MP Board Class 9 Subject Hindi Nibandh Gadya Vidha :
गद्य की विधाओं में निबंध: एक परिचय, प्रकार और महत्व
गद्य साहित्य की विधाओं में ‘निबंध’ एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह केवल सूचनाओं का संग्रह नहीं बल्कि लेखक के विचारों, अनुभवों और भावनाओं की एक सुव्यवस्थित, तर्कपूर्ण और कलात्मक प्रस्तुति है। निबंध ‘नि+बंध’ शब्दों से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘भली-भाँति बँधा हुआ’ या ‘सुगठित’। इसमें लेखक किसी विषय पर अपने निजी दृष्टिकोण को स्वतंत्रतापूर्वक व्यक्त करता है।
निबंध क्या है?
निबंध गद्य की वह रचना है जिसमें किसी एक विषय पर लेखक अपने व्यक्तिगत विचारों, दृष्टिकोणों और अनुभवों को एक क्रमबद्ध, सुसंगठित और तर्कपूर्ण शैली में प्रस्तुत करता है। इसमें विषय का गहन विश्लेषण होता है, लेकिन साथ ही लेखक की अपनी निजी सोच और शैली का भी पर्याप्त समावेश होता है। यह एक संक्षिप्त, सुगठित और स्वतंत्र रचना होती है।
निबंध की प्रमुख विशेषताएँ
- विषय-वस्तु की व्यापकता: निबंध का विषय कोई भी हो सकता है – सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, साहित्यिक, वैज्ञानिक, व्यक्तिगत या समसामयिक।
- क्रमबद्धता और सुगठन: इसमें विचार बिखरे हुए नहीं होते, बल्कि एक निश्चित क्रम और तारतम्य में बँधे होते हैं। एक विचार से दूसरा विचार स्वाभाविक रूप से जुड़ता चला जाता है।
- तर्कपूर्णता और बौद्धिकता: विचारात्मक निबंधों में तर्क और प्रमाणों के आधार पर विचारों को पुष्ट किया जाता है। पाठक की बुद्धि को संतुष्ट करना इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- आत्मपरकता/वैयक्तिकता: लेखक अपने व्यक्तिगत अनुभवों, भावनाओं और दृष्टिकोणों को खुलकर व्यक्त कर सकता है। यही विशेषता इसे रिपोर्ट या शोधपत्र से अलग करती है।
- शैली की विविधता: निबंध की शैली विषय और लेखक की प्रकृति के अनुसार बदलती रहती है – यह गंभीर, सरल, व्यंग्यात्मक, भावनात्मक या विवेचनात्मक हो सकती है।
- संक्षिप्तता और पूर्णता: निबंध आकार में बहुत विस्तृत नहीं होता लेकिन वह अपने विषय को पूर्णता से प्रस्तुत करता है।
निबंध के प्रमुख प्रकार
निबंधों को उनकी विषय-वस्तु और शैली के आधार पर कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- विचारात्मक निबंध: ये गंभीर विषयों (जैसे धर्म, दर्शन, विज्ञान, राजनीति, सामाजिक समस्याएँ) पर आधारित होते हैं। इनमें विचारों का विश्लेषण, तर्क-वितर्क और चिंतन-मनन प्रमुख होता है। (उदा. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध)
- वर्णनात्मक निबंध: इनमें किसी स्थान, व्यक्ति, वस्तु, दृश्य या घटना का सजीव और विस्तृत वर्णन किया जाता है। लेखक अपनी इंद्रियों से प्राप्त अनुभवों को पाठक के सामने चित्रित करता है। (उदा. प्रकृति वर्णन)
- भावात्मक निबंध: इन निबंधों में लेखक की व्यक्तिगत भावनाओं, अनुभूतियों और हृदय के उद्गारों की प्रधानता होती है। ये अधिक आत्मपरक और कोमल होते हैं। (उदा. रवींद्रनाथ टैगोर के कुछ निबंध)
- व्यंग्यात्मक निबंध: इनमें हास्य और कटाक्ष के माध्यम से सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत विसंगतियों, पाखंडों और बुराइयों पर प्रहार किया जाता है। इनका उद्देश्य केवल हँसाना नहीं, बल्कि सोचने पर मजबूर करना होता है। (उदा. हरिशंकर परसाई के निबंध)
- ललित निबंध: यह निबंध का एक आधुनिक रूप है, जिसमें विचार, भावना, निजी अनुभव, कल्पना और कलात्मकता का सुंदर मिश्रण होता है। इनकी शैली अत्यंत प्रवाहमयी और व्यक्तिगत होती है। (उदा. हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध)
हिंदी साहित्य में निबंध का महत्व
हिंदी साहित्य में निबंध विधा का अत्यधिक महत्व है:
- बौद्धिक विकास: इसने हिंदी पाठकों के बौद्धिक और वैचारिक स्तर को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- समाज सुधार: सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कुरीतियों पर प्रहार कर समाज सुधार की दिशा में योगदान दिया है। भारतेंदु युग में इसका विशेष महत्व था।
- भाषा का परिष्कार: निबंधों ने हिंदी गद्य को परिष्कृत, व्यवस्थित और सशक्त बनाने में मदद की है।
- साहित्यिक चिंतन: साहित्यिक आलोचना और विभिन्न वाद-विवादों को जन्म दिया, जिससे साहित्य का गंभीर चिंतन संभव हुआ।
- व्यक्तिगत अभिव्यक्ति: यह लेखक को अपने व्यक्तित्व, अनुभव और निजी विचारों को स्वतंत्रतापूर्वक व्यक्त करने का एक मंच प्रदान करता है।
प्रमुख हिंदी निबंधकार और उनके उदाहरण
हिंदी निबंध साहित्य को समृद्ध करने वाले कुछ प्रमुख निबंधकार और उनकी रचनाएँ:
- भारतेंदु हरिश्चंद्र: ‘भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है?’, ‘दिल्ली दरबार दर्पण’
- महावीर प्रसाद द्विवेदी: ‘कवि और कविता’, ‘महाकवि माघ का प्रभात वर्णन’
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल: ‘श्रद्धा और भक्ति’, ‘लोभ और प्रीति’, ‘कविता क्या है?’ (विचारात्मक निबंधों के शिखर पुरुष)
- हजारी प्रसाद द्विवेदी: ‘कुटज’, ‘अशोक के फूल’, ‘नाखून क्यों बढ़ते हैं?’ (ललित निबंधकार)
- हरिशंकर परसाई: ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’, ‘सदाचार का तावीज़’, ‘पगडंडियों का ज़माना’ (व्यंग्यात्मक निबंधकार)
- विद्यानिवास मिश्र: ‘मेरे राम का मुकुट भीग रहा है’, ‘तुम चंदन हम पानी’ (ललित निबंधकार)
निबंध गद्य की वह विधा है जो अपनी व्यापकता, वैचारिकता और शैलीगत विविधता के कारण साहित्य में अपना विशेष स्थान रखती है। यह न केवल ज्ञान का विस्तार करती है, बल्कि पाठकों को गहराई से सोचने और अपने दृष्टिकोण विकसित करने के लिए भी प्रेरित करती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) – निबंध गद्य विधा
यहाँ ‘निबंध’ गद्य विधा पर आधारित 20 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) उनके उत्तरों के साथ दिए गए हैं, जो 10वीं कक्षा के हिंदी पाठ्यक्रम के लिए उपयोगी होंगे:
निर्देश: सही विकल्प का चयन कीजिए।
‘निबंध’ शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
(अ) लंबी कहानी
(ब) भली-भाँति बँधा हुआ (सही उत्तर)
(स) मुक्त कविता
(द) विचारों का संग्रह
निबंध गद्य की वह रचना है जिसमें लेखक अपने विचारों को कैसे प्रस्तुत करता है?
(अ) बिखरे हुए रूप में
(ब) असीमित विस्तार के साथ
(स) सुव्यवस्थित, तर्कपूर्ण और कलात्मक ढंग से (सही उत्तर)
(द) केवल कल्पना के आधार पर
निबंध का विषय क्या हो सकता है?
(अ) सामाजिक
(ब) राजनीतिक
(स) साहित्यिक
(द) उपरोक्त सभी (सही उत्तर)
निबंध की प्रमुख विशेषता क्या है जो इसे रिपोर्ट या शोधपत्र से अलग करती है?
(अ) केवल तथ्यों पर आधारित होना
(ब) आत्मपरकता और वैयक्तिकता (सही उत्तर)
(स) संवादों की प्रधानता
(द) घटनाओं का क्रमबद्ध वर्णन
किस प्रकार के निबंधों में किसी स्थान, व्यक्ति या दृश्य का सजीव और विस्तृत वर्णन किया जाता है?
(अ) विचारात्मक निबंध
(ब) वर्णनात्मक निबंध (सही उत्तर)
(स) भावात्मक निबंध
(द) व्यंग्यात्मक निबंध
वह निबंध जिसमें लेखक की व्यक्तिगत भावनाओं, अनुभूतियों और हृदय के उद्गारों की प्रधानता होती है, कहलाता है:
(अ) विचारात्मक निबंध
(ब) वर्णनात्मक निबंध
(स) भावात्मक निबंध (सही उत्तर)
(द) व्यंग्यात्मक निबंध
किस प्रकार के निबंधों में हास्य और कटाक्ष के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार किया जाता है?
(अ) विचारात्मक निबंध
(ब) भावात्मक निबंध
(स) व्यंग्यात्मक निबंध (सही उत्तर)
(द) ललित निबंध
‘कुटज’, ‘अशोक के फूल’ और ‘नाखून क्यों बढ़ते हैं?’ जैसे निबंध किस प्रकार के निबंधों के उदाहरण हैं और इनके लेखक कौन हैं?
(अ) विचारात्मक – आचार्य रामचंद्र शुक्ल
(ब) व्यंग्यात्मक – हरिशंकर परसाई
(स) ललित – हजारी प्रसाद द्विवेदी (सही उत्तर)
(द) वर्णनात्मक – रामवृक्ष बेनीपुरी
आचार्य रामचंद्र शुक्ल मुख्य रूप से किस प्रकार के निबंधों के लिए जाने जाते हैं?
(अ) वर्णनात्मक
(ब) भावात्मक
(स) विचारात्मक (सही उत्तर)
(द) ललित
भारतेंदु हरिश्चंद्र ने निबंध विधा का उपयोग मुख्य रूप से किस उद्देश्य से किया था?
(अ) केवल मनोरंजन के लिए
(ब) सामाजिक और राजनीतिक चेतना जगाने के लिए (सही उत्तर)
(स) प्रकृति का वर्णन करने के लिए
(द) व्यक्तिगत जीवन के अनुभव साझा करने के लिए
‘कविता क्या है?’ निबंध के लेखक कौन हैं?
(अ) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ब) हरिशंकर परसाई
(स) आचार्य रामचंद्र शुक्ल (सही उत्तर)
(द) भारतेंदु हरिश्चंद्र
निबंध का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?
(अ) केवल कहानी सुनाना
(ब) पाठकों का बौद्धिक और वैचारिक विकास करना (सही उत्तर)
(स) नाटक का मंचन करना
(द) दैनिक घटनाओं का रिकॉर्ड रखना
‘सदाचार का तावीज़’ और ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’ किस व्यंग्य निबंधकार की प्रसिद्ध रचनाएँ हैं?
(अ) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
(ब) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(स) हरिशंकर परसाई (सही उत्तर)
(द) भारतेंदु हरिश्चंद्र
निबंध में विचारों की प्रस्तुति में किस बात का ध्यान रखा जाता है?
(अ) विचारों का बिखराव
(ब) तर्कहीनता
(स) क्रमबद्धता और सुगठन (सही उत्तर)
(द) केवल संक्षिप्तता
किस प्रकार के निबंध में व्यक्तिगत अनुभूतियों, सौंदर्य बोध और कल्पना का सुंदर मिश्रण होता है?
(अ) विचारात्मक निबंध
(ब) व्यंग्यात्मक निबंध
(स) ललित निबंध (सही उत्तर)
(द) वर्णनात्मक निबंध
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने हिंदी निबंध के विकास में क्या महत्वपूर्ण योगदान दिया?
(अ) हास्य-व्यंग्य का नया रूप दिया।
(ब) हिंदी गद्य को व्याकरणिक शुद्धता और परिष्कार प्रदान किया। (सही उत्तर)
(स) केवल भावात्मक निबंध लिखे।
(द) ऐतिहासिक विषयों पर अधिक जोर दिया।
निबंध गद्य की वह विधा है जो:
(अ) छंद, तुकबंदी और मीटर के बंधन से मुक्त होती है। (सही उत्तर)
(ब) केवल कल्पना पर आधारित होती है।
(स) हमेशा ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन करती है।
(द) एक ही अंक में समाप्त हो जाती है।
‘श्रद्धा और भक्ति’, ‘लोभ और प्रीति’ जैसे मनोवैज्ञानिक निबंधों के लिए कौन से आचार्य प्रसिद्ध हैं?
(अ) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ब) आचार्य रामचंद्र शुक्ल (सही उत्तर)
(स) भारतेंदु हरिश्चंद्र
(द) रामवृक्ष बेनीपुरी
निबंध में लेखक अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए कितना स्वतंत्र होता है?
(अ) बिल्कुल भी नहीं
(ब) बहुत सीमित
(स) पूर्णतः स्वतंत्र (सही उत्तर)
(द) केवल संपादक की अनुमति से
निबंध विधा का विकास किस युग से महत्वपूर्ण रूप से माना जाता है?
(अ) भक्तिकाल
(ब) रीतिकाल
(स) भारतेंदु युग (सही उत्तर)
(द) छायावाद युग