गद्य की प्रमुख एवं गौण विधाएँ: MP Board 10th Hindi Prose Main and Sub Specialization

गद्य की प्रमुख एवं गौण विधाएँ: दसवीं कक्षा के लिए उपयोगी लेख

परिचय
हिंदी साहित्य में गद्य वह साहित्यिक रूप है जो बंधे हुए छंदों या काव्य के नियमों से मुक्त होकर सहज और स्वाभाविक भाषा में लिखा जाता है। यह विचारों, भावनाओं और अनुभवों को सरलता और स्पष्टता के साथ व्यक्त करने का माध्यम है। गद्य की विभिन्न विधाएँ हिंदी साहित्य को समृद्ध करती हैं और समाज, संस्कृति, राजनीति, इतिहास और व्यक्तिगत जीवन के विविध पहलुओं को दर्शाती हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा दसवीं कक्षा के लिए निर्धारित हिंदी पाठ्यपुस्तक में गद्य की कई विधाओं को शामिल किया गया है, जो छात्रों को साहित्यिक और सामाजिक समझ विकसित करने में मदद करती हैं। यह लेख गद्य की प्रमुख और गौण विधाओं को विस्तार से समझाएगा, जिसमें प्रत्येक विधा की परिभाषा, विशेषताएँ, उदाहरण और NCERT पाठ्यपुस्तक से संबंध शामिल हैं।


गद्य का अर्थ और महत्व

गद्य (Prose) वह साहित्यिक अभिव्यक्ति है जो काव्य की लय, तुकबंदी या छंदबद्धता से मुक्त होती है। यह विचारों को तर्कसंगत, भावनाओं को संवेदनशील और अनुभवों को यथार्थवादी ढंग से प्रस्तुत करता है। गद्य की भाषा आम बोलचाल की भाषा के करीब होती है, जिससे यह पाठकों के लिए सहज और बोधगम्य बन जाता है।

गद्य का महत्व:

  1. सहज अभिव्यक्ति: गद्य रोजमर्रा की भाषा में लिखा जाता है, जिससे यह सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए समझने योग्य होता है।
  2. विविधता: गद्य की विभिन्न विधाएँ (कहानी, निबंध, उपन्यास, आत्मकथा आदि) हर प्रकार के विषय को व्यक्त करने की क्षमता रखती हैं।
  3. सामाजिक चेतना: गद्य सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों को उठाने का प्रभावी माध्यम है।
  4. शिक्षण में उपयोगिता: NCERT की दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में गद्य के माध्यम से छात्रों को नैतिक मूल्य, इतिहास और साहित्यिक संवेदनशीलता सिखाई जाती है।

गद्य की प्रमुख विधाएँ

प्रमुख विधाएँ वे हैं जो हिंदी साहित्य में व्यापक रूप से प्रचलित हैं और जिनका उपयोग साहित्यिक, सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्रों में होता है। NCERT की पाठ्यपुस्तक में शामिल कई पाठ इन विधाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। निम्नलिखित हैं गद्य की प्रमुख विधाएँ:

1. कहानी

परिभाषा: कहानी गद्य की एक ऐसी विधा है जिसमें किसी घटना, पात्र या परिस्थिति को कथानक के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। यह संक्षिप्त होती है और पाठक को भावनात्मक या वैचारिक रूप से प्रभावित करती है।

विशेषताएँ:

  • कथानक: कहानी में एक केंद्रीय घटना या कथानक होता है।
  • पात्र: इसमें सीमित संख्या में पात्र होते हैं, जो कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
  • संक्षिप्तता: कहानी उपन्यास से छोटी होती है और एक बार में पढ़ी जा सकती है।
  • उद्देश्य: यह मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश, नैतिकता या यथार्थ का चित्रण करती है।

उदाहरण:

  • प्रेमचंद की “ईदगाह”: NCERT की दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक कृतिका में शामिल यह कहानी एक बालक हामिद की त्याग और प्रेम की भावना को दर्शाती है। यह ग्रामीण जीवन और सामाजिक-आर्थिक असमानता को चित्रित करती है।
  • मन्नू भंडारी की “यही सच है”: यह कहानी स्त्री-मन की जटिलताओं और प्रेम की यथार्थवादी व्याख्या प्रस्तुत करती है।

NCERT से संबंध:

  • “ईदगाह” में प्रेमचंद ने बाल मनोविज्ञान और सामाजिक यथार्थ को सरल भाषा में प्रस्तुत किया है, जो दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए आदर्श है। यह कहानी नैतिक मूल्यों और सामाजिक संवेदनशीलता को सिखाती है।

2. उपन्यास

परिभाषा: उपन्यास गद्य की एक विस्तृत विधा है, जिसमें एक वृहद् कथानक, कई पात्र, और जटिल परिस्थितियों का चित्रण होता है। यह सामाजिक, ऐतिहासिक या व्यक्तिगत मुद्दों को गहराई से प्रस्तुत करता है।

विशेषताएँ:

  • विस्तृत कथानक: उपन्यास में कई उपकथाएँ और घटनाएँ होती हैं।
  • पात्रों की विविधता: इसमें मुख्य और गौण पात्रों की बड़ी संख्या होती है।
  • यथार्थवाद: उपन्यास सामाजिक और मनोवैज्ञानिक यथार्थ को गहराई से चित्रित करता है।
  • दीर्घता: यह कहानी से अधिक लंबा होता है और कई अध्यायों में विभाजित होता है।

उदाहरण:

  • प्रेमचंद का “गोदान”: ग्रामीण भारत की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का यथार्थवादी चित्रण।
  • यशपाल का “झूठा सच”: भारत विभाजन की त्रासदी का मार्मिक दस्तावेज।

NCERT से संबंध:

  • यद्यपि दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में पूर्ण उपन्यास शामिल नहीं हैं, लेकिन उपन्यासों के अंश या उनके आधार पर तैयार पाठ (जैसे प्रेमचंद की रचनाएँ) छात्रों को इस विधा से परिचित कराते हैं।

3. निबंध

परिभाषा: निबंध गद्य की वह विधा है जिसमें लेखक किसी विषय पर अपने विचार, तर्क, और भावनाओं को व्यक्त करता है। यह व्यक्तिगत, वैचारिक या सामाजिक मुद्दों पर आधारित हो सकता है।

विशेषताएँ:

  • विषय-केंद्रित: निबंध एक निश्चित विषय पर केंद्रित होता है।
  • तार्किकता: इसमें विचार तर्कसंगत और क्रमबद्ध होते हैं।
  • भाषा की सरलता: निबंध की भाषा सहज और प्रभावी होती है।
  • प्रकार: निबंध व्यक्तिगत, वर्णनात्मक, चिंतनात्मक, या आलोचनात्मक हो सकते हैं।

उदाहरण:

  • हजारी प्रसाद द्विवेदी का “नाखून क्यों बढ़ते हैं”: NCERT की पाठ्यपुस्तक क्षितिज में शामिल यह निबंध वैज्ञानिक तथ्य को दार्शनिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है।
  • रामचंद्र शुक्ल का “काव्य में रहस्यवाद”: साहित्यिक चिंतन का उदाहरण।

NCERT से संबंध:

  • “नाखून क्यों बढ़ते हैं” छात्रों को वैज्ञानिक और दार्शनिक सोच का समन्वय सिखाता है। यह निबंध सरल भाषा में गहरे विचार प्रस्तुत करता है, जो दसवीं कक्षा के लिए उपयुक्त है।

4. रेखाचित्र

परिभाषा: रेखाचित्र गद्य की वह विधा है जिसमें किसी व्यक्ति, स्थान या घटना का संक्षिप्त, चित्रात्मक और भावनात्मक चित्रण किया जाता है। यह आत्मनिष्ठ और संवेदनशील होता है।

विशेषताएँ:

  • चित्रात्मकता: रेखाचित्र में शब्दों से चित्र खींचा जाता है।
  • संक्षिप्तता: यह संक्षिप्त और केंद्रित होता है।
  • आत्मनिष्ठता: लेखक की व्यक्तिगत भावनाएँ और दृष्टिकोण प्रमुख होते हैं।
  • यथार्थ और भावना का समन्वय: यह यथार्थ को भावनात्मक रूप से प्रस्तुत करता है।

उदाहरण:

  • रामवृक्ष बेनीपुरी का “बालगोबिन भगत”: NCERT की पाठ्यपुस्तक कृतिका में शामिल यह रेखाचित्र एक कबीरपंथी गृहस्थ की संन्यासी जैसी जीवनशैली और संगीत के प्रति समर्पण को चित्रित करता है।
  • महादेवी वर्मा का “गिल्लू”: एक गिलहरी के साथ लेखिका के भावनात्मक बंधन का रेखाचित्र।

NCERT से संबंध:

  • “बालगोबिन भगत” में ग्रामीण जीवन और आध्यात्मिकता का जीवंत चित्रण है, जो सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार करता है। यह छात्रों को रेखाचित्र की संवेदनशीलता और शिल्प से परिचित कराता है।

5. आत्मकथा और संस्मरण

परिभाषा:

  • आत्मकथा: लेखक अपने पूरे जीवन या उसके हिस्से का वर्णन स्वयं करता है।
  • संस्मरण: लेखक अपने जीवन की विशिष्ट घटनाओं या अनुभवों का व्यक्तिगत चित्रण करता है।

विशेषताएँ:

  • आत्मनिष्ठता: लेखक की व्यक्तिगत भावनाएँ और अनुभव केंद्र में होते हैं।
  • यथार्थता: यह सत्य घटनाओं पर आधारित होता है।
  • भावनात्मकता: इसमें लेखक की संवेदनाएँ प्रमुख होती हैं।
  • भाषा: सहज, आत्मीय और प्रभावी।

उदाहरण:

  • मन्नू भंडारी का “एक कहानी यह भी”: NCERT की पाठ्यपुस्तक में शामिल यह आत्मकथ्य लेखिका के बचपन, परिवार और स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी को दर्शाता है।
  • हरिशंकर परसाई का “माटी की मूर्तियाँ”: संस्मरणात्मक शैली में सामाजिक चित्रण।

NCERT से संबंध:

  • “एक कहानी यह भी” छात्रों को आत्मकथ्य की आत्मीयता और स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि से परिचित कराता है। यह सरल भाषा में गहरे अनुभव प्रस्तुत करता है।

गद्य की गौण विधाएँ

गौण विधाएँ वे हैं जो प्रमुख विधाओं की तुलना में कम प्रचलित हैं, लेकिन साहित्य में विशिष्ट स्थान रखती हैं। ये विधाएँ अक्सर किसी विशेष उद्देश्य या संदर्भ में लिखी जाती हैं और NCERT पाठ्यपुस्तक में प्रत्यक्ष रूप से कम शामिल होती हैं, पर अप्रत्यक्ष रूप से इनका प्रभाव देखा जा सकता है।

1. पत्र

परिभाषा: पत्र गद्य की वह विधा है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति या समूह को अपनी बात लिखित रूप में संप्रेषित करता है। यह व्यक्तिगत, औपचारिक या अनौपचारिक हो सकता है।

विशेषताएँ:

  • संप्रेषण: पत्र का उद्देश्य सूचना, भावना या विचार का आदान-प्रदान है।
  • प्रारूप: इसमें प्रेषक, प्राप्तकर्ता, दिनांक और विषय शामिल होते हैं।
  • भाषा: औपचारिक पत्र में शिष्ट भाषा, अनौपचारिक में सहज भाषा।
  • प्रकार: व्यक्तिगत, व्यावसायिक, शासकीय, संपादकीय आदि।

उदाहरण:

  • नेहरू के पत्र: जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक पिता के पत्र पुत्री के नाम में उनकी बेटी इंदिरा को लिखे पत्र विचारों और इतिहास की शिक्षा देते हैं।
  • गाँधी जी के पत्र: सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर लिखे गए।

NCERT से संबंध:

  • यद्यपि NCERT की दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में पत्र-लेखन प्रत्यक्ष पाठ के रूप में नहीं है, लेकिन लेखन-कौशल खंड में पत्र-लेखन सिखाया जाता है। यह छात्रों को संप्रेषण कौशल विकसित करने में मदद करता है।

2. डायरी

परिभाषा: डायरी गद्य की वह विधा है जिसमें लेखक अपने दैनिक जीवन की घटनाओं, विचारों और भावनाओं को व्यक्तिगत रूप से लिखता है।

विशेषताएँ:

  • निजता: डायरी व्यक्तिगत और गोपनीय होती है।
  • दैनिक लेखन: इसमें तारीख के साथ घटनाएँ दर्ज की जाती हैं।
  • आत्मीयता: लेखक की भावनाएँ और विचार प्रमुख होते हैं।
  • सहजता: भाषा सरल और आत्मीय होती है।

उदाहरण:

  • ऐनी फ्रैंक की डायरी: विश्व प्रसिद्ध डायरी, जो युद्धकालीन जीवन का दस्तावेज है।
  • महादेवी वर्मा की डायरी: व्यक्तिगत अनुभवों का चित्रण।

NCERT से संबंध:

  • डायरी-लेखन NCERT पाठ्यपुस्तक के लेखन-कौशल खंड में शामिल है। यह छात्रों को आत्म-अभिव्यक्ति और लेखन अभ्यास सिखाता है।

3. यात्रा-वृत्तांत

परिभाषा: यात्रा-वृत्तांत गद्य की वह विधा है जिसमें लेखक अपनी यात्रा के अनुभवों, स्थानों, संस्कृति और लोगों का वर्णन करता है।

विशेषताएँ:

  • वर्णनात्मकता: इसमें स्थान, प्रकृति और संस्कृति का चित्रण होता है।
  • रोचकता: यात्रा के रोमांचक अनुभव पाठक को आकर्षित करते हैं।
  • आत्मनिष्ठता: लेखक का दृष्टिकोण प्रमुख होता है।
  • साहित्यिकता: भाषा काव्यात्मक और प्रभावी होती है।

उदाहरण:

  • रामवृक्ष बेनीपुरी का “पैरों में पंख बाँधकर”: यात्रा के अनुभवों का साहित्यिक चित्रण।
  • राहुल सांकृत्यायन का “वोल्गा से गंगा”: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक यात्रा-वृत्तांत।

NCERT से संबंध:

  • यात्रा-वृत्तांत प्रत्यक्ष रूप से NCERT पाठ्यपुस्तक में शामिल नहीं है, लेकिन निबंधों और रेखाचित्रों में यात्रा के अंश देखे जा सकते हैं। यह छात्रों को वर्णनात्मक लेखन सिखाने में सहायक है।

4. समीक्षा

परिभाषा: समीक्षा गद्य की वह विधा है जिसमें किसी साहित्यिक, सांस्कृतिक या कलात्मक कृति का विश्लेषण और मूल्यांकन किया जाता है।

विशेषताएँ:

  • विश्लेषणात्मकता: कृति की खूबियों और कमियों का तार्किक मूल्यांकन।
  • निष्पक्षता: समीक्षा में पक्षपात से बचना चाहिए।
  • साहित्यिक दृष्टिकोण: कृति को साहित्यिक संदर्भ में देखा जाता है।
  • भाषा: तर्कपूर्ण और स्पष्ट।

उदाहरण:

  • रामचंद्र शुक्ल की समीक्षाएँ: हिंदी साहित्य के इतिहास और काव्य की समीक्षा।
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी की समीक्षाएँ: साहित्य और संस्कृति पर विश्लेषण।

NCERT से संबंध:

  • समीक्षा दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं है, लेकिन निबंधों और साहित्यिक पाठों के विश्लेषण से छात्र इस विधा से परिचित होते हैं।

5. रिपोर्ताज

परिभाषा: रिपोर्ताज गद्य की वह विधा है जिसमें किसी घटना, स्थान या स्थिति का पत्रकारिता शैली में तथ्यात्मक और रोचक वर्णन किया जाता है।

विशेषताएँ:

  • तथ्यात्मकता: यह सत्य घटनाओं पर आधारित होता है।
  • रोचकता: पत्रकारिता की शैली इसे पठनीय बनाती है।
  • वस्तुनिष्ठता: लेखक का दृष्टिकोण तटस्थ होता है।
  • जीवंतता: भाषा जीवंत और प्रभावी होती है।

उदाहरण:

  • धर्मवीर भारती का “रिपोर्ताज”: सामाजिक घटनाओं का पत्रकारिता शैली में चित्रण।
  • अज्ञेय का “शरणार्थी”: शरणार्थियों की स्थिति का वर्णन।

NCERT से संबंध:

  • रिपोर्ताज NCERT पाठ्यपुस्तक में प्रत्यक्ष रूप से नहीं है, लेकिन निबंधों और रेखाचित्रों में पत्रकारिता शैली के अंश देखे जा सकते हैं।

गद्य की प्रमुख और गौण विधाओं में अंतर

आधारप्रमुख विधाएँगौण विधाएँ
प्रचलनव्यापक रूप से प्रचलित (कहानी, उपन्यास, निबंध)कम प्रचलित (पत्र, डायरी, रिपोर्ताज)
लंबाईलंबी या मध्यम (उपन्यास, आत्मकथा)संक्षिप्त (पत्र, डायरी)
उद्देश्यसाहित्यिक, सामाजिक, वैचारिकव्यक्तिगत, संप्रेषणात्मक, विश्लेषणात्मक
NCERT में उपस्थितिप्रत्यक्ष रूप से शामिल (कहानी, रेखाचित्र)अप्रत्यक्ष या लेखन-कौशल में (पत्र, डायरी)

NCERT पाठ्यपुस्तक में गद्य की भूमिका

NCERT की दसवीं कक्षा की हिंदी पाठ्यपुस्तकें (क्षितिज और कृतिका) गद्य की प्रमुख विधाओं को शामिल करती हैं, जो छात्रों को साहित्यिक और सामाजिक समझ प्रदान करती हैं।

  • कहानी: “ईदगाह” (प्रेमचंद) और “सपनों के-से दिन” (गौरव सोलंकी)।
  • रेखाचित्र: “बालगोबिन भगत” (रामवृक्ष बेनीपुरी), “जॉर्ज पंचम की नाक” (कमलेश्वर)।
  • निबंध: “नाखून क्यों बढ़ते हैं” (हजारी प्रसाद द्विवेदी)।
  • आत्मकथ्य: “एक कहानी यह भी” (मन्नू भंडारी)।

ये पाठ गद्य की विविधता और उसकी सामाजिक प्रासंगिकता को दर्शाते हैं। गौण विधाएँ, जैसे पत्र और डायरी, लेखन-कौशल खंड में शामिल हैं, जो छात्रों को रचनात्मक लेखन सिखाते हैं।


गद्य की विधाओं का साहित्यिक और सामाजिक महत्व

  1. साहित्यिक महत्व:
    • गद्य की विधाएँ हिंदी साहित्य को समृद्ध करती हैं।
    • ये लेखकों को अपनी रचनात्मकता और विचारों को विविध रूपों में व्यक्त करने का अवसर देती हैं।
    • कहानी, उपन्यास और निबंध जैसी विधाएँ साहित्यिक आंदोलनों (प्रेमचंद का यथार्थवाद, अज्ञेय का प्रयोगवाद) का आधार बनीं।
  2. सामाजिक महत्व:
    • गद्य सामाजिक मुद्दों (जैसे गरीबी, लैंगिक असमानता, स्वतंत्रता संग्राम) को उठाने का सशक्त माध्यम है।
    • यह समाज में जागरूकता फैलाता है और सुधार के लिए प्रेरित करता है।
    • NCERT पाठ्यपुस्तक के पाठ, जैसे “ईदगाह” और “बालगोबिन भगत”, सामाजिक मूल्यों और संवेदनशीलता को बढ़ावा देते हैं।

निष्कर्ष

गद्य हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो अपनी विविध विधाओं के माध्यम से समाज, संस्कृति और व्यक्तिगत अनुभवों को व्यक्त करता है। प्रमुख विधाएँ (कहानी, उपन्यास, निबंध, रेखाचित्र, आत्मकथा) साहित्यिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, जबकि गौण विधाएँ (पत्र, डायरी, यात्रा-वृत्तांत, समीक्षा, रिपोर्ताज) विशिष्ट संदर्भों में उपयोगी हैं। NCERT की दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में शामिल गद्य के पाठ छात्रों को साहित्यिक संवेदनशीलता, नैतिक मूल्य और सामाजिक जागरूकता सिखाते हैं। गद्य की इन विधाओं का अध्ययन न केवल साहित्य की समझ बढ़ाता है, बल्कि छात्रों को अपने विचारों और भावनाओं को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने में भी सक्षम बनाता है।

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