MP Board Class 12 Hindi Grammar Shabd Shabd Guna Definition and Types
शब्द-गुण: परिचय एवं प्रकार
शब्द-गुण का अर्थ है काव्य में निहित वे विशेष धर्म या गुण जो उसमें रस का संचार करते हैं और काव्य में सौंदर्य तथा प्रभाव उत्पन्न करते हैं। ये गुण पाठक या श्रोता के चित्त (मन) पर विशेष प्रभाव डालते हैं और उसमें एक विशिष्ट भाव (रस) जगाने में सहायक होते हैं। इन्हें काव्य-गुण भी कहा जाता है।
काव्य गुण वे तत्व हैं जो रस के साथ अविच्छिन्न रूप से जुड़े होते हैं, यानी रस के बिना इनका अस्तित्व नहीं और ये रस को उत्कर्ष प्रदान करते हैं। आचार्य मम्मट ने काव्य गुणों की संख्या तीन मानी है, जो सर्वाधिक मान्य हैं:
- ओज गुण (Oja Guna)
- माधुर्य गुण (Madhurya Guna)
- प्रसाद गुण (Prasada Guna)
1. ओज गुण (Oja Guna)
- परिचय: यह गुण पाठक या श्रोता के मन में ओज, उत्साह, वीरता, तेज और जोश का संचार करता है। यह मुख्य रूप से वीर रस, रौद्र रस, भयानक रस और वीभत्स रस में पाया जाता है।
- पहचान:
- इसमें कठोर वर्णों (जैसे ट, ठ, ड, ढ, ण) और संयुक्त अक्षरों (जैसे क्त, त्र, प्र, र्ष) का अधिक प्रयोग होता है।
- टवर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण) के वर्णों का प्रयोग विशेष रूप से होता है।
- समासयुक्त (लंबे) पदों का प्रयोग अधिक होता है।
- इसमें वीर, क्रोध, भय आदि भावों को व्यक्त करने वाली ध्वनियाँ होती हैं।
- उदाहरण:
- “बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।” (यहाँ वीरता और उत्साह का भाव है, जो ओज गुण को दर्शाता है।)
- “हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर, बैठ शिला की शीतल छाँह। एक पुरुष भीगे नयनों से, देख रहा था प्रलय प्रवाह।।” (यहाँ ‘उत्तुंग’, ‘शिखर’, ‘प्रलय’ जैसे शब्द ओज का भाव उत्पन्न कर रहे हैं।)
2. माधुर्य गुण (Madhurya Guna)
- परिचय: यह गुण पाठक या श्रोता के मन में माधुर्य, कोमलता, प्रेम, प्रसन्नता और आनंद का संचार करता है। यह मुख्य रूप से श्रृंगार रस, शांत रस और करुण रस में पाया जाता है।
- पहचान:
- इसमें कर्णप्रिय (कानों को प्रिय लगने वाले), मृदु (कोमल) वर्णों (जैसे क, ख, ग, च, ज, न, म, ल, र) का अधिक प्रयोग होता है।
- टवर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण) के वर्णों का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता या बहुत कम होता है।
- लंबे समासों का अभाव होता है।
- इसमें मधुरता, प्रेम और कोमलता का अनुभव होता है।
- उदाहरण:
- “कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि। कहत लखन सन राम हृदय गुनि।।” (यहाँ शब्दों का लालित्य और ध्वनि माधुर्य प्रेम तथा सौंदर्य का भाव जगा रहा है।)
- “बसौ मोरे नैनन में नंदलाल। मोर मुकुट मकराकृत कुंडल, अरुन तिलक दिए भाल।।” (यहाँ कृष्ण के सौंदर्य का मधुर वर्णन है, जो माधुर्य गुण को दर्शाता है।)
3. प्रसाद गुण (Prasada Guna)
- परिचय: यह गुण जिस काव्य में होता है, उसका अर्थ पढ़ते ही या सुनते ही मन में तुरंत स्पष्ट हो जाता है, जैसे सूखे ईंधन में आग तुरंत फैल जाती है। यह चित्त में शांति और स्वच्छता का अनुभव कराता है। यह सभी रसों में पाया जा सकता है, विशेषकर शांत रस में।
- पहचान:
- इसमें सरल, सुबोध (आसानी से समझ में आने वाले) और प्रचलित शब्दों का प्रयोग होता है।
- अर्थ को समझने के लिए विशेष प्रयास या टीका की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- शब्द और अर्थ के बीच कोई व्यवधान नहीं होता, मन स्वच्छ और निर्मल अनुभव करता है।
- उदाहरण:
- “हे प्रभु! आनंददाता ज्ञान हमको दीजिए। शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए।।” (यहाँ शब्दों का अर्थ अत्यंत सरल और स्पष्ट है, सुनते ही भाव तुरंत हृदयंगम हो जाता है।)
- “पानी दे, बुदबुदा, असमानी रँग, ज्यों ज्यों पाँव पसारिए, त्यों त्यों लंबा होए।।” (यहाँ भी शब्दों और भावों की सरलता स्पष्ट है, अर्थ ग्रहण में कोई कठिनाई नहीं।)
निष्कर्ष
काव्य गुण (शब्द-गुण) वे आंतरिक विशेषताएँ हैं जो काव्य के रस को और अधिक प्रभावशाली बनाती हैं। ओज, माधुर्य और प्रसाद ये तीनों गुण कविता को अलग-अलग प्रकार का आनंद और प्रभाव प्रदान करते हैं, जिससे पाठक या श्रोता विशिष्ट रसों का अनुभव कर पाता है। इन्हें समझना काव्य की गहरी समझ के लिए आवश्यक है।
शब्द-गुण: महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) – उत्तर सहित
प्रश्न 1: काव्य में निहित वे विशेष धर्म या गुण जो उसमें रस का संचार करते हैं, क्या कहलाते हैं?
(अ) अलंकार
(ब) छंद
(स) शब्द-गुण
(द) शब्द शक्ति
उत्तर: (स) शब्द-गुण
प्रश्न 2: आचार्य मम्मट के अनुसार काव्य गुणों की संख्या कितनी है?
(अ) दो
(ब) तीन
(स) चार
(द) पाँच
उत्तर: (ब) तीन
प्रश्न 3: पाठक या श्रोता के मन में ओज, उत्साह और वीरता का संचार करने वाला गुण कौन सा है?
(अ) माधुर्य गुण
(ब) प्रसाद गुण
(स) ओज गुण
(द) श्रृंगार गुण
उत्तर: (स) ओज गुण
प्रश्न 4: ओज गुण मुख्य रूप से किन रसों में पाया जाता है?
(अ) श्रृंगार और शांत
(ब) करुण और हास्य
(स) वीर, रौद्र, भयानक और वीभत्स
(द) वात्सल्य और भक्ति
उत्तर: (स) वीर, रौद्र, भयानक और वीभत्स
प्रश्न 5: किस गुण वाले काव्य में कठोर वर्णों (जैसे ट, ठ, ड, ढ) और संयुक्त अक्षरों का अधिक प्रयोग होता है?
(अ) माधुर्य गुण
(ब) प्रसाद गुण
(स) ओज गुण
(द) ये सभी
उत्तर: (स) ओज गुण
प्रश्न 6: “खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।” इस पंक्ति में कौन सा गुण है?
(अ) माधुर्य गुण
(ब) प्रसाद गुण
(स) ओज गुण
(द) शांत गुण
उत्तर: (स) ओज गुण
प्रश्न 7: पाठक या श्रोता के मन में माधुर्य, कोमलता और प्रेम का संचार करने वाला गुण कौन सा है?
(अ) ओज गुण
(ब) प्रसाद गुण
(स) माधुर्य गुण
(द) वीर गुण
उत्तर: (स) माधुर्य गुण
प्रश्न 8: माधुर्य गुण मुख्य रूप से किन रसों में पाया जाता है?
(अ) वीर और रौद्र
(ब) भयानक और वीभत्स
(स) श्रृंगार, शांत और करुण
(द) हास्य और अद्भुत
उत्तर: (स) श्रृंगार, शांत और करुण
प्रश्न 9: किस गुण वाले काव्य में टवर्ग (ट, ठ, ड, ढ) के वर्णों का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता या बहुत कम होता है?
(अ) ओज गुण
(ब) प्रसाद गुण
(स) माधुर्य गुण
(द) अद्भुत गुण
उत्तर: (स) माधुर्य गुण
प्रश्न 10: “कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि। कहत लखन सन राम हृदय गुनि।।” इन पंक्तियों में कौन सा गुण है?
(अ) ओज गुण
(ब) प्रसाद गुण
(स) माधुर्य गुण
(द) अद्भुत गुण
उत्तर: (स) माधुर्य गुण
प्रश्न 11: जिस काव्य का अर्थ पढ़ते ही या सुनते ही मन में तुरंत स्पष्ट हो जाता है, वहाँ कौन सा गुण होता है?
(अ) ओज गुण
(ब) माधुर्य गुण
(स) प्रसाद गुण
(द) गूढ़ गुण
उत्तर: (स) प्रसाद गुण
प्रश्न 12: प्रसाद गुण किस प्रकार के शब्दों के प्रयोग से पहचाना जाता है?
(अ) कठोर और संयुक्त अक्षर वाले
(ब) क्लिष्ट और अप्रचलित
(स) सरल, सुबोध और प्रचलित
(द) समासयुक्त और लंबे
उत्तर: (स) सरल, सुबोध और प्रचलित
प्रश्न 13: प्रसाद गुण प्रायः किन रसों में पाया जा सकता है?
(अ) केवल शांत रस में
(ब) केवल श्रृंगार रस में
(स) केवल वीर रस में
(द) सभी रसों में (विशेषकर शांत)
उत्तर: (द) सभी रसों में (विशेषकर शांत)
प्रश्न 14: “हे प्रभु! आनंददाता ज्ञान हमको दीजिए। शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए।।” इन पंक्तियों में कौन सा गुण है?
(अ) ओज गुण
(ब) माधुर्य गुण
(स) प्रसाद गुण
(द) भक्ति गुण
उत्तर: (स) प्रसाद गुण
प्रश्न 15: ‘उत्तुंग’, ‘प्रलय’, ‘शिखर’ जैसे शब्द किस गुण की विशेषता हैं?
(अ) माधुर्य गुण
(ब) प्रसाद गुण
(स) ओज गुण
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (स) ओज गुण
प्रश्न 16: ‘क’, ‘ख’, ‘ज’, ‘न’, ‘म’ जैसे कोमल वर्णों का प्रयोग किस गुण में अधिक होता है?
(अ) ओज गुण
(ब) प्रसाद गुण
(स) माधुर्य गुण
(द) ये सभी
उत्तर: (स) माधुर्य गुण
प्रश्न 17: किस गुण में अर्थ को समझने के लिए विशेष प्रयास या टीका की आवश्यकता नहीं पड़ती?
(अ) ओज गुण
(ब) माधुर्य गुण
(स) प्रसाद गुण
(द) व्यंजना गुण
उत्तर: (स) प्रसाद गुण
प्रश्न 18: “बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।” – यह उदाहरण किस रस और गुण का मेल है?
(अ) श्रृंगार रस, माधुर्य गुण
(ब) शांत रस, प्रसाद गुण
(स) वीर रस, ओज गुण
(द) करुण रस, माधुर्य गुण
उत्तर: (स) वीर रस, ओज गुण
प्रश्न 19: किस गुण में लंबे समासों का अभाव होता है?
(अ) ओज गुण
(ब) माधुर्य गुण
(स) प्रसाद गुण
(द) ये सभी
उत्तर: (ब) माधुर्य गुण
प्रश्न 20: काव्य गुण क्या होते हैं?
(अ) काव्य के बाहरी आभूषण
(ब) काव्य में शब्द प्रयोग की विधि
(स) रस को उत्कर्ष प्रदान करने वाले आंतरिक धर्म
(द) काव्य में छंदों का प्रयोग
उत्तर: (स) रस को उत्कर्ष प्रदान करने वाले आंतरिक धर्म