कक्षा 9 विज्ञान -ऊर्जा और ऊर्जा के रूप : MP Board Class 9 Basic Concept Energy and types of Energy

MP Board Class 9 Basic Concept Energy and types of Energy

ऊर्जा और ऊर्जा के रूप (Basic Concept Energy and types of Energy)

ऊर्जा (Energy)

ऊर्जा (Energy) : किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता (Capacity to do work) को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। यह ब्रह्मांड में एक मौलिक अवधारणा (fundamental concept) है। ऊर्जा के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है, चाहे वह चलना हो, प्रकाश उत्पन्न करना हो या मशीनें चलाना हो।

  • मात्रक (Unit): ऊर्जा का SI मात्रक जूल (Joule – J) है, जो कार्य का भी मात्रक है।
  • प्रकृति (Nature): ऊर्जा एक अदिश राशि (Scalar Quantity) है, यानी इसमें केवल परिमाण (Magnitude) होता है दिशा (Direction) नहीं।
  • ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy): ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित (transformed) किया जा सकता है।

ऊर्जा के रूप (Forms of Energy)

ऊर्जा कई विभिन्न रूपों में पाई जाती है। कुछ प्रमुख रूप इस प्रकार हैं:

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  1. यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy): किसी वस्तु की गति (motion) या स्थिति (position) के कारण उसमें निहित ऊर्जा। यह गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा का योग होती है।
  2. ऊष्मीय ऊर्जा (Heat Energy): अणुओं (molecules) की गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा, जो तापमान (temperature) से संबंधित है।
  3. प्रकाश ऊर्जा (Light Energy): विद्युतचुंबकीय तरंगों (electromagnetic waves) के रूप में यात्रा करने वाली ऊर्जा, जो हमें देखने में सक्षम बनाती है।
  4. ध्वनि ऊर्जा (Sound Energy): माध्यम में कंपन (vibrations) के कारण उत्पन्न ऊर्जा।
  5. विद्युत ऊर्जा (Electrical Energy): आवेशों (charges) के प्रवाह (flow) से जुड़ी ऊर्जा।
  6. रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy): पदार्थों के परमाणुओं और अणुओं के बीच रासायनिक बंधों (chemical bonds) में संग्रहीत ऊर्जा।
  7. नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy): परमाणु के नाभिक (nucleus) में संग्रहीत ऊर्जा, जो नाभिकीय विखंडन (fission) या संलयन (fusion) से मुक्त होती है।
  8. सौर ऊर्जा (Solar Energy): सूर्य से प्राप्त ऊर्जा।

इन सभी रूपों में से यांत्रिक ऊर्जा को दो मुख्य भागों में बांटा जाता है: गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) और स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)

गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)

किसी वस्तु में उसकी गति (Motion) के कारण जो कार्य करने की क्षमता होती है, उसे गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy – KE) कहते हैं। जितनी अधिक तेजी से कोई वस्तु गति करती है, उसमें उतनी ही अधिक गतिज ऊर्जा होती है।

उदाहरण:

  • एक दौड़ता हुआ बच्चा।
  • एक उड़ता हुआ पक्षी।
  • बहता हुआ पानी (जो पनचक्की चला सकता है)।
  • चलती हुई कार।
  • बंदूक से निकली गोली।

गणितीय सूत्र (Mathematical Formula): यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान (mass) ‘m’ है और वह ‘v’ वेग (velocity) से गति कर रही है, तो उसकी गतिज ऊर्जा का सूत्र है: KE=21​mv2 जहाँ,

  • KE = गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)
  • m = वस्तु का द्रव्यमान (mass of the object) (SI मात्रक: किलोग्राम – kg)
  • v = वस्तु का वेग (velocity of the object) (SI मात्रक: मीटर प्रति सेकंड – m/s)

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • गतिज ऊर्जा हमेशा धनात्मक (positive) होती है, क्योंकि द्रव्यमान ‘m’ और वेग का वर्ग ‘v2’ हमेशा धनात्मक होते हैं।
  • यदि वस्तु स्थिर है (वेग v=0), तो उसकी गतिज ऊर्जा शून्य होगी।

स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)

किसी वस्तु में उसकी विशेष स्थिति (Special Position) या आकार में परिवर्तन (Change in Configuration) के कारण जो कार्य करने की क्षमता निहित होती है, उसे स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy – PE) कहते हैं। यह एक संग्रहीत ऊर्जा (stored energy) है।

उदाहरण:

  • किसी ऊँचाई पर रखा पत्थर (गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा)।
  • एक खिंचा हुआ धनुष (इसमें प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा – Elastic Potential Energy होती है)।
  • संपीड़ित (compressed) या खींची हुई स्प्रिंग।
  • पानी जो एक बाँध में ऊँचाई पर जमा है।

स्थितिज ऊर्जा कई प्रकार की होती है, जैसे गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा (Gravitational Potential Energy), प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा (Elastic Potential Energy), विद्युत स्थितिज ऊर्जा (Electric Potential Energy), आदि। आपके पाठ्यक्रम के लिए गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा सबसे महत्वपूर्ण है।

किसी ऊँचाई पर वस्तु की स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy of an Object at a Certain Height)

जब कोई वस्तु पृथ्वी की सतह से कुछ ऊँचाई पर होती है, तो उसमें गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा (Gravitational Potential Energy) होती है। यह ऊर्जा वस्तु के द्रव्यमान, गुरुत्वाकर्षण त्वरण (acceleration due to gravity), और उसकी ऊँचाई पर निर्भर करती है। यह ऊर्जा वस्तु को उस ऊँचाई तक उठाने में किए गए कार्य के बराबर होती है।

गणितीय सूत्र (Mathematical Formula): यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान ‘m’ है, उसे पृथ्वी की सतह से ‘h’ ऊँचाई तक उठाया गया है, और ‘g’ गुरुत्वीय त्वरण है, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा का सूत्र है: PE=mgh जहाँ,

  • PE = स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)
  • m = वस्तु का द्रव्यमान (mass of the object) (SI मात्रक: किलोग्राम – kg)
  • g = गुरुत्वीय त्वरण (acceleration due to gravity) (SI मात्रक: मीटर प्रति सेकंड वर्ग – m/s2)। पृथ्वी पर इसका औसत मान लगभग 9.8 m/s2 या सुविधा के लिए 10 m/s2 लिया जाता है।
  • h = पृथ्वी की सतह से वस्तु की ऊँचाई (height of the object from the surface of the Earth) (SI मात्रक: मीटर – m)

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • स्थितिज ऊर्जा का मान उस संदर्भ बिंदु (reference point) पर निर्भर करता है जिससे ऊँचाई मापी जाती है (आमतौर पर पृथ्वी की सतह को शून्य स्थितिज ऊर्जा का बिंदु माना जाता है)।
  • जितनी अधिक ऊँचाई, उतनी ही अधिक स्थितिज ऊर्जा।
  • यदि वस्तु पृथ्वी की सतह पर है (h=0), तो उसकी गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा शून्य होगी।

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