अध्याय 3: धातु एवं अधातु
धातुओं के गुण: प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो कमरे के ताप पर द्रव होती है।
उत्तर:
* पारा (
)
o यह एकमात्र धातु है जो सामान्य तापमान (25°C) पर द्रव अवस्था में पाई जाती है।
o उपयोग: थर्मामीटर, बैरोमीटर और विद्युत स्विच में प्रयुक्त होती है।
प्रश्न 2: ऐसी धातु जो ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
उत्तर:
* चाँदी (
)
o यह ऊष्मा एवं विद्युत की सर्वश्रेष्ठ चालक है।
o उपयोग: विद्युत उपकरणों, ज्वैलरी और मिरर कोटिंग में।
प्रश्न 3: आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर:
* आघातवर्ध्य (Malleable):
o धातुओं का वह गुण जिसके कारण उन्हें हथौड़े से पीटकर पतली चादर बनाया जा सकता है।
o उदाहरण: सोना (
) सबसे अधिक आघातवर्ध्य है।
* तन्य (Ductile):
o धातुओं का वह गुण जिसके कारण उन्हें खींचकर तार बनाया जा सकता है।
o उदाहरण: प्लैटिनम (
) और ताँबा (
)।
प्रश्न 4: ऐसी धातु जो चाकू से आसानी से काटी जा सकती है।
उत्तर:
* सोडियम (
) और पोटैशियम (
)
o ये मृदु धातुएँ हैं, जिन्हें चाकू से काटा जा सकता है।
o सावधानी: ये जल से अत्यधिक क्रिया करती हैं, इसलिए इन्हें कीरोसीन में डुबोकर रखा जाता है।
प्रश्न 5: ऐसी धातु जो ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर:
* सीसा (
)
o यह ऊष्मा एवं विद्युत की कुचालक है।
o उपयोग: रासायनिक अभिक्रियाओं में और रेडिएशन शील्डिंग में।
संक्षिप्त तालिका:
| प्रश्न | धातु | गुण/अर्थ | उपयोग |
|---|---|---|---|
| 1 | पारा ( | कमरे के ताप पर द्रव | थर्मामीटर, बैरोमीटर |
| 2 | चाँदी ( | ऊष्मा की सर्वश्रेष्ठ चालक | विद्युत उपकरण, ज्वैलरी |
| 3 | – | आघातवर्ध्य: चादर बनाने योग्य तन्य: तार बनाने योग्य | – |
| 4 | सोडियम ( | चाकू से काटने योग्य (मृदु) | रासायनिक अभिक्रियाएँ |
| 5 | सीसा ( | ऊष्मा की कुचालक | रेडिएशन शील्डिंग |
ऐनोडीकरण: प्रश्न-उत्तर प्रारूप
प्रश्न 1: ऐनोडीकरण क्या है?
उत्तर:
ऐनोडीकरण एक विद्युत-रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें ऐलुमिनियम की सतह पर अल्युमिनियम ऑक्साइड (
) की मोटी परत बनाई जाती है। यह परत धातु को संक्षारण से बचाती है और सजावट के लिए रंगी जा सकती है।
प्रश्न 2: ऐनोडीकरण में कौन-सा इलेक्ट्रोलाइट प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (
) का विलयन इलेक्ट्रोलाइट के रूप में प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 3: ऐनोडीकरण प्रक्रिया में ऐनोड और कैथोड क्या होते हैं?
उत्तर:
* ऐनोड: ऐलुमिनियम की वस्तु (जिस पर ऑक्साइड परत चाहिए)।
* कैथोड: लेड (
) या स्टील की प्लेट।
प्रश्न 4: ऐनोडीकरण में ऐलुमिनियम ऑक्साइड परत कैसे बनती है? रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
ऐनोड पर अल्युमिनियम, पानी और विद्युत धारा की उपस्थिति में अभिक्रिया करके ऑक्साइड परत बनाता है:
![]()
प्रश्न 5: ऐनोडीकरण के बाद ऐलुमिनियम वस्तुओं को रंगा क्यों जा सकता है?
उत्तर:
ऐनोडीकरण से बनी
परत में छिद्रित संरचना होती है, जो रंगों को अवशोषित कर लेती है। बाद में सीलिंग करके रंग को स्थायी बना दिया जाता है।
प्रश्न 6: ऐनोडीकरण के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
* संक्षारण प्रतिरोध (जंग से सुरक्षा)।
* सजावटी फिनिश (रंगाई संभव)।
* खरोंच प्रतिरोधी सतह।
प्रश्न 7: ऐनोडीकृत ऐलुमिनियम का उपयोग किन-किन क्षेत्रों में होता है?
उत्तर:
* एयरोस्पेस (हवाई जहाज के पुर्जे)।
* ऑटोमोबाइल (कार पार्ट्स)।
* उपभोक्ता सामान (कुकवेयर, फोन बॉडी)।
प्रश्न 8: ऐनोडीकरण की परत की मोटाई कितनी होती है?
उत्तर:
सामान्यतः 5-25 माइक्रोमीटर (µm)।
प्रश्न 9: ऐनोडीकरण के बाद “सीलिंग” क्यों की जाती है?
उत्तर:
छिद्रों को बंद करने के लिए, ताकि रंग स्थायी हो और संक्षारण का खतरा कम हो।
प्रश्न 10: क्या ऐनोडीकरण केवल ऐलुमिनियम पर ही किया जा सकता है?
उत्तर:
मुख्यतः ऐलुमिनियम पर, लेकिन टाइटेनियम और मैग्नीशियम जैसी धातुओं पर भी यह प्रक्रिया की जा सकती है।
धातुओं की अभिक्रियाशीलता और अन्य अवधारणाएँ: प्रश्न-उत्तर प्रारूप
प्रश्न 1: सोडियम को किरोसिन में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर:
सोडियम (
) एक अत्यधिक अभिक्रियाशील धातु है जो:
* वायु के संपर्क में आकर ऑक्साइड बनाती है।
* जल के साथ तीव्र अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती है, जिससे आग लग सकती है।
* किरोसिन (मिट्टी का तेल) एक अक्रिय माध्यम है जो सोडियम को वायु और नमी से बचाता है।
प्रश्न 2: अभिक्रियाओं के समीकरण:
(i) भाप के साथ आयरन (
):![]()
* उत्पाद: मैग्नेटाइट (
) और हाइड्रोजन गैस (
)।
(ii) जल के साथ कैल्शियम (
) और पोटैशियम (
):
* कैल्शियम:![]()
* पोटैशियम (अत्यधिक विस्फोटक अभिक्रिया):
![]()
प्रश्न 3: धातुओं की अभिक्रियाशीलता तालिका का विश्लेषण:
प्रयोग परिणाम:
| धातु | आयरन (II) सल्फेट | कॉपर (II) सल्फेट | जिंक सल्फेट | सिल्वर नाइट्रेट |
|---|---|---|---|---|
| A | कोई अभिक्रिया नहीं | विस्थापन | – | विस्थापन |
| B | विस्थापन | कोई अभिक्रिया नहीं | – | – |
| C | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | विस्थापन |
| D | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं |
(i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन सी है?
* उत्तर: धातु B
o क्योंकि: यह आयरन (II) सल्फेट (
) से आयरन को विस्थापित करती है, जो उच्च अभिक्रियाशीलता दर्शाता है।
(ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फेट विलयन में डालने पर क्या होगा?
* उत्तर: कोई अभिक्रिया नहीं (तालिका के अनुसार)।
o संभावित कारण: B की अभिक्रियाशीलता कॉपर (
) से कम है।
(iii) धातुओं का अभिक्रियाशीलता घटता क्रम:
* B > A > C > D
o तर्क:
– B:
से
को विस्थापित करती है।
– A:
और
से
/
को विस्थापित करती है।
– C: केवल
से
को विस्थापित करती है।
– D: किसी से भी अभिक्रिया नहीं करती (सबसे कम अभिक्रियाशील)।
प्रश्न 4: अभिक्रियाशील धातु + तनु
में कौन-सी गैस निकलती है?
उत्तर:
हाइड्रोजन गैस (
)
* समीकरण:
![]()
प्रश्न 5: आयरन + तनु
की अभिक्रिया:
उत्तर:![]()
* उत्पाद: फेरस सल्फेट (
) और हाइड्रोजन गैस (
)।
प्रश्न 6: जिंक को आयरन (II) सल्फेट विलयन में डालने पर:
उत्तर:
विस्थापन अभिक्रिया होगी।
* समीकरण:![]()
* परिणाम: विलयन का हरा रंग फीका पड़ जाएगा (
का रंग हरा होता है), और जिंक की सतह पर आयरन की परत जम सकती है।
संक्षिप्त तालिका: धातुओं की अभिक्रियाशीलता
| धातु | अभिक्रियाशीलता | विशेषता |
|---|---|---|
| B | सर्वाधिक | |
| A | मध्यम | |
| C | कम | केवल |
| D | न्यूनतम | किसी से अभिक्रिया नहीं |
आयनिक यौगिक और रासायनिक संरचनाएँ: प्रश्न-उत्तर प्रारूप
प्रश्न 1: (i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम की इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना
उत्तर:
* सोडियम (
):
o परमाणु क्रमांक = 11 → इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 2, 8, 1
o इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना: Na• (एक बिंदु, संनादति इलेक्ट्रॉन को दर्शाता है)
* ऑक्सीजन (
):
o परमाणु क्रमांक = 8 → इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 2, 6
o इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना: :O: (दो जोड़े बिंदु, संनादति इलेक्ट्रॉनों को दर्शाते हैं)
* मैग्नीशियम (
):
o परमाणु क्रमांक = 12 → इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 2, 8, 2
o इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना: •Mg• (दो बिंदु, संनादति इलेक्ट्रॉनों को दर्शाते हैं)
(ii)
एवं
का निर्माण (इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण द्वारा):
* सोडियम ऑक्साइड (
):
o 2
परमाणु, प्रत्येक 1 इलेक्ट्रॉन त्यागते हैं → ![]()
o 1
परमाणु, 2 इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है → ![]()
o समीकरण:![]()
* मैग्नीशियम ऑक्साइड (
):
o 1
परमाणु, 2 इलेक्ट्रॉन त्यागता है → ![]()
o 1
परमाणु, 2 इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है → ![]()
o समीकरण:![]()
(iii) यौगिकों में उपस्थित आयन:
*
:
(सोडियम आयन) और
(ऑक्साइड आयन)
*
:
(मैग्नीशियम आयन) और
(ऑक्साइड आयन)
प्रश्न 2: आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर:
* आयनिक यौगिकों में प्रबल विद्युत्स्थैतिक आकर्षण बल (आयनिक बंध) होता है।
* इन आयनों को अलग करने के लिए अधिक ऊर्जा (ताप) की आवश्यकता होती है, इसलिए इनका गलनांक उच्च होता है।
प्रश्न 3: (i) खनिज, (ii) अयस्क, (iii) गैंग की परिभाषा
उत्तर:
1. खनिज (Mineral):
o प्रकृति में पाए जाने वाले धात्विक या अधात्विक यौगिक, जिनमें धातुएँ विभिन्न रूपों में उपस्थित होती हैं।
o उदाहरण: बॉक्साइट (
), हेमेटाइट (
)।
2. अयस्क (Ore):
o वह खनिज जिससे धातु को सुविधाजनक और लाभदायक ढंग से निकाला जा सकता है।
o उदाहरण: बॉक्साइट (
), हेमेटाइट (
)।
3. गैंग (Gangue):
o अयस्क में उपस्थित अशुद्धियाँ या अनावश्यक पदार्थ (जैसे रेत, मिट्टी)।
प्रश्न 4: प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाने वाली धातुएँ
उत्तर:
* सोना (
) और प्लैटिनम (
)
o कारण: ये कम अभिक्रियाशील होती हैं और प्रकृति में शुद्ध रूप में मिलती हैं।
प्रश्न 5: धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने की विधि
उत्तर:
* अपचयन (Reduction):
o ऑक्साइड से ऑक्सीजन हटाकर धातु प्राप्त करना।
o उदाहरण:
![]()
प्रश्न 6: जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर ऑक्साइड की अभिक्रियाएँ
उत्तर:
| धातु ऑक्साइड | जिंक ( | मैग्नीशियम ( | कॉपर ( |
|---|---|---|---|
| जिंक ऑक्साइड ( | कोई अभिक्रिया नहीं | विस्थापन ( | कोई अभिक्रिया नहीं |
| मैग्नीशियम ऑक्साइड ( | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं |
| कॉपर ऑक्साइड ( | विस्थापन ( | विस्थापन ( | कोई अभिक्रिया नहीं |
(i) विस्थापन अभिक्रिया कब होगी?
* जब अधिक अभिक्रियाशील धातु (जैसे
,
), कम अभिक्रियाशील धातु (जैसे
) को उसके ऑक्साइड से विस्थापित करे।
(ii) कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती?
* सोना (
) और प्लैटिनम (
):
o कारण: ये निष्क्रिय धातुएँ हैं और वायु/जल से अभिक्रिया नहीं करतीं।
(iii) मिश्रातु क्या होते हैं?
* दो या अधिक धातुओं (या धातु + अधातु) का समांगी मिश्रण।
* उदाहरण:
o पीतल: ![]()
o स्टेनलेस स्टील: ![]()
संक्षिप्त तालिका: धातुओं की अभिक्रियाशीलता
| धातु | अभिक्रियाशीलता | विशेषता |
|---|---|---|
| मैग्नीशियम ( | सर्वाधिक | |
| जिंक ( | मध्यम | |
| कॉपर ( | न्यूनतम | किसी को विस्थापित नहीं करता |
विविध प्रश्न: धातु और अधातु
प्रश्न 1: निम्न में कौन सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
(a)
विलयन एवं कॉपर धातु
(b)
विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु
(c)
विलयन एवं सिल्वर धातु
(d)
विलयन एवं कॉपर धातु
सही उत्तर: (d)
विलयन एवं कॉपर धातु
व्याख्या:
यह युगल विस्थापन अभिक्रिया है क्योंकि कॉपर (
) चाँदी (
) से अधिक क्रियाशील है, अतः यह चाँदी को अपदस्थ कर देता है।
रासायनिक अभिक्रिया:
![]()
प्रश्न 2: लोहे के फ्राइंग पैन (Frying Pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन सी विधि उपयुक्त है?
उत्तर:
(a) ग्रीस लगाकर
(b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ऊपर के सभी
सही उत्तर: (d) ऊपर के सभी
व्याख्या:
जंग से बचाने के लिए किसी भी रुकावट विधि का प्रयोग किया जा सकता है जैसे—ग्रीस, पेंट अथवा जिंक की परत (गैल्वनाइजेशन)। यह सभी उपाय प्रभावी हैं।
प्रश्न 3: कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है?
उत्तर:
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकन
(d) लोहा
सही उत्तर: (a) कैल्सियम
व्याख्या:
कैल्सियम, ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके कैल्सियम ऑक्साइड (
) बनाता है, जिसका गलनांक उच्च होता है और यह जल में विलेय होता है, जिससे कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (
) बनता है।
![]()
प्रश्न 4: खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि:
उत्तर:
(a) टिन की अपेक्षा जिंक मँहगा है
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है
सही उत्तर: (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
व्याख्या:
खाद्य पदार्थों से जिंक (
) शीघ्र प्रतिक्रिया कर सकता है क्योंकि यह अधिक अभिक्रियाशील है, जबकि टिन (
) अपेक्षाकृत कम अभिक्रियाशील होता है, इस कारण टिन का प्रयोग डिब्बों की कोटिंग में किया जाता है।
प्रश्न 5: (a) आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्टैंड दिया गया है। इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप किस प्रकार विभेद कर सकते हैं?
उत्तर:
इन उपकरणों की सहायता से हम निम्न परीक्षण कर सकते हैं:
* विद्युत चालकता परीक्षण: बैटरी, बल्ब एवं तार को जोड़कर एक सरल विद्युत परिपथ बनाएँ। अलग-अलग नमूनों को परिपथ में जोड़ें। यदि बल्ब जलता है, तो वह नमूना धातु (विद्युत का सुचालक) है। यदि बल्ब नहीं जलता, तो वह अधातु है।
* कठोरता परीक्षण: हथौड़े से नमूनों को हल्के से ठोककर देखें। यदि नमूना कठोर है और टूटता नहीं, तो वह धातु है। यदि नमूना भंगुर है और टूट जाता है, तो वह अधातु हो सकता है।
(b) इन परीक्षणों की उपयोगिता:
* ये परीक्षण सरल, त्वरित और सटीक होते हैं।
* विद्युत चालकता और कठोरता के आधार पर आसानी से धातु-अधातु में अंतर किया जा सकता है।
प्रश्न 6: उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे ऑक्साइड जो अम्ल एवं क्षार दोनों के साथ अभिक्रिया करते हैं, उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं।
उदाहरण:
1. जिंक ऑक्साइड (
)
2. ऐलुमिनियम ऑक्साइड (
)
प्रश्न 7: दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर दें तथा दो जो ऐसा नहीं करती हों।
उत्तर:
विस्थापन करने वाली धातुएँ:
1. जिंक (
)
2. लोहा (
)
विस्थापन नहीं करने वाली धातुएँ:
1. ताँबा (
)
2. चाँदी (
)
प्रश्न 8: किसी धातु M के विद्युत अपघटन परिष्करण में ऐनोड, कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर:
* ऐनोड (धनाग्र): अशुद्ध धातु M
* कैथोड (ऋणाग्र): शुद्ध धातु की पतली प्लेट
* विद्युत अपघट्य (Electrolyte): धातु M का उपयुक्त लवण विलयन (जैसे
,
आदि)
प्रश्न 9: (a) सल्फर को गर्म करने पर निकली गैस की क्रिया:
उत्तर:
* (i) सूखे लिटमस पत्र पर: कोई प्रभाव नहीं
* (ii) गीले नीले लिटमस पत्र पर: लाल हो जाएगा
(b) संतुलित रासायनिक अभिक्रिया:![]()
(सल्फ्यूरस अम्ल)
प्रश्न 10: लोहे को जंग से बचाने के दो तरीके बताइए।
उत्तर:
1. जिंक की परत चढ़ाना (गैल्वनाइजेशन)
2. पेंट, ग्रीस या तेल का लेप करना
प्रश्न 11: ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ किस प्रकार का ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर:
अधातुएँ अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं।
उदाहरण:![]()
![]()
प्रश्न 12: कारण बताइए –
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषणों में क्यों होता है?
* ये धातुएँ कम अभिक्रियाशील होती हैं, जंग नहीं लगती और चमकदार होती हैं।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लिथियम को तेल में क्यों रखा जाता है?
* ये अत्यधिक अभिक्रियाशील धातुएँ हैं जो वायु एवं जल से तीव्रता से प्रतिक्रिया करती हैं। तेल इन्हें निष्क्रिय करता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यधिक अभिक्रियाशील होते हुए भी बर्तन बनाने में क्यों उपयोग होता है?
* ऐलुमिनियम की सतह पर एक रक्षक ऑक्साइड की परत (
) बन जाती है जो इसे और अधिक अभिक्रिया से बचाती है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में अयस्कों को ऑक्साइड में क्यों परिवर्तित किया जाता है?
* ऑक्साइडों से धातुओं को निकालना आसान होता है और यह कम ऊर्जा में संभव होता है।
प्रश्न 13: ताँबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से क्यों साफ किया जाता है?
उत्तर:
नींबू/इमली में अम्ल (साइट्रिक या टार्टरिक) होते हैं जो ताँबे पर जमी हरी परत (कॉपर कार्बोनेट,
) को घोल देते हैं।
प्रश्न 14: धातुओं एवं अधातुओं में रासायनिक गुणों के आधार पर विभेद कीजिए।
उत्तर:
| गुणधर्म | धातुएँ | अधातुएँ |
|---|---|---|
| विद्युत चालकता | सुचालक | कुचालक (कुछ अपवाद छोड़कर) |
| अम्लों से अभिक्रिया | हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती हैं | सामान्यतः प्रतिक्रिया नहीं करतीं |
| ऑक्साइड की प्रकृति | अधात्विक या उभयधर्मी | अम्लीय |
| स्थिति (स्थिति पत्रक) | बाएँ भाग में | दाएँ भाग में |
प्रश्न 15: एक व्यक्ति ने पुराने सोने के गहनों को एक विशेष विलयन में डालकर उन्हें चमका दिया, पर उनका वजन घट गया। यह विलयन क्या हो सकता है?
उत्तर:
यह राजा जल (Aqua Regia) हो सकता है, जो सोने को घोलने में सक्षम है। इसमें
तथा
का 3:1 अनुपात में मिश्रण होता है। सोने की बाहरी परत को यह घोल देता है जिससे गहने चमकते हैं लेकिन उनका वजन घट जाता है।
प्रश्न 16: गर्म जल का टैंक ताँबे का होता है, पर इस्पात का नहीं – क्यों?
उत्तर:
* ताँबा (
): जंग नहीं लगता, जल एवं वायुमंडलीय गैसों से कम अभिक्रियाशील है।
* इस्पात: लोहे की मिश्रधातु है जो जल से क्रिया कर जंग (
) लगाती है, जिससे टैंक की आयु कम होती है।