MP Board Class 10th sST krishi Question Answer
अध्याय 4 : कृषि
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
- भारत की कितनी जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है? (क) एक-चौथाई (ख) आधी (ग) दो-तिहाई (घ) तीन-चौथाई उत्तर: (ग) दो-तिहाई
- निम्नलिखित में से कौन-सा कृषि उत्पादों पर आधारित उद्योग का उदाहरण है? (क) इस्पात उद्योग (ख) सूती कपड़ा उद्योग (ग) सीमेंट उद्योग (घ) ऑटोमोबाइल उद्योग उत्तर: (ख) सूती कपड़ा उद्योग
- ‘कर्तन दहन प्रणाली’ कृषि को उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में किस नाम से जाना जाता है? (क) दीपा (ख) पामलू (ग) झूम (घ) रोका उत्तर: (ग) झूम
- मैक्सिको और मध्य अमेरिका में ‘कर्तन दहन प्रणाली’ कृषि को किस नाम से जाना जाता है? (क) रोका (ख) कोनुको (ग) मिल्पा (घ) लदांग उत्तर: (ग) मिल्पा
- गहन जीविका कृषि में अधिक उत्पादन के लिए किसका प्रयोग किया जाता है? (क) केवल आदिम औजार (ख) केवल परिवार श्रम (ग) जैव-रासायनिक निवेशों और सिंचाई (घ) केवल प्राकृतिक उर्वरता उत्तर: (ग) जैव-रासायनिक निवेशों और सिंचाई
- हरियाणा और पंजाब में चावल किस प्रकार की फसल है? (क) जीविका फसल (ख) प्रारंभिक जीविका फसल (ग) वाणिज्य फसल (घ) रोपण फसल उत्तर: (ग) वाणिज्य फसल
- निम्नलिखित में से कौन-सी भारत की एक महत्वपूर्ण रोपण फसल नहीं है? (क) चाय (ख) कॉफी (ग) रबड़ (घ) गेहूँ उत्तर: (घ) गेहूँ
- रबी फसलों को किस ऋतु में बोया जाता है? (क) ग्रीष्म ऋतु (ख) शीत ऋतु (ग) वर्षा ऋतु (घ) जायद ऋतु उत्तर: (ख) शीत ऋतु
- निम्नलिखित में से कौन-सी एक खरीफ फसल है? (क) गेहूँ (ख) जौ (ग) चना (घ) कपास उत्तर: (घ) कपास
- असम, पश्चिमी बंगाल और ओडिशा में धान की कौन-सी तीन फसलें बोई जाती हैं? (क) अमन, बोरो, मूंग (ख) ऑस, अमन, बोरो (ग) मूंग, उड़द, अरहर (घ) रागी, ज्वार, बाजरा उत्तर: (ख) ऑस, अमन, बोरो
- जायद ऋतु में मुख्यत: कौन-सी फसलें उगाई जाती हैं? (क) गेहूँ और जौ (ख) चावल और मक्का (ग) तरबूज, खरबूजे, खीरे (घ) कपास और जूट उत्तर: (ग) तरबूज, खरबूजे, खीरे
- भारत विश्व में चावल का कौन-सा सबसे बड़ा उत्पादक देश है? (क) पहला (ख) दूसरा (ग) तीसरा (घ) चौथा उत्तर: (ख) दूसरा
- गेहूँ की खेती के लिए कितने सेमी. वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है? (क) 25-50 सेमी. (ख) 50-75 सेमी. (ग) 75-100 सेमी. (घ) 100-125 सेमी. उत्तर: (ख) 50-75 सेमी.
- ज्वार, बाजरा और रागी किस श्रेणी के अनाज हैं? (क) दलहन (ख) मोटे अनाज (ग) तिलहन (घ) रेशेदार फसलें उत्तर: (ख) मोटे अनाज
- रागी के प्रमुख उत्पादक राज्यों में से एक नहीं है: (क) कर्नाटक (ख) हिमाचल प्रदेश (ग) मध्य प्रदेश (घ) सिक्किम उत्तर: (ग) मध्य प्रदेश
- मक्का किस प्रकार की मिट्टी पर अच्छी प्रकार से उगाई जाती है? (क) बलुआ मिट्टी (ख) काली मिट्टी (ग) पुरानी जलोढ़ मिट्टी (घ) लाल मिट्टी उत्तर: (ग) पुरानी जलोढ़ मिट्टी
- भारत गन्ने का विश्व में कौन-सा सबसे बड़ा उत्पादक देश है? (क) पहला (ख) दूसरा (ग) तीसरा (घ) चौथा उत्तर: (ख) दूसरा
- रेशम उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों का पालन क्या कहलाता है? (क) एग्रीकल्चर (ख) सेरीकल्चर (ग) विटिकल्चर (घ) फ्लोरीकल्चर उत्तर: (ख) सेरीकल्चर
- कपास उत्पादन में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है (2017 के अनुसार)? (क) पहला (ख) दूसरा (ग) तीसरा (घ) चौथा उत्तर: (ख) दूसरा
- जूट को अन्य किस नाम से जाना जाता है? (क) सफेद सोना (ख) काला सोना (ग) सुनहरा रेशा (घ) भूरा हीरा उत्तर: (ग) सुनहरा रेशा
रिक्त स्थान भरें (Fill in the Blanks)
- भारत में कृषि एक _______________ क्रिया है।
- प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि को ‘_______________ दहन प्रणाली’ भी कहते हैं।
- मणिपुर में ‘कर्तन दहन प्रणाली’ कृषि को _______________ के नाम से जाना जाता है।
- गहन जीविका कृषि उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ भूमि पर जनसंख्या का दबाव _______________ होता है।
- रोपण कृषि, _______________ और _______________ के बीच एक अंतरापृष्ठ है।
- भारत में तीन शस्य ऋतुएँ हैं: रबी, खरीफ और _______________.
- शीत ऋतु में शीतोष्ण पश्चिमी विक्षोभों से होने वाली वर्षा _______________ फसलों के उत्पादन में सहायक होती है।
- ज्वार देश की क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से _______________ महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है।
- रागी शुष्क प्रदेशों की फसल है और यह लाल, काली, बलुआ, _______________ और उथली काली मिट्टी पर अच्छी तरह उगाई जाती है।
- _______________ विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोक्ता देश है।
- अरहर को छोड़कर अन्य सभी दालें वायु से _______________ लेकर भूमि की उर्वरता को बनाए रखती हैं।
- ब्राजील के बाद भारत _______________ का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- भारतीय कॉफ़ी की _______________ किस्म विश्वविख्यात है।
- रबड़ को 200 सेमी. से अधिक वर्षा और _______________ सेल्सियस से अधिक तापमान वाली नम और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है।
- _______________ पठार के शुष्कतर भागों में काली मिट्टी कपास उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
- कपास को पककर तैयार होने में _______________ से _______________ महीने लगते हैं।
- जूट की फसल बाढ़ के मैदानों में _______________ वाली उर्वरक मिट्टी में उगाई जाती है।
- भारत में भूमि पर पुश्तैनी अधिकार के कारण यह टुकड़ों में बँटती जा रही थी जिसकी _______________ करना अनिवार्य था।
- 1960 और 1970 के दशकों में भारत सरकार ने _______________ क्रांति तथा _______________ क्रांति जैसी कृषि सुधार रणनीतियाँ आरंभ की थी।
- महात्मा गांधी ने _______________ को अपना आध्यात्मिक उत्तराधिकारी घोषित किया था।
उत्तर (रिक्त स्थान भरें):
- प्राथमिक
- कर्तन
- पामलू
- अधिक
- उद्योग, कृषि
- जायद
- रबी
- तीसरी
- दोमट
- भारत
- नाइट्रोजन
- गन्ने
- अरेबिका
- 25°
- दक्कन
- 6, 8
- जलनिकास
- चकबंदी
- हरित, श्वेत
- विनोबा भावे
सही/गलत (True/False)
- भारत की एक-तिहाई जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है। (गलत)
- प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि में किसान उर्वरक और आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हैं। (गलत)
- गहन जीविका कृषि में भूमि पर जनसंख्या का दबाव कम होता है। (गलत)
- ओडिशा में चावल एक वाणिज्य फसल है। (गलत)
- रोपण कृषि में एक ही फसल लंबे-चौड़े क्षेत्र में बोई जाती है। (सही)
- रबी फसलों को शीत ऋतु में बोया जाता है। (सही)
- चावल को उगने के लिए 25° सेल्सियस से कम तापमान की आवश्यकता होती है। (गलत)
- गेहूँ भारत की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। (सही)
- रागी में प्रचुर मात्रा में लोहा और कैल्शियम नहीं मिलता है। (गलत)
- मक्का केवल खाद्यान्न के रूप में प्रयोग होती है। (गलत)
- अरहर एक फलीदार फसल है जो वायु से नाइट्रोजन लेकर भूमि की उर्वरता नहीं बढ़ाती। (सही)
- भारत गन्ने का विश्व में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। (गलत)
- भारतीय कॉफ़ी की रोबस्टा किस्म विश्वविख्यात है। (गलत)
- रबड़ भूमध्यरेखीय क्षेत्र की फसल नहीं है। (गलत)
- कपास उत्पादन में भारत का विश्व में पहला स्थान है। (गलत)
- जूट को ‘सुनहरा रेशा’ कहा जाता है। (सही)
- स्वतंत्रता के बाद प्रथम पंचवर्षीय योजना में भूमि सुधार मुख्य लक्ष्य था। (सही)
- श्वेत क्रांति (ऑपरेशन फ्लड) का संबंध मछली उत्पादन से है। (गलत)
- भूदान में जमींदारों ने भूमिहीनों को पूरा गाँव दान किया था। (गलत)
- विनोबा भावे द्वारा किया गया भूदान-ग्रामदान आंदोलन ‘रक्तहीन क्रांति’ कहलाता है। (सही)
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
- ‘प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि’ से क्या तात्पर्य है? संक्षेप में समझाइए। उत्तर: प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि भूमि के छोटे टुकड़ों पर आदिम कृषि औजारों जैसे लकड़ी के हल, डाओ, और खुदाई करने वाली छड़ी तथा परिवार अथवा समुदाय श्रम की मदद से की जाती है। यह कृषि प्रायः मानसून, मृदा की प्राकृतिक उर्वरता और अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करती है और इसका मुख्य उद्देश्य परिवार का भरण-पोषण करना होता है।
- ‘कर्तन दहन प्रणाली’ कृषि क्या है और इसे क्यों ‘स्थानांतरी कृषि’ भी कहा जाता है? उत्तर: ‘कर्तन दहन प्रणाली’ (slash and burn) कृषि में किसान जमीन के टुकड़े साफ करके और वनस्पति को जलाकर फसलें उगाते हैं। जब मृदा की उर्वरता कम हो जाती है, तो वे उस भूमि के टुकड़े से स्थानांतरित होकर कृषि के लिए दूसरा टुकड़ा साफ करते हैं। चूंकि किसान एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं, इसलिए इसे ‘स्थानांतरी कृषि’ भी कहा जाता है।
- ‘वाणिज्यिक कृषि’ की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? उत्तर: वाणिज्यिक कृषि के मुख्य लक्षण आधुनिक निवेशों जैसे अधिक पैदावार देने वाले बीजों (HYV seeds), रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से उच्च पैदावार प्राप्त करना है। इसका उद्देश्य बाजार में बिक्री के लिए उत्पादन करना होता है, न कि केवल अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए।
- ‘रोपण कृषि’ को उद्योग और कृषि के बीच ‘अंतरापृष्ठ’ क्यों कहा जाता है? उत्तर: रोपण कृषि को उद्योग और कृषि के बीच ‘अंतरापृष्ठ’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह एक प्रकार की वाणिज्यिक खेती है जिसमें बड़े क्षेत्र में एकल फसल बोई जाती है, जिसके लिए अत्यधिक पूँजी और श्रमिकों की आवश्यकता होती है। इससे प्राप्त सारा उत्पादन सीधे उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है, जिससे कृषि उत्पादन और औद्योगिक प्रसंस्करण के बीच सीधा संबंध स्थापित होता है।
- भारत की तीन प्रमुख शस्य ऋतुओं के नाम बताइए और प्रत्येक में बोई जाने वाली किन्हीं दो मुख्य फसलों के उदाहरण दीजिए।उत्तर: भारत में तीन प्रमुख शस्य ऋतुएँ हैं:
- रबी: गेहूँ, चना (अक्तूबर-दिसंबर में बोई जाती हैं, अप्रैल-जून में काटी जाती हैं)।
- खरीफ: चावल, मक्का (मानसून के आगमन के साथ बोई जाती हैं, सितंबर-अक्तूबर में काटी जाती हैं)।
- जायद: तरबूज, खीरे (रबी और खरीफ ऋतुओं के बीच ग्रीष्म ऋतु में बोई जाती हैं)।
- गेहूँ की खेती के लिए आवश्यक भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें। उत्तर: गेहूँ भारत की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। इसे रबी की फसल के रूप में शीत ऋतु में बोया जाता है और पकने के समय खिली धूप की आवश्यकता होती है। इसे उगाने के लिए समान रूप से वितरित 50 से 75 सेमी. वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है। यह उत्तर-पश्चिम में गंगा-सतलुज के मैदान और दक्कन के काली मिट्टी वाले प्रदेशों में मुख्य रूप से उगाया जाता है।
- भारत में दालों का उत्पादन और उपभोग क्यों महत्वपूर्ण है? उत्तर: भारत विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोक्ता देश है। दालें शाकाहारी खाने में प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत होती हैं, जो पोषण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, अरहर को छोड़कर अन्य सभी दालें फलीदार फसलें होने के नाते वायु से नाइट्रोजन लेकर भूमि की उर्वरता को बनाए रखती हैं, जिससे ये फसलों के आवर्तन (rotation) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और मृदा स्वास्थ्य में सुधार करती हैं।
- चाय की खेती के लिए कौन सी भौगोलिक परिस्थितियाँ और श्रम संबंधी आवश्यकताएँ होती हैं? उत्तर: चाय की खेती के लिए उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु, ह्यूमस और जीवांश युक्त गहरी मिट्टी, और सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्रों की आवश्यकता होती है। इसे वर्ष भर कोष्ण, नम और पाला रहित जलवायु तथा समान रूप से होने वाली वर्षा की बौछारें चाहिए। चाय एक श्रम-सघन उद्योग है, जिसके लिए प्रचुर मात्रा में सस्ता और कुशल श्रम चाहिए, क्योंकि चाय की पत्तियाँ बागान में ही संसाधित की जाती हैं ताकि उनकी ताजगी बनी रहे।
- भारत में कृषि में संस्थागत सुधारों की आवश्यकता क्यों पड़ी? प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य क्या था? उत्तर: भारत में कृषि हजारों वर्षों से की जा रही है, लेकिन प्रौद्योगिकी और संस्थागत परिवर्तन के अभाव में लगातार भूमि संसाधन के प्रयोग से कृषि का विकास अवरुद्ध हो गया था। बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और कृषि में गहनता बढ़ाने के लिए गंभीर तकनीकी और संस्थागत सुधारों की आवश्यकता थी। प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य भूमि सुधार था, जिसमें जोतों की चकबंदी, सहकारिता को बढ़ावा देना और जमींदारी प्रथा को समाप्त करना शामिल था, क्योंकि भूमि पर पुश्तैनी अधिकार के कारण यह टुकड़ों में बँटती जा रही थी।
- ‘भूदान-ग्रामदान’ आंदोलन का संक्षेप में वर्णन करें। उत्तर: ‘भूदान-ग्रामदान’ आंदोलन महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी विनोबा भावे द्वारा शुरू किया गया था। गांधी जी की ग्राम स्वराज अवधारणा से प्रेरित होकर, विनोबा भावे ने भूमिहीनों को भूमि दिलवाने के लिए देश भर में पदयात्रा की। आंध्र प्रदेश के पोचमपल्ली गाँव में, श्री रामचंद्र रेड्डी ने 80 भूमिहीन ग्रामीणों को 80 एकड़ भूमि दान की, जिसे ‘भूदान’ कहा गया। बाद में, कुछ जमींदारों ने पूरे गाँव भी दान किए, जिसे ‘ग्रामदान’ कहा गया। यह आंदोलन ‘रक्तहीन क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें बिना किसी हिंसा के भूमि का पुनर्वितरण हुआ।
पुस्तक से लिए गए प्रश्न
1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा उस कृषि प्रणाली को दर्शाता है जिसमें एक ही फसल लंबे-चौड़े क्षेत्र में बोई जाती है? (क) स्थानांतरी कृषि (ख) रोपण कृषि (ग) बागवानी (घ) गहन कृषि उत्तर: (ख) रोपण कृषि
(ii) इनमें से कौन-सी रबी फसल है? (क) चावल (ख) मोटे अनाज (ग) चना (घ) कपास उत्तर: (ग) चना
(iii) इनमें से कौन-सी एक फलीदार फसल है? (क) दालें (ख) मोटे अनाज (ग) ज्वार (घ) तिल उत्तर: (क) दालें
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें। उत्तर: चाय एक महत्त्वपूर्ण पेय फसल है। इसे उगाने के लिए उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु, ह्यूमस युक्त गहरी मिट्टी और सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्रों की आवश्यकता होती है। वर्ष भर कोष्ण, नम और पाला रहित जलवायु तथा समान रूप से होने वाली वर्षा की बौछारें इसके लिए अनुकूल हैं।
(ii) भारत की एक खाद्य फसल का नाम बताएँ और जहाँ यह पैदा की जाती है उन क्षेत्रों का विवरण दें। उत्तर: चावल भारत की एक मुख्य खाद्य फसल है। यह उत्तर और उत्तर-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है। नहरों और नलकूपों की सघनता के कारण पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इसकी खेती संभव हो पाई है।
(iii) सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाएँ। उत्तर: सरकार द्वारा किसानों के हित में कई संस्थागत सुधार किए गए हैं। इनमें जोतों की चकबंदी, सहकारिता को बढ़ावा देना, जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, फसल बीमा योजनाएँ (सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग आदि के लिए) और किसानों को कम दर पर ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए ग्रामीण बैंकों, सहकारी समितियों तथा बैंकों की स्थापना शामिल है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
(i) कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय सुझाइए।
कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न प्रौद्योगिकी और संस्थागत सुधार उपाय किए हैं। स्वतंत्रता के बाद, जोतों की चकबंदी, सहकारिता को बढ़ावा देना और जमींदारी प्रथा को समाप्त करना जैसे भूमि सुधार मुख्य लक्ष्य थे। 1960 और 1970 के दशकों में, ‘हरित क्रांति’ (पैकेज टेक्नोलॉजी पर आधारित) और ‘श्वेत क्रांति’ (ऑपरेशन फ्लड) जैसी कृषि सुधार रणनीतियाँ शुरू की गईं। 1980 और 1990 के दशकों में, एक व्यापक भूमि विकास कार्यक्रम आरंभ किया गया, जिसमें संस्थागत और तकनीकी सुधारों पर जोर दिया गया।
वर्तमान में, सरकार ने किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग और बीमारियों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए फसल बीमा का प्रावधान किया है। किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण बैंक, सहकारी समितियाँ और वाणिज्यिक बैंक स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, किसानों को बिचौलियों के शोषण से बचाने और उनकी फसलों का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और लाभदायक खरीद मूल्यों की घोषणा की जाती है। कृषि संबंधी जानकारी और मौसम बुलेटिन को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाता है ताकि किसान बेहतर निर्णय ले सकें। ये सभी उपाय कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि करने में सहायक हैं।
(ii) चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें।
चावल भारत में अधिकांश लोगों का प्रमुख खाद्यान्न है और यह एक खरीफ की फसल है। इसकी खेती के लिए विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों की आवश्यकता होती है:
सबसे पहले, चावल को उगने के लिए उच्च तापमान की आवश्यकता होती है, जो 25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होना चाहिए। बुवाई से लेकर कटाई तक गर्म और आर्द्र जलवायु इसके लिए आदर्श होती है।
दूसरे, इसे अधिक आर्द्रता और पर्याप्त वर्षा की आवश्यकता होती है, आमतौर पर 100 सेमी से अधिक वार्षिक वर्षा। जिन क्षेत्रों में वर्षा कम होती है, वहाँ सिंचाई के माध्यम से इसकी खेती की जाती है। भारत में नहरों और नलकूपों के विस्तृत जाल ने पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी चावल की खेती को संभव बना दिया है।
तीसरे, जलोढ़ मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है क्योंकि इसमें पानी को रोके रखने की क्षमता होती है। चावल की खेती मुख्य रूप से उत्तर और उत्तर-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में की जाती है, जहाँ जलोढ़ मिट्टी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। पानी की उपलब्धता के कारण ये क्षेत्र चावल उत्पादन के लिए आदर्श हैं।
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- कृषि एक प्राथमिक क्रियाकलाप है।
- कृषि विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराता है।
- कर्त्तन दहन प्रणाली को विभिन्न नामों से जाना जाता है।
- कर्त्तन दहन कृषि को पूर्वोत्तर राज्यों “झूम” कहा जाता है।
- चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना महत्वपूर्ण रोपण फसलें हैं।
- रबी फसलों को शीत ऋतु में बोया जाता है।
- रबी की फसलों को ग्रीष्म ऋतु में काटा जाता है।
- गेहूँ, जौ, मटर, चना, सरसों मुख्य रबी फसलें हैं।
- खरीफ़ फसलों को जून-जुलाई में बोया जाता है।
- खरीफ़ फसलों को सितम्बर-अक्टूबर में काट लिया जाता है।
- चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, सोयाबीन मुख्य खरीफ़ फसलें हैं।
- गेहूँ, भारत की दूसरी सबसे बड़ी खाद्यान्न फसल है।
- रबी की फसल के लिए 50 से 75 सेमी. वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है ।
- ज्वार, बाजरा और रागी मोटे अनाज हैं।
- मोटे अनाज में पोषक तत्त्वों की मात्रा अत्यधिक होती है।
- दालें फलीदार फसल का उदाहरण है।
- भारत विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक व उपभोक्ता देश है।
- दालें सबसे अधिक प्रोटीन दायक होती है।
- दालें भूमि की उर्वरता को बनाकर रखती है। गुजरात मूँगफली का प्रमुख उत्पादक राज्य है।
- चाय एक रोपण फसल का उदाहरण है।
- असम, दार्जिलिंग, तमिलनाडु मुख्य चाय उत्पादक क्षेत्र हैं।
- हमारे देश में अरेबिका किस्म की कॉफी पैदा की जाती है।
- भारत में कॉफी आरम्भ में यमन से लाई गई थी।
- कॉफी की खेती नीलगिरि पहाड़ियों में की जाती है।
- रबड़, कपास, जूट एक रेशेदार अखाद्य फसलें हैं।
- रबड़ भूमध्यरेखीय क्षेत्र की फसल है।
- रबड़ मुख्यत: भारत के केरल, तमिलनाडु में उगाया जाता है।
- रेशम के कीड़ों का पालन करना रेशम उत्पादन (SERICULTURE) कहलाता है।
- कपास उत्पादन में भारत का विश्व में चीन के बाद दूसरा स्थान है ।
- महाराष्ट्र, गुजरात और म.प्र. कपास के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
- जूट को सुनहरा रेशा (GOLDEN FIBER) कहा जाता है।
- प. बंगाल, बिहार और असम जूट के मुख्य उत्पादक राज्य हैं।
- जूट का प्रयोग बोरियाँ, चटाई, रस्सी बनाने में किया जाता है ।
- भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरु की है।
- प्रथम पंचवर्षीय योजना में भूमि सुधार मुख्य लक्ष्य था ।