Class 9 Hindi Kavi Parichay Details Question Answer : क्षितिज भाग-1 कक्षा 9 की एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यपुस्तक में काव्य खंड में विभिन्न कवियों की रचनाएँ शामिल हैं, जो हिंदी साहित्य की समृद्ध परंपरा और आधुनिकता को दर्शाती हैं। इस पाठ्यपुस्तक में भक्तिकाल से लेकर आधुनिक काल तक के कवियों की कविताएँ हैं, जो भक्ति, प्रकृति, स्वतंत्रता, और सामाजिक चेतना जैसे विविध विषयों को प्रस्तुत करती हैं। निम्नलिखित में काव्य खंड के सभी कवियों का संक्षिप्त परिचय, उनकी प्रमुख रचनाएँ, और क्षितिज में शामिल उनकी कविता का उल्लेख किया गया है। यह परिचय कक्षा 9 के पाठ्यक्रम के अनुरूप और छात्रों के लिए सरल भाषा में है।
1. ललद्यद (वाख)
- जीवन परिचय: ललद्यद (14वीं शताब्दी) कश्मीर की प्रसिद्ध संत कवयित्री थीं, जिन्हें लल्लेश्वरी या लाल देद के नाम से भी जाना जाता है। वे निर्गुण भक्ति धारा की प्रमुख कवयित्री थीं और उनकी रचनाएँ आध्यात्मिकता, आत्म-जागृति, और सामाजिक सुधार पर केंद्रित हैं। उनकी वाखें कश्मीरी और हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
- साहित्यिक योगदान: ललद्यद की वाखें सरल, गहन, और दार्शनिक हैं। उन्होंने कर्मकांड और सामाजिक भेदभाव का विरोध किया और हृदय में ईश्वर की खोज पर बल दिया। उनकी रचनाएँ कश्मीरी शैव दर्शन और सूफी विचारधारा से प्रभावित हैं।
- प्रमुख रचनाएँ: उनकी वाखें (मौखिक परंपरा में संकलित) ही उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं, जो भक्ति और दर्शन का समन्वय करती हैं।
- क्षितिज में रचना: वाख – इस कविता में ललद्यद ने शिव की सर्वव्यापकता, मन की शुद्धता, और संसार की मिथ्या प्रकृति को दर्शाया है। उदाहरण: “शिव छति सर्वत्र, तू कहाँ खोजे उसको।”
- विशेषता: उनकी वाखें निर्गुण भक्ति, आत्म-निरीक्षण, और सामाजिक समरसता का संदेश देती हैं।
2. तुलसीदास (सवैये)
- जीवन परिचय: तुलसीदास (1532-1623) हिंदी साहित्य के भक्तिकाल के महान कवि और संत थे। वे सगुण भक्ति धारा (राम भक्ति) के प्रमुख कवि हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के राजापुर में हुआ। उन्होंने अपने जीवन में सामाजिक और धार्मिक सुधारों को प्रोत्साहित किया।
- साहित्यिक योगदान: तुलसीदास ने राम भक्ति को जन-जन तक पहुँचाया। उनकी रचनाएँ भक्ति, नैतिकता, और जीवन दर्शन से परिपूर्ण हैं। उनकी भाषा अवधी और ब्रज है, जो सरल और प्रभावशाली है।
- प्रमुख रचनाएँ: रामचरितमानस, विनय पत्रिका, कवितावली, हनुमान चालीसा।
- क्षितिज में रचना: सवैये – इन सवैयों में तुलसीदास ने राम भक्ति, संसार की नश्वरता, और विनम्रता के गुण को चित्रित किया है। उदाहरण: “राम भजे सो मोक्ष पावे, और सब माया जाल।”
- विशेषता: तुलसीदास की रचनाएँ सगुण भक्ति, नैतिकता, और सामाजिक मूल्यों को दर्शाती हैं।
3. माखनलाल चतुर्वेदी (कैदी और कोकिला)
- जीवन परिचय: माखनलाल चतुर्वेदी (1889-1968) आधुनिक काल के प्रसिद्ध कवि, लेखक, और पत्रकार थे। उनका जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में हुआ। वे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े थे और उनकी रचनाएँ राष्ट्रीय भावना और प्रकृति प्रेम से ओतप्रोत हैं। उन्हें “एक भारतीय आत्मा” कहा जाता है।
- साहित्यिक योगदान: माखनलाल ने कविता, निबंध, और पत्रकारिता के माध्यम से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। उनकी कविताएँ राष्ट्रीय चेतना, प्रकृति सौंदर्य, और मानवीय भावनाओं को व्यक्त करती हैं। वे छायावाद और राष्ट्रीय काव्य धारा से प्रभावित थे।
- प्रमुख रचनाएँ: हिम किरीटिनी, हिम तरंगिनी, युग चरण, और कविता संग्रह बीजुरी।
- क्षितिज में रचना: कैदी और कोकिला – इस कविता में कैदी (पराधीन भारतवासी) और कोकिला (स्वतंत्रता की भावना) के संवाद के माध्यम से स्वतंत्रता की चाह और राष्ट्रीय चेतना को दर्शाया गया है। उदाहरण: “स्वतंत्रता मम जन्मसिद्ध, गीत गावौं मैं।”
- विशेषता: उनकी कविताएँ वीर रस, राष्ट्रीय भावना, और प्रकृति के साथ मानवीय संवेदनाओं का मिश्रण हैं।
4. सुमित्रानंदन पंत (ग्राम श्री)
- जीवन परिचय: सुमित्रानंदन पंत (1900-1977) आधुनिक हिंदी कविता के छायावादी युग के प्रमुख कवि थे। उनका जन्म उत्तराखंड के कौसानी में हुआ। वे प्रकृति प्रेमी और संवेदनशील कवि थे, जिन्होंने छायावाद से लेकर प्रगतिवाद तक विभिन्न शैलियों में लेखन किया।
- साहित्यिक योगदान: पंत ने प्रकृति, प्रेम, और मानव भावनाओं को अपनी कविताओं का आधार बनाया। उनकी रचनाएँ शृंगार और शांत रस से युक्त हैं। बाद में उन्होंने प्रगतिशील और आध्यात्मिक विचारों को भी अपनाया।
- प्रमुख रचनाएँ: पल्लव, गुंजन, युगवाणी, युगपथ, चिदंबरा।
- क्षितिज में रचना: ग्राम श्री – इस कविता में ग्राम के प्राकृतिक सौंदर्य, सादगी, और समृद्धि का चित्रण है। उदाहरण: “हरे कालीन-से खेत, चाँदी-सी धार नदी।”
- विशेषता: पंत की कविताएँ छायावादी सौंदर्य, बिंबात्मकता, और प्रकृति के साथ मानव भावनाओं के सामंजस्य को दर्शाती हैं।
5. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (मेघ आए)
- जीवन परिचय: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (1927-1983) आधुनिक हिंदी कविता के प्रसिद्ध कवि, नाटककार, और लेखक थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ। वे नई कविता आंदोलन से जुड़े थे और उनकी रचनाएँ प्रकृति, मानव जीवन, और सामाजिक यथार्थ को दर्शाती हैं।
- साहित्यिक योगदान: सक्सेना ने कविता, नाटक, कहानी, और बाल साहित्य में योगदान दिया। उनकी कविताएँ सरल, बिंबात्मक, और भावपूर्ण हैं। वे छायावाद और नई कविता के मिश्रण के लिए जाने जाते हैं।
- प्रमुख रचनाएँ: बाँस का पुल, काठ की घाटियाँ, कविता संग्रह खूँटियों पर टँगे लोग।
- क्षितिज में रचना: मेघ आए – इस कविता में मेघों को अतिथि के रूप में मानवीकृत कर प्रकृति के उत्साह और सौंदर्य का चित्रण किया गया है। उदाहरण: “मेघ आए बड़े बन-ठन, अतिथि बन।”
- विशेषता: उनकी कविताएँ शृंगार रस, प्रकृति सौंदर्य, और मानवीकरण की कला को दर्शाती हैं।
6. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (नए मेहमान)
- जीवन परिचय: रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (1908-1974) आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, निबंधकार, और लेखक थे। उनका जन्म बिहार के सिमरिया गाँव में हुआ। वे राष्ट्रीय भावना, वीर रस, और सामाजिक चेतना के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें “राष्ट्रकवि” कहा जाता है।
- साहित्यिक योगदान: दिनकर की कविताएँ वीर रस और राष्ट्रीय चेतना से ओतप्रोत हैं। उन्होंने प्रगतिवाद और छायावाद दोनों से प्रभावित होकर लेखन किया। उनकी रचनाएँ सामाजिक अन्याय और स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित हैं।
- प्रमुख रचनाएँ: रश्मिरथी, हुंकार, कुरुक्षेत्र, उर्वशी, परशुराम की प्रतीक्षा।
- क्षितिज में रचना: नए मेहमान – इस कविता में दिनकर ने स्वतंत्र भारत में नए नेताओं और उनके दायित्वों को राष्ट्रीय भावना के साथ चित्रित किया है।
- विशेषता: दिनकर की कविताएँ वीर रस, राष्ट्रीय जागृति, और सामाजिक यथार्थ को व्यक्त करती हैं।
7. नागार्जुन (नदी के द्वीप)
- जीवन परिचय: नागार्जुन (1911-1998) आधुनिक हिंदी और मैथिली साहित्य के प्रमुख कवि थे। उनका जन्म बिहार के दरभंगा में हुआ। वे प्रगतिवादी और जनकवि थे, जिन्होंने शोषित वर्गों की आवाज को अपनी कविताओं में स्थान दिया। उन्हें “जनकवि” कहा जाता है।
- साहित्यिक योगदान: नागार्जुन की कविताएँ सामाजिक यथार्थ, शोषण, और प्रकृति से प्रेरित हैं। उनकी भाषा सरल और जनसामान्य के लिए सुलभ है। वे प्रगतिवाद और नई कविता दोनों से प्रभावित थे।
- प्रमुख रचनाएँ: बादल को घेरते देखा है, प्यासी पथराई आँखें, सिंदूर तिलकित भाल।
- क्षितिज में रचना: नदी के द्वीप – इस कविता में नागार्जुन ने नदी और द्वीपों के माध्यम से प्रकृति और जीवन की गतिशीलता को चित्रित किया है।
- विशेषता: उनकी कविताएँ प्रगतिवादी विचारधारा, सामाजिक जागरूकता, और प्रकृति के साथ मानव जीवन के सामंजस्य को दर्शाती हैं।
8. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (उत्तरा के पत्र)
- जीवन परिचय: शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (1915-2003) आधुनिक हिंदी कविता के प्रसिद्ध कवि और लेखक थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुआ। वे प्रगतिवादी और नई कविता धारा से जुड़े थे। उनकी कविताएँ सामाजिक चेतना और मानवीय संवेदनाओं से युक्त हैं।
- साहित्यिक योगदान: सुमन ने कविता, निबंध, और आलोचना में योगदान दिया। उनकी रचनाएँ राष्ट्रीय भावना, सामाजिक यथार्थ, और व्यक्तिगत अनुभवों को दर्शाती हैं। उनकी भाषा सरल और प्रभावशाली है।
- प्रमुख रचनाएँ: मिट्टी की बारात, हिल्लोल, जीवन के गान।