MP Board 10th World Globlization Question Answer
MP Board 10th World Globlization One Liner :
वैश्वीकरण और मंडलीकरण
- वैश्वीकरण एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है, जिसमें व्यक्ति, वस्तुएँ और नौकरियाँ एक देश से दूसरे देश में स्थानांतरित होती हैं।
- दुनियाभर की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक व सांस्कृतिक प्रणालियों के एकीकरण की प्रक्रिया को मंडलीकरण (Globalisation) कहा जाता है।
🔹 ऐतिहासिक व्यापारिक मार्ग – सिल्क रूट
- सिल्क रूट (रेशम मार्ग) एक प्राचीन व्यापारिक मार्ग था, जो दूसरी शताब्दी ई. पू. से लेकर 14वीं शताब्दी तक सक्रिय था।
- यह मार्ग चीन, भारत, अरब, ग्रीस, फ्रांस और इटली को जोड़ते हुए भूमध्यसागर तक फैला था।
- इन मार्गों के माध्यम से व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक, धार्मिक एवं तकनीकी विचारों का आदान-प्रदान भी होता था।
🔹 खाद्य पदार्थों का आदान-प्रदान और प्रभाव
- नूडल्स चीन से पश्चिमी देशों में पहुँचे और वहीं से स्पैघेत्ती का विकास हुआ।
- पास्ता पाँचवीं सदी में अरब यात्रियों के साथ इटली के टापू सिसली पहुँचा।
- आलू, मक्का, सोया, मूँगफली, टमाटर, मिर्च, शकरकंद जैसे खाद्य पदार्थ अमेरिका से यूरोप तब पहुँचे जब क्रिस्टोफर कोलंबस ने गलती से अमेरिका की खोज की।
- आयरलैंड में 1840 के दशक में आलू की फसल खराब होने से लाखों लोग भुखमरी के शिकार हुए।
🔹 कीमती धातुओं का व्यापार
- पेरू और मैक्सिको की खानों से निकलने वाली चाँदी ने यूरोप की धन-सम्पदा बढ़ाई और पश्चिम एशिया के साथ व्यापार को गति दी।
🔹 जैविक युद्ध
- 1634 में मैसाचुसेट्स (न्यू इंग्लैंड) के पहले गवर्नर जॉन विनथार्प ने लिखा कि छोटी चेचक (Smallpox) उपनिवेशकारों के लिए ईश्वर का वरदान है।
- बीमारी के कारण स्थानीय जनजातियाँ लगभग समाप्त हो गईं, जिससे उपनिवेशवादियों ने उनकी भूमि पर अधिकार कर लिया।
🔹 अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- जो लोग स्थापित नियमों और विश्वासों को नहीं मानते, उन्हें असंतुष्ट कहा जाता है।
- 18वीं शताब्दी तक भारत और चीन को विश्व के धनाढ्य देशों में गिना जाता था।
- जबकि 19वीं शताब्दी तक यूरोप में गरीबी और भुखमरी व्याप्त थी।
आर्थिक प्रवाह के तीन प्रकार
- पहला प्रवाह – वस्तुओं का व्यापार
- जैसे – कपड़ा, गेहूँ आदि का व्यापार।
- दूसरा प्रवाह – श्रम का प्रवाह
- यानी काम या रोज़गार की तलाश में लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना।
- तीसरा प्रवाह – पूँजी का प्रवाह
- अल्प या दीर्घ अवधि के लिए निवेश, जैसे – दूरदराज के क्षेत्रों में पूँजी लगाना।
🔹 कार्न लॉ (Corn Law)
- 18वीं सदी के अंत तक ब्रिटेन में “कार्न लॉ” लागू था।
- यह वह कानून था जिसके अंतर्गत मक्का के आयात पर रोक लगा दी गई थी।
- इसके प्रभाव:
- भोजन की माँग बढ़ी →
- जनसंख्या बढ़ी →
- कीमतें बढ़ीं →
- व्यापार बढ़ा।
- कार्न लॉ हटाने के बाद:
- विकास तेजी से हुआ
- खाद्यान्न भण्डारण बढ़ा
- आयात बढ़ा
🔹 केनाल कॉलोनी (नहर बस्तियाँ)
- पंजाब में नहरों की सिंचाई के कारण लोगों को अन्य स्थानों से लाकर बसाया गया।
- इन नई बसाहटों को “केनाल कॉलोनी” कहा गया।
🔹 1820 से 1914 का व्यापारिक विस्तार
- इस काल में विश्व व्यापार 25 से 40 गुना बढ़ा।
- व्यापार का लगभग 60% हिस्सा प्राथमिक उत्पादों (जैसे गेहूँ, कपास, कोयला आदि) का था।
🔹 रिंडरपेस्ट (Rinderpest) बीमारी
- मवेशियों में फैलने वाली संक्रामक बीमारी।
- 1890 के दशक में यह बीमारी बड़ी तेजी से फैली और पशुधन को नष्ट कर दिया।
🔹 बंधुआ मजदूर
- वे मजदूर जो किसी मालिक के लिए एक निश्चित समय तक कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।
🔹 आर्थिक महामंदी (1929)
- 1929 से शुरू हुई और तीन दशक तक चली।
- इस दौरान पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा।
🔹 ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (1944)
- ब्रेटन वुड्स (न्यू हैम्पशायर, अमेरिका) में संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन हुआ।
- इसमें एक नई विनिमय दर प्रणाली (Exchange Rate System) पर सहमति बनी।
- ब्रेटन वुड्स व्यवस्था के अंतर्गत:
- सभी मुद्राओं की दरें स्थिर की गईं।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की स्थापना हुई।
- · एक कानून या निकाय द्वारा किए गए प्रस्ताव को अस्वीकार करने का संबैधानिक अधिकार वीटो कहलाता है।
- · देश के आयात या निर्यात पर दूसरे देश द्वारा लगाया जाने वाला कर आयात शुल्क कहलाता है।
- · विनिमय दर के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधा के लिए विभिन्न देशों की राष्ट्रीय मुद्राओं को एक दूसरे से जोड़ा जाता है।
- · मोटे तौर पर विनिमय दर दो प्रकार की होती है। (1) स्थिर विनिमय दर, (2) परिवर्तनशील विनिमय दर
- · जब विनिमय दर स्थिर होती है और उनमें आने वाले उतार-चढ़ावों को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को हस्तक्षेप करना पड़ता है, ऐसी विनिमय दर को स्थिर विनिमय दर कहा जाता है।
- · ऐसी विनिमय दर जो विदेशी मुद्रा बाजार में विभिन्न मुद्राओं की माँग या आपूर्ति के आधार पर और सरकारों के हस्तक्षेप के बिना घटती-बढ़ती रहती है, लचीली या परिवर्तनशील विनिमय दर कहलाती है।
- · कार निर्माता हेनरी फोर्ड वृहत उत्पादन के विख्यात प्रणेता थे।
- · उन्होंने शिकागो के एक बूचड़खाने की असेंबली लाइन की तर्ज पर डेट्रायट के अपने कारखाने में भी आधुनिक असेंबली लाइन स्थापित की थी।
- · बंगाल में जूट/पटसन का उत्पादन होता था।
- · प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कीन्स का मानना था कि भारतीय सोने के निर्यात से भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद मिली।
- · भारत में आर्थिक मंदी के समय महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा (सिविल नाफरमानी) आन्दोलन शुरू किया था।
- · द्वितीय विश्व युद्ध के समय दुनिया दो खेमों में बँटी थी।
- · एक गुट में धुरी शक्तियाँ (मुख्य रूप से नात्सी, जर्मनी, जापान एवं इटली) थीं।
- · दूसरा खेमा मित्र राष्ट्रों (ब्रिटेन, सोवियत संघ, फ्रांस और अमेरिका) के नाम से जाना जाता था।
- · द्वितीय विश्व युद्ध में करीब 6 करोड़ लोग मारे गए और करोड़ों लोग घायल हुए थे।
- · विदेश व्यापार में लाभ और घाटे से निपटने के लिए ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में 1947 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) की स्थापना की गई।
- · एक साथ बहुत सारे देशों में व्यवसाय करने वाली कंपनियों को बहुराष्ट्रीय निगम (मल्टीनेशनल कार्पोरेशन – एमएनसी) या बहुराष्ट्रीय कंपनी कहा जाता है।
- · बहुराष्ट्रीय कंपनियों की स्थापना 1920 के दशक में की गई थी।