कक्षा 10 समकालीन भारत II संसाधन एवं विकास प्रश्नोत्तर :MP Board Class 10th sansadhan evam vikas Question Answer

MP Board Class 10th sansadhan evam vikas Question Answer

संसाधन एवं विकास Syllabus

  • संसाधन
  • संसाधनों का वर्गीकरण
    • उत्पत्ति के आधार पर
    • समाप्यता के आधार पर
    • स्वामित्व के आधार पर
    • विकास के स्तर के आधार पर
  • संसाधनों का विकास
  • संसाधन नियोजन
  • भू-संसाधन
    • भारत में भू-संसाधन
  • भारत में भू-उपयोग प्रारूप
  • भूमि निम्नीकरण और संरक्षण उपाय
  • मृदा-संसाधन
  • मृदाओं का वर्गीकरण
    • जलोढ़ मृदा
    • काली मृदा
    • लाल और पीली मृदा
    • लेटराइट मृदा
    • मरुस्थली मृदा
    • वन मृदा
  • मृदा अपरदन और संरक्षण

संसाधन

हमारे पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु, जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में उपयोगी हो, तकनीकी रूप से सुलभ, आर्थिक रूप से संभाव्य और सांस्कृतिक रूप से मान्य हो, संसाधन कहलाती है।

संसाधनों का वर्गीकरण

संसाधनों को निम्नलिखित आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है:

1. उत्पत्ति के आधार पर

  • जैव संसाधन: ये संसाधन जीवमंडल से प्राप्त होते हैं और इनमें जीवन व्याप्त होता है। उदाहरण: मनुष्य, वनस्पति, प्राणी, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि।
  • अजैव संसाधन: ये निर्जीव वस्तुओं से बने होते हैं। उदाहरण: चट्टानें, धातुएँ आदि।

2. समाप्यता के आधार पर

  • नवीकरणीय संसाधन: ये संसाधन भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा नवीकृत या पुनर्जनन किए जा सकते हैं। उदाहरण: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल, वन, वन्यजीव।
  • अनवीकरणीय संसाधन: ये संसाधन एक बार उपयोग के बाद समाप्त हो जाते हैं और इनके निर्माण में लाखों वर्ष लगते हैं। उदाहरण: तेल, कोयला आदि।

3. स्वामित्व के आधार पर

  • व्यक्तिगत संसाधन: इनका स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है। उदाहरण: भूखंड, मकान, अन्य संपत्ति।
  • सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन: ये संसाधन समुदाय के सभी सदस्यों के लिए उपलब्ध होते हैं। उदाहरण: सार्वजनिक पार्क, पिकनिक स्थल, खेल के मैदान।
  • राष्ट्रीय संसाधन: देश में पाए जाने वाले सभी संसाधन राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं। तकनीकी रूप से सभी संसाधन राष्ट्र के होते हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय संसाधन: तट रेखा से 200 किमी की दूरी (अपवर्जन आर्थिक क्षेत्र) से परे खुले महासागर के संसाधन अंतरराष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं। इनका उपयोग अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की सहमति के बिना नहीं किया जा सकता।

4. विकास के स्तर के आधार पर

  • संभावी संसाधन: ये संसाधन किसी क्षेत्र में मौजूद होते हैं, लेकिन इनका उपयोग अभी नहीं हो रहा। उदाहरण: राजस्थान और गुजरात में पवन और सौर ऊर्जा की संभावनाएँ।
  • विकसित संसाधन: इनका सर्वेक्षण हो चुका है और इनके उपयोग की मात्रा व गुणवत्ता निर्धारित है।
  • भंडार: इनका सर्वेक्षण हो चुका है, लेकिन प्रौद्योगिकी के अभाव में उपयोग नहीं हो रहा। उदाहरण: जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करने की संभावना।
  • संचित कोष: ये भंडार का हिस्सा हैं, जिनका उपयोग उपलब्ध तकनीक से संभव है, लेकिन अभी शुरू नहीं हुआ। उदाहरण: बाँधों में जल, वन आदि।

संसाधनों का विकास

  • संसाधन मानव अस्तित्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
  • पहले यह माना जाता था कि संसाधन प्रकृति की देन हैं, जिसके कारण इनका अंधाधुंध उपयोग हुआ। इससे निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हुईं:
    • कुछ व्यक्तियों के लालच के कारण संसाधनों का ह्रास।
    • संसाधनों का असमान वितरण, जिससे समाज दो वर्गों में बँट गया: संसाधन-संपन्न अमीर और संसाधन-हीन गरीब।
    • संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से वैश्विक पारिस्थितिक संकट जैसे भूमंडलीय तापमान वृद्धि, ओझोन परत क्षय, पर्यावरण प्रदूषण और भूमि निम्नीकरण।
  • मानव जीवन की गुणवत्ता और वैश्विक शांति के लिए संसाधनों का न्यायसंगत वितरण आवश्यक है।
  • संसाधनों के सही उपयोग के लिए सतत आर्थिक विकास जरूरी है, जो पर्यावरण को हानि पहुँचाए बिना वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करे।

संसाधन नियोजनसंसाधन नियोजन एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  1. देश के विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों की पहचान और उनकी सूची तैयार करना। इसमें क्षेत्रीय सर्वेक्षण, मानचित्रण और संसाधनों का गुणात्मक व मात्रात्मक मूल्यांकन शामिल है।
  2. संसाधन विकास योजनाओं के लिए उपयुक्त प्रौद्योकगिकी, कौशल और संस्थागत ढाँचा तैयार करना।
  3. संसाधन विकास योजनाओं का राष्ट्रीय विकास योजनाओं के साथ समन्वय।

भू-संसाधन

  • भूमि एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है, जो प्राकृतिक वनस्पति, वन्यजीव, मानव जीवन, आर्थिक गतिविधियों, परिवहन और संचार तंत्र का आधार है।
  • भूमि सीमित संसाधन है, इसलिए इसका उपयोग सावधानी और योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए।

भारत में भू-संसाधन

  • मैदानी क्षेत्र (43%): कृषि और उद्योग के लिए अनुकूल।
  • पर्वतीय क्षेत्र (30%): बारहमासी नदियों का स्रोत, पर्यटन और पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण।
  • पठारी क्षेत्र (27%): खनिज, जीवाश्म ईंधन और वनों का भंडार।

भारत में भू-उपयोग प्रारूप

भू-उपयोग को प्रभावित करने वाले कारक:

  • भौतिक कारक: भू-आकृति, जलवायु, मृदा प्रकार।
  • मानवीय कारक: जनसंख्या घनत्व, प्रौद्योक्तिगी, संस्कृति, परंपराएँ।
  • भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32.87 लाख वर्ग किमी. है, लेकिन 93% क्षेत्र के लिए ही भू-उपयोग के आँकड़े उपलब्ध हैं।
  • असम को छोड़कर पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों (पाकिस्तान और चीन अधिकृत क्षेत्र) का भू-उपयोग सर्वेक्षण नहीं हुआ है।

भूमि निम्नीकरण और संरक्षण उपाय

  • कारण: वनोन्मूलन, अतिपशुचारण, खनन आदि।
  • **संरक्षण उपाय:
    • वनरोपण
    • चरागाहों का उचित प्रबंधन
    • पशुचारण नियंत्रण
    • रेतीले टीलों का स्थिरीकरण
    • बंजर भूमि का प्रबंधन
    • खनन नियंत्रण

मृदा-संसाधन

मृदा एक महत्वपूर्ण नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है, जो पौधों के विकास का माध्यम है और विभिन्न जीवों का पोषण करती है।

मृदाओं का वर्गीकरण

मृदा के निर्माण, रंग, गहराई, गठन, आयु, रासायनिक और भौतिक गुणों के आधार पर भारत में मृदाओं को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

  1. जलोढ़ मृदा
    • उत्त, री मैदानों और महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी के डेल्टा क्षेत्रों में पायी जाती है।
    • अत्यधिक उपजाऊ, गन्ना, चावल, गेहूँ, दलहन और अन्य फसलों के लिए उपयुक्त।
    • पोटाश, फॉस्फोरस और चूने से युक्त।।
  2. काली मृदा
    • काला रंग, इसे ‘रेगुर’ मृदा भी कहते हैं।
    • कपास की खेती के लिए उपयुक्त, इसलिए इसे काली कपास मृदा भी कहते हैं।
    • महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, मालवा, मध्य प्रदेश, छत्तीशगढ़ और गोदावरी-कृष्णा घाटियों में पायी जाती है।
    • नमी धारण करने की उच्च क्षमता, कैल्सियम, मैग्नीशियम, पोटाश और चूने से युक्त।।
  3. लाल और पीली मृदा
    • दक्कन पठार के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों, उड़ीसा, छत्तीशगढ़, मध्य गंगा मैदान और पश्चिमी घाट के पहाड़ी क्षेत्रों में पायी जाती है।
    • लाल रंग लौह धातु के प्रसार के कारण होता है।
  4. लेटराइट मृदा
    • उच्च तापमान और अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों (कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, असम) में पायी जाती है।।
    • ह्यूमस की मात्रा कम, खेती के लिए अधिक खाद और उर्वरकों की आवश्यकता।।
  5. मरुस्थली मृदा
    • पश्चिमी राजस्थान में पायी जाती है।।
    • सही शिाचना के साथ कृषि योग्य बनायी जा सकती है।
    • ह्यूमस और नमी की कमी, नमक की अधिकता।
  6. वन मृदा
    • पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में, जहाँ वर्षा और वन प्रचुर हैं।
    • नदी घाटियों में उपजाऊ, ऊपरी ढलानों पर मोटे कणों वाली।

मृदा अपरदन और संरक्षण

  • प्राकृतिक कारक: पवन, हिमनद, जल।
  • मानवीय कारक: वनोन्मूलन, अतिपशुचारण, निर्माण, खनन।
  • संरक्षण उपाय:
    • सोपानदार कृषि
    • पट्टी कृषि
    • पेड़ों को कतार में लगाकर रक्षक मेखला बनाना

Multiple Choice Questions (MCQs) संसाधन और विकास (Resources and Development) – Class 10 Geography

  1. संसाधन क्या है?
    a) वह वस्तु जो प्रकृति में नहीं पाई जाती
    b) वह वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करती है और तकनीकी रूप से सुलभ, आर्थिक रूप से संभाव्य, सांस्कृतिक रूप से मान्य हो
    c) केवल खनिज संसाधन
    d) केवल मानव निर्मित वस्तुएँ
    उत्तर: b
  2. जैव संसाधनों का उदाहरण है:
    a) चट्टानें
    b) धातुएँ
    c) वनस्पति
    d) कोयला
    उत्तर: c
  3. नवीकरणीय संसाधनों में शामिल है:
    a) कोयला
    b) सौर ऊर्जा
    c) तेल
    d) प्राकृतिक गैस
    उत्तर: b
  4. अनवीकरणीय संसाधनों की विशेषता है:
    a) इन्हें बार-बार बनाया जा सकता है
    b) ये एक बार उपयोग के बाद समाप्त हो जाते हैं
    c) ये जीवमंडल से प्राप्त होते हैं
    d) ये सांस्कृतिक रूप से अस्वीकार्य हैं
    उत्तर: b
  5. निम्नलिखित में से कौन व्यक्तिगत संसाधन है?
    a) सार्वजनिक पार्क
    b) निजी भूखंड
    c) राष्ट्रीय उद्यान
    d) महासागरीय संसाधन
    उत्तर: b
  6. अंतरराष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग कौन नियंत्रित करता है?
    a) निजी व्यक्ति
    b) राष्ट्रीय सरकार
    c) अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ
    d) सामुदायिक समूह
    उत्तर: c
  7. संभावी संसाधन का उदाहरण है:
    a) कोयला खदानें
    b) राजस्थान में पवन ऊर्जा
    c) बाँधों में जल
    d) विकसित खनिज
    उत्तर: b
  8. संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से क्या समस्या उत्पन्न हुई?
    a) वैश्विक शांति
    b) संसाधनों का समान वितरण
    c) पर्यावरण प्रदूषण और भूमंडलीय तापन
    d) संसाधनों की वृद्धि
    उत्तर: c
  9. सतत आर्थिक विकास का अर्थ है:
    a) पर्यावरण को नुकसान पहुँचाकर विकास
    b) केवल वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं पर ध्यान देना
    c) पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करना
    d) संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग
    उत्तर: c
  10. संसाधन नियोजन का प्रथम चरण क्या है?
    a) संसाधनों का उपयोग शुरू करना
    b) संसाधनों की पहचान और सूची बनाना
    c) राष्ट्रीय योजनाओं का निर्माण
    d) प्रौद्योगिकी का विकास
    उत्तर: b
  11. भारत में कितने प्रतिशत भू-क्षेत्र पर पर्वत हैं?
    a) 43%
    b) 30%
    c) 27%
    d) 50%
    उत्तर: b
  12. भू-उपयोग को प्रभावित करने वाला भौतिक कारक है:
    a) जनसंख्या घनत्व
    b) प्रौद्योगिकी
    c) जलवायु
    d) संस्कृति
    उत्तर: c
  13. भूमि निम्नीकरण का एक कारण है:
    a) वनरोपण
    b) अतिपशुचारण
    c) चरागाह प्रबंधन
    d) खनन नियंत्रण
    उत्तर: b
  14. मृदा संसाधन की विशेषता है:
    a) यह अनवीकरणीय है
    b) यह पौधों के विकास का माध्यम है
    c) यह केवल खनन के लिए उपयोगी है
    d) यह केवल औद्योगिक उपयोग के लिए है
    उत्तर: b
  15. जलोढ़ मृदा का मुख्य उपयोग है:
    a) कपास की खेती
    b) गन्ना, चावल और गेहूँ की खेती
    c) चाय की खेती
    d) खनन
    उत्तर: b
  16. काली मृदा को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
    a) रेगुर मृदा
    b) लेटराइट मृदा
    c) मरुस्थली मृदा
    d) वन मृदा
    उत्तर: a
  17. लाल मृदा का रंग किसके कारण होता है?
    a) कैल्सियम की उपस्थिति
    b) लौह धातु का प्रसार
    c) ह्यूमस की अधिकता
    d) नमी की कमी
    उत्तर: b
  18. लेटराइट मृदा में क्या कमी होती है?
    a) नमी
    b) ह्यूमस
    c) पोटाश
    d) कैल्सियम
    उत्तर: b
  19. मरुस्थली मृदा को कृषि योग्य बनाने के लिए क्या आवश्यक है?
    a) अधिक वर्षा
    b) उचित सिंचाई
    c) अधिक खाद
    d) वनरोपण
    उत्तर: b
  20. मृदा अपरदन का प्राकृतिक कारक है:
    a) वनोन्मूलन
    b) खनन
    c) पवन
    d) निर्माण कार्य
    उत्तर: c

Short Answer Type Questions संसाधन और विकास (Resources and Development) – Class 10 Geography

  1. संसाधन की परिभाषा क्या है?
    उत्तर: वह वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करे, तकनीकी रूप से सुलभ, आर्थिक रूप से संभाव्य और सांस्कृतिक रूप से मान्य हो, संसाधन कहलाती है।
  2. जैव संसाधन का एक उदाहरण दें।
    उत्तर: वनस्पति या पशुधन।
  3. नवीकरणीय संसाधन क्या होते हैं?
    उत्तर: वे संसाधन जो भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा पुनर्जनन किए जा सकते हैं, जैसे सौर ऊर्जा।
  4. अनवीकरणीय संसाधन का एक उदाहरण दें।
    उत्तर: कोयला।
  5. व्यक्तिगत संसाधन क्या हैं?
    उत्तर: वे संसाधन जिनका स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है, जैसे निजी भूखंड।
  6. अंतरराष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग कौन नियंत्रित करता है?
    उत्तर: अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ।
  7. संभावी संसाधन क्या हैं?
    उत्तर: वे संसाधन जो किसी क्षेत्र में मौजूद हैं लेकिन उपयोग नहीं किए गए, जैसे राजस्थान में पवन ऊर्जा।
  8. संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से होने वाली एक समस्या बताएँ।
    उत्तर: पर्यावरण प्रदूषण या भूमंडलीय तापन।
  9. सतत आर्थिक विकास का अर्थ क्या है?
    उत्तर: पर्यावरण को बिना हानि पहुँचाए वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाला विकास।
  10. संसाधन नियोजन का प्रथम चरण क्या है?
    उत्तर: संसाधनों की पहचान और उनकी तालिका बनाना।
  11. भारत में मैदानी क्षेत्र कितने प्रतिशत हैं?
    उत्तर: 43%।
  12. भू-उपयोग को प्रभावित करने वाला एक भौतिक कारक बताएँ।
    उत्तर: जलवायु।
  13. भूमि निम्नीकरण का एक कारण क्या है?
    उत्तर: वनोन्मूलन।
  14. मृदा संसाधन की एक विशेषता बताएँ।
    उत्तर: यह पौधों के विकास का माध्यम है।
  15. जलोढ़ मृदा कहाँ पाई जाती है?
    उत्तर: उत्तरी मैदानों और नदी डेल्टा क्षेत्रों में।
  16. काली मृदा को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
    उत्तर: रेगुर मृदा।
  17. लाल मृदा का रंग किसके कारण होता है?
    उत्तर: लौह धातु के प्रसार के कारण।
  18. लेटराइट मृदा में क्या कमी होती है?
    उत्तर: ह्यूमस।
  19. मरुस्थली मृदा को कृषि योग्य बनाने के लिए क्या आवश्यक है?
    उत्तर: उचित सिंचाई।
  20. मृदा अपरदन का एक मानवीय कारक बताएँ।
    उत्तर: अतिपशुचारण।

Short Answer Type Questions संसाधन और विकास (Resources and Development) – Class 10 Geography

  1. संसाधन की परिभाषा क्या है?
    संसाधन वह वस्तु है जो मानव की आवश्यकताओं को पूरा करती है और तकनीकी रूप से सुलभ, आर्थिक रूप से संभाव्य तथा सांस्कृतिक रूप से मान्य होती है। ये प्राकृतिक, मानव निर्मित या मानव संसाधन हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, जल, वन, खनिज, और मानव कौशल संसाधन हैं। इनका उपयोग मानव जीवन को सुगम बनाने और आर्थिक विकास के लिए किया जाता है।
  2. जैव संसाधन का एक उदाहरण दें।
    जैव संसाधन वे हैं जो जीवमंडल से प्राप्त होते हैं और जिनमें जीवन व्याप्त होता है। एक उदाहरण है वनस्पति, जैसे जंगल में पाए जाने वाले पेड़-पौधे। ये संसाधन मानव जीवन, कृषि, और पर्यावरण संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं। पशुधन, मत्स्य जीवन, और प्राणी भी जैव संसाधनों में शामिल हैं।
  3. नवीकरणीय संसाधन क्या होते हैं?
    नवीकरणीय संसाधन वे हैं जो भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा पुनर्जनन किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय संसाधन है जो सूर्य से निरंतर प्राप्त होती है। जल, पवन ऊर्जा, और वन भी इस श्रेणी में आते हैं। इनका उपयोग पर्यावरण को कम नुकसान पहुँचाता है।
  4. अनवीकरणीय संसाधन का एक उदाहरण दें।
    अनवीकरणीय संसाधन वे हैं जो एक बार उपयोग के बाद समाप्त हो जाते हैं और इनके निर्माण में लाखों वर्ष लगते हैं। कोयला एक प्रमुख उदाहरण है। यह जीवाश्म ईंधन के रूप में उपयोग होता है और इसका भंडार सीमित है। तेल और प्राकृतिक गैस भी अनवीकरणीय संसाधन हैं।
  5. व्यक्तिगत संसाधन क्या हैं?
    व्यक्तिगत संसाधन वे हैं जिनका स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है। उदाहरण के लिए, निजी भूखंड, जैसे किसी व्यक्ति का खेत या मकान। ये संसाधन व्यक्तिगत उपयोग के लिए होते हैं और इनका प्रबंधन मालिक द्वारा किया जाता है। यह सामुदायिक या राष्ट्रीय संसाधनों से अलग होते हैं।
  6. अंतरराष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग कौन नियंत्रित करता है?
    अंतरराष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ नियंत्रित करती हैं। ये संसाधन, जैसे तट रेखा से 200 किमी से परे महासागरीय संसाधन, किसी एक देश के नियंत्रण में नहीं होते। इनके उपयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय सहमति आवश्यक होती है ताकि वैश्विक स्तर पर संतुलन बना रहे।
  7. संभावी संसाधन क्या हैं?
    संभावी संसाधन वे हैं जो किसी क्षेत्र में मौजूद हैं, लेकिन तकनीकी या आर्थिक कारणों से अभी उपयोग में नहीं लाए गए। उदाहरण के लिए, राजस्थान में पवन ऊर्जा की अपार संभावनाएँ हैं, परंतु इसका पूर्ण उपयोग अभी नहीं हो रहा। ये संसाधन भविष्य में विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  8. संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से होने वाली एक समस्या बताएँ।
    संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है। इसका परिणाम भूमंडलीय तापन, ओझोन परत का क्षय, और जैव विविधता का नुकसान है। यह पर्यावरणीय असंतुलन पैदा करता है और मानव जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
  9. सतत आर्थिक विकास का अर्थ क्या है?
    सतत आर्थिक विकास वह विकास है जो पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। यह संसाधनों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित करता है ताकि प्राकृतिक संसाधन संरक्षित रहें और दीर्घकालिक विकास संभव हो।
  10. संसाधन नियोजन का प्रथम चरण क्या है?
    संसाधन नियोजन का प्रथम चरण है संसाधनों की पहचान और उनकी तालिका बनाना। इसमें क्षेत्रीय सर्वेक्षण, मानचित्रण, और संसाधनों का गुणात्मक व मात्रात्मक मूल्यांकन शामिल है। यह प्रक्रिया संसाधनों के प्रभावी उपयोग की योजना बनाने में सहायक होती है।
  11. भारत में मैदानी क्षेत्र कितने प्रतिशत हैं?
    भारत में लगभग 43% भू-क्षेत्र मैदानी है। ये क्षेत्र कृषि और उद्योगों के लिए अनुकूल हैं, क्योंकि यहाँ समतल भूमि और उपजाऊ मृदा उपलब्ध है। यह भारत की जनसंख्या और आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख आधार है।
  12. भू-उपयोग को प्रभावित करने वाला एक भौतिक कारक बताएँ।
    भू-उपयोग को प्रभावित करने वाला एक भौतिक कारक है जलवायु। जलवायु के आधार पर ही फसलों का चयन, कृषि पद्धतियाँ, और अन्य गतिविधियाँ निर्धारित होती हैं। इसके अलावा, भू-आकृति और मृदा प्रकार भी महत्वपूर्ण हैं।
  13. भूमि निम्नीकरण का एक कारण क्या है?
    भूमि निम्नीकरण का एक प्रमुख कारण है वनोन्मूलन। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से मृदा अपरदन बढ़ता है, जिससे भूमि की उर्वरता कम होती है। यह पर्यावरण और कृषि उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
  14. मृदा संसाधन की एक विशेषता बताएँ।
    मृदा संसाधन की विशेषता है कि यह पौधों के विकास का माध्यम है। यह नवीकरणीय संसाधन है जो पौधों को पोषक तत्व प्रदान करता है और विभिन्न जीवों के जीवन का आधार है। यह कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  15. जलोढ़ मृदा कहाँ पाई जाती है?
    जलोढ़ मृदा उत्तरी मैदानों और महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी जैसी नदियों के डेल्टा क्षेत्रों में पाई जाती है। यह अत्यधिक उपजाऊ होती है और गन्ना, चावल, गेहूँ जैसी फसलों के लिए उपयुक्त है।
  16. काली मृदा को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
    काली मृदा को रेगुर मृदा के नाम से जाना जाता है। यह अपनी काली रंगत और कपास की खेती के लिए उपयुक्तता के कारण प्रसिद्ध है। यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पाई जाती है।
  17. लाल मृदा का रंग किसके कारण होता है?
    लाल मृदा का रंग लौह धातु के प्रसार के कारण होता है। यह दक्कन पठार के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में पाई जाती है, जहाँ रवेदार आग्नेय चट्टानें मौजूद हैं।
  18. लेटराइट मृदा में क्या कमी होती है?
    लेटराइट मृदा में ह्यूमस की कमी होती है। उच्च तापमान के कारण जैविक पदार्थों को अपघटित करने वाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, जिससे इस मृदा में खेती के लिए अधिक उर्वरकों की आवश्यकता होती है।
  19. मरुस्थली मृदा को कृषि योग्य बनाने के लिए क्या आवश्यक है?
    मरुस्थली मृदा को कृषि योग्य बनाने के लिए उचित सिंचाई आवश्यक है। पश्चिमी राजस्थान में पाई जाने वाली इस मृदा में नमी और ह्यूमस की कमी होती है, जिसे सिंचाई द्वारा पूरा किया जा सकता है।
  20. मृदा अपरदन का एक मानवीय कारक बताएँ।
    मृदा अपरदन का एक मानवीय कारक है अतिपशुचारण। जब पशु अधिक मात्रा में चरते हैं, तो वनस्पति नष्ट होती है, जिससे मृदा उघड़ जाती है और अपरदन की संभावना बढ़ जाती है।

MP Board Class 10th sansadhan evam vikas One Liner :

  1. प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करती है, संसाधन कहलाती है।
  2. संसाधन के दो प्रकार होते हैं प्राकृतिक तथा मानवीय संसाधन ।
  3. समाप्ति के आधार पर संसाधन नवीकरणीय एवं अनवीकरणीय होते हैं।
  4. पवन, जल, सौर नवीकरण योग्य संसाधन हैं।
  5. पेट्रोल, जीवाश्म ईंधन अनवीकरण योग्य संसाधन हैं।
  6. उत्पत्ति के आधार पर संसाधन जैव और अजैव प्रकार के होते हैं।
  7. प्राकृतिक वनस्पति (वन) एवं वन्य जीव जैविक संसाधन है।
  8. धातु, भूमि, जल और वायु अजैविक संसाधन हैं।
  9. संसाधनों के अंधाधुंध शोषण से वैश्विक पारिस्थितिक संकट पैदा होता है।
  10. पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए जो विकास होता है वह सतत् पोषणीय विकास कहलाता है।
  11. 1992 में रियो डि जेनरो में पृथ्वी सम्मेलन हुआ था।
  12. रियो डि जेनरो, ब्राजील (द. अमेरिका) में स्थित है।
  13. UNCED में क्लब ऑफ रोम ने संसाधनों के संरक्षण की बात कही ।
  14. 1968 में क्लब ऑफ रोम ने संसाधनों के संरक्षण की बात कही ।
  15. ‘स्माल इज़ ब्यूटीफुल’ पुस्तक शुमेसर ने 1974 में लिखी ।
  16. ब्रुन्ड्रटलैण्ड आयोग रिपोर्ट में संसाधनों के संरक्षण की बात कही गई है।
  17. ‘हमारा सांझा भविष्य’ पुस्तक संसाधन संरक्षण से सम्बन्धित है ।
  18. भारत के कुल क्षेत्रफल का 43 प्रतिशत भू-क्षेत्र मैदानी है।
  19. भारत के कुल क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत हिस्सा पर्वतीय है ।
  20. भारत के कुल क्षेत्रफल का 27 प्रतिशत हिस्सा पठारी है।
  21. पठारी क्षेत्र खनिजों एवं जीवाश्म ईंधनों से समृद्ध होते हैं।
  22. भू-आकृति, जलवायु, मृदा भौतिक कारक कहलाते हैं।
  23. जनसंख्या घनत्व, प्रौद्योगिकी क्षमता मानवीय कारक हैं।
  24. भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी. है।
  25. राष्ट्रीय वन नीति (1952) के अनुसार भारत में 33 प्रतिशत भू भाग वनों से आच्छादित होना चाहिए।
  26. पंजाब, हरियाणा में अधिक सिंचाई भूमि निम्नीकरण का कारण है।
  27. जनक शैल, जलवायु, वनस्पति आदि मृदा बनाने के प्रमुख कारक हैं। मृदा का निर्माण जैव व अजैव पदार्थों से होता है।
  28. भारत का उत्तरी मैदान जलोढ मृदा से बना है।
  29. बांगर पुरानी जलोढ मृदा को कहते हैं।
  30. खादर नवीन जलोढ़ मृदा को कहते हैं।
  31. काली मृदा को रेगर मृदा भी कहते हैं।
  32. काली मृदा को काली कपास मृदा भी कहते हैं।
  33. लाल मृदा का रंग लौह धातु के कारण लाल होता है।
  34. लेटराइट शब्द ग्रीक भाषा के लेटर शब्द से लिया गया है।
  35. लेटरराइट मृदा अम्लीय होती है।
  36. लेटराइट मृदा काजू की फसल के लिए अधिक उपयुक्त होती है।
  37. मरुस्थलीय मृदा रेतीली व लवणीय होती है।
  38. वन मृदा-पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में पायी जाती है।
  39. वन मृदा ह्यूमस रहित होती है।
  40. मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं।
  41. जो भूमि जोतने योग्य नहीं होती है उसे उत्खात भूमि (Bad land) कहते हैं।
  42. मृदा का जल के साथ घुलकर बह जाना चादर अपरदन कहलाता है।
  43. सोपान कृषि अपरदन को नियन्त्रित करती है।
  44. पर्वतीय एवं पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीदार कृषि की जाती है।
  45. महाराष्ट्र, मालवा, म.प्र. और छत्तीसगढ़ में काली मृदा पायी जाती है।
  46. काली मृदा कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम से भरपूर होती है।
  47. काली मृदा बहुत महीन कणों से बनी होती है तथा इसकी नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती है।
  48. चंबल बेसिन में उत्खात भूमि को खड्ड (Ravine) भूमि कहा जाता है।
  49. भारत के पंजाब और हरियाणा राज्य 80 प्रतिशत भूमि पर कृषि होती है।

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