MP Board 10th Science Chapter 7 Control & Coordination
जंतुओं एवं पादपों में नियंत्रण एवं समन्वय (Control & Coordination in Animals and Plants)
- परिचय
- नियंत्रण एवं समन्वय (Control & Coordination) जीवों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके शरीर में विभिन्न क्रियाओं को व्यवस्थित रूप से चलाने में सहायता करता है। जंतु और पादप दोनों में नियंत्रण एवं समन्वय की क्रियाएँ होती हैं, लेकिन इनके कार्य करने के तरीके अलग-अलग होते हैं।
- इस लेख में हम तंत्रिका तंत्र, हार्मोन, प्रकाशानुवर्तन, पादप हार्मोन, तथा तंत्रिका कोशिका की भूमिका को विस्तार से समझेंगे।
- 1. जंतुओं एवं पादपों में नियंत्रण एवं समन्वय की आवश्यकता क्यों होती है?
- जीवों को अपने कार्यों को सही रूप से संचालित करने के लिए एक नियंत्रण तंत्र की आवश्यकता होती है। उदाहरण: ✔ जंतुओं में यह कार्य तंत्रिका तंत्र और हार्मोन द्वारा किया जाता है। ✔ पादपों में नियंत्रण पादप हार्मोन और पर्यावरणीय संकेतों द्वारा किया जाता है।
- 2. जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय
- जंतुओं में दो प्रमुख प्रणालियाँ नियंत्रण एवं समन्वय करती हैं:
- (A) तंत्रिका तंत्र (Nervous System)
- 📌 मुख्य अंग: मस्तिष्क (Brain), रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord), तंत्रिकाएँ (Nerves)। 📌 क्रिया: तंत्रिका कोशिकाएँ (Neurons) विद्युत संकेतों को संचारित करती हैं, जिससे तेज़ प्रतिक्रिया संभव होती है।
- (B) हार्मोन प्रणाली (Hormonal System)
- 📌 मुख्य अंग: अंतःस्रावी ग्रंथियाँ (Endocrine Glands)। 📌 क्रिया: हार्मोन रक्त प्रवाह के माध्यम से संदेश भेजते हैं, जिससे दीर्घकालिक प्रतिक्रिया होती है।
- 3. पादपों में नियंत्रण एवं समन्वय
- पादपों में कोई तंत्रिका तंत्र नहीं होता, लेकिन वे पादप हार्मोन और पर्यावरणीय संकेतों की सहायता से अपनी क्रियाएँ नियंत्रित करते हैं।
- (A) पादप हार्मोन (Plant Hormones)
- मुख्य प्रकार: ✔ ऑक्सिन (Auxin) – वृद्धि और प्रकाशानुवर्तन को नियंत्रित करता है। ✔ साइटोकाइनिन (Cytokinin) – कोशिका विभाजन में सहायता करता है। ✔ गिबरेलिन (Gibberellin) – पौधों की लंबाई बढ़ाने में मदद करता है। ✔ एब्सिसिक एसिड (Abscisic Acid) – पौधों की पत्तियों के गिरने और शुष्क परिस्थितियों में जीवित रहने में मदद करता है। ✔ एथिलीन (Ethylene) – फलों के पकने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
- (B) प्रकाशानुवर्तन (Phototropism)
- 📌 प्रकाशानुवर्तन में पौधे प्रकाश की दिशा में बढ़ते हैं। ऑक्सिन हार्मोन इसे नियंत्रित करता है। 📌 उदाहरण: सूर्य की ओर झुकने वाले पौधों की गति।
- 4. तंत्रिका कोशिका (Neuron) का कार्य एवं संरचना
- तंत्रिका कोशिका (Neuron) सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए जिम्मेदार होती है।
- तंत्रिका कोशिका के प्रमुख भाग
- ✔ डेंड्राइट (Dendrite): संकेत ग्रहण करता है। ✔ सिनेप्स (Synapse): दो न्यूरॉनों के बीच संकेतों का आदान-प्रदान करने वाला स्थान। ✔ एक्सॉन (Axon): संकेतों को आगे भेजता है। ✔ तंत्रिका आवेग (Nerve Impulse): विद्युत संकेतों द्वारा सूचना भेजने की प्रक्रिया।
- 5. जंतुओं और पादपों में नियंत्रण एवं समन्वय की तुलना
विशेषता | जंतुओं में | पादपों में |
नियंत्रण तंत्र | तंत्रिका तंत्र और हार्मोन | पादप हार्मोन |
प्रतिक्रिया की गति | तेज़ (तंत्रिका संकेत) | धीमी (हार्मोन संकेत) |
मुख्य घटक | मस्तिष्क, तंत्रिकाएँ, हार्मोन | ऑक्सिन, गिबरेलिन, प्रकाशानुवर्तन |
उदाहरण | हृदय की धड़कन, चलना | प्रकाश की ओर बढ़ना, पत्तियों का झड़ना |
- 6. जंतुओं में तंत्रिका एवं हार्मोन प्रणाली की तुलना
- ✔ तंत्रिका तंत्र – तेज़ और संक्षिप्त प्रतिक्रिया देता है, जैसे दर्द महसूस करना। ✔ हार्मोन प्रणाली – धीमी और स्थायी प्रतिक्रिया देता है, जैसे शरीर में वृद्धि।
- 7. निष्कर्ष
- ✔ जंतुओं और पादपों दोनों में नियंत्रण एवं समन्वय आवश्यक है। ✔ जंतु तंत्रिका तंत्र और हार्मोन के माध्यम से कार्य करते हैं। ✔ पादप हार्मोन और पर्यावरणीय संकेतों द्वारा नियंत्रित होते हैं। ✔ जंतुओं की प्रतिक्रिया तेज़ होती है, जबकि पादपों की प्रतिक्रिया धीमी होती है।
- 1. जंतु और पादपों में समन्वय की सबसे बड़ी समानता क्या है?
- ✅ उत्तर: दोनों में हार्मोन का उपयोग नियंत्रण और समन्वय के लिए किया जाता है।
- 2. कौन-सा हार्मोन पौधों की वृद्धि बढ़ाता है?
- ✅ उत्तर: गिबरेलिन (Gibberellin) पौधों की लंबाई बढ़ाने में मदद करता है।
- 3. जंतुओं में तंत्रिका तंत्र का क्या कार्य है?
- ✅ उत्तर: यह विद्युत संकेतों द्वारा शरीर में सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है।
- 4. पादपों में प्रकाशानुवर्तन कैसे होता है?
- ✅ उत्तर: ऑक्सिन हार्मोन पौधों को प्रकाश की ओर बढ़ने में मदद करता है।
- 5. जंतुओं में हार्मोन प्रणाली क्यों आवश्यक है?
- ✅ उत्तर: हार्मोन शरीर की चयापचय क्रियाओं, वृद्धि, और प्रजनन को नियंत्रित करते हैं।
- प्रतिवर्ती क्रिया तथा रहने के बीच अंतर
- प्रतिवर्ती क्रिया: यह एक स्वतःस्फूर्त प्रतिक्रिया होती है, जिसमें मस्तिष्क की सक्रिय भागीदारी नहीं होती। जैसे गर्म वस्तु को छूने पर हाथ स्वतः हट जाता है।
- रहने: यह एक नियंत्रित और जागरूक प्रतिक्रिया होती है, जिसमें व्यक्ति सोचकर प्रतिक्रिया देता है, जैसे किसी प्रश्न का उत्तर देना।
- दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अंतर्ग्रंथन (सिनैप्स) में क्या होता है?
- दो न्यूरॉनों के बीच सिनैप्स वह स्थान होता है, जहाँ विद्युत संकेत रासायनिक संदेशवाहकों (न्यूरोट्रांसमीटर) की मदद से एक न्यूरॉन से दूसरे में स्थानांतरित होता है।
- मस्तिष्क का कौन सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
- सेरिबेलम (Cerebellum) शरीर की स्थिति एवं संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। यह मोटर कौशल को नियंत्रित करने का कार्य करता है।
- हम एक अमरबेल की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
- हमारी घ्राण इंद्रियां (Olfactory receptors) नाक के अंदर मौजूद होती हैं, जो गंध के अणुओं को पहचानकर उन्हें मस्तिष्क में भेजती हैं, जिससे हम गंध का अनुभव करते हैं।
- प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
- प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की भूमिका सीमित होती है। यह क्रिया रीढ़ की हड्डी के माध्यम से नियंत्रित होती है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया संभव होती है।
- पादप हार्मोन क्या है?
पादप हार्मोन (Plant Hormones) वे रासायनिक पदार्थ हैं जो पौधों की वृद्धि, विकास, फूलने और अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। प्रमुख पादप हार्मोन में ऑक्सिन, साइटोकाइनिन, गिबरेलिन, एब्सिसिक एसिड और एथिलीन शामिल हैं।
- छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
छुई-मुई (Mimosa Pudica) की पत्तियों की गति को नैस्टिक गति कहा जाता है, जो किसी विशिष्ट दिशा पर निर्भर नहीं करती और स्पर्श के कारण होती है।
- प्रकाश की ओर प्ररोह की गति को ट्रोपिक गति कहा जाता है, जो किसी विशिष्ट दिशा (प्रकाश की दिशा) में होती है और ऑक्सिन हार्मोन के प्रभाव से नियंत्रित होती है।
एक पादप हार्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
- गिबरेलिन (Gibberellin) एक ऐसा पादप हार्मोन है जो पौधों की वृद्धि को बढ़ाता है और अंकुरण, तने की वृद्धि तथा फूलों के विकास में मदद करता है।
- किसी सहारे के चारों ओर एक प्ररोह की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
ऑक्सिन हार्मोन पौधों की कोशिकाओं की वृद्धि को प्रभावित करता है। जब कोई पौधा किसी सहारे के संपर्क में आता है, तो ऑक्सिन उस हिस्से की कोशिकाओं को लंबा करता है, जिससे प्ररोह सहारे के चारों ओर लिपट जाता है।
- जलवर्धित पत्तियों के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए।
- एक प्रयोग में, दो अलग-अलग पौधों की पत्तियों को लें: एक सामान्य पत्ती और दूसरी जलवर्धित (Hydrated) पत्ती।
- दोनों पत्तियों को किसी गर्म स्थान में रखें और उनके जल वाष्पन (Transpiration) की दर की तुलना करें।
- जलवर्धित पत्ती में वाष्पन की दर अधिक होगी, क्योंकि उसमें अधिक मात्रा में पानी मौजूद होता है।
· जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
- जंतुओं में रासायनिक समन्वय अंतःस्रावी ग्रंथियों (Endocrine Glands) द्वारा स्रावित हार्मोनों की मदद से होता है। हार्मोन शरीर में विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित और समन्वित करते हैं, जैसे विकास, चयापचय, प्रजनन, तथा प्रतिक्रिया।
· आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
- आयोडीन थायरॉयड ग्रंथि द्वारा थायरोक्सिन हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। यदि शरीर में आयोडीन की कमी हो जाए, तो गलग्रंथि (Goiter) जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। इसलिए आयोडीन युक्त नमक का सेवन करना आवश्यक है।
· जब एड्रिनलीन हार्मोन स्रावित होता है, तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
- एड्रिनलीन हार्मोन को “अत्यावश्यकता (Emergency Hormone)” कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर को त्वरित प्रतिक्रिया देने में मदद करता है। जब यह स्रावित होता है:
- हृदय गति बढ़ जाती है
- रक्तचाप बढ़ता है
- मांसपेशियाँ अधिक ऊर्जा प्राप्त करती हैं
- शरीर खतरे या तनाव की स्थिति में सक्रिय हो जाता है
· मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
- मधुमेह रोगियों में इंसुलिन हार्मोन की कमी होती है, जिससे रक्त में शर्करा (Blood Sugar) का स्तर बढ़ जाता है।
- इंसुलिन ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुँचाने और ऊर्जा उत्पादन में मदद करता है। इसलिए, कुछ मधुमेह रोगियों को इंसुलिन इंजेक्शन दिया जाता है ताकि रक्त शर्करा संतुलित रहे।