तीनताल, कहरवा, दादरा, झपताल : TeenTaal Kaharwa Dadra Jhaptaal Basic Introduction

TeenTaal Kaharwa Dadra Jhaptaal Basic Introduction

ताल वर्णन (Description of Taals)

TeenTaal Kaharwa Dadra Jhaptaal Basic Introduction : राग के साथ-साथ ताल भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक अविभाज्य अंग है। ताल, संगीत में समय के चक्र को मापने का एक पैमाना है। प्रत्येक ताल की अपनी एक विशिष्ट संरचना होती है, जिसमें मात्रा, विभाग, ताली और खाली का समावेश होता है।

ताल से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली (Terminology related to Taal)

  • मात्रा (Matra): ताल के कुल बोलों या समय की इकाई को मात्रा कहते हैं। यह ताल का सबसे छोटा खंड है।
  • विभाग (Vibhag): प्रत्येक ताल को कुछ छोटे-छोटे खंडों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें विभाग कहते हैं।
  • ताली (Taali): ताल को हाथ पर गिनते समय जिस मात्रा पर ताली बजाई जाती है, उसे ताली कहते हैं। ताल की पहली मात्रा, जिसे ‘सम’ कहते हैं, पर हमेशा ताली होती है।
  • खाली (Khaali): ताल को गिनते समय जिस मात्रा पर हाथ हिलाकर इशारा किया जाता है (ताली नहीं बजाई जाती), उसे खाली कहते हैं। इसका चिह्न ‘0’ होता है।
  • ठेका (Theka): तबले या किसी अन्य ताल-वाद्य पर बजने वाले ताल के मूल बोलों को ठेका कहते हैं।

1. तीनताल (Teentaal)

यह हिंदुस्तानी संगीत में सबसे अधिक प्रचलित ताल है। इसका प्रयोग शास्त्रीय और सुगम संगीत दोनों में बहुतायत से होता है।

  • मात्रा: 16
  • विभाग: 4 (प्रत्येक विभाग में 4-4 मात्राएँ)
  • ताली: 1, 5, और 13 वीं मात्रा पर
  • खाली: 9 वीं मात्रा पर
  • ठेका:
धाधिंधिंधाधाधिंधिंधाधातिंतिंतानाधिंधिंधा
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2. कहरवा ताल (Keherwa Taal)

यह सुगम संगीत, लोक संगीत और भजनों में अत्यधिक लोकप्रिय ताल है। यह 8 मात्राओं का एक सरल और मधुर ताल है।

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  • मात्रा: 8
  • विभाग: 2 (प्रत्येक विभाग में 4-4 मात्राएँ)
  • ताली: 1 ली मात्रा पर
  • खाली: 5 वीं मात्रा पर
  • ठेका:
धागेनातिधि
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3. दादरा ताल (Dadra Taal)

यह 6 मात्राओं का एक छोटा और मधुर ताल है, जिसका प्रयोग मुख्य रूप से दादरा, गजल और फिल्मी गीतों में होता है।

  • मात्रा: 6
  • विभाग: 2 (प्रत्येक विभाग में 3-3 मात्राएँ)
  • ताली: 1 ली मात्रा पर
  • खाली: 4 थी मात्रा पर
  • ठेका:
धाधिंनाधातिंना
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4. झपताल (Jhaptaal)

यह 10 मात्राओं का एक गंभीर प्रकृति का ताल है, जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत में अधिक होता है। इसकी विभागों की संरचना (2-3-2-3) इसे एक विशिष्ट लय प्रदान करती है।

  • मात्रा: 10
  • विभाग: 4 (क्रमशः 2, 3, 2, 3 मात्राओं के)
  • ताली: 1, 3, और 8 वीं मात्रा पर
  • खाली: 6 वीं मात्रा पर
  • ठेका:
धिनाधिधिनातिनाधिधिना
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