इकाई 2: पादप पोषण: परिभाषा
MP Board Class 11 Agriculture Definition of Plant Nutrition
MP Board Class 11 Agriculture Definition of Plant Nutrition : पादप पोषण (Plant Nutrition) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे अपनी वृद्धि, विकास, प्रजनन और जीवन प्रक्रियाओं को बनाए रखने के लिए मिट्टी, पानी और हवा से आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं और उनका उपयोग करते हैं।
इसे और सरल शब्दों में समझें तो:
पादप पोषण का अर्थ है कि पौधों को स्वस्थ रहने और ठीक से बढ़ने के लिए किन-किन चीज़ों (पोषक तत्वों) की आवश्यकता होती है, वे उन्हें कहाँ से प्राप्त करते हैं, और उनका उपयोग कैसे करते हैं। ये पोषक तत्व पौधों के विभिन्न भागों के निर्माण, ऊर्जा उत्पादन और जैविक क्रियाओं के संचालन के लिए अनिवार्य होते हैं।
पौधों को मुख्य रूप से दो प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिन्हें आगे वर्गीकृत किया जा सकता है:
- वृहद पोषक तत्व (Macronutrients): जिनकी आवश्यकता पौधों को अधिक मात्रा में होती है। इन्हें पौधों द्वारा आवश्यकता की मात्रा के आधार पर आगे दो श्रेणियों में बांटा गया है:
- प्राथमिक पोषक तत्व (Primary Nutrients): ये वे पोषक तत्व हैं जिनकी पौधों को सबसे अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है और जो आमतौर पर मिट्टी में कम होते हैं, इसलिए इनकी पूर्ति अक्सर उर्वरकों के माध्यम से की जाती है। इन्हें NPK के नाम से भी जाना जाता है।
- नाइट्रोजन (N): पत्ती और तने की वृद्धि, क्लोरोफिल निर्माण के लिए आवश्यक।
- फास्फोरस (P): जड़ विकास, फूल और बीज निर्माण, ऊर्जा हस्तांतरण के लिए महत्वपूर्ण।
- पोटैशियम (K): रोग प्रतिरोधक क्षमता, पानी का नियमन, फल और अनाज की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक।
- द्वितीयक पोषक तत्व (Secondary Nutrients): इनकी आवश्यकता प्राथमिक पोषक तत्वों से कम लेकिन सूक्ष्म पोषक तत्वों से अधिक होती है। ये भी पौधों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
- कैल्शियम (Ca): कोशिका भित्ति के निर्माण, जड़ वृद्धि और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए आवश्यक।
- मैग्नीशियम (Mg): क्लोरोफिल का केंद्रीय घटक, प्रकाश संश्लेषण और एंजाइमों के कार्य के लिए महत्वपूर्ण।
- सल्फर (S): प्रोटीन, विटामिन और एंजाइमों के निर्माण के लिए आवश्यक, विशेष रूप से तिलहनी फसलों में।
- प्राथमिक पोषक तत्व (Primary Nutrients): ये वे पोषक तत्व हैं जिनकी पौधों को सबसे अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है और जो आमतौर पर मिट्टी में कम होते हैं, इसलिए इनकी पूर्ति अक्सर उर्वरकों के माध्यम से की जाती है। इन्हें NPK के नाम से भी जाना जाता है।
- सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients): जिनकी आवश्यकता पौधों को बहुत कम मात्रा में होती है, लेकिन ये भी पौधों के सामान्य विकास के लिए उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं।
- लोहा (Fe), मैंगनीज (Mn), बोरॉन (B), जिंक (Zn), कॉपर (Cu), मोलिब्डेनम (Mo) और क्लोरीन (Cl)।
ये सभी पोषक तत्व पौधों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, और किसी भी एक पोषक तत्व की कमी से पौधों की वृद्धि और उपज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।