MP Board 12th Physics Static Electric Potential
स्थिरवैद्युत विभव (Electrostatic Potential) – कक्षा 12वीं के लिए सरल भाषा में
जब हम किसी विद्युत आवेश (charge) को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं तो हमें कार्य (work) करना पड़ता है। यह कार्य उस आवेश पर लगे विद्युत बल के कारण होता है।
यदि किसी धनात्मक एकक आवेश (unit positive charge) को अनन्त (infinity) से किसी बिन्दु तक लाया जाए, तो उस पर किया गया कार्य ही उस बिन्दु का स्थिरवैद्युत विभव (V) कहलाता है।
1. विभव और विद्युत क्षेत्र का संबंध
यदि किसी परीक्षण आवेश qqq को बिन्दु R से P तक लाया जाए, तो प्रति इकाई आवेश पर किया गया कार्य ही विभवांतर कहलाता है।
यहाँ:
- VPV_PVP = बिन्दु P पर विभव
- VRV_RVR = बिन्दु R पर विभव
- UP,URU_P, U_RUP,UR = क्रमशः P और R पर स्थितिज ऊर्जा
2. अनन्त पर विभव शून्य मानना
भौतिकी में वास्तविक विभव का मान महत्त्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि विभवांतर (Potential Difference) ही महत्त्वपूर्ण होता है।
इसलिए सामान्यतः हम मान लेते हैं:
इस स्थिति में,
किसी बिन्दु पर विभव (V) = बाह्य बल द्वारा एकक धनावेश को अनन्त से उस बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य।
3. सरल परिभाषा
यदि बहुत छोटा परीक्षण आवेश δq\delta qδq लिया जाए और उसे अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में कार्य δW\delta WδW किया जाए, तो विभव होगा –
4. ध्यान रखने योग्य बातें
- विभव हमेशा प्रति इकाई आवेश पर किया गया कार्य है।
- जब परीक्षण आवेश को लाया जाता है, तो बाहरी बल और विद्युत क्षेत्र का बल परिमाण में समान लेकिन दिशा में विपरीत होना चाहिए।
✅ संक्षेप में (Summary Notes)
- विभव (V) = प्रति इकाई धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य।
- विभवांतर = दो बिन्दुओं के बीच विभव का अंतर।
- अनन्त पर विभव को शून्य मानकर ही विभव की गणना की जाती है।