mP Board Class 9 Hindi Apathit Gadyansh Kavyansh : अपठित बोध अपठित काव्याश / गद्याश

अपठित काव्याश / गद्याश : MP Board Class 9 Hindi Apathit Gadyansh Kavyansh

अपठित गद्यांश और काव्यांश के भावार्थ लिखने की प्रक्रिया

  • ध्यानपूर्वक पढ़ना: गद्यांश या काव्यांश को कम से कम दो बार ध्यान से पढ़ें ताकि मुख्य विचार, भाव, और संदेश समझ में आए।
  • मुख्य विचार पहचानना: गद्यांश में लेखक का मुख्य उद्देश्य या काव्यांश में कवि का केंद्रीय भाव क्या है, इसे समझें।
  • प्रसंग और संदर्भ: गद्यांश या काव्यांश का संदर्भ (जैसे सामाजिक, पर्यावरणीय, नैतिक, या भावनात्मक) समझें।
  • संक्षिप्त और सरल भाषा: भावार्थ को संक्षिप्त, सरल, और स्पष्ट भाषा में लिखें, जिसमें मूल विचार और भावनाएँ संरक्षित रहें।
  • काव्यांश के लिए विशेष ध्यान: काव्यांश में अलंकार, प्रतीक, और भावनात्मक गहराई को समझकर भावार्थ लिखें।

उदाहरण 1: अपठित गद्यांश का भावार्थ
गद्यांश (काल्पनिक, NCERT शैली में):

“प्रकृति हमारी माता है, जो हमें जीवन प्रदान करती है। वन, नदियाँ, और पहाड़ हमें न केवल संसाधन देते हैं, बल्कि जीवन का आधार भी बनाते हैं। आज मानव अपनी लालच में प्रकृति का दोहन कर रहा है। जंगलों की कटाई, नदियों का प्रदूषण, और पर्यावरण का विनाश हमें एक ऐसी दुनिया की ओर ले जा रहा है, जहाँ जीवन संकट में पड़ सकता है। हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करना होगा और इसे संरक्षित करने की जिम्मेदारी लेनी होगी।”

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भावार्थ:

यह गद्यांश प्रकृति के महत्व और मानव द्वारा इसके दोहन की समस्या को उजागर करता है। लेखक बताते हैं कि प्रकृति हमें जीवन और संसाधन प्रदान करती है, लेकिन मानव का लालच जंगलों की कटाई और नदियों के प्रदूषण के रूप में प्रकृति को नष्ट कर रहा है। यह स्थिति भविष्य में जीवन के लिए खतरा बन सकती है। लेखक प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने और इसके संरक्षण की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर बल देते हैं।

उदाहरण 2: अपठित काव्यांश का भावार्थ
काव्यांश (काल्पनिक, NCERT शैली में):

“नन्हा सा पौधा हूँ, माटी में जन्मा,

सूरज की किरणों से, जीवन को संवारा।

हवाएँ गीत गाएँ, बरसात मुझे सींचे,

मैं हूँ प्रकृति का पुत्र, सबको सुख दीजे।”

भावार्थ:

इस काव्यांश में कवि एक छोटे पौधे के माध्यम से प्रकृति की सुंदरता और जीवन के महत्व को व्यक्त करते हैं। पौधा मिट्टी में जन्म लेकर सूरज की किरणों और वर्षा के जल से पोषित होता है। यह प्रकृति का हिस्सा है और हवाओं के साथ मिलकर जीवन का गीत गाता है। कवि इस छोटे पौधे के माध्यम से प्रकृति के प्रति प्रेम और उसकी रक्षा का संदेश देते हैं, जो सभी के लिए सुख और जीवन का आधार है।

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