कक्षा 9समकालीन भारत अपवाह : MP board Class 9 SST The drinage system Of India

MP board Class 9 SST The drinage system Of India

MP board Class 9 SST The drinage system Of India : कक्षा 9वीं सामाजिक विज्ञान की पुस्तक “समकालीन भारत” के अध्याय 3 “अपवाह” (MP board Class 9 SST The drinage system Of India) के विस्तृत नोट्स हिंदी में दिए गए हैं, जो छात्रों के लिए परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे और आसानी से याद किए जा सकेंगे।

अध्याय 3: अपवाह (Drainage)

1. परिचय (Introduction)

  • अपवाह (Drainage): एक क्षेत्र के नदी तंत्र की व्याख्या। यह बताता है कि नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ मिलकर कैसे जल निकासी करती हैं।
  • अपवाह द्रोणी (Drainage Basin): एक नदी तंत्र जिस क्षेत्र से पानी इकट्ठा करता है, उसे अपवाह द्रोणी या नदी बेसिन कहते हैं। यह वह क्षेत्र है जिसका जल एक मुख्य नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित होता है।
  • जल विभाजक (Water Divide): कोई भी ऊँचा क्षेत्र, जैसे पर्वत या उच्च भूमि, जो दो पड़ोसी अपवाह द्रोणियों (नदी बेसिनों) को एक दूसरे से अलग करता है। उदाहरण: अंबाला, जो सिंधु और गंगा नदी तंत्रों को अलग करता है।

2. भारत में अपवाह तंत्र (Drainage Systems in India)

भारत के अपवाह तंत्र को मुख्य रूप से दो प्रमुख भागों में बांटा गया है:

  1. हिमालयी नदियाँ (The Himalayan Rivers)
  2. प्रायद्वीपीय नदियाँ (The Peninsular Rivers)

2.1 हिमालयी नदियाँ (The Himalayan Rivers)

  • विशेषताएँ (Characteristics):
    • ये बारहमासी नदियाँ (Perennial Rivers) हैं, अर्थात इनमें पूरे वर्ष जल रहता है।
    • इनमें जल वर्षा के साथ-साथ ऊँचे पहाड़ों पर स्थित हिम और हिमानियों (ग्लेशियरों) के पिघलने से प्राप्त होता है।
    • ये लंबी हैं और अपने उद्गम से समुद्र तक का लंबा मार्ग तय करती हैं।
    • ये नदियाँ अपने मार्ग के ऊपरी भागों में तीव्र अपरदन (erosion) क्रिया करती हैं, जिससे ये V-आकार की घाटियाँ (V-shaped valleys) और गॉर्ज (Gorges) का निर्माण करती हैं।
    • मैदानी क्षेत्रों में ये विसर्प (meanders), गोखुर झील (oxbow lakes) और अपने मुहाने पर डेल्टा (deltas) बनाती हैं।
  • प्रमुख हिमालयी नदी तंत्र (Major Himalayan River Systems):
    1. सिंधु नदी तंत्र (Indus River System):
      • उद्गम: तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट।
      • बहाव: पश्चिम की ओर बहते हुए यह नदी भारत में जम्मू और कश्मीर के लद्दाख जिले में प्रवेश करती है।
      • सहायक नदियाँ: ज़ास्कर, नुबरा, श्योक और हुंजा कश्मीर में मिलती हैं। सतलुज, ब्यास, रावी, चेनाब और झेलम (पाकिस्तान में मिठानकोट के पास) सिंधु में मिलती हैं।
      • कुल लंबाई: लगभग 2,900 किमी।
      • सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty – 1960): भारत इस समझौते के अनुसार सिंधु नदी तंत्र के कुल जल का केवल 20% उपयोग कर सकता है (मुख्यतः पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी भागों में)।
    2. गंगा नदी तंत्र (Ganga River System):
      • उद्गम: गंगोत्री हिमानी (ग्लेशियर) से भागीरथी के रूप में निकलती है। देवप्रयाग में यह अलकनंदा से मिलकर गंगा कहलाती है।
      • बहाव: हरिद्वार के पास गंगा पर्वतीय भाग को छोड़कर मैदानी भाग में प्रवेश करती है।
      • सहायक नदियाँ (Major Tributaries):
        • हिमालय से: यमुना (यमुनोत्री से), घाघरा, गंडक, कोसी।
        • प्रायद्वीपीय पठार से: चंबल, बेतवा, सोन।
      • कुल लंबाई: 2,500 किमी से अधिक।
      • डेल्टा: गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियाँ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरबन डेल्टा बनाती हैं।
    3. ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र (Brahmaputra River System):
      • उद्गम: तिब्बत में मानसरोवर झील के पूर्व में, सिंधु और सतलुज के उद्गम स्थल के बहुत पास।
      • बहाव: तिब्बत में यह सिंधु से अधिक लंबी है और अधिकतर समांतर बहती है। तिब्बत में इसे त्सांगपो के नाम से जाना जाता है।
      • भारत में प्रवेश: यह अरुणाचल प्रदेश में दिहांग गॉर्ज के पास यू-टर्न लेती हुई भारत में प्रवेश करती है, जहाँ इसे दिहांग कहते हैं।
      • सहायक नदियाँ (भारत में): दिबांग, लोहित और केनुला जैसी कई सहायक नदियाँ इसमें मिलकर ब्रह्मपुत्र का निर्माण करती हैं।
      • विशेषता: तिब्बत में इसमें जल की मात्रा कम होती है और गाद (silt) कम होती है। लेकिन भारत में, भारी वर्षा के कारण, इसमें जल और गाद की मात्रा बढ़ जाती है। असम में यह एक गुंफित नदी (braided river) के रूप में बहती है, जिससे हर साल बाढ़ और क्षति होती है।

2.2 प्रायद्वीपीय नदियाँ (The Peninsular Rivers)

  • विशेषताएँ (Characteristics):
    • ये मौसमी नदियाँ (Seasonal Rivers) हैं, अर्थात इनका बहाव वर्षा पर निर्भर करता है। शुष्क मौसम में इनका जल-स्तर घट जाता है।
    • इनकी लंबाई कम और गहराई कम होती है।
    • ये पठारी क्षेत्रों की कठोर चट्टानों में बहती हैं, जिससे ये सीधी और अपेक्षाकृत उथली घाटियों में प्रवाहित होती हैं।
  • प्रमुख प्रायद्वीपीय नदी तंत्र (Major Peninsular River Systems):
    • पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ (जो बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं):
      1. महानदी बेसिन (Mahanadi Basin):
        • उद्गम: छत्तीसगढ़ की उच्च भूमि से।
        • बहाव: ओडिशा से होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
        • लंबाई: लगभग 860 किमी।
      2. गोदावरी बेसिन (Godavari Basin):
        • उद्गम: महाराष्ट्र के नासिक जिले में पश्चिमी घाट की ढलानों से।
        • सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी: इसकी लंबाई (लगभग 1,500 किमी) के कारण इसे ‘दक्षिण गंगा’ भी कहा जाता है।
        • बहाव: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
        • सहायक नदियाँ: पूर्णा, वर्धा, प्राणहिता, मांजरा, वेनगंगा, पेनगंगा।
      3. कृष्णा बेसिन (Krishna Basin):
        • उद्गम: महाराष्ट्र में महाबलेश्वर के पास एक झरने से।
        • लंबाई: लगभग 1,400 किमी।
        • सहायक नदियाँ: तुंगभद्रा, कोयना, घाटप्रभा, मूसी, भीमा।
        • बहाव: महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
      4. कावेरी बेसिन (Kaveri Basin):
        • उद्गम: पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरि श्रृंखला से।
        • लंबाई: लगभग 760 किमी।
        • बहाव: कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु से होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
        • सहायक नदियाँ: अमरावती, भवानी, हेमावती, काबिनी।
    • पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ (जो अरब सागर में गिरती हैं):
      1. नर्मदा बेसिन (Narmada Basin):
        • उद्गम: मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ियों से।
        • बहाव: यह एक भ्रंश घाटी (rift valley) में बहती है।
        • विशेषताएँ: जबलपुर के पास धुआँधार जलप्रपात (Dhuadhar Falls) बनाती है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है।
        • बहाव क्षेत्र: मध्य प्रदेश और गुजरात।
      2. तापी बेसिन (Tapi Basin):
        • उद्गम: मध्य प्रदेश में सतपुड़ा श्रृंखला के बेतुल जिले से।
        • बहाव: नर्मदा के समानांतर एक भ्रंश घाटी में बहती है।
        • बहाव क्षेत्र: मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र।
        • विशेषता: नर्मदा और तापी ही दो बड़ी नदियाँ हैं जो पश्चिम की ओर बहती हैं और ज्वारनदमुख (estuaries) बनाती हैं।

3. झीलें (Lakes)

  • झीलें क्यों बनती हैं (How Lakes are Formed):
    • नदी क्रिया: विसर्पों के कटाव से गोखुर झीलें (oxbow lakes) बनती हैं। डेल्टा क्षेत्रों में लैगून (lagoons) बनते हैं।
    • हिमानी क्रिया: हिमानियों द्वारा बनी झीलें (जैसे ग्लेशियरों के पिघलने से)।
    • ज्वालामुखी क्रिया: ज्वालामुखी के क्रेटर (मुख) में जल भरने से।
    • विवर्तनिक क्रिया (Tectonic Activity): पृथ्वी की पपड़ी के हिलने-डुलने से। उदाहरण: वुलर झील।
    • मानवीय क्रियाएँ: बांधों के निर्माण से भी झीलें बनती हैं।
  • प्रमुख प्रकार की झीलें (Major Types of Lakes):
    1. मीठे पानी की झीलें (Freshwater Lakes):
      • अधिकतर हिमालयी क्षेत्र में पाई जाती हैं।
      • ये हिमानियों द्वारा निर्मित होती हैं।
      • उदाहरण: वुलर झील (जम्मू और कश्मीर) – भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की प्राकृतिक झील। डल झील, नैनीताल, लोकटक, बारापानी (मेघालय)।
    2. खारे पानी की झीलें (Saltwater Lakes):
      • ये समुद्र से कटकर लैगून के रूप में बनती हैं, या अंतर्देशीय क्षेत्रों में नमक के जमाव के कारण।
      • उदाहरण: चिल्का झील (ओडिशा) – भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील (लैगून)। सांभर झील (राजस्थान) – एक अंतर्देशीय खारे पानी की झील।
  • झीलों का महत्व (Importance of Lakes):
    • जल विद्युत (Hydroelectric Power): नदियों पर बांध बनाकर जल विद्युत उत्पादन में मदद।
    • पर्यटन (Tourism): कई झीलें पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं।
    • जलवायु का नियमन (Regulation of Climate): नदी के बहाव को नियमित करती हैं और जलवायु को सामान्य बनाती हैं।
    • मछली पालन (Fisheries): मछली पकड़ने और जल कृषि के लिए महत्वपूर्ण।
    • सिंचाई (Irrigation) और घरेलू उपयोग (Domestic Use): जल आपूर्ति का स्रोत।

4. नदियों का अर्थव्यवस्था में महत्व (Role of Rivers in the Economy)

नदियाँ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जीवन रेखा हैं:

  • कृषि (Agriculture): नदियाँ सिंचाई के लिए जल प्रदान करती हैं, जिससे कृषि का विकास होता है। उत्तरी मैदानों में उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी नदियों द्वारा लाई जाती है।
  • उद्योग (Industry): कई उद्योगों को जल और बिजली नदियों से मिलती है।
  • जल विद्युत उत्पादन (Hydroelectric Power Generation): नदियों पर बांध बनाकर बिजली का उत्पादन किया जाता है।
  • नौचालन/परिवहन (Navigation/Transport): कुछ बड़ी नदियाँ आंतरिक जलमार्गों के रूप में उपयोग की जाती हैं।
  • पर्यटन (Tourism): नदियों और उनके किनारों पर कई धार्मिक और पर्यटन स्थल विकसित हुए हैं।
  • घरेलू उपयोग (Domestic Use): पीने, नहाने और अन्य दैनिक उपयोग के लिए जल प्रदान करती हैं।

5. नदी प्रदूषण (River Pollution)

  • कारण (Causes):
    • बढ़ता नगरीकरण (Increasing Urbanization): शहरों से निकलने वाला अनुपचारित (untreated) सीवेज (sewage) नदियों में।
    • औद्योगिक कचरा (Industrial Waste): कारखानों से निकलने वाले विषैले रसायन और अपशिष्ट।
    • कृषि अपवाह (Agricultural Runoff): खेतों से बहने वाले उर्वरक (fertilizers) और कीटनाशक (pesticides)।
    • घरेलू अपशिष्ट (Domestic Waste): घरों से निकलने वाला कचरा।
  • प्रभाव (Effects):
    • जल की गुणवत्ता में गिरावट (Degradation of Water Quality)।
    • जलीय जीवन (aquatic life) को नुकसान।
    • मनुष्यों में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएँ (health problems)।
  • नदी संरक्षण (River Conservation):
    • सरकार ने नदी प्रदूषण को रोकने और नदियों के संरक्षण के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे नमामि गंगे परियोजना (Namami Gange Project) और राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (National River Conservation Plan – NRCP)

6. मुख्य शब्द (Keywords) / Important Terms

  • अपवाह (Drainage): एक क्षेत्र में नदी तंत्र द्वारा जल का बहाव।
  • अपवाह द्रोणी (Drainage Basin): वह क्षेत्र जिसका जल एक मुख्य नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा बहकर इकट्ठा होता है।
  • जल विभाजक (Water Divide): दो अपवाह द्रोणियों को अलग करने वाली ऊँची भूमि।
  • बारहमासी नदियाँ (Perennial Rivers): वे नदियाँ जिनमें वर्ष भर जल रहता है (जैसे हिमालयी नदियाँ)।
  • मौसमी नदियाँ (Seasonal Rivers): वे नदियाँ जिनमें केवल वर्षा ऋतु में जल रहता है (जैसे प्रायद्वीपीय नदियाँ)।
  • डेल्टा (Delta): नदी के मुहाने पर बनने वाली त्रिभुजाकार भू-आकृति, जहाँ नदी कई शाखाओं में बंट जाती है और गाद जमा करती है।
  • ज्वारनदमुख (Estuary): नदी का मुहाना जहाँ मीठा पानी सीधे समुद्र के खारे पानी से मिलता है और कोई डेल्टा नहीं बनता (जैसे नर्मदा, तापी)।
  • विसर्प (Meander): मैदानी क्षेत्रों में नदियों द्वारा बनाए गए बड़े घुमावदार मोड़।
  • गोखुर झील (Oxbow Lake): नदी के विसर्प के कट जाने से बनी घोड़े की नाल के आकार की झील।
  • लैगून (Lagoon): खारे पानी की झील जो समुद्र से रेत या प्रवाल भित्ति द्वारा अलग हो जाती है।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points for Exam):

  • अपवाह, अपवाह द्रोणी, जल विभाजक की परिभाषाएँ।
  • हिमालयी और प्रायद्वीपीय नदियों के बीच अंतर।
  • सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र नदी तंत्रों की प्रमुख सहायक नदियाँ और उद्गम स्थल।
  • पूर्व और पश्चिम की ओर बहने वाली प्रायद्वीपीय नदियों के उदाहरण (नर्मदा, तापी का पश्चिम की ओर बहना)।
  • भारत की प्रमुख झीलें (वुलर, चिल्का, सांभर) और उनके प्रकार (मीठे/खारे पानी की)।
  • नदियों का आर्थिक महत्व।
  • नदी प्रदूषण के कारण और समाधान।

अभ्यास: सही विकल्प चुनिए

1.वूलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है?
(क) राजस्थान (ख) पंजाब
(ग) उत्तर प्रदेश (घ) जम्मू-कश्मीर
उत्तर: (घ) जम्मू-कश्मीर

2.नर्मदा नदी का उद्गम कहाँ से है?
(क) सतपुड़ा (ख) अमरकंटक
(ग) ब्रह्मागिरी (घ) पश्चिमी घाट के ढाल
उत्तर: (ख) अमरकंटक

3.निम्नलिखित में से कौन-सी लवणीय जलवाली झील है?
(क) सांभर (ख) वूलर
(ग) डल (घ) गोबिंद सागर
उत्तर: (क) सांभर

4.निम्नलिखित में से कौन-सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है?
(क) नर्मदा (ख) गोदावरी
(ग) कृष्णा (घ) महानदी
उत्तर: (ख) गोदावरी

5.निम्नलिखित नदियों में से कौन-सी नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है?
(क) महानदी (ख) कृष्णा
(ग) तुंगभद्रा (घ) तापी
उत्तर: (घ) तापी

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए:

  • (i) जल विभाजक का क्या कार्य है? एक उदाहरण दीजिए।
  • उत्तर: जल विभाजक कोई भी ऊँचा क्षेत्र, जैसे पर्वत या उच्च भूमि होती है, जो दो पड़ोसी अपवाह द्रोणियों (नदी बेसिनों) को एक-दूसरे से अलग करती है। उदाहरण के लिए, अंबाला शहर सिंधु और गंगा नदी तंत्रों के बीच जल विभाजक का कार्य करता है।
  • (ii) भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन-सी है?
  • उत्तर: भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी गंगा नदी द्रोणी है।
  • (iii) सिंधु एवं गंगा नदियाँ कहाँ से निकलती हैं?
  • उत्तर: सिंधु नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट से निकलती है, जबकि गंगा नदी उत्तराखंड में गंगोत्री हिमानी (ग्लेशियर) से भागीरथी के रूप में निकलती है।
  • (iv) गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए? ये कहाँ पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं?
  • उत्तर: गंगा की दो मुख्य धाराएँ भागीरथी और अलकनंदा हैं। ये दोनों उत्तराखंड के देवप्रयाग नामक स्थान पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं।
  • (v) लंबी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) क्यों है?
  • उत्तर: तिब्बत एक ठंडा और शुष्क क्षेत्र है, इसलिए तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी में जल की मात्रा कम होती है और गाद (सिल्ट) भी बहुत कम होती है। भारत में प्रवेश के बाद, भारी वर्षा के कारण इसमें जल और गाद की मात्रा बढ़ जाती है।
  • (vi) कौन-सी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ भ्रंश घाटी से होकर बहती हैं? समुद्र में प्रवेश करने से पहले वे किस प्रकार की आकृतियों का निर्माण करती हैं?
  • उत्तर: नर्मदा और तापी दो प्रमुख प्रायद्वीपीय नदियाँ हैं जो भ्रंश घाटी से होकर पश्चिम की ओर बहती हैं। ये नदियाँ समुद्र में प्रवेश करने से पहले ज्वारनदमुख (Estuaries) का निर्माण करती हैं, न कि डेल्टा का।
  • (vii) नदियों तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्त्व को बताएँ।
  • उत्तर: नदियाँ और झीलें भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।
    • नदियाँ: सिंचाई के लिए जल, जलविद्युत उत्पादन, नौचालन/परिवहन, उद्योगों को जल की आपूर्ति और कृषि विकास में सहायक हैं।
    • झीलें: जल विद्युत उत्पादन, पर्यटन को बढ़ावा, जलवायु को नियमित करना, मछली पालन, और पीने तथा घरेलू उपयोग के लिए जल उपलब्ध कराना।

3. नीचे भारत की कुछ झीलों के नाम दिए गए हैं। इन्हें प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वर्गों में बांटिए।

उत्तर:

प्राकृतिक झीलें (Natural Lakes):

  • वुलर (Wular)
  • डल (Dal)
  • नैनीताल (Nainital)
  • भीमताल (Bhimtal)
  • लोकटक (Loktak)
  • बारापानी (Barapani)
  • चिल्का (Chilika)
  • सांभर (Sambhar)
  • पुलिकट (Pulicat)

मानव निर्मित झीलें (Man-made Lakes):

  • गोबिंद सागर (Gobind Sagar)
  • राणा प्रताप सागर (Rana Pratap Sagar)
  • निजाम सागर (Nizam Sagar)
  • नागार्जुन सागर (Nagarjuna Sagar)
  • हीराकुंड (Hirakud)

4. हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य अंतरों को स्पष्ट कौजिए।

उत्तर: हिमालय और प्रायद्वीपीय नदियाँ भारत के दो मुख्य अपवाह तंत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं, और इनके बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं:

अंतर का आधारहिमालयी नदियाँ (The Himalayan Rivers)प्रायद्वीपीय नदियाँ (The Peninsular Rivers)
उद्गमहिमालय पर्वत श्रृंखलाओं की हिमानियों (ग्लेशियरों) से निकलती हैं।प्रायद्वीपीय पठार की पहाड़ियों या पठारों से निकलती हैं।
जल की प्रकृतिबारहमासी (Perennial) होती हैं; इन्हें वर्षा के साथ-साथ ग्लेशियरों के पिघलने से भी जल मिलता है, इसलिए वर्ष भर बहती हैं।मौसमी (Seasonal) होती हैं; इनका बहाव वर्षा पर निर्भर करता है। शुष्क मौसम में इनका जल-स्तर घट जाता है।
लंबाईये बहुत लंबी और विशाल होती हैं।ये अपेक्षाकृत छोटी और कम गहरी होती हैं।
घाटियों का स्वरूपअपने ऊपरी मार्ग में गहरी V-आकार की घाटियाँ और गॉर्ज बनाती हैं, क्योंकि ये अपरदन (erosion) का तीव्र कार्य करती हैं।ये पठारी क्षेत्रों की कठोर चट्टानों में बहती हैं, जिससे ये अपेक्षाकृत चौड़ी और उथली घाटियों में प्रवाहित होती हैं।
मैदानी लक्षणमैदानी क्षेत्रों में विसर्प (meanders), गोखुर झीलें (oxbow lakes) और बड़े डेल्टा (deltas) बनाती हैं।ये सामान्यतः सीधे और छोटे मार्ग पर चलती हैं। कुछ नदियाँ (जैसे नर्मदा, तापी) ज्वारनदमुख (estuaries) बनाती हैं, डेल्टा नहीं।
अपवाह द्रोणीइनकी अपवाह द्रोणियाँ बहुत विशाल होती हैं।इनकी अपवाह द्रोणियाँ तुलनात्मक रूप से छोटी होती हैं।
उदाहरणसिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियाँ।महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, तापी।

5. प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों की तुलना कौजिए।

उत्तर: प्रायद्वीपीय पठार की नदियाँ सामान्यतः पूर्व की ओर बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, लेकिन कुछ अपवादस्वरूप पश्चिम की ओर भी बहती हैं। इनकी तुलना इस प्रकार है:

अंतर का आधारपूर्व की ओर बहने वाली नदियाँपश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ
बहाव की दिशाये पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं।ये पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं।
गिरने का स्थानये बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।ये अरब सागर में गिरती हैं।
प्रमुख नदियाँमहानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी।नर्मदा, तापी।
लंबाईये तुलनात्मक रूप से लंबी होती हैं।ये तुलनात्मक रूप से छोटी होती हैं।
डेल्टा/ज्वारनदमुखये अपने मुहाने पर बड़े और उपजाऊ डेल्टा का निर्माण करती हैं।ये भ्रंश घाटियों से होकर बहती हैं और मुहाने पर ज्वारनदमुख (Estuaries) बनाती हैं, डेल्टा नहीं।
गाद/अपरदनअपने साथ अधिक गाद (silt) लाती हैं और अधिक अपरदन (erosion) करती हैं।गाद की मात्रा कम होती है, क्योंकि ये कठोर चट्टानों में भ्रंश घाटी से बहती हैं।
उदाहरणमहानदी डेल्टा, गोदावरी डेल्टा, कृष्णा डेल्टा, कावेरी डेल्टा।नर्मदा का ज्वारनदमुख, तापी का ज्वारनदमुख।

6. किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नदियाँ महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?

उत्तर: नदियाँ किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए जीवन रेखा के समान होती हैं क्योंकि वे विभिन्न तरीकों से आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं:

  1. कृषि का विकास (Agricultural Development): नदियाँ सिंचाई के लिए पानी का प्राथमिक स्रोत हैं, जो कृषि उत्पादन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी (alluvial soil) जो नदियाँ अपने साथ लाती हैं, कृषि को बढ़ावा देती है, विशेषकर भारत जैसे कृषि प्रधान देश में।
  2. जलविद्युत उत्पादन (Hydroelectric Power Generation): नदियों पर बड़े बांध बनाकर जलविद्युत का उत्पादन किया जाता है। यह ऊर्जा उद्योगों और घरेलू उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती है।
  3. उद्योगों के लिए जल आपूर्ति (Water Supply for Industries): कई उद्योग (जैसे कपड़ा, रसायन, कागज) अपनी उत्पादन प्रक्रियाओं और शीतलन (cooling) के लिए बड़ी मात्रा में जल पर निर्भर करते हैं, जो उन्हें नदियों से प्राप्त होता है।
  4. नौचालन और परिवहन (Navigation and Transportation): कुछ बड़ी और गहरी नदियाँ आंतरिक जलमार्ग (inland waterways) के रूप में कार्य करती हैं। यह भारी वस्तुओं के सस्ते और कुशल परिवहन का माध्यम प्रदान करता है, जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलता है।
  5. मत्स्य पालन (Fisheries): नदियाँ और उनसे बनने वाली झीलें मछली पालन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जो स्थानीय समुदायों को आजीविका प्रदान करती हैं और खाद्य सुरक्षा में योगदान करती हैं।
  6. घरेलू और पेयजल आपूर्ति (Domestic and Drinking Water Supply): नदियाँ लाखों लोगों के लिए पीने, नहाने और अन्य घरेलू उपयोगों के लिए पानी का मुख्य स्रोत हैं। शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सार्वजनिक स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए आवश्यक है।
  7. पर्यटन और मनोरंजन (Tourism and Recreation): नदियाँ और उनके किनारे के क्षेत्र अक्सर दर्शनीय स्थल होते हैं, जो पर्यटन को आकर्षित करते हैं। रिवर राफ्टिंग, बोटिंग और धार्मिक तीर्थस्थल जैसे गतिविधियाँ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती हैं।

अध्याय 3: अपवाह – बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

एक नदी तंत्र जिस क्षेत्र से जल एकत्र करता है, उसे क्या कहते हैं?
a) जल विभाजक
b) जलधारा
c) अपवाह द्रोणी
d) झील
उत्तर: c) अपवाह द्रोणी

कोई भी ऊँचा क्षेत्र, जैसे पर्वत या उच्च भूमि, जो दो पड़ोसी अपवाह द्रोणियों को एक-दूसरे से अलग करता है, क्या कहलाता है?
a) नदी बेसिन
b) जल विभाजक
c) डेल्टा
d) विसर्प
उत्तर: b) जल विभाजक

निम्नलिखित में से कौन-सी नदी बारहमासी नदी का उदाहरण है?
a) नर्मदा
b) तापी
c) गोदावरी
d) गंगा
उत्तर: d) गंगा

सिंधु नदी का उद्गम कहाँ से होता है?
a) गंगोत्री हिमानी
b) अमरकंटक पहाड़ी
c) मानसरोवर झील के निकट
d) पश्चिमी घाट
उत्तर: c) मानसरोवर झील के निकट

सिंधु जल समझौता भारत और किस देश के बीच 1960 में हुआ था?
a) चीन
b) नेपाल
c) पाकिस्तान
d) बांग्लादेश
उत्तर: c) पाकिस्तान

गंगा नदी की मुख्य धारा भागीरथी कहाँ से निकलती है?
a) यमुनोत्री हिमानी
b) सतोपंथ हिमानी
c) गंगोत्री हिमानी
d) केदारनाथ
उत्तर: c) गंगोत्री हिमानी

देवप्रयाग में भागीरथी किस नदी से मिलकर गंगा कहलाती है?
a) यमुना
b) अलकनंदा
c) मंदाकिनी
d) पिंडर
उत्तर: b) अलकनंदा

विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा, सुंदरबन डेल्टा, कौन सी नदियाँ मिलकर बनाती हैं?
a) गंगा और यमुना
b) सिंधु और झेलम
c) गंगा और ब्रह्मपुत्र
d) कृष्णा और कावेरी
उत्तर: c) गंगा और ब्रह्मपुत्र

ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में किस नाम से जाना जाता है?
a) दिहांग
b) लोहित
c) त्सांगपो
d) जमुना
उत्तर: c) त्सांगपो

निम्नलिखित में से कौन-सी नदी भ्रंश घाटी (rift valley) से होकर बहती है और ज्वारनदमुख (estuary) बनाती है?
a) गोदावरी
b) महानदी
c) कावेरी
d) नर्मदा
उत्तर: d) नर्मदा

प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी कौन-सी है?
a) कृष्णा
b) गोदावरी
c) महानदी
d) कावेरी
उत्तर: b) गोदावरी

गोदावरी नदी को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है?
a) उत्तर गंगा
b) दक्षिण गंगा
c) पूर्वी गंगा
d) पश्चिम गंगा
उत्तर: b) दक्षिण गंगा

भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की प्राकृतिक झील कौन-सी है?
a) चिल्का झील
b) सांभर झील
c) वूलर झील
d) डल झील
उत्तर: c) वूलर झील

निम्नलिखित में से कौन-सी भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील (लैगून) है?
a) सांभर झील
b) वूलर झील
c) चिल्का झील
d) लोकटक झील
उत्तर: c) चिल्का झील

सांभर झील किस राज्य में स्थित है और यह किस प्रकार की झील है?
a) ओडिशा, मीठे पानी की
b) राजस्थान, खारे पानी की
c) जम्मू-कश्मीर, मीठे पानी की
d) केरल, खारे पानी की
उत्तर: b) राजस्थान, खारे पानी की

नमामि गंगे परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) गंगा नदी पर बांध बनाना
b) गंगा नदी में प्रदूषण कम करना
c) गंगा नदी को सिंचाई के लिए मोड़ना
d) गंगा नदी में नौका विहार को बढ़ावा देना
उत्तर: b) गंगा नदी में प्रदूषण कम करना

कौन-सी नदी मैदानी क्षेत्रों में विसर्प (meanders) और गोखुर झीलें (oxbow lakes) बनाती है?
a) नर्मदा
b) तापी
c) गंगा
d) लूनी
उत्तर: c) गंगा

निम्नलिखित में से कौन-सी नदी ब्रह्मगिरि श्रृंखला से निकलती है?
a) महानदी
b) गोदावरी
c) कृष्णा
d) कावेरी
उत्तर: d) कावेरी

नदियों के जल से किस प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न की जाती है?
a) पवन ऊर्जा
b) सौर ऊर्जा
c) भूतापीय ऊर्जा
d) जलविद्युत ऊर्जा
उत्तर: d) जलविद्युत ऊर्जा

ब्रह्मपुत्र नदी भारत में किस गॉर्ज के पास प्रवेश करती है?
a) दिहांग गॉर्ज
b) सुंदरबन गॉर्ज
c) नर्मदा गॉर्ज
d) सतलुज गॉर्ज
उत्तर: a) दिहांग गॉर्ज

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