MP Board 9th Operations on real numbers
MP Board 9th Operations on real numbers : पिछली कक्षाओं में, आप यह पढ़ चुके हैं कि परिमेय संख्याएँ योग और गुणन के क्रमविनिमय (commutative), साहचर्य (associative) और बंटन (distributive) नियमों को संतुष्ट करती हैं और हम यह भी पढ़ चुके हैं कि यदि हम दो परिमेय संख्याओं को जोड़ें, घटाएँ, गुणा करें या (शून्य छोड़कर) भाग दें, तब भी हमें एक परिमेय संख्या प्राप्त होती है [अर्थात् जोड़, घटाना, गुणा और भाग के सापेक्ष परिमेय संख्याएँ संवृत (closed) होती हैं]। यहाँ
हम यह भी देखते हैं कि अपरिमेय संख्याएँ भी योग और गुणन के क्रमविनिमय, साहचर्य और बंटन-नियमों को संतुष्ट करती हैं। परन्तु, अपरिमेय संख्याओं के योग, अंतर, भागफल और गुणनफल सदा अपरिमेय नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, ,
और
परिमेय संख्याएँ हैं।
आइए अब यह देखें कि जब एक परिमेय संख्या में अपरिमेय संख्या जोड़ते हैं और एक परिमेय संख्या को एक अपरिमेय संख्या से गुणा करते हैं, तो क्या होता है।
उदाहरण के लिए, एक अपरिमेय संख्या है। तब
और
क्या हैं? क्योंकि
एक अनवसानी अनावर्ती दशमलव प्रसार है, इसलिए यही बात
और
के लिए भी सत्य है। अतः:
और
भी अपरिमेय संख्याएँ हैं।
Here is the text from the image, transcribed exactly as it appears:
उदाहरण 11 जाँच कीजिए कि ,
,
,
अपरिमेय संख्याएँ हैं या नहीं।
हल : ,
,
है।
तब ,
है।
,
ये सभी अनवसानी अनावर्ती दशमलव हैं। अतः: ये सभी अपरिमेय संख्याएँ हैं।
उदाहरण 12 और
को जोड़िए।
हल :
उदाहरण 13 : को
से गुणा कीजिए।
हल :