MP Board Class 10 Sana Sana Haath Jodi Madhu Kankariya
MP बोर्ड कक्षा 10वीं के प्रिय छात्रों, क्या आप ‘साना साना हाथ जोड़ि’ पाठ को समझने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं? यह लेख आपको मधु कांकरिया की इस अद्भुत यात्रा-वृत्तांत का गहरा परिचय देगा, इसके महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझाएगा और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक टिप्स प्रदान करेगा। तो चलिए, हिमालय की वादियों में खोकर जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने की इस यात्रा पर निकलते हैं!
‘साना साना हाथ जोड़ि’ क्या है और क्यों है यह खास?
‘साना साना हाथ जोड़ि’ मधु कांकरिया द्वारा लिखित एक यात्रा-वृत्तांत है, जो उनकी सिक्किम यात्रा और हिमालय के मनोहारी दृश्यों का वर्णन करता है।1 यह केवल एक यात्रा का वर्णन नहीं, बल्कि प्रकृति के विराट स्वरूप के सामने मनुष्य की लघुता, पहाड़ी जीवन के संघर्ष, और जीवन के दार्शनिक पहलुओं पर गहन चिंतन भी प्रस्तुत करता है। यह पाठ हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाता है और जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है।

पाठ का सार: हिमालय की ओर एक आध्यात्मिक यात्रा
यह पाठ लेखिका मधु कांकरिया की सिक्किम यात्रा का वर्णन करता है, जहाँ वे गंगटोक से लेकर हिमालय की ऊँचाइयों तक जाती हैं। कहानी के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- गंगटोक का सौंदर्य: लेखिका रात में गंगटोक शहर को देखती हैं, जो सितारों से जगमगाता हुआ एक जादुई अहसास देता है। उन्हें लगता है जैसे आसमान उलटा पड़ा हो और सारे तारे नीचे बिखर गए हों। यह दृश्य उन्हें मंत्रमुग्ध कर देता है।
- ‘साना साना हाथ जोड़ि’ प्रार्थना: सुबह एक नेपाली युवती से वे ‘साना साना हाथ जोड़ि’ (छोटे-छोटे हाथ जोड़कर) प्रार्थना सुनती हैं, जिसका अर्थ है ‘मैं प्रार्थना करती हूँ कि मेरे जीवन की सारी बुराइयाँ समाप्त हो जाएँ’। यह प्रार्थना उनके मन को छू जाती है और पूरी यात्रा के दौरान उनके साथ रहती है।
- हिमालय का विराट रूप: जैसे-जैसे वे गंगटोक से ऊपर की ओर बढ़ती हैं, उन्हें हिमालय का विराट और भव्य रूप दिखाई देता है। रास्ते में उन्हें श्वेत और रंगीन पताकाएँ (झंडियाँ) दिखती हैं, जो शांति और अहिंसा के प्रतीक हैं। श्वेत पताकाएँ किसी बौद्ध भिक्षु की मृत्यु पर लगाई जाती हैं, जबकि रंगीन पताकाएँ किसी शुभ कार्य की शुरुआत में।
- प्राकृतिक सौंदर्य: लेखिका को रास्ते में अनेक झरने, नदियाँ (तीस्ता नदी), वादियाँ और फूल दिखाई देते हैं। वे प्रकृति के इस अनुपम सौंदर्य में खो जाती हैं और स्वयं को प्रकृति का एक अभिन्न अंग महसूस करती हैं। उन्हें लगता है कि प्रकृति हमें सब कुछ देती है, लेकिन हम उसे क्या देते हैं?
- पहाड़ी जीवन का संघर्ष: प्रकृति के सौंदर्य के साथ-साथ लेखिका पहाड़ी लोगों के कठिन जीवन का भी अनुभव करती हैं। वे देखती हैं कि कैसे पहाड़िनें (पहाड़ी महिलाएँ) पत्थरों को तोड़कर रास्ता बना रही हैं, अपनी पीठ पर बच्चे बाँधकर काम कर रही हैं। यह दृश्य उन्हें विचलित कर देता है और वे सोचती हैं कि ये महिलाएँ अपनी जान जोखिम में डालकर देश को रास्ता दे रही हैं।
- फौजी जीवन का बलिदान: रास्ते में उन्हें भारतीय सेना के जवानों के ठिकाने भी दिखते हैं। वे देखती हैं कि कैसे फौजी विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा कर रहे हैं। ‘एवरग्रीन’ नामक स्थान पर लिखे वाक्य ‘यहाँ हर लम्हा देश को समर्पित है’ पढ़कर वे भावुक हो जाती हैं।
- आध्यात्मिक और दार्शनिक चिंतन: पूरी यात्रा के दौरान लेखिका प्रकृति, जीवन और मृत्यु के बारे में गहन चिंतन करती हैं। उन्हें लगता है कि प्रकृति हमें जीवन की सच्चाई सिखाती है। वे प्रकृति के विराट रूप में ईश्वर का अनुभव करती हैं और स्वयं को ‘अस्तित्व’ से जुड़ा हुआ पाती हैं।
MP बोर्ड परीक्षा के लिए ‘साना साना हाथ जोड़ि’ क्यों महत्वपूर्ण है?
यह पाठ MP बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे अक्सर निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं:
- यात्रा-वृत्तांत का उद्देश्य: लेखिका ने यह यात्रा-वृत्तांत क्यों लिखा है? इसका क्या संदेश है?
- प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन: पाठ में वर्णित हिमालय के सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में करें।
- पहाड़ी जीवन का संघर्ष: पहाड़ी लोगों, विशेषकर महिलाओं के जीवन-संघर्ष पर प्रकाश डालें।
- पताकाओं का महत्व: श्वेत और रंगीन पताकाएँ क्या दर्शाती हैं?
- फौजियों का बलिदान: पाठ में फौजियों के बलिदान और उनके जीवन के बारे में क्या बताया गया है?
- लेखिका का दार्शनिक चिंतन: प्रकृति के प्रति लेखिका के विचारों और उनके आध्यात्मिक चिंतन को स्पष्ट करें।
- शीर्षक की सार्थकता: ‘साना साना हाथ जोड़ि’ शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए।
परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए टिप्स (PRO TIPS!):
- पाठ को ध्यान से पढ़ें: एक-एक दृश्य और लेखिका के अनुभवों को महसूस करें।
- वर्णनात्मक शैली पर ध्यान दें: लेखिका ने प्रकृति और जीवन का वर्णन कैसे किया है, इसे समझें।
- मुख्य बिंदुओं को याद रखें: गंगटोक का सौंदर्य, प्रार्थना का अर्थ, पताकाओं का महत्व, पहाड़ी जीवन का संघर्ष, और फौजियों का बलिदान – इन सभी को याद रखें।
- दार्शनिक विचारों को समझें: लेखिका ने प्रकृति और जीवन के बारे में जो गहरे विचार व्यक्त किए हैं, उन्हें आत्मसात करें।
- उत्तरों को व्यवस्थित लिखें: पॉइंट वाइज उत्तर लिखें और महत्वपूर्ण वाक्यों को रेखांकित करें। अपनी भाषा सरल और स्पष्ट रखें।
- अभ्यास करें: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करें और अपनी लेखन शैली में सुधार करें।
निष्कर्ष
‘साना साना हाथ जोड़ि’ केवल एक यात्रा का वर्णन नहीं, बल्कि जीवन की सच्चाइयों, प्रकृति की भव्यता और मानवीय संघर्षों का एक गहरा चित्रण है। यह पाठ हमें सिखाता है कि प्रकृति का सम्मान करना और जीवन की चुनौतियों का सामना करना कितना महत्वपूर्ण है। MP बोर्ड के छात्रों के लिए यह अध्याय न केवल अंक दिलाने में सहायक होगा, बल्कि उन्हें जीवन के प्रति एक संवेदनशील और दार्शनिक दृष्टिकोण भी प्रदान करेगा।
क्या आप भी हिमालय की यात्रा करना चाहेंगे? अपने विचार नीचे कमेंट सेक्शन में ज़रूर साझा करें!
‘साना साना हाथ जोड़ि’ पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न
यहाँ मधु कांकरिया द्वारा लिखित ‘साना साना हाथ जोड़ि’ पाठ पर आधारित कुछ लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions) और बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) दिए गए हैं, जो आपकी परीक्षा की तैयारी में बेहद सहायक होंगे।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
- ‘साना साना हाथ जोड़ि’ प्रार्थना का क्या अर्थ है?
उत्तर: ‘साना साना हाथ जोड़ि’ प्रार्थना का अर्थ है, “छोटे-छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही हूँ कि मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो।” - लेखिका ने गंगटोक को रात में देखकर कैसा अनुभव किया?
उत्तर: लेखिका ने गंगटोक को रात में देखकर ऐसा अनुभव किया जैसे आसमान उलटा पड़ा हो और सारे तारे नीचे बिखर गए हों, जो उसे मंत्रमुग्ध कर गया। - श्वेत पताकाएँ कब और क्यों लगाई जाती हैं?
उत्तर: श्वेत पताकाएँ किसी बौद्ध भिक्षु की मृत्यु पर लगाई जाती हैं, ये शांति और अहिंसा का प्रतीक होती हैं। - रंगीन पताकाएँ क्या दर्शाती हैं और कब लगाई जाती हैं?
उत्तर: रंगीन पताकाएँ किसी शुभ कार्य या नए कार्य की शुरुआत पर लगाई जाती हैं, ये बुद्ध की शिक्षाओं का प्रतीक मानी जाती हैं। - लेखिका को पहाड़ी जीवन का सबसे मार्मिक दृश्य क्या लगा?
उत्तर: लेखिका को पहाड़ी जीवन का सबसे मार्मिक दृश्य पहाड़िनों (पहाड़ी महिलाओं) का अपनी पीठ पर बच्चे बाँधकर पत्थरों को तोड़ना और रास्ता बनाना लगा। - “कटाओ” को भारत का स्विट्ज़रलैंड क्यों कहा गया है?
उत्तर: “कटाओ” को भारत का स्विट्ज़रलैंड इसलिए कहा गया है क्योंकि वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता स्विट्ज़रलैंड जैसी ही अत्यधिक मनोहारी और प्रदूषण रहित है। - लेखिका को झरने और फूल देखकर क्या प्रेरणा मिली?
उत्तर: लेखिका को झरने और फूल देखकर यह प्रेरणा मिली कि प्रकृति हमें सब कुछ देती है, लेकिन हम मनुष्य प्रकृति को केवल प्रदूषण और विनाश देते हैं। - फौजियों के लिए लेखिका के मन में क्या भावनाएँ थीं?
उत्तर: फौजियों के लिए लेखिका के मन में गहरा सम्मान और कृतज्ञता की भावनाएँ थीं, क्योंकि वे विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा करते हैं। - ‘साना साना हाथ जोड़ि’ यात्रा-वृत्तांत का मूल संदेश क्या है?
उत्तर: इस यात्रा-वृत्तांत का मूल संदेश प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, पहाड़ी जीवन के संघर्ष का सम्मान और जीवन के दार्शनिक पहलुओं पर चिंतन है। - तीस्ता नदी का क्या महत्व बताया गया है पाठ में?
उत्तर: तीस्ता नदी को लेखिका ने गंगटोक से हिमालय की यात्रा के दौरान अपनी सहचरी बताया है, जो लगातार उनके साथ बहती दिखाई देती है और प्रकृति की निरंतरता का प्रतीक है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
- ‘साना साना हाथ जोड़ि’ पाठ की लेखिका कौन हैं?
a) मन्नू भंडारी
b) मृदुला गर्ग
c) मधु कांकरिया
d) उषा प्रियंवदा उत्तर: c) मधु कांकरिया - गंगटोक का क्या अर्थ है?
a) पहाड़
b) झरना
c) घाटी
d) पर्वत उत्तर: d) पर्वत - लेखिका ने गंगटोक को रात में देखकर क्या कहा?
a) “यह स्वर्ग है।”
b) “यह एक भयानक शहर है।”
c) “यह सितारों का शहर है।”
d) “यह एक सुंदर गाँव है।” उत्तर: c) “यह सितारों का शहर है।” - किसी बौद्ध भिक्षु की मृत्यु पर कौन सी पताकाएँ फहराई जाती हैं?
a) रंगीन पताकाएँ
b) श्वेत पताकाएँ
c) नीली पताकाएँ
d) पीली पताकाएँ उत्तर: b) श्वेत पताकाएँ - लेखिका ने किसको अपनी सहचरी बताया है?
a) अपनी गाइड को
b) तीस्ता नदी को
c) अपने कैमरे को
d) अपनी सहेली को उत्तर: b) तीस्ता नदी को - पहाड़ी महिलाएँ अपनी पीठ पर क्या बाँधकर काम करती थीं?
a) पत्थर
b) लकड़ियाँ
c) अपने बच्चे
d) पानी के घड़े उत्तर: c) अपने बच्चे - ‘कटाओ’ को भारत का क्या कहा गया है?
a) लंदन
b) पेरिस
c) स्विट्ज़रलैंड
d) रोम उत्तर: c) स्विट्ज़रलैंड - ‘एवरग्रीन’ नामक स्थान पर फौजियों के बारे में क्या लिखा था?
a) “यहाँ खतरा ही खतरा है।”
b) “यहाँ हर लम्हा देश को समर्पित है।”
c) “यहाँ जीवन कठिन है।”
d) “यहाँ प्रकृति सुंदर है।” उत्तर: b) “यहाँ हर लम्हा देश को समर्पित है।” - लेखिका ने स्वयं को किससे जुड़ा हुआ पाया?
a) अपने परिवार से
b) अपनी पहचान से
c) अस्तित्व से
d) धन-दौलत से उत्तर: c) अस्तित्व से - यह पाठ हिंदी साहित्य की किस विधा से संबंधित है?
a) कहानी
b) कविता
c) यात्रा-वृत्तांत
d) निबंध उत्तर: c) यात्रा-वृत्तांत