MP Board Class 9 Law of Chemical Bonding
रासायनिक संयोजन के नियम
रासायनिक संयोजन के नियम वे आधारभूत नियम हैं जो बताते हैं कि रासायनिक अभिक्रियाओं के दौरान पदार्थ एक-दूसरे के साथ कैसे और क्यों जुड़ते हैं। इन नियमों को आंतवाँ एल. लवाइजिए (Antoine L. Lavoisier) और जोसेफ एल. प्राउस्ट (Joseph L. Proust) ने अपने प्रयोगात्मक कार्यों के आधार पर प्रतिपादित किया था।
ये दो महत्वपूर्ण नियम निम्नलिखित हैं:
1. द्रव्यमान संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Mass)
नियम: इस नियम के अनुसार, किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन किया जा सकता है और न ही विनाश। दूसरे शब्दों में, किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों का कुल द्रव्यमान हमेशा उत्पादों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है। रासायनिक परिवर्तन के बाद पदार्थ के द्रव्यमान में कोई कमी या वृद्धि नहीं होती है।
उदाहरण:
मान लीजिए, एक अभिक्रिया में 5.3 ग्राम सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) और 6.0 ग्राम एसिटिक अम्ल (CH3COOH) अभिकृत होते हैं। इस अभिक्रिया के परिणामस्वरूप 2.2 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), 8.2 ग्राम सोडियम एसीटेट (CH3COONa) और 0.9 ग्राम जल (H2O) उत्पाद के रूप में प्राप्त होते हैं।
इस अभिक्रिया को समीकरण के रूप में इस प्रकार लिखा जा सकता है:
सोडियम कार्बोनेट+एसिटिक अम्ल→सोडियम एसीटेट+कार्बन डाइऑक्साइड+जल
अब हम अभिकारकों और उत्पादों के कुल द्रव्यमान की गणना करते हैं:
- अभिकारकों का कुल द्रव्यमान:
- सोडियम कार्बोनेट का द्रव्यमान = 5.3 ग्राम
- एसिटिक अम्ल का द्रव्यमान = 6.0 ग्राम
- अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = 5.3 ग्राम + 6.0 ग्राम = 11.3 ग्राम
- उत्पादों का कुल द्रव्यमान:
- कार्बन डाइऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.2 ग्राम
- सोडियम एसीटेट का द्रव्यमान = 8.2 ग्राम
- जल का द्रव्यमान = 0.9 ग्राम
- उत्पादों का कुल द्रव्यमान = 2.2 ग्राम + 8.2 ग्राम + 0.9 ग्राम = 11.3 ग्राम
चूंकि अभिकारकों का कुल द्रव्यमान (11.3 ग्राम) उत्पादों के कुल द्रव्यमान (11.3 ग्राम) के बराबर है, यह उदाहरण द्रव्यमान संरक्षण के नियम की पुष्टि करता है।
2. स्थिर अनुपात का नियम (Law of Constant Proportions) या निश्चित अनुपात का नियम
नियम: इस नियम के अनुसार, किसी भी शुद्ध रासायनिक यौगिक में तत्व सदैव एक निश्चित द्रव्यमानों के अनुपात में विद्यमान होते हैं, चाहे उसे किसी भी स्रोत से प्राप्त किया गया हो या किसी ने भी उसे बनाया हो। यौगिक की संरचना हमेशा समान रहती है।
उदाहरण:
1. जल (H2O): जल को किसी भी स्रोत से प्राप्त किया जाए (नदी, कुआं, समुद्र, या प्रयोगशाला में बनाया जाए), उसमें हमेशा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का द्रव्यमान अनुपात 1:8 होता है।
- जल का रासायनिक सूत्र H2O है।
- हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान = 1 u
- ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16 u
- जल के एक अणु में 2 हाइड्रोजन परमाणु और 1 ऑक्सीजन परमाणु होते हैं।
- हाइड्रोजन का कुल द्रव्यमान = 2×1 u=2 u
- ऑक्सीजन का कुल द्रव्यमान = 1×16 u=16 u
- हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का द्रव्यमान अनुपात = 2:16=1:8
इसका अर्थ है कि यदि आप 9 ग्राम जल का अपघटन करते हैं, तो आपको हमेशा 1 ग्राम हाइड्रोजन और 8 ग्राम ऑक्सीजन ही प्राप्त होगी।
2. अमोनिया (NH3): अमोनिया को किसी भी विधि से (चाहे प्रयोगशाला में बनाया गया हो या किसी प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त किया गया हो) संश्लेषित किया जाए, इसमें नाइट्रोजन और हाइड्रोजन का द्रव्यमान अनुपात सदैव 14:3 होता है।
- अमोनिया का रासायनिक सूत्र NH3 है।
- नाइट्रोजन का परमाणु द्रव्यमान = 14 u
- हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान = 1 u
- अमोनिया के एक अणु में 1 नाइट्रोजन परमाणु और 3 हाइड्रोजन परमाणु होते हैं।
- नाइट्रोजन का कुल द्रव्यमान = 1×14 u=14 u
- हाइड्रोजन का कुल द्रव्यमान = 3×1 u=3 u
- नाइट्रोजन और हाइड्रोजन का द्रव्यमान अनुपात = 14:3
ये दोनों नियम रासायनिक अभिक्रियाओं के मूल सिद्धांतों को स्थापित करते हैं और डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करते हैं।