MP Board Class 9 Hindi Grammar Upsarg Pratyay : उपसर्ग एवं प्रत्यय

MP Board Class 9 Hindi Grammar Upsarg Pratyay :

उपसर्ग और प्रत्यय: हिंदी व्याकरण के दो शक्तिशाली साथी जो बदलते हैं शब्दों का अर्थ!

MP Board Class 9 Hindi Grammar Upsarg Pratyay : हिंदी व्याकरण में शब्दों की रचना एक बहुत ही रोचक प्रक्रिया है और इसमें उपसर्ग (Prefixes) और प्रत्यय (Suffixes) की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। ये दोनों ही शब्दांश होते हैं – यानी शब्दों के छोटे-छोटे हिस्से – जो स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किए जाते बल्कि किसी मूल शब्द के साथ जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन लाते हैं या नया अर्थ प्रदान करते हैं। क्लास 9 के छात्रों के लिए इन दोनों को समझना न केवल व्याकरणिक शुद्धता के लिए ज़रूरी है बल्कि यह आपकी शब्दावली को भी समृद्ध करता है।

आइए, आज हम उपसर्ग और प्रत्यय की इस कमाल की दुनिया को विस्तार से जानते हैं!

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1. उपसर्ग (Prefixes): शब्द से पहले जुड़ने वाले साथी

परिभाषा (Definition):

उपसर्ग वे शब्दांश होते हैं जो किसी मूल शब्द के आरंभ (पहले) में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, विशेषता उत्पन्न करते हैं, या नया शब्द बनाते हैं। ‘उप’ का अर्थ होता है ‘समीप’ या ‘निकट’, और ‘सर्ग’ का अर्थ होता है ‘सृष्टि करना’ या ‘निर्माण करना’। इस प्रकार, उपसर्ग का अर्थ हुआ – किसी शब्द के समीप आकर नया शब्द बनाना।

उदाहरण से समझें:

  • हार (मूल शब्द: जिसका अर्थ है ‘पराजय’ या ‘माला’)
    • प्र + हार = प्रहार (अर्थ: चोट करना)
    • + हार = आहार (अर्थ: भोजन)
    • सम् + हार = संहार (अर्थ: विनाश)
    • वि + हार = विहार (अर्थ: घूमना)

यहाँ आपने देखा कि कैसे ‘प्र’, ‘आ’, ‘सम्’ और ‘वि’ जैसे छोटे शब्दांशों ने ‘हार’ जैसे मूल शब्द के अर्थ को पूरी तरह बदल दिया।

उपसर्गों के प्रकार (Types of Prefixes):

हिंदी में उपसर्गों को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बांटा जाता है:

1.1. संस्कृत के उपसर्ग (Sanskrit Prefixes):

ये वे उपसर्ग हैं जो संस्कृत भाषा से सीधे हिंदी में आ गए हैं और आज भी उसी रूप में प्रयोग होते हैं। इनकी संख्या 22 मानी जाती है।

  • अति (अधिक, ऊपर): अतिक्रमण, अतिरिक्त, अत्यंत
  • अधि (ऊपर, श्रेष्ठ): अधिकार, अधिपति, अधिनायक
  • अनु (पीछे, समान): अनुकरण, अनुसार, अनुभव
  • अप (बुरा, हीन): अपयश, अपमान, अपशब्द
  • अभि (सामने, ओर): अभिमान, अभियान, अभिवादन
  • अव (हीनता, नीचे): अवगुण, अवनति, अवतार
  • (तक, पूर्ण): आगमन, आजन्म, आजीवन
  • उत् (ऊँचा, श्रेष्ठ): उत्कर्ष, उत्तम, उत्पन्न
  • उप (समीप, सहायक): उपकार, उपवन, उपहार
  • दुर्/दुस् (बुरा, कठिन): दुर्जन, दुर्दशा, दुष्कर
  • नि (भीतर, अधिकता): निवास, नियम, निबंध
  • निर्/निस् (बिना, बाहर): निर्दोष, निर्धन, निस्संदेह
  • परा (पीछे, उल्टा): पराजय, पराक्रम, परामर्श
  • परि (चारों ओर): परिकल्पना, परिणाम, परिवर्तन
  • प्र (अधिक, आगे): प्रकाश, प्रबल, प्रगति
  • प्रति (प्रत्येक, विरोध): प्रतिदिन, प्रतिकूल, प्रत्येक
  • वि (विशेष, भिन्न): विजय, विज्ञान, वियोग
  • सम् (अच्छा, साथ): संगम, संतोष, सम्मान
  • सु (अच्छा, सहज): सुपुत्र, सुगम, सुगंध

1.2. हिंदी के उपसर्ग (Hindi Prefixes):

ये वे उपसर्ग हैं जो हिंदी की अपनी प्रकृति के अनुसार विकसित हुए हैं। इनकी संख्या लगभग 10-13 मानी जाती है।

  • अ/अन (अभाव, निषेध): अछूत, अटल, अनपढ़, अनजान
  • अध (आधा): अधपका, अधमरा, अधखिला
  • उन (एक कम): उनतीस, उनसठ, उन्नीस
  • औ/अव (हीन, निषेध): औगुन, औसर
  • क/कु (बुरा): कपूत, कुपुत्र, कुख्यात
  • दु (बुरा, कम): दुबला, दुगुना
  • नि (रहित, अभाव): निडर, निकम्मा
  • बिन (बिना): बिनब्याहा, बिनदेखा
  • भर (पूरा): भरपेट, भरपूर
  • सु (अच्छा): सुडौल, सुजान

1.3. विदेशी उपसर्ग (Foreign Prefixes):

ये वे उपसर्ग हैं जो अरबी, फारसी, अंग्रेजी जैसी विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए हैं।

  • कम (थोड़ा): कमज़ोर, कमअक्ल
  • खुश (अच्छा): खुशबू, खुशहाल, खुशमिजाज
  • गैर (भिन्न, विरुद्ध): गैरहाज़िर, गैरकानूनी
  • ना (अभाव): नासमझ, नाराज, नापसंद
  • बद (बुरा): बदनाम, बदकिस्मत, बदबू
  • बे (बिना): बेचैन, बेईमान, बेकसूर
  • ला (बिना): लाचार, लापता, लाजवाब
  • हम (साथ): हमसफ़र, हमदम
  • हर (प्रत्येक): हररोज़, हरसाल
  • जनरल (मुख्य): जनरल मैनेजर
  • सब (अधीन): सब-इंस्पेक्टर
  • हेड (मुख्य): हेडमास्टर

2. प्रत्यय (Suffixes): शब्द के अंत में जुड़ने वाले साथी

परिभाषा (Definition):

प्रत्यय वे शब्दांश होते हैं जो किसी मूल शब्द के अंत (बाद) में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन लाते हैं या नया शब्द बनाते हैं। ये शब्दों के पीछे लगकर उनके अर्थ को विशिष्टता प्रदान करते हैं।

उदाहरण से समझें:

  • लेख (मूल शब्द: क्रिया ‘लिखना’ से)
    • लेख + = लेखक (लिखने वाला)
  • सुंदर (मूल शब्द: विशेषण)
    • सुंदर + ता = सुंदरता (भाववाचक संज्ञा)
  • पढ़ (मूल शब्द: धातु)
    • पढ़ + ना = पढ़ना (क्रिया)
  • समाज (मूल शब्द: संज्ञा)
    • समाज + इक = सामाजिक (विशेषण)

यहाँ आपने देखा कि कैसे ‘क’, ‘ता’, ‘ना’ और ‘इक’ जैसे शब्दांशों ने मूल शब्दों के अर्थ और कभी-कभी व्याकरणिक कोटि (संज्ञा, विशेषण, क्रिया) को भी बदल दिया।

प्रत्ययों के प्रकार (Types of Suffixes):

प्रत्यय मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

2.1. कृत् प्रत्यय (Krit Pratyay) / कृदंत प्रत्यय (Kridant Pratyay):

ये वे प्रत्यय होते हैं जो क्रिया के मूल रूप (धातु) के अंत में जुड़कर संज्ञा और विशेषण शब्दों की रचना करते हैं। इनसे बनने वाले शब्दों को कृदंत कहते हैं।

  • अक (गा + अक = गायक, पाठ + अक = पाठक)
  • अन (चल + अन = चलन, मिल + अन = मिलन)
  • आई (लिख + आई = लिखाई, पढ़ + आई = पढ़ाई)
  • आकू (लड़ + आकू = लड़ाकू, पढ़ + आकू = पढ़ाकू)
  • आलू (दया + आलू = दयालु, झगड़ा + आलू = झगड़ालू)
  • आवना (लुभ + आवना = लुभावना, डरावना)
  • इयल (अड़ + इयल = अड़ियल, सड़ + इयल = सड़ियल)
  • एरा (लुट + एरा = लुटेरा, बस + एरा = बसेरा)
  • (लेख + क = लेखक, पाठ + क = पाठक)
  • ता (बह + ता = बहता, चल + ता = चलता)
  • ना (पढ़ + ना = पढ़ना, लिख + ना = लिखना)
  • नी (ओढ़ + नी = ओढ़नी, सूंघ + नी = सूंघनी)

2.2. तद्धित प्रत्यय (Taddhit Pratyay):

ये वे प्रत्यय होते हैं जो संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण या अव्यय शब्दों के अंत में जुड़कर नए संज्ञा, विशेषण या भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना करते हैं।

  • आई (भला + आई = भलाई, चतुर + आई = चतुराई)
  • आहट (कड़वा + आहट = कड़वाहट, चिकना + आहट = चिकनाहट)
  • इत (फल + इत = फलित, आनंद + इत = आनंदित)
  • ईला (चमक + ईला = चमकीला, रंग + ईला = रंगीला)
  • एरा (मामा + एरा = ममेरा, चाचा + एरा = चचेरा)
  • पन (बचपन, लड़कपन)
  • ता (मानव + ता = मानवता, सुंदर + ता = सुंदरता)
  • त्व (मनुष्य + त्व = मनुष्यत्व, गुरु + त्व = गुरुत्व)
  • वान/मान (धन + वान = धनवान, बुद्धि + मान = बुद्धिमान)
  • वाला (दूध + वाला = दूधवाला, घर + वाला = घरवाला)
  • हारा (लकड़ + हारा = लकड़हारा, सर्व + हारा = सर्वहारा)

उपसर्ग और प्रत्यय में मुख्य अंतर (Key Differences between Prefixes and Suffixes):

यद्यपि दोनों ही शब्दांश हैं और शब्दों की रचना करते हैं, फिर भी इनमें कुछ मौलिक अंतर होते हैं:

विशेषताउपसर्ग (Prefix)प्रत्यय (Suffix)
स्थानहमेशा शब्द के आरंभ (पहले) में जुड़ते हैं।हमेशा शब्द के अंत (बाद) में जुड़ते हैं।
स्वतंत्रतास्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं होते।स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं होते।
प्रभावशब्द के अर्थ में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं या नया विपरीत अर्थ दे सकते हैं।शब्द के अर्थ में विशेषता, नया रूप या व्याकरणिक परिवर्तन (जैसे संज्ञा से विशेषण) लाते हैं।
भेदसंस्कृत, हिंदी, विदेशीकृत् प्रत्यय (धातु से), तद्धित प्रत्यय (संज्ञा, विशेषण, अव्यय से)
उदाहरण + सत्य = असत्यसुंदर + ता = सुंदरता

निष्कर्ष (Conclusion):

उपसर्ग और प्रत्यय हिंदी व्याकरण के वो रचनात्मक उपकरण हैं जो हमारी भाषा को गतिशीलता और अभिव्यक्ति की अनंत संभावनाएँ देते हैं। ये न केवल नए शब्द गढ़ने में सहायक होते हैं बल्कि शब्दों के मूल अर्थ को समझे बिना उनके विभिन्न रूपों और भावों को समझने में भी मदद करते हैं। इनका सही ज्ञान आपको हिंदी भाषा पर बेहतर पकड़ बनाने और अपनी बात को अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में सक्षम बनाएगा। तो अगली बार जब आप कोई नया हिंदी शब्द देखें तो ज़रूर पहचानने की कोशिश करें कि उसमें कोई उपसर्ग या प्रत्यय छुपा है या नहीं!

उपसर्ग पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

  1. ‘उपसर्ग’ शब्द का क्या अर्थ है?
    (अ) शब्द के बाद में जुड़ना
    (ब) शब्द के बीच में जुड़ना
    (स) शब्द के आरंभ में जुड़ना
    (द) शब्द को अलग करना
    उत्तर: (स) शब्द के आरंभ में जुड़ना
  2. ‘प्रहार’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
    (अ) हा
    (ब) र
    (स) प्र
    (द) हार
    उत्तर: (स) प्र
  3. ‘अज्ञान’ शब्द में ‘अ’ उपसर्ग किस भाव को प्रकट करता है?
    (अ) श्रेष्ठता
    (ब) अधिकता
    (स) अभाव या निषेध
    (द) साथ
    उत्तर: (स) अभाव या निषेध
  4. ‘अधपका’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग प्रयोग हुआ है?
    (अ) अ
    (ब) अध
    (स) का
    (द) पक
    उत्तर: (ब) अध
  5. निम्नलिखित में से किस शब्द में ‘सु’ उपसर्ग का प्रयोग नहीं हुआ है?
    (अ) सुपुत्र
    (ब) सुगम
    (स) सुगंध
    (द) सुई
    उत्तर: (द) सुई
  6. ‘प्रत्येक’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
    (अ) प्र
    (ब) प्रति
    (स) एक
    (द) प्रत्
    उत्तर: (ब) प्रति
  7. ‘लापता’ शब्द में ‘ला’ उपसर्ग किस भाषा का है?
    (अ) संस्कृत
    (ब) हिंदी
    (स) अरबी/फारसी
    (द) अंग्रेजी
    उत्तर: (स) अरबी/फारसी
  8. ‘दुर्जन’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
    (अ) दु
    (ब) दुर्
    (स) जन
    (द) दुर
    उत्तर: (ब) दुर्
  9. ‘बेईमान’ शब्द में ‘बे’ उपसर्ग क्या अर्थ देता है?
    (अ) साथ
    (ब) अच्छा
    (स) बिना
    (द) बुरा
    उत्तर: (स) बिना
  10. ‘अधिकार’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
    (अ) कार
    (ब) अधि
    (स) अधिक
    (द) धि
    उत्तर: (ब) अधि

प्रत्यय पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

  1. ‘प्रत्यय’ शब्द का क्या अर्थ है?
    (अ) शब्द के आरंभ में जुड़ना
    (ब) शब्द के अंत में जुड़ना
    (स) शब्द को अलग करना
    (द) शब्द के बीच में जुड़ना
    उत्तर: (ब) शब्द के अंत में जुड़ना
  2. ‘लेखक’ शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
    (अ) लेख
    (ब) क
    (स) अक
    (द) खक
    उत्तर: (स) अक
  3. ‘मानवता’ शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
    (अ) मान
    (ब) वता
    (स) ता
    (द) अता
    उत्तर: (स) ता
  4. ‘पढ़ाई’ शब्द में ‘आई’ प्रत्यय किस प्रकार का प्रत्यय है?
    (अ) तद्धित प्रत्यय
    (ब) कृत् प्रत्यय
    (स) विदेशी प्रत्यय
    (द) संस्कृत प्रत्यय
    उत्तर: (ब) कृत् प्रत्यय (क्योंकि यह क्रिया ‘पढ़ना’ के मूल रूप ‘पढ़’ से बना है)
  5. ‘सुंदरता’ शब्द में ‘ता’ प्रत्यय जुड़ने से ‘सुंदर’ (विशेषण) किस शब्द में बदल गया है?
    (अ) क्रिया
    (ब) संज्ञा (भाववाचक)
    (स) क्रियाविशेषण
    (द) सर्वनाम
    उत्तर: (ब) संज्ञा (भाववाचक)
  6. ‘चमकीला’ शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
    (अ) चमक
    (ब) किला
    (स) ईला
    (द) इला
    उत्तर: (स) ईला
  7. ‘दूधवाला’ शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
    (अ) दूध
    (ब) वाला
    (स) आला
    (द) वाला
    उत्तर: (ब) वाला
  8. वह प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप (धातु) के अंत में जुड़ता है, क्या कहलाता है?
    (अ) तद्धित प्रत्यय
    (ब) कृत् प्रत्यय
    (स) विदेशी प्रत्यय
    (द) संबंधबोधक प्रत्यय
    उत्तर: (ब) कृत् प्रत्यय
  9. ‘बचपन’ शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
    (अ) बच
    (ब) पन
    (स) चप
    (द) पना
    उत्तर: (ब) पन
  10. ‘लुटेरा’ शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?
    (अ) लुट
    (ब) टेरा
    (स) एरा
    (द) रा
    उत्तर: (स) एरा

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