Molecular Basis of Inheritance : यह अध्याय DNA (डीएनए) और RNA (आरएनए) की आणविक संरचना और उनके कार्यप्रणाली को समझाता है। DNA ही Genetic Material है, जिसकी Double Helix Model संरचना Watson और Crick ने प्रस्तुत की। Genetic Information का बहाव Central Dogma के अनुसार DNA RNA
Protein की ओर होता है।
DNA की Replication Semi-conservative तरीके से होती है। Gene Expression के Regulation को Lac Operon (लैक प्रचालक) के माध्यम से समझा जाता है, जहाँ Lactose Inducer के रूप में कार्य करता है। Human Genome Project (HGP) एक Mega Project था जिसका लक्ष्य मानव Genome के 3 बिलियन Base Pairs के Sequences को निर्धारित करना था। DNA Fingerprinting, DNA की Polymorphism पर आधारित एक Technique है, जो Forensic Science में उपयोगी है।
वंशागति के आणविक आधार (Molecular Basis of Inheritance)
5.1 डीएनए
5.2 आनुवंशिक पदार्थ की खोज
5.3 आरएनए संसार
5.4 प्रतिकृति
5.5 अनुलेखन
5.6 आनुवंशिक कूट
5.7 स्थानांतरण
5.8 जीन अभिव्यक्ति का नियमन
5.9 मानव जीनोम परियोजना
5.10 डीएनए फिंगरप्रिंटिंग
ये नोट्स दिए गए उप-विषयों के अनुसार, सरल भाषा में और आवश्यक शब्दों का उपयोग करके, उपलब्ध स्रोतों पर आधारित हैं।
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वंशागति के आणविक आधार (Molecular Basis of Inheritance)
5.1 डीएनए (DNA)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
---|---|
परिचय | अधिकांश जीवों में आनुवंशिक पदार्थ DNA (डीऑक्सीराइबोस न्यूक्लिक अम्ल) होता है। DNA न्यूक्लियोटाइड (Nucleotides) का एक लंबा बहुलक (Polymer) है। |
संरचना के घटक | एक न्यूक्लियोटाइड के तीन घटक होते हैं: नाइट्रोजनी क्षार (Nitrogenous Base), पेंटोस शर्करा (Pentose Sugar), और एक फॉस्फेट समूह (Phosphate Group)। |
क्षार | नाइट्रोजनी क्षार दो प्रकार के होते हैं: प्यूरीन्स (![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
पॉली न्यूक्लियोटाइड चेन | न्यूक्लियोटाइड ![]() |
द्वि-कुंडलित मॉडल | James Watson (जेम्स वॉटसन) और Francis Crick (फ्रांसिस क्रिक) ने एक्स-रे विवर्तन (X-ray diffraction) आँकड़ों के आधार पर 1953 में द्वि-कुंडलित नमूना प्रस्तुत किया। |
द्वि-कुंडलित की विशेषताएँ | 1. दोनों श्रृंखलाएँ प्रति समानांतर ध्रुवणता (Anti-parallel Polarity) रखती हैं (![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
DNA पैकेजिंग (Prokaryotes) | E. coli जैसे असीमकेन्द्रकी (Prokaryotes) में, ऋणात्मक आवेशित DNA धनात्मक आवेशित प्रोटीनों से बंधकर केन्द्रकाभ (Nucleoid) में व्यवस्थित होता है। |
DNA पैकेजिंग (Eukaryotes) | ससीमकेन्द्रकी (Eukaryotes) में, धनात्मक आवेशित क्षारीय प्रोटीन हिस्टोन (Histones) होते हैं। DNA हिस्टोन अष्टक (Histone Octamer) के चारों ओर लिपटकर न्यूक्लियोसोम (Nucleosome) बनाता है। न्यूक्लियोसोम से बनी संरचना क्रोमैटिन (Chromatin) कहलाती है (जो “डोरी पर बीड्स” Beads on String जैसी दिखती है)। |
5.2 आनुवंशिक पदार्थ की खोज (Search for Genetic Material)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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रूपांतरी सिद्धांत | 1928 में Frederick Griffith (फ्रेडरिक ग्रिफिथ) ने Streptococcus pneumoniae पर प्रयोग किया। उन्होंने पाया कि ताप से मृत S Strain (उग्र) के जीवाणु से कोई कारक जीवित R Strain (अनुग्र) को रूपांतरित कर देता है। |
जैव-रासायनिक प्रमाण | Avery, Macleod, और McCarty (1933-44) ने सिद्ध किया कि केवल DNA ही R कोशिका को S कोशिका में रूपांतरित कर सकता है। उन्होंने यह भी पाया कि Protein या RNA पाचक एंजाइम रूपांतरण को प्रभावित नहीं करते, लेकिन DNase (DNA पाचक एंजाइम) से पाचन के बाद रूपांतरण रुक जाता है। |
सुस्पष्ट प्रमाण | 1952 में Alfred Hershey (अल्फ्रेड हर्शे) और Martha Chase (मार्था चेस) ने जीवाणुभोजी (Bacteriophages) पर प्रयोग करके सिद्ध किया कि DNA ही आनुवंशिक पदार्थ है। |
हर्शे-चेस प्रयोग | उन्होंने DNA को रेडियोसक्रिय फॉस्फोरस (![]() ![]() ![]() ![]() |
स्थायित्व की तुलना | DNA रासायनिक रूप से कम सक्रिय और संरचनात्मक रूप से अधिक स्थायी (Stable) होता है, जबकि RNA पर ![]() |
5.3 आरएनए संसार (RNA World)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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RNA की प्राथमिकता | RNA पहला आनुवंशिक पदार्थ था। |
RNA के कार्य | RNA आनुवंशिक पदार्थ होने के साथ-साथ एक उत्प्रेरक (Catalyst) के रूप में भी कार्य करता था (जैविक तंत्र की कुछ महत्वपूर्ण अभिक्रियाएँ RNA उत्प्रेरक द्वारा उत्प्रेरित होती हैं)। RNA अनुकूलक (Adaptor) और संरचनात्मक (Structural) अणु का कार्य भी करता है। |
RNA की अस्थिरता | RNA उत्प्रेरक के रूप में क्रियाशील होने के बावजूद अस्थाई (Unstable) होता है। |
DNA का विकास | RNA के रासायनिक रूपांतरण से DNA का विकास हुआ, जो अधिक स्थायी (Stable) है। DNA की द्वि-रज्जुक संरचना और मरम्मत प्रक्रियाओं (Repair Processes) के विकास ने इसे परिवर्तन के प्रति अधिक प्रतिरोधी बना दिया। |
5.4 प्रतिकृति (Replication)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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सिद्धांत | DNA की प्रतिकृति अर्ध-संरक्षी (Semi-conservative) योजना के अनुसार होती है। प्रतिकृति के बाद बने DNA अणु में एक पैतृक (Parental) और एक नई निर्मित लड़ी (New Strand) होती है। |
प्रायोगिक पुष्टि | Matthew Meselson और Franklin Stahl ने 1958 में E. coli पर भारी नाइट्रोजन (![]() |
एंजाइम | मुख्य एंजाइम DNA-निर्भर DNA पॉलीमरेज़ (DNA-dependent DNA Polymerase) है। E. coli में Polymerization की औसत दर लगभग 2000 क्षार युग्मक प्रति सेकंड होती है। |
दिशा | DNA पॉलीमरेज़ बहुलकन को केवल एक दिशा ![]() |
Replication Fork | प्रतिकृति के लिए DNA कुंडलनी छोटे भागों में खुलती है, जिसे प्रतिकृति द्वि-शाख (Replication Fork) कहते हैं। |
संश्लेषण का प्रकार | एक लड़ी (![]() ![]() |
शुरुआत का स्थल | प्रतिकृति एक निश्चित स्थान पर शुरू होती है, जिसे प्रतिकृति का स्थल (Origin of Replication) कहते हैं। |
5.5 अनुलेखन (Transcription)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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परिभाषा | DNA के एक रज्जुक से आनुवंशिक सूचनाओं का RNA में प्रतिलिपीकरण करना अनुलेखन (Transcription) कहलाता है। |
इकाई के भाग | अनुलेखन इकाई में तीन मुख्य भाग होते हैं: उन्नायक (Promoter), संरचनात्मक जीन (Structural Gene), और समापक (Terminator)। |
टेम्पलेट रज्जुक | ![]() |
कूटलेखन रज्जुक | ![]() |
प्रोकेरियोट्स में RNA | जीवाणुओं में एक ही RNA पॉलीमरेज़ तीनों प्रकार के RNA (mRNA, tRNA, rRNA) का अनुलेखन उत्प्रेरित करता है। |
यूकेरियोट्स में RNA पॉलीमरेज़ | यूकेरियोट्स में तीन प्रकार के RNA पॉलीमरेज़ होते हैं: Polymerase I (rRNA), Polymerase II (hnRNA/mRNA का पूर्ववर्ती), और Polymerase III (tRNA, 5S rRNA, snRNA)। |
जीन संरचना (Eukaryotes) | यूकेरियोट्स में जीन विखंडित (Split) होते हैं: व्यक्तेद (Exons) (कोडिंग अनुक्रम) और अव्यक्तेद (Introns) (गैर-कोडिंग मध्यवर्ती अनुक्रम)। |
mRNA संसाधन | ससीमकेन्द्रकी में ![]() ![]() ![]() ![]() |
5.6 आनुवंशिक कूट (Genetic Code)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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परिभाषा | Genetic Code वह नियम है जो प्रोटीन संश्लेषण के दौरान अमीनो अम्लों के अनुक्रम को निर्धारित करता है। |
प्रकृति | Codons (प्रकूट) त्रिक (Triplet) होते हैं। 61 प्रकूट अमीनो अम्ल का Code करते हैं और 3 रोध प्रकूट (Stop Codons) होते हैं। |
विशेषताएँ | यह असंदिग्ध (Unambiguous) है (एक प्रकूट केवल एक अमीनो अम्ल को Code करता है)। यह लगभग सार्वभौमिक (Universal) है। यह विरामहीन (Commaless) है। |
AUG | AUG दोहरा कार्य करता है। यह Methionine का कूटलेखन करता है और प्रारंभक प्रकूट (Start Codon) के रूप में कार्य करता है। |
tRNA की भूमिका | tRNA को अनुकूलक अणु (Adapter Molecule) माना गया था, जो एक ओर Codon को पढ़ता है और दूसरी ओर विशिष्ट Amino Acid से जुड़ता है। |
tRNA के भाग | tRNA में एक प्रति प्रकूट पाश (Anticodon Loop) होता है जो Codon के पूरक क्षार रखता है। हर Amino Acid के लिए विशिष्ट tRNA होता है। |
5.7 स्थानांतरण (Translation)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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परिभाषा | Translation (स्थानांतरण) वह प्रक्रिया है जिसमें अमीनो अम्लों के बहुलकन से पॉलीपेप्टाइड (Polypeptide) का निर्माण होता है। |
tRNA का आवेशन | Amino Acids पहले ATP की उपस्थिति में सक्रिय होते हैं और सजातीय tRNA से जुड़ते हैं। इसे tRNA का आवेशन या Aminoacylation कहते हैं। |
राइबोसोम | राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण के लिए कोशकीय कारखाना (Cellular factory) है। यह पेप्टाइड बंध बनाने में उत्प्रेरक (Catalyst) का काम करता है (जीवाणु में 23S rRNA/’राइबोजाइम’ एंजाइम)। |
प्रक्रिया | Ribosome ![]() ![]() |
UTR | mRNA में कुछ अस्थानांतरित स्थल (Untranslated Regions/UTR) होते हैं, जो Start और Stop Codons के किनारों पर स्थित होते हैं। ये प्रभावी स्थानांतरण के लिए आवश्यक हैं। |
5.8 जीन अभिव्यक्ति का नियमन (Regulation of Gene Expression)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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नियमन का स्तर | यूकेरियोट्स में नियमन अनुलेखन स्तर (Transcription), संसाधन स्तर (Processing), अभिगमन (Transport), और स्थानांतरण स्तर (Translational Level) पर हो सकता है। |
प्राचालेक (Operon) | जीवाणुओं (Prokaryotes) में, कई जीन एक इकाई के रूप में व्यवस्थित होकर नियंत्रित होते हैं, जिसे प्राचालेक (Operon) कहते हैं। |
लैक प्राचालेक | लैक प्राचालेक (Lac Operon) E. coli में जीन नियमन का एक उदाहरण है। इसकी जानकारी François Jacob और Jacques Monod ने दी। |
घटक | Lac Operon में एक नियामक जीन (i Gene) और तीन संरचनात्मक जीन (z, y, a) होते हैं। i Gene दमनकारी (Repressor) का कूटलेखन करता है। |
कार्य | जीन ![]() ![]() |
प्रेरक (Inducer) | लैक्टोज (या एलोलैक्टोज) प्रेरक (Inducer) के रूप में कार्य करता है। |
ऋणात्मक नियमन | प्रेरक की अनुपस्थिति में, दमनकारी प्रोटीन प्राचालक स्थल (Operator Site) से बंधकर RNA Polymerase को निष्क्रिय कर देता है, जिससे अनुलेखन रुक जाता है। प्रेरक की उपस्थिति में, प्रेरक दमनकारी से जुड़कर उसे निष्क्रिय कर देता है, जिससे RNA Polymerase अनुलेखन शुरू कर पाता है। यह ऋणात्मक नियमन (Negative Regulation) कहलाता है। |
5.9 मानव जीनोम परियोजना (Human Genome Project – HGP)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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विवरण | यह एक महापरियोजना (Mega Project) थी, जो 1990 में शुरू हुई और 2003 में पूरी हुई। |
लक्ष्य | 1. मानव DNA बनाने वाले 3 बिलियन रासायनिक क्षार युग्मों के अनुक्रमों को निर्धारित करना। 2. लगभग 20,000–25,000 जीनों के बारे में पता लगाना। 3. जैव सूचना विज्ञान (Bioinformatics) का उपयोग करके आँकड़ों को Store और Analyze करना। |
कार्यप्रणाली | 1. ESTs (Expressed Sequence Tags): RNA के रूप में व्यक्त होने वाले जीनों पर ध्यान देना। 2. DNA को खंडों में तोड़कर BAC या YAC (जीवाणु/यीस्ट कृत्रिम गुणसूत्र) संवाहकों (Vectors) का उपयोग करके Clone करना। |
मुख्य निष्कर्ष | 1. मानव Genome में 3164.7 करोड़ क्षार युग्म मिले। 2. जीनों की संख्या लगभग 30,000 है, जो पूर्व अनुमान से काफी कम है। 3. लगभग 99.9% लोगों में Nucleotide Bases समान हैं। 4. Genome का बड़ा भाग पुनरावृत्ति अनुक्रम (Repetitive Sequences) से बना है। 5. SNPs (Single Nucleotide Polymorphism) या ‘स्निप्स’ (एकल न्यूक्लियोटाइड बहु-रूपता) का पता लगा। |
उपयोगिता | HGP से प्राप्त जानकारी रोगों की पहचान, उपचार, और रोकथाम में सहायता करती है। |
5.10 डीएनए फिंगरप्रिंटिंग (DNA Fingerprinting)
विवरण (Description) | स्रोत (Source) |
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परिचय | DNA अंगुलिछापी (DNA Fingerprinting) दो व्यक्तियों के बीच आनुवंशिक विभिन्नता (Genetic Variation) का पता लगाने की एक त्वरित विधि है। |
सिद्धांत | यह DNA अनुक्रम में पाई जाने वाली बहु-रूपता (Polymorphism) के सिद्धांत पर कार्य करती है। बहु-रूपता उत्परिवर्तन (Mutation) के कारण उत्पन्न होती है। |
आधार | इसमें पुनरावृत्ति DNA (Repetitive DNA) के विशिष्ट स्थानों पर विभिन्नता का पता लगाया जाता है। इन पुनरावृत्ति DNA को अनुषंगी DNA (Satellite DNA) भी कहते हैं। |
VNTRs | इस तकनीक का प्रारंभिक विकास Alec Jeffreys (एलेक जेफ़रीज़) ने किया। उन्होंने VNTR (Variable Number of Tandem Repeats / अनुबद्ध पुनरावर्तक की विभिन्न संख्या) को Probe (संपरीक्षक) के रूप में उपयोग किया। VNTR उच्च श्रेणी की बहु-रूपता प्रदर्शित करते हैं। |
तकनीक के चरण | 1. DNA का विलगन (Isolation)। 2. प्रतिबंध एंडोन्यूक्लिऐज (Restriction Endonuclease) द्वारा DNA का पाचन। 3. इलेक्ट्रोफोरेसिस (Electrophoresis) द्वारा खंडों का पृथक्करण। 4. ब्लॉटिंग (Blotting) द्वारा झिल्ली पर स्थानांतरण। 5. हाइब्रिडाइजेशन (संकरण) ![]() |
उपयोगिता | यह न्यायालयीन विज्ञान (Forensic Science) में पहचान उपकरण के रूप में और विवाद की स्थिति में पैतृक परीक्षण (Paternity Testing) में सहायक है। |
दिए गए ऑडियो कंटेंट के आधार पर कक्षा 12वीं के NCERT syllabus के अनुसार “वंशागति के आणविक आधार” (Molecular Basis of Inheritance) चैप्टर से कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर यहाँ दिए गए हैं।
## DNA की संरचना और पैकेजिंग (DNA Structure and Packaging)
प्रश्न 1: डी.एन.ए. (DNA) की संरचना का वर्णन करें जैसा कि वॉटसन और क्रिक ने प्रस्तावित किया था। इसकी सबसे बड़ी खूबी क्या है?
उत्तर: जेम्स वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने 1953 में डी.एन.ए. का डबल हेलिक्स (Double Helix) मॉडल प्रस्तुत किया था। इसकी मुख्य बातें हैं:
- दो पॉलीन्यूक्लियोटाइड चेन (Polynucleotide Chains): डी.एन.ए. दो लड़ियों से बना होता है जो एक-दूसरे के चारों ओर एक घुमावदार सीढ़ी (spiral staircase) की तरह लिपटी होती हैं।
- एंटी-पैरेलल (Anti-parallel) लड़ियाँ: ये दोनों लड़ियाँ एक-दूसरे के विपरीत दिशा में चलती हैं (एक 5′ से 3′ तो दूसरी 3′ से 5′)।
- बेस पेयरिंग (Base Pairing): एडनिन (A) हमेशा थाइमिन (T) से दो हाइड्रोजन बॉन्ड के साथ जुड़ता है, और गुआनिन (G) हमेशा साइटोसिन (C) से तीन हाइड्रोजन बॉन्ड के साथ जुड़ता है। इसे पूरकता (Complementarity) का नियम कहते हैं।
सबसे बड़ी खूबी: डी.एन.ए. की सबसे बड़ी खूबी इसकी पूरकता (Complementarity) ही है। इसी नियम के कारण, अगर हमें एक लड़ी का सीक्वेंस पता हो तो हम दूसरी लड़ी का सीक्वेंस बता सकते हैं। यही खूबी डी.एन.ए. को अपनी सटीक कॉपी (copy) या रेप्लिका (replica) बनाने में मदद करती है।
प्रश्न 2: एक कोशिका के छोटे से न्यूक्लियस (Nucleus) में लगभग 2.2 मीटर लंबा डी.एन.ए. कैसे पैक होता है? न्यूक्लियोसोम (Nucleosome) क्या है?
उत्तर: इतने लंबे डी.एन.ए. को पैक करने के लिए कोशिका एक बहुत ही कुशल पैकेजिंग (packaging) सिस्टम का उपयोग करती है।
- हिस्टोन प्रोटीन (Histone Proteins): इसमें हिस्टोन नाम के प्रोटीन मदद करते हैं, जो पॉजिटिव चार्ज वाले होते हैं। डी.एन.ए. नेगेटिव चार्ज वाला होता है, इसलिए यह हिस्टोन प्रोटीन के चारों ओर आसानी से लिपट जाता है।
- न्यूक्लियोसोम (Nucleosome): आठ हिस्टोन प्रोटीन मिलकर एक गोली जैसी संरचना बनाते हैं जिसे हिस्टोन ऑक्टेमर (Histone Octamer) कहते हैं। जब डी.एन.ए. का धागा इस ऑक्टेमर के चारों ओर लिपट जाता है, तो इस पूरी संरचना को न्यूक्लियोसोम कहते हैं।
- क्रोमैटिन और क्रोमोसोम (Chromatin and Chromosome): बहुत सारे न्यूक्लियोसोम मिलकर एक चेन बनाते हैं जिसे क्रोमैटिन (Chromatin) कहते हैं। जब सेल डिवाइड होने वाला होता है, तो यह क्रोमैटिन और भी ज्यादा संघनित (condensed) होकर मोटे-मोटे स्ट्रक्चर बनाता है, जिन्हें हम गुणसूत्र या क्रोमोसोम (Chromosome) कहते हैं।
## आनुवंशिक पदार्थ की खोज (Search for Genetic Material)
प्रश्न 3: ग्रिफिथ के रूपांतरण सिद्धांत (Transforming Principle) और हर्षे-चेज़ के प्रयोग से यह कैसे सिद्ध हुआ कि डी.एन.ए. ही आनुवंशिक पदार्थ है?
उत्तर: यह साबित करने में दो मुख्य प्रयोगों ने मदद की:
- ग्रिफिथ का प्रयोग (1928): फ्रेडरिक ग्रिफिथ ने स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनी (Streptococcus pneumoniae) बैक्टीरिया पर प्रयोग किया। उन्होंने पाया कि जब गर्मी से मारे हुए स्मूथ (S-type) बैक्टीरिया को ज़िंदा रफ (R-type) बैक्टीरिया के साथ मिलाया जाता है, तो कुछ रफ बैक्टीरिया, स्मूथ बैक्टीरिया में बदल जाते हैं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि कोई “रूपांतरण सिद्धांत” (Transforming Principle) है जो मरे हुए S-type से R-type में चला गया, पर वे यह नहीं बता पाए कि यह DNA, RNA या प्रोटीन है।
- हर्षे और चेज़ का प्रयोग (1952): यह एक निर्णायक प्रयोग था।
- उन्होंने कुछ वायरस (Bacteriophage) के डी.एन.ए. को रेडियोएक्टिव फॉस्फोरस (³²P) से और कुछ दूसरे वायरस के प्रोटीन कोट को रेडियोएक्टिव सल्फर (³⁵S) से लेबल किया।
- जब इन वायरस से बैक्टीरिया को इन्फेक्ट कराया गया, तो पाया गया कि जिन बैक्टीरिया पर ³²P (DNA वाले) वायरस ने हमला किया था, उनके अंदर रेडियोएक्टिविटी मिली।
- जिन पर ³⁵S (प्रोटीन वाले) वायरस ने हमला किया था, उनमें रेडियोएक्टिविटी बाहर ही रह गई।
- इससे यह पक्का हो गया कि वायरस अपना डी.एन.ए. ही बैक्टीरिया के अंदर भेजता है, प्रोटीन नहीं। इसलिए, डी.एन.ए. ही आनुवंशिक पदार्थ (Genetic Material) है।
## सेंट्रल डोग्मा और जीन अभिव्यक्ति (Central Dogma and Gene Expression)
प्रश्न 4: सेंट्रल डोग्मा (Central Dogma) क्या है? ट्रांसक्रिप्शन (Transcription) और ट्रांसलेशन (Translation) में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर: सेंट्रल डोग्मा (Central Dogma): यह फ्रांसिस क्रिक द्वारा दिया गया सिद्धांत है। यह बताता है कि जेनेटिक जानकारी का बहाव (flow) एक ही दिशा में होता है: DNA → RNA → Protein
- ट्रांसक्रिप्शन (अनुलेखन): यह पहला स्टेप है। इसमें डी.एन.ए. के एक जीन की जानकारी को मैसेंजर आर.एन.ए. (mRNA) में कॉपी किया जाता है। यह प्रक्रिया न्यूक्लियस के अंदर होती है और इसमें आर.एन.ए. पॉलीमरेज़ (RNA Polymerase) एंजाइम मुख्य भूमिका निभाता है।
- ट्रांसलेशन (अनुवाद): यह दूसरा स्टेप है। इसमें mRNA पर लिखे जेनेटिक कोड को पढ़कर राइबोसोम (Ribosome) और टी.आर.एन.ए. (tRNA) की मदद से अमीनो एसिड की एक चेन बनाई जाती है, जो बाद में प्रोटीन (Protein) बनती है। यह प्रक्रिया साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) में होती है।
मुख्य अंतर:
गुण (Property) | ट्रांसक्रिप्शन (Transcription) | ट्रांसलेशन (Translation) |
प्रक्रिया | DNA से RNA बनता है। | RNA से प्रोटीन बनता है। |
स्थान | न्यूक्लियस (Nucleus) में। | साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) में। |
मुख्य एंजाइम/अंगक | आर.एन.ए. पॉलीमरेज़ (RNA Polymerase) | राइबोसोम (Ribosome) |
उत्पाद (Product) | mRNA, tRNA, rRNA | प्रोटीन (Protein) |
## ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट और डी.एन.ए. फिंगरप्रिंटिंग (HGP and DNA Fingerprinting)
प्रश्न 5: ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट (HGP) को एक “महापरियोजना” (Mega Project) क्यों कहा जाता है? इसके मुख्य लक्ष्य क्या थे?
उत्तर: ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट को महापरियोजना (Mega Project) इसलिए कहा जाता है क्योंकि:
- यह एक बहुत बड़ा, अंतर्राष्ट्रीय और महत्वाकांक्षी प्रयास था जो 1990 में शुरू होकर 2003 में पूरा हुआ।
- इसका उद्देश्य इंसान के पूरे जीनोम, यानी लगभग 3.16 बिलियन बेस पेयर (Billion Base Pairs) को सीक्वेंस करना था।
इसके मुख्य लक्ष्य थे:
- मनुष्य के पूरे डी.एन.ए. का सीक्वेंस (sequence) पता करना।
- लगभग 25,000 से 30,000 मानव जीनों (genes) की पहचान करना।
- इस विशाल डेटा को स्टोर करने और एनालाइज करने के लिए नए टूल्स (tools) विकसित करना।
- इससे जुड़े नैतिक, कानूनी और सामाजिक मुद्दों (ELSI – Ethical, Legal, and Social Issues) पर विचार करना।
प्रश्न 6: डी.एन.ए. फिंगरप्रिंटिंग (DNA Fingerprinting) की तकनीक किस सिद्धांत पर आधारित है? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर: डी.एन.ए. फिंगरप्रिंटिंग की तकनीक इस सिद्धांत पर आधारित है कि किन्हीं भी दो इंसानों (Identical twins को छोड़कर) का डी.एन.ए. 99.9% एक जैसा होता है, लेकिन बचे हुए 0.1% में बहुत अंतर होता है।
- सिद्धांत: यह तकनीक डी.एन.ए. के उन खास हिस्सों पर फोकस करती है जहाँ एक छोटा सा सीक्वेंस बार-बार दोहराया जाता है। इन हिस्सों को VNTRs (Variable Number of Tandem Repeats) कहते हैं। हर इंसान में इन दोहराव (repeats) की संख्या अलग-अलग होती है, जिससे हर व्यक्ति का एक यूनिक पैटर्न (unique pattern) बनता है।
उपयोग (Applications):
- फोरेंसिक साइंस (Forensic Science): अपराध की जगह मिले सैंपल (खून, बाल) का मिलान संदिग्ध व्यक्ति के डी.एन.ए. से करने में।
- पितृत्व विवाद (Paternity Testing): बच्चे के असली माता-पिता का पता लगाने में।
- आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity): जनसंख्या में जेनेटिक विभिन्नताओं का अध्ययन करने में।
यहाँ “वंशागति के आणविक आधार” (Molecular Basis of Inheritance) पर आधारित 20 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) और उनके उत्तर दिए गए हैं।
प्रश्न 1: वॉटसन और क्रिक द्वारा प्रस्तावित डी.एन.ए. (DNA) के डबल हेलिक्स मॉडल में, एडनिन (A) और थाइमिन (T) के बीच कितने हाइड्रोजन बॉन्ड होते हैं?
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
प्रश्न 2: डी.एन.ए. की पैकेजिंग में कौन सा प्रोटीन मुख्य भूमिका निभाता है?
(A) एल्ब्यूमिन
(B) ग्लोब्युलिन
(C) हिस्टोन (Histone)
(D) केराटिन
प्रश्न 3: जब डी.एन.ए. का धागा आठ हिस्टोन प्रोटीन के समूह (ऑक्टेमर) के चारों ओर लिपट जाता है, तो उस संरचना को क्या कहते हैं?
(A) क्रोमैटिन (Chromatin)
(B) क्रोमोसोम (Chromosome)
(C) न्यूक्लियोसोम (Nucleosome)
(D) सेंट्रोमियर
प्रश्न 4: फ्रेडरिक ग्रिफिथ ने अपने प्रयोग में किस सिद्धांत की खोज की थी?
(A) आनुवंशिकता का सिद्धांत
(B) रूपांतरण सिद्धांत (Transforming Principle)
(C) प्राकृतिक चयन का सिद्धांत
(D) सेंट्रल डोग्मा (Central Dogma)
प्रश्न 5: हर्षे और चेज़ ने अपने प्रयोग में डी.एन.ए. (DNA) को लेबल करने के लिए किस रेडियोएक्टिव तत्व का उपयोग किया था?
(A) रेडियोएक्टिव सल्फर (³⁵S)
(B) रेडियोएक्टिव कार्बन (¹⁴C)
(C) रेडियोएक्टिव फॉस्फोरस (³²P)
(D) रेडियोएक्टिव नाइट्रोजन (¹⁵N)
प्रश्न 6: सेंट्रल डोग्मा (Central Dogma) के अनुसार जेनेटिक जानकारी का सही बहाव (flow) क्या है?
(A) Protein → RNA → DNA
(B) RNA → DNA → Protein
(C) DNA → Protein → RNA
(D) DNA → RNA → Protein
प्रश्न 7: डी.एन.ए. (DNA) से मैसेंजर आर.एन.ए. (mRNA) बनने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
(A) ट्रांसलेशन (Translation)
(B) रेप्लिकेशन (Replication)
(C) ट्रांसक्रिप्शन (Transcription)
(D) रूपांतरण (Transformation)
प्रश्न 8: प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis) की प्रक्रिया, जिसे ट्रांसलेशन (Translation) कहते हैं, कोशिका में कहाँ होती है?
(A) न्यूक्लियस (Nucleus) में
(B) माइटोकॉन्ड्रिया में
(C) साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) में राइबोसोम पर
(D) लाइसोसोम में
प्रश्न 9: ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट (HGP) के अनुसार, मानव जीनोम में लगभग कितने बेस पेयर (Base Pairs) हैं?
(A) 3.16 मिलियन
(B) 3.16 बिलियन
(C) 1.50 मिलियन
(D) 1.50 बिलियन
प्रश्न 10: डी.एन.ए. फिंगरप्रिंटिंग (DNA Fingerprinting) की तकनीक डी.एन.ए. के किन हिस्सों पर आधारित है?
(A) जीन (Genes)
(B) VNTRs (Variable Number of Tandem Repeats)
(C) एक्सॉन (Exons)
(D) इंट्रॉन (Introns)
प्रश्न 11: डी.एन.ए. की दोनों लड़ियाँ (strands) एक दूसरे के विपरीत दिशा में होती हैं, इस गुण को क्या कहते हैं?
(A) पूरकता (Complementarity)
(B) समानांतर (Parallel)
(C) एंटी-पैरेलल (Anti-parallel)
(D) हेलिकल (Helical)
प्रश्न 12: साइटोसिन (C) और गुआनिन (G) के बीच कितने हाइड्रोजन बॉन्ड होते हैं?
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
प्रश्न 13: हर्षे और चेज़ के प्रयोग ने निर्णायक रूप से क्या सिद्ध किया?
(A) RNA आनुवंशिक पदार्थ है
(B) प्रोटीन आनुवंशिक पदार्थ है
(C) DNA ही आनुवंशिक पदार्थ है
(D) उपरोक्त सभी
प्रश्न 14: ट्रांसक्रिप्शन (Transcription) प्रक्रिया का मुख्य एंजाइम कौन सा है?
(A) डी.एन.ए. पॉलीमरेज़ (DNA Polymerase)
(B) आर.एन.ए. पॉलीमरेज़ (RNA Polymerase)
(C) लाइगेज (Ligase)
(D) हेलिकेज (Helicase)
प्रश्न 15: दो मनुष्यों के बीच डी.एन.ए. में लगभग कितने प्रतिशत का अंतर होता है?
(A) 10%
(B) 5%
(C) 1.1%
(D) 0.1%
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा डी.एन.ए. फिंगरप्रिंटिंग का एक प्रमुख उपयोग है?
(A) लिंग निर्धारण
(B) प्रोटीन बनाना
(C) फोरेंसिक विज्ञान (Forensic Science)
(D) रक्त समूह की जाँच
प्रश्न 17: ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट (HGP) का एक मुख्य लक्ष्य क्या था?
(A) केवल बीमारियों का इलाज खोजना
(B) सभी मानव जीनों की पहचान और सीक्वेंसिंग करना
(C) मानव विकास का अध्ययन करना
(D) क्लोनिंग तकनीक विकसित करना
प्रश्न 18: क्रोमैटिन (Chromatin) क्या है?
(A) केवल डी.एन.ए. का धागा
(B) केवल हिस्टोन प्रोटीन
(C) न्यूक्लियोसोम की एक चेन
(D) एक पूरा क्रोमोसोम
प्रश्न 19: ट्रांसलेशन (Translation) प्रक्रिया का अंतिम उत्पाद (final product) क्या है?
(A) mRNA
(B) tRNA
(C) DNA
(D) प्रोटीन (Protein)
प्रश्न 20: डी.एन.ए. की ‘पूरकता’ (Complementarity) का नियम क्या है?
(A) A हमेशा G से जुड़ता है
(B) A हमेशा T से और G हमेशा C से जुड़ता है
(C) DNA हमेशा RNA बनाता है
(D) दोनों लड़ियाँ एक ही दिशा में होती हैं
## उत्तर (Answers)
- (B) दो
- (C) हिस्टोन (Histone)
- (C) न्यूक्लियोसोम (Nucleosome)
- (B) रूपांतरण सिद्धांत (Transforming Principle)
- (C) रेडियोएक्टिव फॉस्फोरस (³²P)
- (D) DNA → RNA → Protein
- (C) ट्रांसक्रिप्शन (Transcription)
- (C) साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) में राइबोसोम पर
- (B) 3.16 बिलियन
- (B) VNTRs (Variable Number of Tandem Repeats)
- (C) एंटी-पैरेलल (Anti-parallel)
- (C) तीन
- (C) DNA ही आनुवंशिक पदार्थ है
- (B) आर.एन.ए. पॉलीमरेज़ (RNA Polymerase)
- (D) 0.1%
- (C) फोरेंसिक विज्ञान (Forensic Science)
- (B) सभी मानव जीनों की पहचान और सीक्वेंसिंग करना
- (C) न्यूक्लियोसोम की एक चेन
- (D) प्रोटीन (Protein)
- (B) A हमेशा T से और G हमेशा C से जुड़ता है