कक्षा 9 विज्ञान कोशिका की संरचना और कार्य : MP Board 9 Science Structure and Function of the Cell

MP Board 9 Science Structure and Function of the Cell

कोशिका की संरचना और कार्य (Structure and Function of the Cell)

1. परिचय (Introduction)

कोशिका (Cell) जीवन की सबसे छोटी, मूलभूत संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई (smallest, fundamental structural and functional unit) है। सभी सजीव, चाहे वे पौधे हों या जंतु, कोशिकाओं से बने होते हैं। कोशिकाएँ इतनी छोटी होती हैं कि इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी (microscope) की आवश्यकता होती है।

2. कोशिका की खोज (Discovery of the Cell)

  • रॉबर्ट हुक (Robert Hooke) (1665): इन्होंने सबसे पहले कार्क (cork) की पतली काट में छोटे-छोटे खाली बक्से जैसी संरचनाएँ देखीं और उन्हें कोशिका (Cell) नाम दिया।
  • ल्यूवेनहाँक (Leeuwenhoek) (1674): सबसे पहले उन्नत सूक्ष्मदर्शी से तालाब के पानी में जीवित कोशिकाओं (living cells) को देखा।
  • रॉबर्ट ब्राउन (Robert Brown) (1831): कोशिका के अंदर केंद्रक (nucleus) का पता लगाया।
  • जे. ई. पुरोकंज (J.E. Purkinje) (1839): कोशिका के तरल जैविक पदार्थ को जीवद्रव्य (protoplasm) नाम दिया।
  • कोशिका सिद्धांत (Cell Theory):
    • एम. स्लीडन (M. Schleiden) (1838) और टी. स्वान (T. Schwann) (1839): बताया कि सभी पौधे और जंतु कोशिकाओं से बने होते हैं, और कोशिका जीवन की मूलभूत इकाई है।
    • विरचो (Virchow) (1855): इस सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सभी कोशिकाएँ अपनी पुरानी कोशिकाओं (pre-existing cells) से ही बनती हैं।
  • इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी (Electron Microscope) (1940): इसकी खोज से कोशिका की जटिल संरचना और उसके अंदर के अंगों (organelles) को समझना संभव हो पाया।

3. कोशिका के प्रकार (Types of Cells)

कोशिकाओं को मुख्य रूप से दो प्रकारों में बांटा जा सकता है:

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  • प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ (Prokaryotic Cells):
    • ये सरल और छोटी कोशिकाएँ होती हैं।
    • इनमें केंद्रक झिल्ली (nuclear membrane) नहीं होती, इसलिए केंद्रक का क्षेत्र स्पष्ट नहीं होता। इस क्षेत्र को केंद्रकाय (nucleoid) कहते हैं।
    • इनमें झिल्ली से घिरे हुए कोशिका अंगक (membrane-bound organelles) जैसे माइटोकॉन्ड्रिया, ER आदि नहीं होते
    • उदाहरण: बैक्टीरिया (Bacteria)।
  • यूकैरियोटी कोशिकाएँ (Eukaryotic Cells):
    • ये जटिल और बड़ी कोशिकाएँ होती हैं।
    • इनमें सुस्पष्ट केंद्रक (well-defined nucleus) होता है जो केंद्रक झिल्ली से घिरा होता है।
    • इनमें झिल्ली से घिरे हुए सभी प्रमुख कोशिका अंगक (major membrane-bound organelles) उपस्थित होते हैं
    • उदाहरण: पौधे, जंतु, कवक (Fungi) और प्रोटिस्ट (Protists) की कोशिकाएँ।

4. कोशिका के मुख्य भाग (Main Parts of a Cell)

प्रत्येक कोशिका में मुख्य रूप से तीन भाग होते हैं:

4.1 प्लैज़्मा झिल्ली या कोशिका झिल्ली (Plasma Membrane or Cell Membrane)

  • संरचना: यह कोशिका की सबसे बाहरी परत होती है, जो कोशिका के अंदर के पदार्थों को बाहरी वातावरण से अलग करती है। यह लिपिड (lipid) और प्रोटीन (protein) से बनी एक लचीली (flexible) झिल्ली होती है।
  • कार्य:
    • यह एक वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली (selectively permeable membrane) की तरह काम करती है, जिसका अर्थ है कि यह केवल कुछ खास पदार्थों को ही कोशिका के अंदर या बाहर आने-जाने देती है।
    • विसरण (Diffusion): कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और ऑक्सीजन (O₂) जैसी गैसें उच्च सांद्रता (higher concentration) से निम्न सांद्रता (lower concentration) की ओर विसरण द्वारा कोशिका में आती-जाती हैं।
    • परासरण (Osmosis): जल के अणु एक वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली के माध्यम से उच्च जल सांद्रता से निम्न जल सांद्रता की ओर गति करते हैं। यह पौधों द्वारा जल अवशोषण (water absorption) और कोशिकाओं के फूलने या सिकुड़ने में महत्वपूर्ण है।
    • एन्डोसाइटोसिस (Endocytosis): कोशिका झिल्ली के लचीलेपन के कारण अमीबा (Amoeba) जैसे एककोशिक जीव अपना भोजन बाहरी वातावरण से ग्रहण कर पाते हैं।

4.2 कोशिका भित्ति (Cell Wall)

  • यह केवल पादप कोशिकाओं (plant cells) में पाई जाती है। यह प्लैज़्मा झिल्ली के बाहर एक कठोर और मोटी परत होती है।
  • संरचना: यह मुख्य रूप से सेल्यूलोज (cellulose) नामक एक जटिल पदार्थ से बनी होती है।
  • कार्य:
    • पौधों को संरचनात्मक दृढ़ता (structural rigidity) प्रदान करती है।
    • कोशिका को बाहरी आघातों और संक्रमण से बचाती है।
    • पादप कोशिकाओं को अल्पपरासरण दाबी विलयन (hypotonic solution) में बिना फटे जीवित रहने में मदद करती है, क्योंकि यह कोशिका के फूलने पर दबाव को सहन करती है।
    • जीवद्रव्य कुंचन (Plasmolysis): जब पादप कोशिका पानी खो देती है, तो कोशिका झिल्ली कोशिका भित्ति से सिकुड़कर अलग हो जाती है।

4.3 केंद्रक (Nucleus)

  • संरचना: यह कोशिका के मध्य में स्थित एक गोलाकार या अंडाकार (spherical or oval) और गहरे रंग की संरचना होती है।
    • केंद्रक झिल्ली (Nuclear Membrane): केंद्रक दोहरी झिल्ली से घिरा होता है जिसमें छोटे-छोटे छिद्र (pores) होते हैं। ये छिद्र केंद्रक और कोशिकाद्रव्य के बीच पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करते हैं।
    • क्रोमोसोम (Chromosomes): केंद्रक में धागे जैसी संरचनाएँ होती हैं जिन्हें क्रोमोसोम कहते हैं। ये कोशिका विभाजन (cell division) के समय छड़ के आकार के दिखाई देते हैं। क्रोमोसोम DNA (डिऑक्सीराइबोन्यूक्लीक अम्ल) और प्रोटीन (protein) के बने होते हैं।
    • जीन (Gene): DNA के क्रियात्मक खंड को जीन कहते हैं। जीन में आनुवंशिक गुणों (hereditary traits) की जानकारी होती है जो माता-पिता से अगली पीढ़ी में जाती है।
    • क्रोमैटिन पदार्थ (Chromatin Material): जब कोशिका विभाजित नहीं हो रही होती है, तो DNA क्रोमैटिन पदार्थ के रूप में एक उलझे हुए धागे के जाल की तरह रहता है।
  • कार्य:
    • यह कोशिका की सभी गतिविधियों को नियंत्रित (controls all cell activities) करता है।
    • कोशिका के विकास (development) और परिपक्वन (maturation) को निर्धारित करता है।
    • कोशिका विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • आनुवंशिक जानकारी (genetic information) को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाता है।

4.4 कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm)

  • संरचना: यह प्लैज़्मा झिल्ली के अंदर का तरल पदार्थ (fluid substance) है। इसमें केंद्रक के अलावा कोशिका के सभी अंगक (organelles) तैरते रहते हैं।
  • कार्य:
    • कोशिका के अंदर होने वाली अधिकांश रासायनिक क्रियाएँ (chemical reactions) यहीं होती हैं।
    • यह कोशिका अंगकों को सहारा देता है।
    • कोशिकाद्रव्य और केंद्रक दोनों को मिलाकर जीवद्रव्य (Protoplasm) कहते हैं।

5. कोशिका अंगक और उनके कार्य (Cell Organelles and their Functions)

कोशिकाद्रव्य में कई छोटे-छोटे, झिल्ली से घिरे हुए अंगक होते हैं, जो कोशिका के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य करते हैं:

5.1 अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum – ER)

  • संरचना: यह झिल्लीदार नलिकाओं (tubules) और शीट (sheets) का एक बड़ा जाल होता है।
  • प्रकार:
    • खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (Rough Endoplasmic Reticulum – RER): इसकी सतह पर राइबोसोम (ribosomes) लगे होते हैं, इसलिए यह खुरदरी दिखती है।
      • कार्य: प्रोटीन संश्लेषण (protein synthesis) करती है और उन्हें कोशिका के अन्य भागों में भेजती है।
    • चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (Smooth Endoplasmic Reticulum – SER): इसकी सतह पर राइबोसोम नहीं होते, इसलिए यह चिकनी दिखती है।
      • कार्य: वसा (lipids) और लिपिड अणुओं (lipid molecules) का संश्लेषण करती है। यह कुछ कोशिकाओं में विषैले पदार्थों (toxins) और दवाओं को निराविषीकरण (detoxify) करने में भी मदद करती है (जैसे यकृत की कोशिकाओं में)।
  • सामान्य कार्य: कोशिका के अंदर पदार्थों के परिवहन (transport) के लिए एक नलिका प्रणाली के रूप में कार्य करना।

5.2 गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)

  • खोज: कैमिलो गॉल्जी (Camillo Golgi) ने की थी।
  • संरचना: यह चपटी, झिल्लीदार थैलियों (flattened, membrane-bound sacs) का एक समूह होता है, जिन्हें कुंडिका (cisterns) कहते हैं, जो एक-दूसरे के समानांतर सजी होती हैं।
  • कार्य:
    • ER में बने पदार्थों (proteins and lipids) को संचयन (storage), रूपांतरण (modification) और पैकेजिंग (packaging) करता है।
    • इन पदार्थों को कोशिका के अंदर या बाहर विभिन्न स्थानों पर भेजता है।
    • कुछ परिस्थितियों में सामान्य शक्कर से जटिल शक्कर (complex sugars) बनाता है।
    • लाइसोसोम (lysosomes) का निर्माण करता है।

5.3 लाइसोसोम (Lysosomes)

  • संरचना: ये झिल्ली से घिरी हुई छोटी संरचनाएँ होती हैं जिनमें शक्तिशाली पाचक एंजाइम (digestive enzymes) होते हैं।
  • कार्य:
    • कोशिका का अपशिष्ट निपटान तंत्र (waste disposal system)
    • बाहरी पदार्थों (जैसे बैक्टीरिया) और पुराने या क्षतिग्रस्त कोशिका अंगकों (damaged organelles) को पचाकर कोशिका को साफ करते हैं।
    • ‘आत्मघाती थैली’ (Suicidal Bags): जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है, तो लाइसोसोम फट जाते हैं और उनके एंजाइम अपनी ही कोशिका को पचा देते हैं, इसलिए इन्हें ‘आत्मघाती थैली’ भी कहते हैं।

5.4 माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)

  • कोशिका का बिजलीघर (Powerhouse of the Cell) कहलाता है।
  • संरचना: यह दोहरी झिल्ली (double membrane) से घिरा होता है। बाहरी झिल्ली छिद्रित (porous) होती है, जबकि भीतरी झिल्ली बहुत अधिक वलित (folded) होती है, जो ATP बनाने वाली रासायनिक क्रियाओं के लिए बड़ा क्षेत्र प्रदान करती है।
  • कार्य:
    • जीवन के लिए आवश्यक विभिन्न रासायनिक क्रियाओं को करने के लिए ऊर्जा (energy) प्रदान करता है।
    • यह ऊर्जा ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में बनती है, जिसे कोशिका की ऊर्जा मुद्रा (energy currency) कहते हैं।
  • अद्वितीय गुण: माइटोकॉन्ड्रिया में अपना DNA और राइबोसोम होते हैं, इसलिए वे अपना कुछ प्रोटीन स्वयं बना सकते हैं।

5.5 प्लैस्टिड (Plastids)

  • ये केवल पादप कोशिकाओं (plant cells) में पाए जाते हैं।
  • प्रकार:
    • क्रोमोप्लास्ट (Chromoplasts): ये रंगीन प्लैस्टिड होते हैं जो फूलों और फलों को रंग देते हैं।
      • क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts): ये हरे रंग के क्रोमोप्लास्ट होते हैं जिनमें क्लोरोफिल (chlorophyll) वर्णक होता है।
        • कार्य: पौधों में प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया करते हैं।
    • ल्यूकोप्लास्ट (Leucoplasts): ये श्वेत (white) या रंगहीन (colorless) प्लैस्टिड होते हैं।
      • कार्य: ये मुख्य रूप से स्टार्च (starch), तेल (oil) और प्रोटीन (protein) जैसे पदार्थों को संचित (store) करते हैं।
  • अद्वितीय गुण: माइटोकॉन्ड्रिया की तरह प्लैस्टिड में भी अपना DNA और राइबोसोम होते हैं।

5.6 रसधानियाँ (Vacuoles)

  • संरचना: ये ठोस या तरल पदार्थों को जमा करने वाली संग्राहक थैलियाँ (storage sacs) होती हैं।
  • जंतु कोशिकाओं में: रसधानियाँ छोटी और संख्या में अधिक होती हैं।
  • पादप कोशिकाओं में: रसधानियाँ बहुत बड़ी होती हैं, और कुछ पौधों की कोशिकाओं में केंद्रीय रसधानी कोशिका के आयतन का 50% से 90% तक हो सकती है।
  • कार्य:
    • पादप कोशिकाओं में: ये कोशिका को स्फीति (turgidity) और कठोरता (rigidity) प्रदान करती हैं। इनमें अमीनो अम्ल (amino acids), शर्करा (sugars), कार्बनिक अम्ल (organic acids) और कुछ प्रोटीन जैसे महत्वपूर्ण पदार्थ जमा होते हैं।
    • एककोशिक जीवों में (जैसे अमीबा): खाद्य रसधानियाँ (food vacuoles) भोजन को जमा करती हैं, जबकि कुछ विशिष्ट रसधानियाँ अतिरिक्त जल और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती हैं।

6. कोशिका विभाजन (Cell Division)

  • परिभाषा: नई कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया को कोशिका विभाजन कहते हैं। यह जीवों की वृद्धि (growth), पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं (damaged cells) को बदलने और प्रजनन (reproduction) के लिए आवश्यक है।
  • मुख्य प्रकार:
    • सूत्री विभाजन (Mitosis):
      • यह सामान्य शरीर कोशिकाओं (somatic cells) में होता है, मुख्य रूप से वृद्धि और मरम्मत (growth and repair) के लिए।
      • एक मातृ कोशिका (parent cell) विभाजित होकर दो समान संतति कोशिकाएँ (two identical daughter cells) बनाती है।
      • संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के समान होती है।
    • अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis):
      • यह प्रजनन अंगों (reproductive organs) की विशेष कोशिकाओं में होता है, जिससे युग्मक (gametes) (जैसे शुक्राणु और अंडाणु) बनते हैं।
      • एक मातृ कोशिका विभाजित होकर चार नई कोशिकाएँ (four new cells) बनाती है।
      • इन नई कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका की तुलना में आधी (half) होती है। यह लैंगिक प्रजनन (sexual reproduction) के लिए महत्वपूर्ण है।

7. निष्कर्ष (Conclusion)

कोशिका सजीवों की मूलभूत संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है। इसकी जटिल संरचना और विभिन्न अंगकों के विशिष्ट कार्य ही इसे जीवित रहने और सभी आवश्यक क्रियाएँ करने में सक्षम बनाते हैं।

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