MP Board 10th SST Gender Religion and Caste Question Answer
MP Board 10th SST Gender Religion and Caste One Liner :
- लैंगिक विभाजन सामाजिक अपेक्षाओं पर आधारित होता है।
- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में साक्षरता दर 73 प्रतिशत थी।
- 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुषों की साक्षरता दर 76 प्रतिशत थी।
- 2011 की जनगणना के अनुसार लिंग अनुपात 943 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष था।
- 2011 में देश की आबादी में अनुसूचित जनजातियों का हिस्सा 8.6 प्रतिशत था।
- धर्म के आधार पर भेदभाव न करने वाले व्यक्ति को धर्मनिरपेक्ष कहा जाता है।
- महिलाओं के लिए पंचायतों में एक तिहाई स्थान आरक्षित है।
- भारत की आबादी में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों का हिस्सा लगभग दो-तिहाई है।
- जब हम लैंगिक विभाजन की बात करते हैं तो हमारा अभिप्राय समाज द्वारा स्त्री पुरुष को दी गई असमान भूमिकाओं से है।
- जातिवाद पर आधारित सामाजिक विभाजन सिर्फ भारत में ही है।
- भारत में औसतन एक स्त्री एक पुरुष की तुलना में रोज 1 घण्टा ज्यादा काम करती है।
- भारत में राज्यों की विधान सभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 8 फीसदी से अधिक हैं।
- 2011 की जनगणना के अनुसार प्रति हजार बालकों पर बालिकाओं की संख्या 919 थी।
- निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- भारत में मुस्लिम लीग की स्थापना 1906 ई. में हुई।
- हमारे देश के सभी स्त्री-पुरुष जिनकी आयु 18 वर्ष है, उन्हें वोट देने का अधिकार है। इसे वयस्क मताधिकार कहते हैं।
- भारत में बहुदलीय प्रणाली प्रचलित है।
- भारत में चुनाव, चुनाव आयोग द्वारा सम्पन्न कराए जाते हैं।
- लैंगिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति और इस सवाल पर राजनीतिक गोलबंदी ने सार्वजनिक जीवन में औरतों की भूमिका को बढ़ाने में मदद की है।
- महिलाओं में साक्षरता की दर 2011 के अनुसार 54 प्रतिशत एवं पुरुषों में 76 प्रतिशत है।
- 2011 के अनुसार आज भी उच्च पद प्राप्त महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा कम है।
- समान मजदूरी से संबंधित अधिनियम में कहा गया है कि “समान काम के लिए समान मजदूरी दी जाएगी” आज के परिवेश में यह कथन असत्य है।
- भारत की विधायिका में महिला प्रतिनिधियों का अनुपात बहुत कम है।
- भारत में पंचायती राज के अंतर्गत एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं।
- महिला संगठनों की माँग है कि लोकसभा एवं राज्य विधान सभाओं की भी एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होनी चाहिए।
- वर्ण-व्यवस्था अन्य जाति समूहों से भेदभाव और उन्हें अपने से अलग मानने की धारणा पर आधारित है।