MP Board Class 10th SST Jal Sansadhan Question Answer
जल संसाधन
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
- पृथ्वी का कितना भाग जल से घिरा हुआ है? (क) एक-चौथाई (ख) आधा (ग) तीन-चौथाई (घ) पूरा उत्तर: (ग) तीन-चौथाई
- अलवणीय जल का नवीकरण और पुनर्भरण किस प्रक्रिया द्वारा होता है? (क) वायु चक्र (ख) जलीय चक्र (ग) मृदा चक्र (घ) कार्बन चक्र उत्तर: (ख) जलीय चक्र
- किस वर्ष तक 20 करोड़ लोगों के जल की नितांत कमी झेलने की भविष्यवाणी की जा रही है? (क) 2030 (ख) 2050 (ग) 2025 (घ) 2040 उत्तर: (ग) 2025
- जल दुर्लभता का मुख्य कारण क्या है? (क) कम वर्षा (ख) अतिशोषण और असमान वितरण (ग) प्रदूषण (घ) केवल सूखाग्रस्त इलाके उत्तर: (ख) अतिशोषण और असमान वितरण
- भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पीने योग्य पाइप के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कौन सा मिशन शुरू किया गया है? (क) स्वच्छ भारत मिशन (ख) जल शक्ति मिशन (ग) जल जीवन मिशन (घ) अमृत मिशन उत्तर: (ग) जल जीवन मिशन
- जल जीवन मिशन का लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति कितने लीटर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है? (क) 35 लीटर (ख) 45 लीटर (ग) 55 लीटर (घ) 65 लीटर उत्तर: (ग) 55 लीटर
- स्वतंत्रता के बाद भारत में तेजी से क्या बढ़ा, जिसके कारण जल संसाधनों पर दबाव बढ़ा? (क) कृषि उत्पादन (ख) औद्योगीकरण और शहरीकरण (ग) शिक्षा का स्तर (घ) केवल जनसंख्या उत्तर: (ख) औद्योगीकरण और शहरीकरण
- प्राचीन भारत में इलाहाबाद के नजदीक श्रिंगवेरा में गंगा नदी की बाढ़ के जल को संरक्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट जल संग्रहण तंत्र किस काल में बनाया गया था? (क) मौर्य काल (ख) गुप्त काल (ग) ईसा से एक शताब्दी पहले (घ) 14वीं शताब्दी उत्तर: (ग) ईसा से एक शताब्दी पहले
- भोपाल झील का निर्माण किस शताब्दी में हुआ था? (क) 10वीं शताब्दी (ख) 11वीं शताब्दी (ग) 12वीं शताब्दी (घ) 14वीं शताब्दी उत्तर: (ख) 11वीं शताब्दी
- दिल्ली में सिरी फोर्ट क्षेत्र में जल की सप्लाई के लिए हौज खास का निर्माण किसने करवाया था? (क) अकबर (ख) इल्तुतमिश (ग) शाहजहाँ (घ) अलाउद्दीन खिलजी उत्तर: (ख) इल्तुतमिश
- निम्नलिखित में से कौन सा बाँध का बहुउद्देशीय उपयोग नहीं है? (क) विद्युत उत्पादन (ख) बाढ़ नियंत्रण (ग) भूजल स्तर बढ़ाना (घ) मछली पालन उत्तर: (ग) भूजल स्तर बढ़ाना
- जवाहरलाल नेहरू गर्व से बाँधों को क्या कहते थे? (क) भारत के गौरव (ख) आधुनिक भारत के मंदिर (ग) समृद्धि के वाहक (घ) विकास के प्रतीक उत्तर: (ख) आधुनिक भारत के मंदिर
- महानदी बेसिन में जल संरक्षण और बाढ़ नियंत्रण का समन्वय किस परियोजना में है? (क) भाखड़ा-नांगल परियोजना (ख) हीराकुड परियोजना (ग) सरदार सरोवर परियोजना (घ) कोयना परियोजना उत्तर: (ख) हीराकुड परियोजना
- सिंचाई के कारण किस प्रकार की फसलों की ओर किसान आकर्षित हो रहे हैं, जिससे मृदाओं के लवणीकरण की समस्या हो सकती है? (क) कम जलगहन फसलें (ख) दलहनी फसलें (ग) जलगहन और वाणिज्य फसलें (घ) सूखा प्रतिरोधी फसलें उत्तर: (ग) जलगहन और वाणिज्य फसलें
- सरदार सरोवर बाँध भारत के कितने राज्यों को सिंचाई और जल सुविधाएँ प्रदान करता है? (क) दो (ख) तीन (ग) चार (घ) पाँच उत्तर: (ग) चार
- कृष्णा-गोदावरी विवाद का कारण महाराष्ट्र सरकार द्वारा किस नदी पर बाँध बनाकर जल की दिशा परिवर्तन करना था? (क) कृष्णा (ख) गोदावरी (ग) कोयना (घ) भीमा उत्तर: (ग) कोयना
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का एक मुख्य उद्देश्य क्या है? (क) केवल जल विद्युत उत्पादन बढ़ाना (ख) खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना (ग) औद्योगिक जल आपूर्ति सुनिश्चित करना (घ) नौचालन को बढ़ावा देना उत्तर: (ख) खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना
- बाँध के जलाशयों पर अत्यधिक तलछट जमा होने से नदी के तल पर क्या प्रभाव पड़ता है? (क) नदी का तल मुलायम हो जाता है (ख) नदी का तल अधिक चट्टानी हो जाता है (ग) नदी का तल गहरा हो जाता है (घ) कोई प्रभाव नहीं पड़ता उत्तर: (ख) नदी का तल अधिक चट्टानी हो जाता है
- पश्चिमी हिमालय में नदी की धारा का रास्ता बदलकर खेतों में सिंचाई के लिए बनाई गई वाहिकाएँ क्या कहलाती हैं? (क) टाँका (ख) खादीन (ग) जोहड़ (घ) गुल अथवा कुल उत्तर: (घ) गुल अथवा कुल
- मेघालय में नदियों व झरनों के जल को बाँस द्वारा बने पाइप से एकत्रित करने की कितनी पुरानी विधि प्रचलित है? (क) 50 वर्ष (ख) 100 वर्ष (ग) 150 वर्ष (घ) 200 वर्ष उत्तर: (घ) 200 वर्ष
रिक्त स्थान भरें (Fill in the Blanks)
- पृथ्वी का _______________ भाग जल से घिरा हुआ है।
- जलीय चक्र जल का _______________ और पुनर्भरण सुनिश्चित करता है।
- इजराइल में औसत वार्षिक वर्षा _______________ सेमी. है, जबकि हमारे देश में यह 114 सेमी. है।
- भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पीने योग्य पाइप के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए _______________ की घोषणा की है।
- मौर्य काल में _______________ पर बाँध, झीलें और सिंचाई तंत्रों का निर्माण करवाया गया।
- कलिंग, नागार्जुनकोंडा, बेन्नूर और कोल्हापुर में _______________ सिंचाई प्रणालियों के सबूत मिलते हैं।
- सतलुज-व्यास बेसिन में _______________ परियोजना जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों के काम में आती है।
- राजस्थान के जिले जैसलमेर में ‘_______________’ और अन्य क्षेत्रों में ‘जोहड़’ वर्षा जल संग्रहण के उदाहरण हैं।
- राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पीने का पानी संग्रहित करने के लिए भूमिगत टैंक को ‘_______________’ कहा जाता था।
- मेघालय की राजधानी शिलांग में _______________ वर्षाजल संग्रहण प्रचलित है, हालाँकि चेरापूँजी और मॉसिनराम विश्व की सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान हैं।
उत्तर (रिक्त स्थान भरें):
- तीन-चौथाई
- नवीकरण
- 25
- जल जीवन मिशन (जेजेएम)
- बड़े स्तर
- उत्कृष्ट
- भाखड़ा-नांगल
- खादीन
- टाँका
- छत
सही/गलत (True/False)
- जल एक नवीकरण योग्य संसाधन है। (सही)
- विश्व के अनेक देशों में जल की कमी का मुख्य कारण केवल कम वर्षा है। (गलत)
- जल जीवन मिशन का लक्ष्य केवल शहरी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। (गलत)
- औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण अलवणीय जल संसाधनों पर दबाव बढ़ा है। (सही)
- भोपाल झील 14वीं शताब्दी में बनाई गई थी। (गलत)
- बाँध नदियों के प्राकृतिक बहाव को अवरुद्ध नहीं करते हैं। (गलत)
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य केवल जल विद्युत उत्पादन बढ़ाना है। (गलत)
- सरदार सरोवर बाँध केवल गुजरात राज्य को लाभ पहुँचाता है। (गलत)
- कृष्णा-गोदावरी विवाद का संबंध कोयना नदी पर जल विद्युत परियोजना से था। (सही)
- मेघालय में बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली एक नई विकसित विधि है। (गलत)
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
- जल दुर्लभता से क्या तात्पर्य है? इसके दो मुख्य कारण बताइए। उत्तर: जल दुर्लभता का अर्थ है किसी क्षेत्र में जल की उपलब्धता का मांग से कम होना। इसके दो मुख्य कारण हैं: पहला, जल का अतिशोषण और अत्यधिक प्रयोग, जिससे भूजल स्तर गिरता है; और दूसरा, समाज के विभिन्न वर्गों में जल का असमान वितरण, जहाँ कुछ वर्गों को पर्याप्त जल मिलता है जबकि अन्य वंचित रह जाते हैं।
- भारत में निजी कुओं और नलकूपों से सिंचाई के क्या नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं? उत्तर: किसानों द्वारा निजी कुओं और नलकूपों से अत्यधिक सिंचाई करने से भौम जलस्तर तेजी से नीचे गिर सकता है। इससे लोगों के लिए जल की उपलब्धता में कमी आ सकती है और अंततः भोजन सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। यह जल संसाधनों के असंतुलित दोहन का एक गंभीर परिणाम है।
- प्राचीन भारत में जल संग्रहण के कौन से प्रमुख ढाँचे मिलते हैं? कोई दो उदाहरण दीजिए। उत्तर: प्राचीन भारत में जल संग्रहण के कई उत्कृष्ट ढाँचे पाए जाते थे। इनमें मौर्य काल में निर्मित बड़े स्तर के बाँध, झीलें और सिंचाई तंत्र शामिल हैं। इसके अलावा, ईसा से एक शताब्दी पहले इलाहाबाद के पास श्रिंगवेरा में गंगा नदी के बाढ़ जल को संरक्षित करने का तंत्र और 11वीं शताब्दी में बनाई गई भोपाल झील भी महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
- जवाहरलाल नेहरू ने बहुउद्देशीय परियोजनाओं को “आधुनिक भारत के मंदिर” क्यों कहा था? उत्तर: जवाहरलाल नेहरू ने बहुउद्देशीय परियोजनाओं को “आधुनिक भारत के मंदिर” इसलिए कहा था क्योंकि उनका मानना था कि ये परियोजनाएँ स्वतंत्रता के बाद देश को विकास और समृद्धि के रास्ते पर ले जाने वाले वाहन हैं। वे कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, औद्योगीकरण और नगरीय अर्थव्यवस्था को समन्वित रूप से विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- बहुउद्देशीय परियोजनाओं के विरोध के मुख्य कारण क्या हैं? कोई दो कारण स्पष्ट कीजिए। उत्तर: बहुउद्देशीय परियोजनाओं के विरोध के कई कारण हैं। पहला, ये नदियों के प्राकृतिक बहाव को अवरुद्ध करती हैं, जिससे तलछट जमा होता है, नदी का तल चट्टानी हो जाता है और जलीय जीवों के आवास व भोजन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दूसरा, इन परियोजनाओं के कारण बड़े पैमाने पर लोगों का विस्थापन होता है और उनकी आजीविका खत्म हो जाती है, जिससे सामाजिक-आर्थिक समस्याएँ पैदा होती हैं।
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के दो व्यापक उद्देश्य बताइए। उत्तर: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के दो व्यापक उद्देश्य हैं: पहला, खेत में पानी की वास्तविक उपलब्धता को बढ़ाना और ‘हर खेत को पानी’ के तहत बुवाई योग्य क्षेत्र का विस्तार करना। दूसरा, अपव्यय को कम करके और अवधि व सीमा दोनों में उपलब्धता बढ़ाने के लिए खेत में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना, साथ ही जल बचत प्रौद्योगिकियाँ जैसे ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ को अपनाना।
- वर्षा जल संग्रहण को बहुउद्देशीय परियोजनाओं का व्यावहारिक विकल्प क्यों माना जाता है? उत्तर: वर्षा जल संग्रहण को बहुउद्देशीय परियोजनाओं का एक व्यावहारिक विकल्प माना जाता है क्योंकि यह सामाजिक-आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से अधिक टिकाऊ है। यह स्थानीय स्तर पर जल की आवश्यकताओं को पूरा करता है, बड़े पैमाने पर विस्थापन या पारिस्थितिकीय क्षति नहीं करता। यह प्राकृतिक जल चक्र का सम्मान करता है और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को बढ़ावा देता है, जैसा कि राजस्थान के टाँका या मेघालय की छत वर्षा जल संग्रहण प्रणालियों में देखा जाता है।
- राजस्थान में ‘टाँका‘ क्या है? इसकी मुख्य विशेषताएँ बताइए। उत्तर: राजस्थान के अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में ‘टाँका’ पीने का पानी संग्रहित करने के लिए बनाए गए भूमिगत टैंक होते हैं। ये घरों के मुख्य घर या आँगन में स्थित होते थे और ढलवाँ छतों से पाइपों द्वारा जुड़े होते थे। छत से वर्षा का पानी इन पाइपों के माध्यम से टाँका में चला जाता था। फलोदी में एक टाँका 6.1 मीटर गहरा, 4.27 मीटर लंबा और 2.44 मीटर चौड़ा हो सकता था, जो गर्मी में पानी की आपूर्ति करता था।
- कर्नाटक के मैसूरु जिले के गंडाथूर गाँव ने ‘वर्षा जल संपन्न गाँव‘ की ख्याति कैसे अर्जित की? उत्तर: कर्नाटक के मैसूरु जिले में स्थित गंडाथूर गाँव ने अपने ग्रामीणों द्वारा छत वर्षाजल संग्रहण की व्यवस्था को व्यापक रूप से अपनाने से ‘वर्षा जल संपन्न गाँव’ की ख्याति अर्जित की है। गाँव के लगभग 200 घरों में यह व्यवस्था है, जहाँ 1,000 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा का प्रभावी ढंग से संग्रहण किया जाता है, जिससे उनकी घरेलू जल आवश्यकताएँ पूरी होती हैं और वे जल के लिए आत्मनिर्भर बनते हैं।
- मेघालय की बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली की कार्यप्रणाली समझाइए। उत्तर: मेघालय की 200 वर्ष पुरानी बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली में नदियों और झरनों के जल को बाँस द्वारा बने पाइपों के माध्यम से एकत्रित किया जाता है। गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके, जल को सैकड़ों मीटर की दूरी तक पहाड़ के निचले स्थानों तक पहुँचाया जाता है। अंत में, पानी का बहाव 20 से 80 बूँद प्रति मिनट तक घटाकर सीधे पौधों की जड़ों पर छोड़ा जाता है, जिससे जल का कुशल उपयोग सुनिश्चित होता है और अपव्यय कम होता है।
पुस्तक से लिए गए प्रश्न
(i) नीचे दी गई सूचना के आधार पर स्थितियों को ‘जल की कमी से प्रभावित’ या ‘जल की कमी से अप्रभावित’ में वर्गीकृत कीजिए।(क) अधिक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र * जल की कमी से अप्रभावित (सामान्यतः, यदि प्रबंधन अच्छा हो)(ख) अधिक वर्षा और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र * जल की कमी से प्रभावित (अधिक जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति उपलब्धता कम हो सकती है, भले ही वर्षा अधिक हो)(ग) अधिक वर्षा वाले परंतु अत्यधिक प्रदूषित जल क्षेत्र * जल की कमी से प्रभावित (प्रदूषण के कारण उपयोग योग्य जल की कमी होती है)(घ) कम वर्षा और कम जनसंख्या वाले क्षेत्र * जल की कमी से अप्रभावित (कम जनसंख्या के कारण उपलब्धता बनी रह सकती है, भले ही वर्षा कम हो)
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं के पक्ष में दिया गया तर्क नहीं है?
(क) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ उन क्षेत्रों में जल लाती हैं जहाँ जल की कमी होती है। (ख) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ जल बहाव की नियंत्रित करके बाढ़ पर काबू पाती है। (ग) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से बृहत् स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है। (घ) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ हमारे उद्योग और घरों के लिए विद्युत पैदा करती हैं।
उत्तर: (ग) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से बृहत् स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है। (यह परियोजनाओं के विपक्ष में दिया गया तर्क है।)
(iii) यहाँ कुछ गलत वक्तव्य दिए गए हैं। इसमें गलती पहचानें और दोबारा लिखें।
(क) गलत वक्तव्य: शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली ने जल संसाधनों के सही उपयोग में मदद की है। * गलती की पहचान: शहरों की बढ़ती संख्या और शहरी जीवन शैली ने जल संसाधनों के सही उपयोग में मदद नहीं की है, बल्कि उन पर दबाव बढ़ाया है। * दोबारा लिखा गया वक्तव्य: शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली ने जल संसाधनों पर दबाव बढ़ाया है और उनके सही उपयोग में बाधा डाली है।
(ख) गलत वक्तव्य: नदियों पर बाँध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव प्रभावित नहीं होता। * गलती की पहचान: बाँध बनाने से नदियों का प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव बुरी तरह प्रभावित होता है। * दोबारा लिखा गया वक्तव्य: नदियों पर बाँध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव बुरी तरह प्रभावित होता है।
(ग) गलत वक्तव्य: आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के बावजूद छत वर्षा जल संग्रहण लोकप्रिय हो रहा है। * गलती की पहचान: इंदिरा गांधी नहर से पेयजल की उपलब्धता के कारण छत वर्षा जल संग्रहण की रीति कम होती जा रही है, न कि लोकप्रिय हो रही है। * दोबारा लिखा गया वक्तव्य: आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के कारण छत वर्षा जल संग्रहण की रीति कम होती जा रही है। (हालांकि कुछ घरों में यह स्वाद की पसंद के कारण अभी भी उपयोग में है)।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
- (i) व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है? उत्तर: जल एक नवीकरण योग्य संसाधन है क्योंकि यह जल चक्र (हाइड्रोलॉजिकल चक्र) द्वारा लगातार नवीनीकृत और पुनर्भरण होता रहता है। महासागरों, नदियों, झीलों और भूमिगत जल से जल वाष्पित होकर बादलों का निर्माण करता है, फिर वर्षा और बर्फ के रूप में पृथ्वी पर वापस आता है। यह सतत चक्र जल की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, बशर्ते इसका अतिशोषण और प्रदूषण न किया जाए।
- (ii) जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या हैं? उत्तर: जल दुर्लभता का अर्थ है किसी क्षेत्र में जल की मांग की तुलना में उसकी उपलब्धता में कमी होना। इसके मुख्य कारण हैं: जल का अत्यधिक दोहन, जनसंख्या वृद्धि, तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण, कृषि में जल-गहन फसलों का उपयोग, और जल प्रदूषण। इन कारणों से स्वच्छ और उपयोग योग्य जल की कमी हो जाती है, जिससे पीने के पानी, सिंचाई और उद्योगों के लिए पर्याप्त जल नहीं मिल पाता।
- (iii) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें। उत्तर: लाभ: बहुउद्देशीय परियोजनाएँ सिंचाई, विद्युत उत्पादन, घरेलू व औद्योगिक जल आपूर्ति, बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, नौचालन और मछली पालन में सहायक होती हैं। हानियाँ: इनसे प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध होता है, तलछट जमा होता है, जलीय जीव-आवास प्रभावित होते हैं, बड़े पैमाने पर विस्थापन होता है, और भूकंप तथा जल-जनित बीमारियों का खतरा बढ़ता है3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
(i) राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: राजस्थान के अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों, जैसे बीकानेर, फलोदी और बाड़मेर में, वर्षा जल संग्रहण की एक अनूठी विधि ‘टाँका’ प्रचलित है। टाँका भूमिगत टैंक होते हैं, जो घरों के मुख्य आँगन या परिसर में बनाए जाते हैं। ये घरों की ढलवाँ छतों से पाइपों द्वारा जुड़े होते हैं। छत पर गिरने वाला वर्षा का पानी इन पाइपों से होकर टाँका में चला जाता है। वर्षा का पहला जल छत और पाइपों को साफ करने के लिए उपयोग होता था, जबकि उसके बाद का जल पीने के लिए संग्रहित किया जाता था। यह संग्रहित जल गर्मी के महीनों में जब जल का अन्य कोई स्रोत उपलब्ध नहीं होता था, तब पीने के पानी की कमी को पूरा करता था। यह विधि पीने के पानी की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करती थी और भूजल पर निर्भरता कम करती थी।
- (ii) परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपना कर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है?
- उत्तर: परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में भी जल संरक्षण और भंडारण के लिए प्रभावी ढंग से अपनाया जा रहा है। उदाहरण के लिए, हिमालयी क्षेत्रों में प्राचीन ‘गुल’ या ‘कुल’ (वाहिकाएँ) प्रणाली, जो नदियों की धाराओं को मोड़कर सिंचाई के लिए उपयोग होती थी, अब भी प्रासंगिक है। पश्चिमी भारत में ‘छत वर्षा जल संग्रहण’ (टाँका) आज भी कई घरों में प्रचलित है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ नल का पानी पर्याप्त या स्वादिष्ट नहीं होता। मेघालय की राजधानी शिलांग में, जहाँ विश्व की सर्वाधिक वर्षा के बावजूद पानी की कमी है, छत वर्षा जल संग्रहण व्यापक रूप से अपनाया जाता है, जिससे घरेलू जल आवश्यकता का एक बड़ा हिस्सा पूरा होता है। इसी प्रकार, कर्नाटक के गंडाथूर जैसे गाँवों में भी ग्रामीणों ने इस पारंपरिक पद्धति को अपनाकर स्वयं को ‘वर्षा जल संपन्न’ बनाया है। ये उदाहरण दर्शाते हैं कि पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक संदर्भ में ढालकर जल संकट का समाधान किया जा सकता है।
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- पृथ्वी का तीन-चौथाई धरातल जल से ढका हुआ है।
- जल एक नवीकरणीय योग्य संसाधन है ।
- भारत में कुल विद्युत का लगभग 22 प्रतिशत भाग जल विद्युत से प्राप्त होता है ।
- जे.जे.एम. (J.J.M.) का पूर्ण रूप “जल जीवन मिशन” है ।
- “जल जीवन मिशन” भारत सरकार द्वारा ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हेतु चलायी गयी एक योजना है ।
- 11वीं शताब्दी की भोपाल झील सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है।
- भाखड़ा-नांगल परियोजना सतलुज नदी पर बनी है ।
- हीराकुंड परियोजना महानदी पर बनाई गई है।
- हीराकुंड बाँध उड़ीसा राज्य में स्थित है।
- बाँधों का ‘आधुनिक भारत का मंदिर’ जवाहर लाल नेहरू ने कहा है ।
- सरदार सरोवर बाँध गुजरात में नर्मदा नदी पर बनाया गया है।
- सरदार सरोवर बाँध से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात तथा राजस्थान राज्यों को लाभ पहुँचता है।
- बाँध बहते जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा है ।
- ‘गुल’ अथवा ‘कुल’ (पश्चिमी हिमालय) में नदी वाहिकाएँ नदी की धारा बदलकर खेतों में सिंचाई के लिए बनाई गई हैं।
- खादीन राजस्थान में छत पर वर्षा जल संग्रहण करने की एक परम्परागत तकनीक है।
- जोहड़, राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में खादीन को ही जोहड़ कहते हैं।
- टांका, राजस्थान में वर्षा जल को टैंक बनाकर जल का संग्रहण है।
- ‘पालर पानी’ – वर्षा जल को ही पालर पानी कहा जाता है ।
- चेरापूँजी और मासिनराम विश्व के सबसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्र हैं ।
- चन्द्रगुप्त मौर्य ने बाँधों द्वारा सिंचाई, झीलों तथा अन्य सिंचाई तंत्रों का निर्माण करवाया । उत्कृष्ट जल संग्रहण तन्त्र इलाहाबाद में बनाया गया ।
- इल्तुमिश ने दिल्ली के सिरी फोर्ट क्षेत्र में जल की सप्लाई के लिए हौज़ खास बनवाया ।
- हौज खास एक विशिष्ट तालाब को कहते हैं ।
- दामोदर नदी को भारत की शोक की नदी कहा जाता है।
- भारत का तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जहाँ पूरे राज्य में प्रत्येक घर में छत वर्षाजल संग्रहण ढाँचों का बनाना आवश्यक कर दिया ।