हिन्दी पत्र लेखन : औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्र
NCERT कक्षा 9 की हिंदी के पाठ्यक्रम में पत्र लेखन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ मैं औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लेखन की संरचना, विशेषताएँ और उदाहरण प्रदान करूँगा, जो कक्षा 9 के स्तर के अनुरूप हैं। पत्र लेखन के लिए NCERT की अपेक्षाओं के अनुसार, भाषा सरल, स्पष्ट, और औपचारिक/अनौपचारिक संदर्भ के अनुकूल होनी चाहिए।
- औपचारिक पत्र (Formal Letter)
परिभाषा: औपचारिक पत्र वे पत्र होते हैं जो आधिकारिक, व्यावसायिक, या संस्थागत उद्देश्यों के लिए लिखे जाते हैं। इन्हें स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, या सरकारी विभागों को संबोधित किया जाता है। भाषा शिष्ट, संक्षिप्त, और विषय-केंद्रित होती है।
संरचना:
- प्रेषक का पता: पत्र के ऊपरी बाएँ कोने में प्रेषक का पूरा पता लिखा जाता है।
- दिनांक: प्रेषक के पते के नीचे तारीख लिखी जाती है (उदाहरण: 13 मई, 2025)।
- प्रापक का पता: प्रेषक के पते के नीचे प्रापक का पता और पदनाम लिखा जाता है।
- विषय: पत्र का मुख्य उद्देश्य संक्षेप में (एक पंक्ति में)।
- संबोधन: प्रिय महोदय/महोदया, या आदरणीय श्री/श्रीमती (पद के अनुसार)।
- मुख्य भाग:
- पहला पैराग्राफ: पत्र लिखने का उद्देश्य स्पष्ट करें।
- दूसरा पैराग्राफ: विषय का विस्तार, तथ्य और अनुरोध।
- तीसरा पैराग्राफ: निष्कर्ष और अपेक्षित कार्रवाई।
- समापन: भवदीय/आपका विश्वासपात्र, और प्रेषक का नाम व हस्ताक्षर।
- विशेषताएँ:
- भाषा औपचारिक और शिष्ट।
- अनावश्यक विवरण से बचें।
- स्पष्ट और तार्किक क्रम।
- कोई व्यक्तिगत या भावनात्मक बातें नहीं।
उदाहरण:
123, विकास नगर,
भोपाल , मध्य प्रदेश
दिनांक: 13 मई, 2025
सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
गांधीनगर, मध्यप्रदेश
विषय: स्कूल में पुस्तकालय सुविधा बढ़ाने हेतु अनुरोध
महोदय,
मैं आपके विद्यालय की कक्षा 9 का छात्र हूँ। मैं आपका ध्यान स्कूल के पुस्तकालय की स्थिति की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। वर्तमान में पुस्तकालय में नई और उपयोगी पुस्तकों की कमी है, जिसके कारण छात्रों को अध्ययन सामग्री प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है।
पुस्तकालय में विज्ञान, साहित्य और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित नई पुस्तकें उपलब्ध कराने से छात्रों को बहुत लाभ होगा। साथ ही, पुस्तकालय का समय बढ़ाने और डिजिटल संसाधन जोड़ने से अध्ययन और अधिक प्रभावी होगा।
मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि इस दिशा में शीघ्र कदम उठाएँ ताकि हम सभी छात्र इसका लाभ उठा सकें। आपके सहयोग के लिए मैं आभारी रहूँगा।
भवदीय,
अंकित कुमार
कक्षा 9-ए
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
परिभाषा: अनौपचारिक पत्र व्यक्तिगत संबंधों, जैसे मित्रों, परिवार, या परिचितों को लिखे जाते हैं। इनमें भाषा सहज, भावनात्मक, और मैत्रीपूर्ण होती है। यह पत्र भावनाओं, अनुभवों, या निजी बातों को साझा करने के लिए लिखा जाता है।
संरचना:
- प्रेषक का पता: पत्र के ऊपरी बाएँ कोने में।
- दिनांक: पते के नीचे।
- संबोधन: प्रिय मित्र, प्यारी दीदी, आदरणीय पिताजी आदि।
- मुख्य भाग:
- पहला पैराग्राफ: कुशल-क्षेम पूछना और पत्र लिखने का कारण।
- दूसरा पैराग्राफ: मुख्य विषय, अनुभव, या घटना का वर्णन।
- तीसरा पैराग्राफ: निष्कर्ष, शुभकामनाएँ, या जवाब की अपेक्षा।
- समापन: तुम्हारा/आपका और प्रेषक का नाम।
- विशेषताएँ:
- भाषा सरल, सहज, और भावनात्मक।
- व्यक्तिगत अनुभव और भावनाओं को शामिल किया जाता है।
- अनौपचारिक और मैत्रीपूर्ण लहजा।
उदाहरण:
22, गंगा कॉलोनी,
गांधी नगर ,भोपाल
दिनांक: 13 मई, 2025
प्रिय मित्र सोनू,
नमस्ते! सबसे पहले तुम्हें जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएँ! आशा है तुम इस दिन को खूब मजे के साथ मना रहे हो। मैं इस बार तुम्हारे जन्मदिन पर नहीं आ सका, इसके लिए माफी।
तुमने इस बार जन्मदिन कैसे मनाया? कोई खास तोहफा मिला? जल्दी पत्र लिखकर सब बताना। मम्मी-पापा को मेरा नमस्ते कहना।
तुम्हारा दोस्त,
अमित
औपचारिक और अनौपचारिक पत्र में अंतर
विशेषता | औपचारिक पत्र | अनौपचारिक पत्र |
---|---|---|
उद्देश्य | आधिकारिक, व्यावसायिक, या अनुरोध | व्यक्तिगत, भावनात्मक, या मैत्रीपूर्ण |
भाषा | शिष्ट, औपचारिक, और संक्षिप्त | सहज, मैत्रीपूर्ण, और भावनात्मक |
संबोधन | महोदय/महोदया, श्री/श्रीमती | प्रिय मित्र, प्यारे भाई, आदि |
संरचना | विषय, तथ्य, और स्पष्ट अनुरोध | कुशल-क्षेम, अनुभव, और शुभकामनाएँ |
उदाहरण | स्कूल को पत्र, शिकायत पत्र | मित्र को पत्र, परिवार को पत्र |