class 9 Hindi Sparsh-1 Chapter Lhasa ki Or : ल्हासा की ओर प्रेमचंद द्वारा लिखित कक्षा 9 की स्पर्श भाग-1 की एक महत्वपूर्ण कहानी है। यह कहानी तिब्बत के ल्हासा शहर में बौद्ध तीर्थयात्रियों की यात्रा, उनके विश्वास, और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाती है। यह कहानी मानवीय संवेदनाओं, धार्मिक आस्था, और सामाजिक विषमताओं पर प्रकाश डालती है। नीचे इस कहानी पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ), रिक्त स्थान पूर्ति, और संक्षिप्त उत्तर प्रश्न दिए गए हैं, जो कक्षा 9 के छात्रों के लिए उपयुक्त और पाठ्यक्रम के अनुसार हैं।
ल्हासा की ओर: कहानी का विवरण
परिचय
ल्हासा की ओर प्रेमचंद द्वारा लिखित एक मार्मिक और यथार्थवादी कहानी है, जो कक्षा 9 की स्पर्श भाग-1 पाठ्यपुस्तक में शामिल है। यह कहानी तिब्बत के पवित्र शहर ल्हासा की बौद्ध तीर्थयात्रा पर आधारित है, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से धार्मिक आस्था, तीर्थयात्रियों की कठिनाइयाँ, सामाजिक-आर्थिक विषमताएँ, और मानवीय संवेदनाओं को चित्रित किया है। कहानी की भाषा सरल और भावपूर्ण है, जो पाठकों को सामाजिक और नैतिक मूल्यों से जोड़ती है।
कहानी का सार
कहानी का केंद्रीय पात्र गंगाराम, एक गरीब बौद्ध तीर्थयात्री, है, जो ल्हासा की तीर्थयात्रा पर निकलता है। ल्हासा बौद्ध धर्म का पवित्र तीर्थस्थल है, और वहाँ पहुँचने की इच्छा गंगाराम की गहरी आस्था को दर्शाती है। वह और अन्य तीर्थयात्री कठिन रास्तों, बर्फीले पहाड़ों, और विषम मौसम का सामना करते हैं। यात्रा के दौरान उन्हें भुखमरी, ठंड, और थकान जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गंगाराम की आर्थिक स्थिति कमजोर है, और वह यात्रा के लिए पर्याप्त संसाधनों से वंचित है। फिर भी, उसका विश्वास और धार्मिक उत्साह उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन कठोर परिस्थितियों और भोजन की कमी के कारण उसकी तबीयत बिगड़ती है। अंत में, गंगाराम ठंड और भुखमरी के कारण अपनी जान गँवा देता है, और उसका सपना ल्हासा पहुँचने का अधूरा रह जाता है। कहानी तीर्थयात्रियों की आस्था और उनके सामने आने वाली सामाजिक-प्राकृतिक चुनौतियों को उजागर करती है।
प्रमुख पात्र
- गंगाराम:
- एक गरीब बौद्ध तीर्थयात्री, जो ल्हासा की यात्रा पर निकलता है।
- धैर्यवान, आस्थावान, और दृढ़ संकल्पी, लेकिन गरीबी और कठिन परिस्थितियों का शिकार।
- उसकी मृत्यु कहानी को मार्मिक बनाती है और सामाजिक विषमताओं को उजागर करती है।
- अन्य तीर्थयात्री:
- गंगाराम के साथ यात्रा करने वाले बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु।
- ये पात्र सामूहिक रूप से बौद्ध धर्म की आस्था और यात्रा की कठिनाइयों को दर्शाते हैं।
- प्रकृति (परोक्ष पात्र):
- बर्फीले पहाड़, ठंडी हवाएँ, और कठोर मौसम कहानी में प्रकृति को एक चुनौतीपूर्ण पात्र के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
कहानी का उद्देश्य
- धार्मिक आस्था: बौद्ध तीर्थयात्रियों की ल्हासा के प्रति गहरी श्रद्धा और उनके विश्वास को दर्शाना।
- सामाजिक विषमता: गरीब तीर्थयात्रियों की आर्थिक तंगी और समाज में व्याप्त शोषण को उजागर करना।
- मानवीय संवेदना: गंगाराम जैसे साधारण व्यक्ति की पीड़ा और संघर्ष के प्रति सहानुभूति जगाना।
- प्रकृति की क्रूरता: कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रकृति के सामने मानव की असहायता को चित्रित करना।
- नैतिक संदेश: आस्था और कर्तव्य के प्रति समर्पण के साथ-साथ सामाजिक सुधार की आवश्यकता पर बल देना।

काव्य सौंदर्य और शैली
- यथार्थवादी शैली: प्रेमचंद ने तीर्थयात्रियों की कठिनाइयों और सामाजिक विषमताओं का वास्तविक चित्रण किया है।
- सरल भाषा: कहानी की भाषा ग्रामीण और सामान्य बोलचाल की है, जो पाठकों को भावनात्मक रूप से जोड़ती है।
- मानवीकरण अलंकार: प्रकृति के तत्वों, जैसे ठंडी हवाओं और बर्फीले पहाड़ों, को क्रूर और चुनौतीपूर्ण रूप में चित्रित किया गया है।
- प्रतीकात्मकता: गंगाराम की अधूरी यात्रा गरीब और शोषित वर्गों के अधूरे सपनों का प्रतीक है।
- मार्मिकता: गंगाराम की मृत्यु और उसकी असफल यात्रा पाठक के मन में करुणा और संवेदना जगाती है।
प्रमुख विषय
- धार्मिक आस्था और तीर्थयात्रा: कहानी बौद्ध धर्म की आस्था और ल्हासा के महत्व को दर्शाती है।
- सामाजिक-आर्थिक विषमता: गरीब तीर्थयात्रियों की आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी।
- प्रकृति और मानव का संघर्ष: कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के सामने मानव की असहायता।
- मानवीय संवेदना: गंगाराम की पीड़ा और संघर्ष के प्रति सहानुभूति।
- नैतिकता और सुधार: सामाजिक अन्याय और शोषण के खिलाफ जागरूकता।
ल्हासा की ओर: प्रश्न पत्र (MCQ, रिक्त स्थान, और संक्षिप्त उत्तर, दीर्घ उत्तरीय उत्तर )
भाग 1: बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)
प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प चुनें। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
- “ल्हासा की ओर” कहानी के लेखक कौन हैं?
a) सूरदास
b) प्रेमचंद
c) जयशंकर प्रसाद
d) सुमित्रानंदन पंत
उत्तर: b) प्रेमचंद - कहानी में मुख्य पात्र गंगाराम किसके लिए ल्हासा की यात्रा पर निकलता है?
a) व्यापार करने
b) तीर्थयात्रा करने
c) नौकरी की तलाश में
d) परिवार से मिलने
उत्तर: b) तीर्थयात्रा करने - कहानी में ल्हासा को किस धर्म का पवित्र तीर्थस्थल बताया गया है?
a) हिंदू
b) बौद्ध
c) जैन
d) सिख
उत्तर: b) बौद्ध - गंगाराम की मृत्यु का कारण क्या था?
a) बीमारी
b) दुर्घटना
c) भुखमरी और ठंड
d) लुटेरों का हमला
उत्तर: c) भुखमरी और ठंड - कहानी में किस अलंकार का प्रमुख प्रयोग हुआ है?
a) उपमा
b) रूपक
c) मानवीकरण
d) अनुप्रास
उत्तर: c) मानवीकरण
भाग 2: रिक्त स्थान पूर्ति
नीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों को उचित शब्दों से भरें। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
- गंगाराम एक _________ तीर्थयात्री था, जो ल्हासा की यात्रा पर निकला।
उत्तर: बौद्ध - ल्हासा की यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को _________ और ठंड का सामना करना पड़ा।
उत्तर: भुखमरी - कहानी में _________ की आस्था और विश्वास को दर्शाया गया है।
उत्तर: बौद्ध धर्म - गंगाराम की मृत्यु _________ के कारण हुई।
उत्तर: भुखमरी और ठंड - प्रेमचंद ने कहानी में _________ शैली का प्रयोग किया है।
उत्तर: यथार्थवादी
भाग 3: संक्षिप्त उत्तर प्रश्न
नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर 30-50 शब्दों में दें। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है।
- “ल्हासा की ओर” कहानी का केंद्रीय भाव क्या है?
उत्तर: कहानी का केंद्रीय भाव धार्मिक आस्था, तीर्थयात्रा की कठिनाइयाँ, और सामाजिक-आर्थिक विषमताएँ हैं। यह बौद्ध तीर्थयात्रियों की ल्हासा यात्रा के माध्यम से उनकी श्रद्धा, संघर्ष, और समाज में व्याप्त गरीबी व शोषण को दर्शाती है। - गंगाराम के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: गंगाराम एक समर्पित बौद्ध तीर्थयात्री है, जो धार्मिक आस्था से प्रेरित होकर ल्हासा की कठिन यात्रा पर निकलता है। वह धैर्यवान, सहनशील, और दृढ़ संकल्पी है, लेकिन गरीबी और कठिन परिस्थितियों के कारण वह भुखमरी और ठंड का शिकार हो जाता है। - कहानी में बौद्ध धर्म की आस्था को कैसे दर्शाया गया है?
उत्तर: बौद्ध धर्म की आस्था को तीर्थयात्रियों की ल्हासा यात्रा, उनके विश्वास, और कठिनाइयों के बावजूद धार्मिक कर्तव्यों के प्रति समर्पण के माध्यम से दर्शाया गया है। ल्हासा को बौद्धों का पवित्र तीर्थस्थल बताया गया है, जहाँ पहुँचने की इच्छा उनकी श्रद्धा को दर्शाती है। - कहानी में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग कैसे हुआ है?
उत्तर: मानवीकरण अलंकार का प्रयोग प्रकृति और निर्जन तत्वों को मानवीय गुण देकर किया गया है। उदाहरण के लिए, ठंडी हवाओं को क्रूर और तीर्थयात्रियों को पीड़ा देने वाला बताया गया है, जो उनकी कठिनाइयों को जीवंत बनाता है। - प्रेमचंद ने इस कहानी में सामाजिक विषमताओं को कैसे उजागर किया है?
उत्तर: प्रेमचंद ने तीर्थयात्रियों की गरीबी, भुखमरी, और कठिन परिस्थितियों के माध्यम से सामाजिक विषमताओं को उजागर किया है। गंगाराम जैसे गरीब तीर्थयात्री अपनी आस्था के लिए यात्रा करते हैं, लेकिन समाज और प्रकृति की क्रूरता उनके सामने बाधा बनती है।
#ToLhasa,#Premchand,#BuddhistPilgrimage,#FaithAndStruggl,#SocialInequality,#Gangaram,, #IndianLiterature,#Class9Hindi,#MoralValues, #RealismInLiterature,#TibetanCulture,#HumanSuffering,#LiteraryMasterpiece,#NCERTHindi,#SpiritualJourney ,
#ल्हासाकीओर,#प्रेमचंद,#बौद्धतीर्थयात्रा,#आस्थाऔरसंघर्ष,#सामाजिकविषमता,#गंगाराम
#हिंदीसाहित्य,#कक्षा9हिंदी,#नैतिकमूल्य,#यथार्थवाद,#तिब्बतीसंस्कृति,#मानवीयपीड़ा,#साहित्यिककृति,#एनसीईआरटीहिंदी,#आध्यात्मिकयात्रा