कक्षा 9 विज्ञान -ध्वनि तरंग के अभिलक्षण : MP Board Class 9 Science Characteristics of Sound Wave

MP Board Class 9 Science Characteristics of Sound Wave

ध्वनि तरंग के अभिलक्षण: चाल, परावर्तन और संबंधित घटनाएँ (Characteristics of Sound Wave: Speed, Reflection and Related Phenomena)

नमस्ते प्यारे विद्यार्थियों! पिछले लेख में हमने ध्वनि की मूल अवधारणा, उसके उत्पादन और संचरण के बारे में जाना। अब हम ध्वनि तरंगों (sound waves) के कुछ महत्वपूर्ण अभिलक्षणों (characteristics) और उनसे जुड़ी दिलचस्प घटनाओं को समझेंगे जो आपकी परीक्षाओं के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।

1. ध्वनि तरंग के अभिलक्षण (Characteristics of Sound Wave)

ध्वनि तरंग के कुछ महत्वपूर्ण गुण होते हैं जो हमें यह समझने में मदद करते हैं कि ध्वनि कितनी तेज़ है, कितनी ऊँची या नीची है और उसकी गुणवत्ता कैसी है।

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आवृत्ति (Frequency – f):

  1. परिभाषा (Definition): यह प्रति सेकंड होने वाले पूर्ण कंपनों (complete oscillations) या चक्रों की संख्या है।
  2. इकाई (Unit): इसे हर्ट्ज़ (Hertz – Hz) में मापा जाता है।
  3. महत्व (Importance): आवृत्ति ध्वनि की पिच (pitch) को निर्धारित करती है।
  4. उच्च आवृत्ति (High frequency): तीखी (shrill) या उच्च-पिच (high-pitched) वाली ध्वनि (जैसे सीटी की आवाज़)।
  5. कम आवृत्ति (Low frequency): गंभीर (grave) या निम्न-पिच (low-pitched) वाली ध्वनि (जैसे शेर की दहाड़)।
  6. उदाहरण (Example): एक बच्चे की आवाज़ की आवृत्ति अक्सर एक वयस्क पुरुष की आवाज़ की तुलना में अधिक होती है, जिससे वह अधिक तीखी सुनाई देती है।

आयाम (Amplitude – A):

परिभाषा (Definition): यह माध्यम के कणों का अपनी माध्य स्थिति (mean position) या विश्राम स्थिति (rest position) से अधिकतम विस्थापन (maximum displacement) है।

  1. महत्व (Importance): आयाम ध्वनि की प्रबलता (loudness) को निर्धारित करता है।
    • बड़ा आयाम (Large amplitude): अधिक प्रबल (louder) ध्वनि।
    • छोटा आयाम (Small amplitude): कम प्रबल (fainter) ध्वनि।
  2. उदाहरण (Example): जब आप ढोल को ज़ोर से पीटते हैं, तो उसकी झिल्ली का आयाम बढ़ जाता है, और ध्वनि अधिक प्रबल होती है।
  3. तरंगदैर्घ्य (Wavelength – λ):
    • परिभाषा (Definition): यह एक ध्वनि तरंग में दो लगातार संघनन (consecutive compressions) या दो लगातार विरलन (consecutive rarefactions) के बीच की दूरी है।
    • इकाई (Unit): इसे मीटर (meter – m) में मापा जाता है।
  4. चाल (Speed – v):
    • परिभाषा (Definition): यह ध्वनि द्वारा प्रति इकाई समय में तय की गई दूरी है।
    • इकाई (Unit): इसे मीटर प्रति सेकंड (meters per second – m/s) में मापा जाता है।
    • सूत्र (Formula): ध्वनि की चाल = आवृत्ति × तरंगदैर्घ्य (v=f×λ)
  5. पिच (Pitch):
    • परिभाषा (Definition): ध्वनि का वह गुण जिससे हम एक तीखी (shrill) ध्वनि को एक गंभीर (grave) ध्वनि से अलग करते हैं। यह आवृत्ति (frequency) पर निर्भर करता है।
    • उदाहरण (Example): एक बांसुरी (flute) की ध्वनि की पिच उच्च होती है जबकि एक ढोल (drum) की ध्वनि की पिच निम्न होती है।
  6. प्रबलता (Loudness):
    • परिभाषा (Definition): ध्वनि का वह गुण जिससे हम एक प्रबल (loud) ध्वनि को एक मंद (faint) ध्वनि से अलग करते हैं। यह आयाम (amplitude) पर निर्भर करता है।
    • उदाहरण (Example): किसी व्यस्त सड़क पर वाहनों की प्रबलता एक शांत कमरे में फुसफुसाहट (whisper) की तुलना में बहुत अधिक होती है।
  7. गुणवत्ता या टिम्बर (Quality or Timbre):
    • परिभाषा (Definition): ध्वनि का वह गुण जो हमें समान पिच और प्रबलता की दो ध्वनियों में अंतर करने में मदद करता है। यह तरंग के आकार (waveform) पर निर्भर करता है।
    • उदाहरण (Example): आप एक ही नोट बजाने पर भी एक पियानो (piano) और एक वायलिन (violin) की ध्वनि में अंतर बता सकते हैं, क्योंकि उनकी गुणवत्ता (quality) अलग-अलग होती है।

a. विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल (Speed of Sound in Different Mediums)

ध्वनि की चाल (speed) उस माध्यम (medium) के गुणों जैसे उसके घनत्व (density) और प्रत्यास्थता (elasticity) पर निर्भर करती है जिससे वह गुजर रही है।

  • प्रत्यास्थता (Elasticity): यह माध्यम के कणों की वह क्षमता है कि वे बल हटाए जाने पर अपनी मूल स्थिति में कितनी जल्दी वापस आ जाते हैं।
  • नियम (Rule): आमतौर पर ध्वनि की चाल ठोस (solids) में सबसे अधिक होती है, उसके बाद द्रव (liquids) में और गैसों (gases) में सबसे कम होती है।

इसका कारण (Reason for this): ठोसों में कण एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं और दृढ़ता से बंधे होते हैं, जिससे कंपन और ऊर्जा एक कण से दूसरे कण तक बहुत तेज़ी से और कुशलता से स्थानांतरित होती है। गैसों में कण बहुत दूर होते हैं और शिथिल रूप से बंधे होते हैं, जिससे ऊर्जा का स्थानांतरण धीमा होता है।

विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की अनुमानित चाल (लगभग 20°C पर):

माध्यम (Medium)ध्वनि की चाल (Speed of Sound)
ठोस (Solids)
एल्यूमीनियम (Aluminium)6420 m/s
इस्पात (Steel)5960 m/s
कांच (Glass)3980 m/s
द्रव (Liquids)
समुद्री जल (Sea Water)1531 m/s
शुद्ध पानी (Pure Water)1498 m/s
गैसें (Gases)
हवा (Air)343 m/s
हाइड्रोजन (Hydrogen)1284 m/s
ऑक्सीजन (Oxygen)316 m/s

याद रखें (Remember):

  • तापमान बढ़ने पर माध्यम में ध्वनि की चाल आमतौर पर बढ़ती है (increases)
  • नमी (humidity) बढ़ने पर हवा में ध्वनि की चाल थोड़ी बढ़ जाती है (increases slightly)

उदाहरण (Example): आप एक दूर की ट्रेन की आवाज़ को पटरियों (rail tracks) पर कान लगाकर हवा में सुनने से पहले सुन सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ध्वनि स्टील (steel) की पटरियों में हवा की तुलना में बहुत तेज़ी से चलती है।

b. ध्वनि का परावर्तन (Reflection of Sound)

प्रकाश की तरह, ध्वनि भी किसी सतह से परावर्तित (reflect) हो सकती है। जब ध्वनि तरंगें किसी कठोर या ठोस सतह (जैसे दीवार, पहाड़ या बड़ी इमारत) से टकराती हैं, तो वे वापस लौट आती हैं। इस घटना को ध्वनि का परावर्तन (reflection of sound) कहते हैं।

परावर्तन के नियम (Laws of Reflection): ध्वनि का परावर्तन भी प्रकाश के परावर्तन के नियमों का पालन करता है:

  1. आपतन कोण = परावर्तन कोण (Angle of incidence = Angle of reflection): जिस कोण पर ध्वनि सतह से टकराती है (आपतन कोण), उसी कोण पर वह वापस परावर्तित होती है (परावर्तन कोण)।
  2. आपतित ध्वनि, परावर्तित ध्वनि और आपतन बिंदु पर अभिलंब (normal) सभी एक ही तल (plane) में होते हैं।

कठोर सतहें (Hard Surfaces): ध्वनि को अच्छी तरह से परावर्तित करती हैं। नरम सतहें (Soft Surfaces): ध्वनि को अवशोषित (absorb) करती हैं (जैसे पर्दे, कपड़े)।

उदाहरण (Example): जब आप किसी खाली कमरे या हॉल में बोलते हैं, तो आपकी आवाज़ दीवारों से टकराकर वापस आती है।

c. प्रतिध्वनि (Echo)

प्रतिध्वनि (echo) वास्तव में परावर्तित ध्वनि होती है जो हमें मूल ध्वनि (original sound) के कुछ समय बाद सुनाई देती है। यह तब होती है जब ध्वनि तरंगें किसी दूर की सतह (जैसे पहाड़, ऊंची इमारत या बड़ी दीवार) से टकराकर वापस हमारे कानों तक पहुँचती हैं।

प्रतिध्वनि सुनने की शर्तें (Conditions for Hearing an Echo): प्रतिध्वनि स्पष्ट रूप से सुनने के लिए कुछ शर्तें पूरी होनी चाहिए:

  1. समय अंतराल (Time Interval): मूल ध्वनि और परावर्तित ध्वनि के बीच कम से कम 0.1 सेकंड (0.1 seconds) का समय अंतराल होना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे मस्तिष्क को दो अलग-अलग ध्वनियों को पहचानने के लिए कम से कम 0.1 सेकंड का समय चाहिए।
  2. न्यूनतम दूरी (Minimum Distance): हवा में (लगभग 20°C पर, जहाँ ध्वनि की चाल 343 m/s है) ध्वनि को 0.1 सेकंड में 34.3 मीटर की दूरी तय करनी होती है। चूंकि ध्वनि को स्रोत से परावर्तक तक जाने और वापस आने में यह दूरी तय करनी होती है, इसलिए स्रोत और परावर्तक सतह के बीच की न्यूनतम दूरी (minimum distance) कम से कम 34.3 m/2=17.15 मीटर (meters) होनी चाहिए। यदि दूरी इससे कम है, तो हमें प्रतिध्वनि सुनाई नहीं देगी, बल्कि ध्वनि का अनुरणन होगा।

उदाहरण (Example):

  • पहाड़ों में चिल्लाने पर आपकी आवाज़ कुछ सेकंड बाद वापस सुनाई देती है।
  • एक बड़े खाली हॉल में ताली बजाने पर आपको अपनी ताली की प्रतिध्वनि सुनाई दे सकती है।

d. अनुरणन (Reverberation)

अनुरणन (reverberation) वह घटना है जिसमें ध्वनि का परावर्तन बार-बार (multiple reflections) होता रहता है और ध्वनि स्रोत के बंद होने के बाद भी ध्वनि का प्रभाव कुछ समय तक बना रहता है। यह प्रतिध्वनि से इस मायने में अलग है कि इसमें ध्वनि की अलग-अलग स्पष्ट प्रतिध्वनियाँ नहीं सुनाई देतीं, बल्कि ध्वनि एक साथ मिल जाती है और एक गूंज जैसा प्रभाव पैदा करती है।

यह कैसे होता है? (How does it happen?) यह तब होता है जब ध्वनि एक बड़े कमरे या हॉल (auditorium) की दीवारों, छत और फर्श जैसी कई सतहों से बार-बार परावर्तित होती रहती है। यदि कमरे में ध्वनि को अवशोषित करने वाली सामग्री (sound-absorbing materials) कम हों, तो ध्वनि कई बार उछलती रहती है, जिससे एक गूंज या ‘रूंज’ (rumble) का प्रभाव पैदा होता है।

समस्या और समाधान (Problem and Solution):

  • अत्यधिक अनुरणन (excessive reverberation) श्रोताओं के लिए भाषण या संगीत को समझना मुश्किल बना सकता है, क्योंकि एक ध्वनि दूसरी ध्वनि के साथ मिल जाती है।
  • इससे बचने के लिए, बड़े हॉलों और ऑडिटोरियम (auditoriums) की दीवारों, छतों और सीटों पर ध्वनि-अवशोषक सामग्री (sound-absorbing materials) जैसे फाइबरबोर्ड (fiberboard), खुरदरी प्लास्टर (rough plaster), भारी पर्दे (heavy curtains) और विशेष ध्वनिक टाइलें (acoustic tiles) लगाई जाती हैं। ये सामग्री ध्वनि को अवशोषित करके अनुरणन को कम करती हैं।

उदाहरण (Example):

  • एक खाली बड़े हॉल में जब आप बोलते हैं, तो आपकी आवाज़ एक गूंज के साथ देर तक सुनाई देती है।
  • स्कूल के जिमनास्टिक हॉल (gymnasium) में अक्सर बहुत अधिक अनुरणन होता है क्योंकि वहां की सतहें कठोर होती हैं और ध्वनि को अवशोषित नहीं करतीं।

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