत्म’ नहीं होती, बल्कि अपना रूप बदलती रहती है। उदाहरण के लिए:
- जब आप किसी बैटरी से जुड़े बल्ब को जलाते हैं, तो बैटरी की रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy) विद्युत ऊर्जा में बदलती है, और फिर विद्युत ऊर्जा प्रकाश ऊर्जा (Light Energy) और ऊष्मीय ऊर्जा (Heat Energy) में परिवर्तित होती है।
- एक जलविद्युत संयंत्र (Hydroelectric Power Plant) में, बाँध में जमा पानी की स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) नीचे गिरने पर गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) में बदलती है, जो टरबाइन (Turbine) को घुमाती है और अंततः विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है।
उदाहरण:
- मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु (Freely Falling Object): जब कोई वस्तु ऊँचाई से नीचे गिरती है, तो:
- गिरना शुरू करने से पहले, इसमें अधिकतम स्थितिज ऊर्जा होती है और गतिज ऊर्जा शून्य होती है।
- जैसे-जैसे वस्तु नीचे गिरती है, उसकी ऊँचाई कम होती जाती है, जिससे स्थितिज ऊर्जा घटती जाती है। साथ ही उसका वेग (velocity) बढ़ता जाता है, जिससे गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती है।
- ठीक जमीन से टकराने से पहले, स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम (लगभग शून्य) हो जाती है और गतिज ऊर्जा अधिकतम हो जाती है।
- पूरे गिरने की प्रक्रिया के दौरान (वायु प्रतिरोध (Air Resistance) को नगण्य मानते हुए), स्थितिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा का योग (अर्थात कुल यांत्रिक ऊर्जा) हमेशा स्थिर रहता है। PE+KE=Constant
- पेंडुलम का झूलना (Swinging Pendulum): एक साधारण पेंडुलम के झूले में भी ऊर्जा संरक्षण का नियम देखा जा सकता है:
- जब पेंडुलम अपनी अधिकतम ऊँचाई पर होता है (दोनों चरम बिंदुओं पर) तो उसकी गति क्षण भर के लिए शून्य होती है। इस बिंदु पर, उसके पास अधिकतम स्थितिज ऊर्जा और शून्य गतिज ऊर्जा होती है।
- जब पेंडुलम सबसे निचले बिंदु (माध्य स्थिति – Mean Position) से गुजरता है, तो उसकी ऊँचाई न्यूनतम होती है (इसलिए स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम होती है), लेकिन उसका वेग अधिकतम होता है। इस बिंदु पर, उसके पास अधिकतम गतिज ऊर्जा और न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा होती है।
- जैसे-जैसे पेंडुलम ऊपर और नीचे झूलता है, स्थितिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा एक-दूसरे में परिवर्तित होती रहती हैं, लेकिन कुल यांत्रिक ऊर्जा (Total Mechanical Energy) समान रहती है।
यह नियम ऊर्जा के विभिन्न रूपों के बीच संबंध को समझने में मदद करता है और यह भौतिकी के सभी क्षेत्रों में लागू होता है।
कार्य करने की दर (Rate of Doing Work) – शक्ति (Power)
शक्ति (Power) को कार्य करने की दर (Rate of doing work) या ऊर्जा के रूपांतरण की दर (Rate of energy conversion) के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह बताती है कि कोई कार्य कितनी तेजी से किया जा रहा है या कितनी तेजी से ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है।
सरल शब्दों में: यदि कोई व्यक्ति या मशीन कम समय में अधिक कार्य करता है तो उसकी शक्ति अधिक होती है। जैसे, एक व्यक्ति जो 10 किलोग्राम वजन को 5 सेकंड में उठाता है, वह उस व्यक्ति से अधिक शक्तिशाली है जो उसी 10 किलोग्राम वजन को 10 सेकंड में उठाता है। दोनों ने समान कार्य किया, लेकिन पहले वाले ने वह कार्य कम समय में किया।
गणितीय सूत्र (Mathematical Formula): शक्ति (P) = किया गया कार्य (W) / लिया गया समय (t) P=tW
चूँकि कार्य (W) ऊर्जा (E) के बराबर होता है, शक्ति को ऊर्जा के रूपांतरण की दर के रूप में भी लिखा जा सकता है: P=tE जहाँ,
- P = शक्ति (Power)
- W = किया गया कार्य (Work done)
- E = रूपांतरित ऊर्जा (Energy converted)
- t = लिया गया समय (Time taken)
मात्रक (Unit): शक्ति का SI मात्रक वाट (Watt – W) है। इसे स्कॉटिश आविष्कारक जेम्स वाट (James Watt) के सम्मान में नामित किया गया है।
वाट की परिभाषा: 1 वाट शक्ति तब होती है जब 1 जूल (Joule) कार्य 1 सेकंड (Second) में किया जाता है। 1 Watt=1 Joule/Second(1 W=1 J/s)
शक्ति के अन्य मात्रक:
- किलोवाट (Kilowatt – kW): 1 kW=1000 W
- हॉर्स पावर (Horsepower – hp): यह शक्ति का एक पुराना लेकिन अभी भी उपयोग किया जाने वाला मात्रक है, खासकर इंजनों और मोटरों के लिए। 1 hp≈746 W
महत्वपूर्ण बिंदु:
- शक्ति एक अदिश राशि (Scalar Quantity) है।
- घरों में बिजली की खपत को मापने के लिए किलोवाट-घंटा (Kilowatt-hour – kWh) का उपयोग किया जाता है। यह ऊर्जा का मात्रक है, शक्ति का नहीं। 1 kWh=1 kW×1 hour=1000 W×3600 s=3.6×10^6 J (1 यूनिट बिजली = 1 kWh)
निष्कर्ष: ऊर्जा संरक्षण का नियम हमें बताता है कि ऊर्जा को केवल बदला जा सकता है, जबकि शक्ति हमें यह बताती है कि ऊर्जा को कितनी तेजी से बदला या उपयोग किया जा रहा है। ये दोनों अवधारणाएँ भौतिकी और इंजीनियरिंग में मूलभूत हैं और ब्रह्मांड में होने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं को समझने के लिए आवश्यक हैं।