कक्षा 9 विज्ञान विद्युत के मूल सिद्धांत और अनुप्रयोग : MP Board Class 9 Basic Principal and Uses of Electricity

MP Board Class 9 Basic Principal and Uses of Electricity

विद्युत हमारे आधुनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है जो प्रकाश, ऊष्मा और गति के लिए ऊर्जा प्रदान करती है। आइए विद्युत से संबंधित कुछ मूलभूत अवधारणाओं को विस्तार से समझें।

1. विद्युत (Electricity)

विद्युत ऊर्जा का एक रूप है जो आवेशों की उपस्थिति और गति से उत्पन्न होती है। यह एक मौलिक भौतिक घटना है जो प्रकृति में और मानव निर्मित प्रौद्योगिकियों में विभिन्न प्रभावों को जन्म देती है।

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2. विद्युत धारा (Electric Current)

विद्युत धारा किसी चालक (जैसे तार) में आवेशों के प्रवाह की दर को कहते हैं। यदि किसी चालक के किसी अनुप्रस्थ-काट (cross-section) से  t समय में  Q आवेश प्रवाहित होता है, तो विद्युत धारा I को इस प्रकार व्यक्त किया जाता है:

    \[I = \frac{Q}{t}\]

I = विद्युत धारा (एम्पीयर में)

Q = आवेश (कूलॉम में)

t = समय (सेकंड में)

SI मात्रक: विद्युत धारा का SI मात्रक एम्पीयर (Ampere) है, जिसे ‘A’ से दर्शाया जाता है। 1 एम्पीयर = 1 कूलॉम/सेकंड (I)

दिशा: पारंपरिक रूप से, विद्युत धारा की दिशा धनात्मक आवेशों के प्रवाह की दिशा (या इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह की विपरीत दिशा) मानी जाती है।

3. विद्युत परिपथ (Electric Circuit)

विद्युत परिपथ विद्युत धारा के प्रवाह के लिए एक सतत और बंद पथ है। एक साधारण परिपथ में एक विद्युत स्रोत (जैसे बैटरी), एक लोड (जैसे बल्ब), और इन्हें जोड़ने वाले तार शामिल होते हैं।

  • खुला परिपथ (Open Circuit): जब परिपथ में कहीं भी कोई रुकावट होती है (जैसे स्विच खुला होना), तो धारा प्रवाहित नहीं होती।
  • बंद परिपथ (Closed Circuit): जब परिपथ पूर्ण और सतत होता है, तो धारा प्रवाहित होती है।

4. विद्युत विभव और विभवांतर (Electric Potential and Potential Difference)

विद्युत विभव (Electric Potential): किसी विद्युत क्षेत्र में किसी बिंदु पर विद्युत विभव, एकांक धनात्मक आवेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किए गए कार्य की मात्रा है।

विभवांतर (Potential Difference): दो बिंदुओं के बीच विभवांतर (या वोल्टेज) एकांक धनात्मक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किए गए कार्य की मात्रा है। यह विद्युत धारा को प्रवाहित करने के लिए आवश्यक “दबाव” या “प्रेरक बल” है।

यदि  कार्य  आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया जाता है, तो विभवांतर () को इस प्रकार व्यक्त किया जाता है:

    \[V = \frac{W}{Q}\]

V = विभवांतर (वोल्ट में)

W = किया गया कार्य (जूल में)

Q = आवेश (कूलॉम में)

SI मात्रक: विभवांतर का SI मात्रक वोल्ट (Volt) है, जिसे ‘V’ से दर्शाया जाता है।

 1 वोल्ट = 1 जूल/कूलॉम (1 \text{ V} = 1 \text{ J/C})

5. विद्युत परिपथ आरेख (Electric Circuit Diagram)

विद्युत परिपथ आरेख विद्युत परिपथों को दर्शाने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रतीकों का एक मानकीकृत प्रतिनिधित्व है। यह इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए परिपथों को समझने और डिजाइन करने में मदद करता है।

कुछ सामान्य प्रतीक:

6. ओम का नियम (Ohm’s Law)

ओम का नियम विद्युत धारा, विभवांतर और प्रतिरोध के बीच संबंध बताता है। “किसी चालक के सिरों के बीच विभवांतर उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के समानुपाती होता है, बशर्ते चालक का तापमान और अन्य भौतिक परिस्थितियाँ स्थिर रहें।”

गणितीय रूप से:

    \[V \propto I\]

 

    \[V = IR\]

    जहाँ:

V = विभवांतर (वोल्ट में)

I = विद्युत धारा (एम्पीयर में)

 R = प्रतिरोध (ओम में)

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