MP Board 10th SST federalism Question Bank संघवाद
अध्याय 2 संघवाद
स्मरणीय बिन्दु:-
- संघवाद का अर्थ :- साधारण शब्दों में कहें तो संघवाद संगठित रहने का विचार है।( संघ = संगठन + वाद = विचार )
- संघवाद :- संघवाद एक संस्थागत प्रणाली है जिसमें दो स्तर की राजनीतिक व्यवस्थाओं को सम्मिलित किया जाता है, इसमें एक संघीय ( केन्द्रीय ) स्तर की सरकार और दूसरी प्रांतीय ( राजकीय ) स्तर की सरकारें होती है।
- संघीय शासन व्यवस्था :-
- संघीय शासन व्यवस्था में सत्ता का वितरण दो या दो से अधिक स्तर पर किया जाता है। संघीय शासन व्यवस्था में सर्वोच्च सत्ता केंद्रीय सरकार व उसके विभिन्न छोटी इकाइयों के मध्य बँटी होती है।
- आमतौर पर इसमें एक सरकार पूरे देश के लिए होती है जिसके जिम्मे राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं।
- फिर ,राज्य या प्रांतों के स्तर की सरकारें होती हैं जो शासन के दैनिक कामकाज को देखती हैं।
- सत्ता के इन दोनों स्तर की सरकारें अपने -अपने स्तर पर स्वतंत्र होकर अपना काम करती हैं।
- संघीय शासन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ :-
- संघीय व्यवस्था में सत्ता केन्द्रीय सरकार और अन्य सरकारों में बंटी होती है।
- केंद्र सरकार राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर कानून बनाती है और राज्य सरकारें राज्य से संबंधित विषयों पर।
- दोनों स्तर की सरकारें अपने -अपने स्तर पर स्वतंत्र होकर अपना काम करती हैं।
- संघीय व्यवस्था में दो या दो से अधिक स्तर की सरकारें होती हैं।
- सरकारों के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित।
- अदालतों को संविधान और सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार।
- वित्तीय स्वायत्तता के लिए राजस्व के अलग अलग स्त्रोत निर्धारित।
- मूल उद्देश्य क्षेत्रीय “विविधताओं का सम्मान करते हुए देश की एकता की सुरक्षा और उसे बढ़ावा देना।
- एकात्मक शासन व्यवस्था :-
- इसमें केन्द्र सरकार शक्तिशाली होती है।
- इसके अंतर्गत संविधान संशोधन केन्द्र सरकार कर सकती है।
- शक्तियाँ एक जगह पर केंद्रित होती हैं।
- इसमें एक ही नागरिकता होती है।
- केन्द्र सरकार राज्यों से शक्तियाँ ले सकती है।
- संघात्मक शासन व्यवस्था :-
- इसमें केन्द्रीय सरकार अपेक्षाकृत कमजोर होती है।
- इसमें केन्द्र सरकार अकेले संविधान संशोधन नहीं कर सकती है।
- शक्तियाँ कई स्तरों पर विभाजित होती हैं।
- कई संघीय व्यवस्था वाले देशों में दोहरी नागरिकता होती है।
- दोनों स्तर की सरकारें अपने अधिकार क्षेत्र में स्वतंत्र होती हैं।
- भारत में संघीय व्यवस्था :-
- संविधान ने मौलिक रूप से दो स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान किया था। संघ सरकार ( केंद्र सरकार ) और राज्य सरकारें। केन्द्र सरकार को पूरे भारतीय संघ का प्रतिनिधित्व करना था। बाद में पंचायत और नगरपालिकाओं के रूप में संघीय शासन का एक तीसरा स्तर भी जोड़ा गया।
- भारतीय संविधान में केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा :-
- संविधान में स्पष्ट रूप से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को तीन हिस्से में बाँटा गया है। ये तीन सूचियाँ इस प्रकार हैं :-
- संघ सूची – प्रतिरक्षा, विदेशी मामले, बैंकिंग, संचार जैसी राष्ट्रीय महत्व के विषय
- राज्य सूची- पुलिस, व्यापार, वाणिज्य, कृषि और सिंचाई, मनोरंजन, जनकल्याण आदि विषय
- समवर्ती सूची- शिक्षा, वन, लोक कल्याण
- संविधान में स्पष्ट रूप से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को तीन हिस्से में बाँटा गया है। ये तीन सूचियाँ इस प्रकार हैं :-
- गठबंधन सरकार :- एक से अधिक राजनीतिक दलों के द्वारा मिलकर बनाई गई सरकार , को गठबंधन सरकार कहते हैं।
- अनुसूचित भाषाएँ :- वे 22 भाषाएँ जिन्हें भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में रखा गया है , अनुसूचित भाषाएँ कहते हैं।
- भाषाई राज्य क्यों :- राज्यों की भी अपनी राजभाषाएँ हैं। राज्यों का अपना अधिकांश काम अपनी राजभाषा में ही होता है। संविधान के अनुसार सरकारी कामकाज की भाषा के तौर पर अंग्रेजी का प्रयोग 1965 में बंद हो जाना चाहिए था पर अनेक गैर – हिंदी भाषी प्रदेशों ने मांग की कि अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखा जाए। केंद्र सरकार ने हिंदी के साथ – साथ अंग्रेजी को राजकीय कामों में प्रयोग की अनुमति दिया है।
- पंचायती राज :- भारत की एक अत्यंत प्राचीन व्यवस्था है। गांव के स्तर पर स्थानीय शासन पंचायती राज कहलाता है। दिसम्बर 1992 में भारतीय संसद ने संविधान के 73 वें एवं 74 वें संशोधनों को मंजूरी प्रदान की। इसके तहत भारत में स्थानीय स्वशासन निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया एवं भारत में पंचायती राज व्यवस्था मजबूत बनाया गया।
- विकेन्द्रीकरण:- शासन सत्ता को एक स्थान पर केन्द्रित करने के बजाय असे स्थानीय स्तर पर विभाजित करना ताकि हर नागरिक की सत्ता में भागीदारी बनी रहे।
- त्रिस्तरीय पंचायती राज:- पंचायतों को विकेन्द्रीकरण का इस तीन स्तरोपर विभाजित करना जिससे स्थानीय श्रेणीवार बेहतर विकास हो सके- ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत।
अध्याय 2
संघवाद
स्मरणीय बिन्दु:-
- संघवाद का अर्थ :- साधारण शब्दों में कहें तो संघवाद संगठित रहने का विचार है।( संघ = संगठन + वाद = विचार )
- संघवाद :- संघवाद एक संस्थागत प्रणाली है जिसमें दो स्तर की राजनीतिक व्यवस्थाओं को सम्मिलित किया जाता है, इसमें एक संघीय ( केन्द्रीय ) स्तर की सरकार और दूसरी प्रांतीय ( राजकीय ) स्तर की सरकारें होती है।
- संघीय शासन व्यवस्था :-
- संघीय शासन व्यवस्था में सत्ता का वितरण दो या दो से अधिक स्तर पर किया जाता है। संघीय शासन व्यवस्था में सर्वोच्च सत्ता केंद्रीय सरकार व उसके विभिन्न छोटी इकाइयों के मध्य बँटी होती है।
- आमतौर पर इसमें एक सरकार पूरे देश के लिए होती है जिसके जिम्मे राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं।
- फिर ,राज्य या प्रांतों के स्तर की सरकारें होती हैं जो शासन के दैनिक कामकाज को देखती हैं।
- सत्ता के इन दोनों स्तर की सरकारें अपने -अपने स्तर पर स्वतंत्र होकर अपना काम करती हैं।
- संघीय शासन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ :-
- संघीय व्यवस्था में सत्ता केन्द्रीय सरकार और अन्य सरकारों में बंटी होती है।
- केंद्र सरकार राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर कानून बनाती है और राज्य सरकारें राज्य से संबंधित विषयों पर।
- दोनों स्तर की सरकारें अपने -अपने स्तर पर स्वतंत्र होकर अपना काम करती हैं।
- संघीय व्यवस्था में दो या दो से अधिक स्तर की सरकारें होती हैं।
- सरकारों के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित।
- अदालतों को संविधान और सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार।
- वित्तीय स्वायत्तता के लिए राजस्व के अलग अलग स्त्रोत निर्धारित।
- मूल उद्देश्य क्षेत्रीय “विविधताओं का सम्मान करते हुए देश की एकता की सुरक्षा और उसे बढ़ावा देना।
- एकात्मक शासन व्यवस्था :-
- इसमें केन्द्र सरकार शक्तिशाली होती है।
- इसके अंतर्गत संविधान संशोधन केन्द्र सरकार कर सकती है।
- शक्तियाँ एक जगह पर केंद्रित होती हैं।
- इसमें एक ही नागरिकता होती है।
- केन्द्र सरकार राज्यों से शक्तियाँ ले सकती है।
- संघात्मक शासन व्यवस्था :-
- इसमें केन्द्रीय सरकार अपेक्षाकृत कमजोर होती है।
- इसमें केन्द्र सरकार अकेले संविधान संशोधन नहीं कर सकती है।
- शक्तियाँ कई स्तरों पर विभाजित होती हैं।
- कई संघीय व्यवस्था वाले देशों में दोहरी नागरिकता होती है।
- दोनों स्तर की सरकारें अपने अधिकार क्षेत्र में स्वतंत्र होती हैं।
- भारत में संघीय व्यवस्था :-
- संविधान ने मौलिक रूप से दो स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान किया था। संघ सरकार ( केंद्र सरकार ) और राज्य सरकारें। केन्द्र सरकार को पूरे भारतीय संघ का प्रतिनिधित्व करना था। बाद में पंचायत और नगरपालिकाओं के रूप में संघीय शासन का एक तीसरा स्तर भी जोड़ा गया।
- भारतीय संविधान में केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा :-
- संविधान में स्पष्ट रूप से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को तीन हिस्से में बाँटा गया है। ये तीन सूचियाँ इस प्रकार हैं :-
- संघ सूची – प्रतिरक्षा, विदेशी मामले, बैंकिंग, संचार जैसी राष्ट्रीय महत्व के विषय
- राज्य सूची- पुलिस, व्यापार, वाणिज्य, कृषि और सिंचाई, मनोरंजन, जनकल्याण आदि विषय
- समवर्ती सूची- शिक्षा, वन, लोक कल्याण
- संविधान में स्पष्ट रूप से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को तीन हिस्से में बाँटा गया है। ये तीन सूचियाँ इस प्रकार हैं :-
- गठबंधन सरकार :- एक से अधिक राजनीतिक दलों के द्वारा मिलकर बनाई गई सरकार , को गठबंधन सरकार कहते हैं।
- अनुसूचित भाषाएँ :- वे 22 भाषाएँ जिन्हें भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में रखा गया है , अनुसूचित भाषाएँ कहते हैं।
- भाषाई राज्य क्यों :- राज्यों की भी अपनी राजभाषाएँ हैं। राज्यों का अपना अधिकांश काम अपनी राजभाषा में ही होता है। संविधान के अनुसार सरकारी कामकाज की भाषा के तौर पर अंग्रेजी का प्रयोग 1965 में बंद हो जाना चाहिए था पर अनेक गैर – हिंदी भाषी प्रदेशों ने मांग की कि अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखा जाए। केंद्र सरकार ने हिंदी के साथ – साथ अंग्रेजी को राजकीय कामों में प्रयोग की अनुमति दिया है।
- पंचायती राज :- भारत की एक अत्यंत प्राचीन व्यवस्था है। गांव के स्तर पर स्थानीय शासन पंचायती राज कहलाता है। दिसम्बर 1992 में भारतीय संसद ने संविधान के 73 वें एवं 74 वें संशोधनों को मंजूरी प्रदान की। इसके तहत भारत में स्थानीय स्वशासन निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया एवं भारत में पंचायती राज व्यवस्था मजबूत बनाया गया।
- विकेन्द्रीकरण:- शासन सत्ता को एक स्थान पर केन्द्रित करने के बजाय असे स्थानीय स्तर पर विभाजित करना ताकि हर नागरिक की सत्ता में भागीदारी बनी रहे।
- त्रिस्तरीय पंचायती राज:- पंचायतों को विकेन्द्रीकरण का इस तीन स्तरोपर विभाजित करना जिससे स्थानीय श्रेणीवार बेहतर विकास हो सके- ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत।
प्रश्न 1 बहु विकल्प प्रश्नों के उत्तर दीजिये ? (प्रत्येक के लिये 01 अंक)
(i) केंद्र और राज्यों के बीच विवादों का निपटारा करता है-
(अ) राष्ट्रपति (ब) न्यायपालिका (स) संसद (द) मुख्यमंत्री
(ii) स्थानीय शासन वाली संस्थाएं जो शहरों में काम करती हैं-
(अ) ग्राम पंचायत (ब) जनपद पंचायत (स) नगर निगम (द) विधान परिषद
(iii) भारतीय संविधान में विषयों की कितनी सूचियां दी गई हैं-
(अ) दो (ब) तीन (स) पांच (द) चार
(iv) ग्रामीण स्तर पर स्वशासन की इकाई हैं-
(अ) ग्राम पंचायत (ब) नगर पालिका (स) नगर निगम (द) इनमें से कोई नहीं
(v) संविधान की व्याख्या करने का अधिकार हैं-
(अ) प्रधानमंत्री (ब) राष्ट्रपति (स) कानून मंत्री (द) न्यायालय
(vi) भारत ने लोकतंत्र की राह पर अपनी जीवन यात्रा शुरू की–
(अ) 1950 (ब) 1947 (स)1952 (द) 1955
(vii) बेल्जियम में सरकार है-
(अ) संघीय (ब) एकात्मक (स) तानाशाह (द) इनमें से कोई नहीं
(viii)कौन सा विषय केंद्र सूची में नहीं हैं–
(अ) विदेशी मामले (ब) मुद्रा (स) बैंकिंग (द) कानून
(ix) समवर्ती सूची का विषय हैं–
(अ) शिक्षा (ब) सिंचाई (स) बैंकिंग (द) पुलिस
(x) किस सूची में दर्ज विषयों पर संघ और राज्य सरकारें दोनों कानून बना सकती हैं–
(अ) संघीय सूची (ब) राज्य सूची (स) समवर्ती सूची (द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 2 खाली स्थानों की पूर्ति कीजिए? (प्रत्येक के लिये 01 अंक)
(i) 22 भाषाओं को संविधान की——— अनुसूची में रखा गया हैं।
(ii) संघवाद में केंद्र और राज्यों के बीच विवाद का निपटारा——- करती हैं।
(iii) भारत में——- संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई हैं।
(iv) भारत में विकेंद्रीकरण की दिशा में बड़ा कदम——- में उठाया।
(v) स्थानीय स्वशासी निकायों में महिलाओं के लिए——- पद आरक्षित हैं।
(vi) नगर निगम का प्रमुख ——–कहलाता हैं।
(vii)भारतीय संविधान में भारत को राज्यों का——- घोषित किया गया हैं।
(viii)शिक्षा——- सूची का विषय हैं।
(ix) असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम संविधान के अनुच्छेद——- के तहत विशेष शक्तियों का लाभ उठाते हैं।
(x) सत्ता का विभिन्न स्तरों के बीच वितरण ——–कहलाता हैं।
प्रश्न 3 सही जोड़ी मिलाइये? (प्रत्येक के लिये 01 अंक)
कालम अ | कालम ब |
(i) संघीय शासन व्यवस्था | A. विदेशी मामले |
(ii) एकात्मक शासन व्यवस्था | B. नगर निगम |
(iii) संघ सूची | C. बेल्जियम |
(iv) समवर्ती सूची | D. श्रीलंका |
(v) स्थानीय शासन | E. व्यापार संघ |
(vi) शासन के अंग | F. पंचायती राज व्यवस्था |
(vii) नगर निगम | G. तीन |
(viii) ग्राम पंचायत | H. न्यायालय |
(ix) संविधान की व्याख्या | I. सरपंच |
(x) 73 वां संविधान संशोधन | J. मेयर |
प्रश्न 4 एक शब्द या वाक्य में उत्तर दीजिए ? (प्रत्येक के लिये 01 अंक)
(i) बड़े शहरों में स्थानीय शासन की कौन सी संस्था काम करती हैं?
(ii) भारत में स्थानीय शासन में एक तिहाई आरक्षण किसे प्राप्त हैं?
(iii) प्रति रक्षा और मुद्रा कौन सी सूची के विषय हैं?
(iv) राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट को किस वर्ष लागू किया गया था?
(v) भारत में कौन सी शासन प्रणाली हैं।
(vi) ऐसे विषय जो संघ राज्य और समवर्ती सूची में नही आते वे किस के अधिकार क्षेत्र में होते हैं?
(vii) भारतीय संविधान द्वारा भारत को किसका संघ घोषित किया गया हैं।
(viii) भारत में शासन का तीसरा स्तर कौन से संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
(ix) भारत की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा कौन सी हैं?
(x) भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाओं को शामिल किया गया है?
(xi)बेल्जियम की राजधानी कहाँ हैं।
(xii)शक्तियों के बंटवारे के संबंध में कोई विवाद होने पर फैसला कौन लेता हैं।
- संघात्मक शासन व्यवस्था वाले पांच देशों के नाम बताइए।
- भारत में कौन सी शासन प्रणाली हैं।
- शासन के कितने अंग हैं उनके नाम लिखिए।
- भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं हैं।
- भारतीय संघ में कितने राज्य तथा कितने संघीय क्षेत्र हैं। भारत के तीन ऐसे राज्यों के नाम बताइए जिनका विभाजन कर नया राज्य बनाया गया हैं।
प्रश्न 5 सत्य / असत्य का चयन कीजिए? (प्रत्येक के लिये 01 अंक)
(i) संघवाद में शक्ति विभिन्न स्तरों के बीच वितरित रहती है। (सत्य/असत्य)
(ii) हमारे संविधान में किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया। (सत्य/असत्य)
(iii) भारत में एकात्मक शासन व्यवस्था है। (सत्य/असत्य)
(iv) संविधान द्वारा 22 भाषाओं को सातवीं अनुसूची में रखा गया है। (सत्य/असत्य)
(v) बड़े शहरों में नगर पालिका द्वारा स्थानीय शासन चलाया जाता है। (सत्य/असत्य)
(vi) प्रत्येक राज्य में स्थानीय स्वशासन इकाइयों का चुनाव राज्य चुनाव आयोग द्वारा कराया जाता है। (सत्य/असत्य)
(vii) प्रतिरक्षा ,विदेशी मामले ,बैंकिंग, संचार और मुद्रा समवर्ती सूची के विषय हैं। (सत्य/असत्य)
(viii) शक्तियों के बंटवारे के संबंध में विवाद होने की हालत में फैसला संसद करती है। (सत्य/असत्य)
(ix) एकात्मक शासन व्यवस्था में केंद्रीय सरकार के पास ही सारे अधिकार होते हैं। (सत्य/असत्य)
(x) किसी जिले की सभी पंचायत समितियों को मिलाकर जिला परिषद का गठन होता है। (सत्य/असत्य)
प्रश्न 06 लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर दीजिये? (प्रत्येक के लिये 03 अंक / शब्द सीमा 75 शब्द)
- समवर्ती सूची क्या समझाइएँ।
- विकेंद्रीकरण क्या समझाइएँ है।
- गठबंधन सरकार से क्या तात्पर्य हैं।
- एकात्मक शासन व्यवस्था के तीन दोष बताइए।
- संघात्मक शासन व्यवस्था की तीन विशेषता लिखिये।
- त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को संक्षिप्त में समझाइए।
- ग्राम पंचायत के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- विकेन्द्रीकरण के तीन लाभ बताइये।
- शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या अंतर हैं समझाइए।
- संघीय शासन व्यवस्था की महत्वपूर्ण विशेषताएं लिखिए।
- भारतीय संविधान में केंद्र और राज्यों के बीच शक्ति का विभाजन किस प्रकार किया गया हैं? समझाइए
- क्षेत्रवाद लोकतंत्र के लिए किस प्रकार घातक हैं? समझाइए।
- भारत में स्थानीय शासन व्यवस्था को शक्तिशाली और प्रभावी बनाने के लिए क्या – क्या कदम उठाए गए हैंसमझाइए।
- भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची पर प्रकाश डालिए।
उत्तरमाला
अध्याय 2 संघवाद
उत्तर 1-बहुविकल्प प्रश्नों के उत्तर
i. न्यायपालिका . ii. स नगर निगम . iii. बर्लिन . iv. अ ग्राम पंचायत . v. द न्यायालय . vi. ब .1947 vii. असंसदीय . viii. द कानून . ix. अ . गोंद लेना x .समवर्ती सूची .
उत्तर2- खाली स्थानों की पूर्ति के उत्तर
i. आठवीं ii. न्यायपालिका iii. 73 वां iv. 1992 v. एक तिहाई
उत्तर-3 सही जोड़ी के उत्तर
i. C ii. D iii. A iv. E v. B vi. G vii. J viii. I ix.H x. F
उत्तर-4 एक वाक्य के उत्तर
i. नगर निगम ii.महिलाओं को iii.संघ सूची iv. 1956 v. संघात्मक vi. केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में vii. राज्यों का viii.73 वें तथा 74 वें ix. हिंदी x.22
उत्तर-5 सत्य / असत्य के उत्तर
i.सत्य ii. सत्य iii.असत्य iv. असत्य v. असत्य vi. सत्य vii. असत्य viii.असत्य ix.सत्य x.सत्य