MP Board Class 10th Van evam Vanya Jeev Sansadhan Question Answer
पुस्तक “समकालीन भारत – 2” (कक्षा 10वीं) के पाठ 2: वन एवं वन्य जीव संसाधन से संबंधित अभ्यास प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं:
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. इस ग्रह पर मानव सहित सभी जीवधारी मिलकर किस तंत्र का निर्माण करते हैं?
(क) सामाजिक तंत्र (ख) औद्योगिक तंत्र (ग) पारिस्थितिकी तंत्र (घ) आर्थिक तंत्र
उत्तर: (ग) पारिस्थितिकी तंत्र
2. भारत जैव विविधता के संदर्भ में विश्व के सबसे समृद्ध देशों में से एक क्यों है?
(क) यहाँ विश्व की कुल जैव उपजातियों का 2% पाया जाता है।
(ख) यहाँ विश्व की कुल जैव उपजातियों का 8% (लगभग 16 लाख) पाया जाता है।
(ग) यहाँ केवल पौधों की विविध प्रजातियाँ हैं।
(घ) यहाँ केवल जानवरों की विविध प्रजातियाँ हैं।
उत्तर: (ख) यहाँ विश्व की कुल जैव उपजातियों का 8% (लगभग 16 लाख) पाया जाता है।
3. भारतीय वन्यजीव (रक्षण) अधिनियम किस वर्ष लागू किया गया?
(क) 1960 (ख) 1970 (ग) 1972 (घ) 1986
उत्तर: (ग) 1972
4. ‘प्रोजेक्ट टाइगर‘ की शुरुआत किस वर्ष हुई?
(क) 1972 (ख) 1973 (ग) 1980 (घ) 1991
उत्तर: (ख) 1973
5. 20वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत में बाघों की अनुमानित संख्या कितनी थी?
(क) 1,827 (ख) 5,500 (ग) 55,000 (घ) 16 लाख
उत्तर: (ग) 55,000
6. वन्य जीव अधिनियम 1980 और 1986 के तहत किन कीटों को संरक्षित जातियों में शामिल किया गया है?
(क) केवल मधुमक्खियाँ (ख) तितलियाँ, पतंगे, भृंग और एक ड्रैगनफ्लाई
(ग) केवल चींटियाँ (घ) केवल मकड़ियाँ
उत्तर: (ख) तितलियाँ, पतंगे, भृंग और एक ड्रैगनफ्लाई
7. देश में आधे से अधिक वन क्षेत्र किस श्रेणी में आते हैं?
(क) रक्षित वन (ख) अवर्गीकृत वन (ग) आरक्षित वन (घ) सामुदायिक वन
उत्तर: (ग) आरक्षित वन
8. वन विभाग के अनुसार, देश के कुल वन क्षेत्र का कितना हिस्सा रक्षित है?
(क) आधा (ख) एक-चौथाई (ग) एक-तिहाई (घ) दो-तिहाई
उत्तर: (ग) एक-तिहाई
9. मध्य प्रदेश में स्थायी वनों के अंतर्गत प्रदेश के कुल वन क्षेत्र का कितना प्रतिशत है?
(क) 50% (ख) 60% (ग) 75% (घ) 80%
उत्तर: (ग) 75%
10. राजस्थान के अलवर जिले में 5 गाँवों के लोगों ने 1,200 हेक्टेयर वन भूमि को क्या घोषित किया है?
(क) राष्ट्रीय उद्यान (ख) आरक्षित वन (ग) भैरोंदेव डाकव ‘सोंचुरी’ (घ) सामुदायिक वन रिज़र्व
उत्तर: (ग) भैरोंदेव डाकव ‘सोंचुरी‘
11. छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जनजातियाँ किन पेड़ों की पूजा करती हैं?
(क) पीपल और वटवृक्ष (ख) इमली और आम (ग) महुआ और कदंब (घ) नीम और बबूल
उत्तर: (ग) महुआ और कदंब
12. हिमालय में प्रसिद्ध चिपको आंदोलन किस उद्देश्य में कामयाब रहा?
(क) केवल इमारती लकड़ी का उत्पादन बढ़ाना (ख) वन कटाई रोकना और सामुदायिक वनीकरण अभियान (ग) रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बढ़ाना (घ) वन्यजीवों का शिकार बढ़ाना
उत्तर: (ख) वन कटाई रोकना और सामुदायिक वनीकरण अभियान
13. टिहरी में किसानों का कौन सा आंदोलन रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के बिना विविध फसल उत्पादन की आर्थिक व्यवहार्यता दिखाता है?
(क) चिपको आंदोलन (ख) नवदान्य (ग) बीज बचाओ आंदोलन (घ) (ख) और (ग) दोनों
उत्तर: (घ) (ख) और (ग) दोनों
14. भारत में संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत किस राज्य में हुई और कब?
(क) उत्तराखंड, 1973 (ख) राजस्थान, 1972 (ग) ओडिशा, 1988 (घ) मध्य प्रदेश, 1960
उत्तर: (ग) ओडिशा, 1988
15. संयुक्त वन प्रबंधन के तहत ग्रामीणों को क्या लाभ मिलता है?
(क) केवल इमारती लकड़ी का अधिकार (ख) गैर-इमारती वन उत्पादों का हक और इमारती लकड़ी के लाभ में हिस्सेदारी (ग) केवल वन विभाग के अधिकारी बनते हैं (घ) वन्यजीवों का शिकार करने की अनुमति
उत्तर: (ख) गैर-इमारती वन उत्पादों का हक और इमारती लकड़ी के लाभ में हिस्सेदारी
16. गौतम बुद्ध के अनुसार, पेड़ एक कैसा जीवधारी है?
(क) स्वार्थी और हानिकारक (ख) असीमित दयालु और उदारपूर्ण (ग) केवल पोषण की माँग करने वाला (घ) जो स्वयं को बचाने वाला
उत्तर: (ख) असीमित दयालु और उदारपूर्ण
17. जलीय जैव विविधता मोटे तौर पर किस पर निर्भर है?
(क) केवल नदियों के शुद्धिकरण पर (ख) मोटे तौर पर मछली पालन बनाए रखने पर (ग) केवल जल प्रदूषण रोकने पर (घ) समुद्री तूफान रोकने पर
उत्तर: (ख) मोटे तौर पर मछली पालन बनाए रखने पर
18. राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव पशुविहार स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(क) केवल पर्यटन को बढ़ावा देना (ख) वन्यजीवों के आवासों का कानूनी रक्षण (ग) जंगली जीवों के व्यापार को बढ़ाना (घ) शिकार को बढ़ावा देना
उत्तर: (ख) वन्यजीवों के आवासों का कानूनी रक्षण
19. निम्नलिखित में से कौन-सा राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड में स्थित है और बाघ संरक्षण के लिए जाना जाता है?
(क) सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान (ख) बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
(ग) कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (घ) पेरियार बाघ रिजर्व
उत्तर: (ग) कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान
20. राजस्थान के बिश्नोई समुदाय किस जीव के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध हैं?
(क) बाघ और गैंडा (ख) हाथी और शेर
(ग) काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोर (घ) मगरमच्छ और घड़ियाल
उत्तर: (ग) काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोर
रिक्त स्थान भरें (Fill in the Blanks)
- इस ग्रह पर हम सूक्ष्म-जीवाणुओं और बैक्टीरिया से लेकर _______________ और ब्लू व्हेल तक करोड़ों दूसरे जीवधारियों के साथ रहते हैं।
- भारत में विश्व की सारी जैव उपजातियों की लगभग _______________ प्रतिशत संख्या पाई जाती है।
- भारतीय वन्यजीव (रक्षण) अधिनियम _______________ में लागू किया गया।
- ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ विश्व की बेहतरीन वन्य जीव परियोजनाओं में से एक है और इसकी शुरुआत _______________ में हुई।
- वन विभाग के अनुसार देश के कुल वन क्षेत्र का एक-तिहाई हिस्सा _______________ है।
- मध्य प्रदेश में स्थायी वनों के अंतर्गत प्रदेश के कुल वन क्षेत्र का _______________ प्रतिशत है।
- राजस्थान के अलवर जिले में 5 गाँवों के लोगों ने 1,200 हेक्टेयर वन भूमि को भैरोंदेव डाकव ‘_______________’ घोषित कर दी।
- छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जनजातियाँ _______________ और _______________ के पेड़ों की पूजा करती हैं।
- हिमालय में प्रसिद्ध _______________ आंदोलन कई क्षेत्रों में वन कटाई रोकने में कामयाब रहा।
- भारत में संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत _______________ राज्य में _______________ में हुई।
उत्तर (रिक्त स्थान भरें):
- वटवृक्ष, हाथी
- 8
- 1972
- 1973
- रक्षित
- 75
- सोंचुरी
- महुआ, कदंब
- चिपको
- ओडिशा, 1988
सही जोड़े मिलाएँ (Match the Columns)
कॉलम A | कॉलम B | सही उत्तर |
---|---|---|
1. कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान | (क) पश्चिम बंगाल | (घ) उत्तराखंड |
2. सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान | (ख) असम | (क) पश्चिम बंगाल |
3. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान | (ग) केरल | (ङ) मध्य प्रदेश |
4. सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य | (घ) उत्तराखंड | (च) राजस्थान |
5. मानस बाघ रिज़र्व | (ङ) मध्य प्रदेश | (ख) असम |
6. पेरियार बाघ रिज़र्व | (च) राजस्थान | (ग) केरल |
सही जोड़े मिलाएँ (वन के प्रकार और परिभाषा)
कॉलम A (वन के प्रकार) | कॉलम B (परिभाषा) | सही उत्तर |
---|---|---|
1. आरक्षित वन | (क) वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है। | (ग) |
2. रक्षित वन | (ख) सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि। | (क) |
3. अवर्गीकृत वन | (ग) वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन। | (ख) |
✅ उत्तर:
- 1 ➝ (ग)
- 2 ➝ (क)
- 3 ➝ (ख)
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
1. जैव विविधता क्या है और यह मानव जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: जैव विविधता विभिन्न प्रकार के जीवों (सूक्ष्मजीवों, पौधों और जानवरों) और उनके पारिस्थितिक तंत्रों की विविधता को संदर्भित करती है। यह मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम अपने अस्तित्व के लिए इस पर निर्भर हैं। जैव विविधता हमें जीवन-सहायक संसाधन जैसे स्वच्छ वायु, जल और उपजाऊ मृदा प्रदान करती है। यह पारंपरिक फसलों के लिए आनुवंशिक विविधता बनाए रखती है और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है, जो हमारे जीवन की गुणवत्ता और सतत विकास के लिए आवश्यक है।
2. मानव गतिविधियाँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास का कारण बन रही हैं?
उत्तर: मानव गतिविधियाँ प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास का एक प्रमुख कारण हैं। औद्योगीकरण, शहरीकरण और कृषि विस्तार के कारण वनों का बड़े पैमाने पर कटान हुआ है, जिससे वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो गए हैं। अवैध शिकार और वन्यजीव उत्पादों का व्यापार कई प्रजातियों को विलुप्ति के कगार पर ले आया है। प्रदूषण, जैसे नदियों में गंदगी और विषैले तत्वों का मिलना, जलीय जीवों को नुकसान पहुँचा रहा है। इसके अतिरिक्त, बढ़ती जनसंख्या और संसाधनों का अत्यधिक दोहन भी इस ह्रास में योगदान दे रहा है, जिससे पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ रहा है।
3. भारत में वन और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए क्या कानूनी और परियोजना-आधारित प्रयास किए गए हैं?
उत्तर: भारत में वन और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कानूनी और परियोजना-आधारित प्रयास किए गए हैं। 1972 में भारतीय वन्यजीव (रक्षण) अधिनियम लागू किया गया, जिसने वन्यजीव आवासों के संरक्षण, शिकार पर प्रतिबंध और वन्यजीवों के व्यापार पर रोक जैसे प्रावधान किए। इसके तहत राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य स्थापित किए गए। ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ (1973 में शुरू) जैसी विशेष परियोजनाएँ बाघ, गैंडा और मगरमच्छ जैसी संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने के लिए शुरू की गईं। वन्य जीव अधिनियम 1980 और 1986 के तहत कीटों और पौधों की कई प्रजातियों को भी संरक्षित सूची में शामिल किया गया है।
4. आरक्षित वन, रक्षित वन और अवर्गीकृत वन में क्या अंतर है? प्रत्येक का एक उदाहरण दें।
उत्तर:
- आरक्षित वन: ये वे वन क्षेत्र हैं जिन्हें वन और वन्यजीव संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान माना जाता है। यहाँ सरकारी नियंत्रण सबसे अधिक होता है और सामान्यतः मानवीय गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध होते हैं। उदाहरण: उत्तराखंड का कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान।
- रक्षित वन: ये ऐसे वन हैं जिन्हें आगे और अधिक क्षरण से बचाने के लिए सुरक्षित किया जाता है। इनमें स्थानीय समुदायों को सीमित उपयोग की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन वन विभाग की निगरानी बनी रहती है। उदाहरण: राजस्थान का सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य।
- अवर्गीकृत वन: ये वे वन और बंजर भूमि हैं जो सरकार, व्यक्तियों या समुदायों के स्वामित्व में होते हैं और जिन पर कोई विशेष संरक्षण प्रतिबंध नहीं होता। ये अक्सर स्थानीय समुदायों के प्रबंधन में होते हैं। उदाहरण: पूर्वोत्तर राज्यों और गुजरात के कई वन क्षेत्र।
5. भारत में समुदायों ने वन और वन्यजीव संरक्षण में किस प्रकार महत्वपूर्ण योगदान दिया है? उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर: भारत में स्थानीय समुदायों ने वन और वन्यजीव संरक्षण में सदियों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे वनों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति का स्रोत मानते हुए उनकी रक्षा करते हैं। राजस्थान के सरिस्का बाघ रिज़र्व में ग्रामीण खनन गतिविधियों को रोकने के लिए संघर्षरत हैं। अलवर जिले के 5 गाँवों ने ‘भैरोंदेव डाकव सोंचुरी’ बनाकर अपने नियम लागू किए हैं, जहाँ शिकार और बाहरी घुसपैठ वर्जित है। छोटानागपुर की मुंडा और संथाल जनजातियाँ महुआ और कदंब की पूजा करती हैं। बिश्नोई समुदाय काले हिरण और चिंकारा जैसे जीवों का संरक्षण करता है। चिपको आंदोलन और बीज बचाओ आंदोलन जैसे जन आंदोलनों ने भी सामुदायिक भागीदारी से संरक्षण के सफल मॉडल प्रस्तुत किए हैं।
6. संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) कार्यक्रम क्या है और यह वन संरक्षण में कैसे सहायक है?
उत्तर: संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) कार्यक्रम भारत में क्षरित वनों के प्रबंधन और पुनर्निर्माण के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी पर आधारित एक पहल है। इसकी शुरुआत 1988 में ओडिशा में हुई। इस कार्यक्रम के तहत, गाँव के स्तर पर ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारी मिलकर काम करते हैं। ग्रामीण समुदायों को वन उत्पादों (जैसे गैर-इमारती लकड़ी) के उपयोग का अधिकार मिलता है और सफल संरक्षण पर इमारती लकड़ी के लाभ में भी हिस्सेदारी दी जाती है। यह दृष्टिकोण स्थानीय लोगों को वनों के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाता है और उनके सहयोग से वनों का प्रभावी संरक्षण सुनिश्चित करता है, जिससे वन संसाधनों का सतत उपयोग संभव होता है।
1. लेपचा लोकसंगीत में प्रकृति के प्रति किस भावना को दर्शाया गया है?
उत्तर: लेपचा लोकसंगीत में प्रकृति के प्रति गहन श्रद्धा और समर्पण की भावना को दर्शाया गया है। यह गीत नारक, जो संगीत के जनक हैं, को स्वयं को समर्पित करने की बात करता है और झरनों, नदियों, पर्वतों, वनों, कीटों, जानवरों और मधुर समीर से संगीत ग्रहण करने की इच्छा व्यक्त करता है। यह लोकगीत दर्शाता है कि लेपचा समुदाय प्रकृति के हर रूप को पवित्र मानता है और उससे प्रेरणा तथा जीवन प्राप्त करता है, जो उनके सांस्कृतिक जीवन में प्रकृति के अभिन्न स्थान को उजागर करता है।
2. भारत में जैव विविधता को किन खतरों का सामना करना पड़ रहा है, और इसका क्या परिणाम हो सकता है?
उत्तर: भारत में जैव विविधता को मानव की पर्यावरण के प्रति असंवेदनशीलता के कारण भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। बाघों का शिकार, उनके आवासीय स्थलों का सिकुड़ना, भोजन के लिए आवश्यक जंगली उपजातियों की कमी, बढ़ती जनसंख्या और पारंपरिक औषधियों में उनके अंगों का उपयोग प्रमुख खतरे हैं। इन खतरों के परिणामस्वरूप कई प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर पहुँच गई हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बिगड़ रहा है और भविष्य में जीवन-सहायक संसाधनों की उपलब्धता पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
3. ‘पवित्र पेड़ों के झुरमट‘ की अवधारणा क्या है और यह संरक्षण में कैसे मदद करती है?
उत्तर: ‘पवित्र पेड़ों के झुरमट’ प्रकृति की पूजा पर आधारित एक सदियों पुरानी जनजातीय विश्वास है, जिसमें वनों के कुछ हिस्सों को देवी-देवताओं के वन के रूप में पवित्र मानकर संरक्षित किया जाता है। इन झुरमुटों में स्थानीय लोग या तो प्रवेश नहीं करते या किसी को छेड़छाड़ करने नहीं देते। यह परंपरा स्थानीय समुदायों को कुछ विशेष पेड़ों और वनों के बड़े हिस्सों को प्राचीन और अक्षुण्ण रूप में बचाने में मदद करती है, क्योंकि वे इन्हें धार्मिक महत्व देते हैं और मानते हैं कि इन्हें नुकसान पहुँचाना अशुभ होगा। यह प्राकृतिक संसाधनों के सामुदायिक संरक्षण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
4. बाघों की संख्या में तेजी से गिरावट के मुख्य कारण क्या हैं और ‘प्रोजेक्ट टाइगर‘ का लक्ष्य क्या है?
उत्तर: बाघों की संख्या में तेजी से गिरावट के मुख्य कारणों में उनका अवैध शिकार और व्यापार, आवासीय स्थलों का सिकुड़ना, भोजन के लिए आवश्यक जंगली उपजातियों की संख्या में कमी और जनसंख्या वृद्धि शामिल हैं। उनकी खाल और हड्डियों का परंपरागत औषधियों में उपयोग भी एक बड़ा कारण है। ‘प्रोजेक्ट टाइगर’, जो 1973 में शुरू हुआ, का उद्देश्य सिर्फ बाघों जैसी संकटग्रस्त प्रजाति को बचाना नहीं है, बल्कि उस पूरे बड़े आकार के जैवजाति (पारिस्थितिकी तंत्र) को भी संरक्षित करना है, जिसमें बाघ निवास करते हैं, ताकि समग्र जैव विविधता बनी रहे।
5. संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) कार्यक्रम कैसे स्थानीय समुदायों को वन संरक्षण में शामिल करता है और इससे क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) कार्यक्रम क्षरित वनों के प्रबंधन और पुनर्निर्माण में स्थानीय समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। 1988 में ओडिशा से शुरू हुए इस कार्यक्रम के तहत, गाँव के स्तर पर ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारी मिलकर काम करते हैं। ग्रामीण समुदायों को गैर-इमारती वन उत्पादों जैसे फल, गोंद, और औषधीय पौधों पर हक मिलता है, और सफल संरक्षण से प्राप्त इमारती लकड़ी के लाभ में भी हिस्सेदारी दी जाती है। यह भागीदारी वनों के प्रति स्थानीय लोगों में स्वामित्व की भावना जगाती है, जिससे वे वनों के प्रभावी और सतत संरक्षण में सक्रिय रूप से योगदान करते हैं।
MP Board Class 10th Van evam Vanya Jeev Sansadhan One Liner
- वन प्राथमिक उत्पादक है।
- भारतीय वन जीवन (रक्षण) अधिनियम 1972 में लागू किया गया ।
- “प्रोजेक्ट टाईगर” वन्य जीव परियोजना 1973 में शुरु की गई ।
- रक्षित वन देश के कुल वन क्षेत्र का एक तिहाई हिस्से पर होते हैं ।
- भारत में आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन हैं ।
- भारत आरक्षित वनों को सर्वाधिक मूल्यवान माना जाता है ।
- सारिस्का बाघ रिजर्व राजस्थान में स्थित है ।
- छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जनजातियाँ निवास करती हैं।
- मुंडा और संथाल जनजातियाँ महुआ और कदंब के पेड़ों की पूजा करते हैं ।
- चिपको आंदोलन वनों के संरक्षण से सम्बन्धित है ।
- बीज बचाओ आंदोलन बीजों के संरक्षण से सम्बन्धित है।
- कॉरबेट नेशनल पार्क उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है ।
- भारत में स्थायी वनों का क्षेत्र म.प्र. में सर्वाधिक है।
- ओडिशा राज्य में संयुक्त वन प्रबंधन का पहला प्रस्ताव पास किया गया था ।