MP Board 10th Hindi Grammar Muhavare aur Lokoktiyan Meaning Uses : हिन्दी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ भाषा को जीवंत, रंगीन और अर्थपूर्ण बनाते हैं। ये दोनों ही भाषा के अभिव्यक्ति के सशक्त साधन हैं, जो भावनाओं और विचारों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करते हैं। यह लेख मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल (MPBSE) के कक्षा 10 के हिन्दी माध्यम के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। इसमें 20 मुहावरे और 20 लोकोक्तियाँ, उनके अर्थ और वाक्य में प्रयोग दिए गए हैं।
मुहावरे
मुहावरे वे वाक्यांश हैं जो अपने शाब्दिक अर्थ से भिन्न अर्थ व्यक्त करते हैं। इनका प्रयोग भाषा को रोचक और प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है। नीचे 20 मुहावरों की सूची, उनके अर्थ और वाक्य में प्रयोग दिए गए हैं:
- अक्ल का दुश्मन
- अर्थ: मूर्ख व्यक्ति।
- वाक्य: राहुल इतना ज़िद्दी है कि वह अक्ल का दुश्मन बन गया है।
- आँख का तारा
- अर्थ: बहुत प्यारा या प्रिय।
- वाक्य: छोटा बेटा अपनी माँ का आँख का तारा है।
- आँख मारना
- अर्थ: गुप्त संकेत देना।
- वाक्य: उसने अपने दोस्त को आँख मारकर चुप रहने का इशारा किया।
- आग बबूला होना
- अर्थ: बहुत क्रोधित होना।
- वाक्य: पिताजी को देर से आने की बात सुनकर आग बबूला हो गए।
- आसमान सिर पर उठाना
- अर्थ: बहुत शोर मचाना।
- वाक्य: बच्चों ने कक्षा में इतना शोर किया कि जैसे आसमान सिर पर उठा लिया हो।
- उँगली उठाना
- अर्थ: दोष लगाना।
- वाक्य: उसने मेरे चरित्र पर उँगली उठाकर मेरी बेइज़्ज़ती की।
- कान पर जूँ न रेंगना
- अर्थ: ध्यान न देना।
- वाक्य: मैंने उसे बार-बार समझाया, पर उसके कान पर जूँ नहीं रेंगी।
- खून का घूँट पीना
- अर्थ: अपमान सहन करना।
- वाक्य: उसने बॉस की डाँट सुनकर खून का घूँट पी लिया।
- घी के दीए जलाना
- अर्थ: बहुत खुशी मनाना।
- वाक्य: बेटे की सफलता पर घर में घी के दीए जलाए गए।
- चाँद पर थूकना
- अर्थ: किसी अच्छे व्यक्ति की निंदा करना।
- वाक्य: उसने गुरुजी की आलोचना करके चाँद पर थूकने का काम किया।
- टके सेर भाजी, टके सेर खाजा
- अर्थ: सब कुछ एक समान मानना।
- वाक्य: वह टके सेर भाजी, टके सेर खाजा की तरह सभी को बराबर मानता है।
- दाँतों तले उँगली दबाना
- अर्थ: आश्चर्यचकित होना।
- वाक्य: उसकी प्रतिभा देखकर सभी दाँतों तले उँगली दबा लेते हैं।
- नाक में दम करना
- अर्थ: बहुत परेशान करना।
- वाक्य: छोटे भाई ने अपनी शरारतों से मेरी नाक में दम कर दिया।
- पानी-पानी होना
- अर्थ: लज्जित होना।
- वाक्य: उसकी गलती सबके सामने खुलने पर वह पानी-पानी हो गया।
- बाल बाँका न होना
- अर्थ: कोई नुकसान न होना।
- वाक्य: दुर्घटना में गाड़ी तो क्षतिग्रस्त हो गई, पर उसका बाल भी बाँका नहीं हुआ।
- मुँह में खून लगना
- अर्थ: बुरी आदत पड़ना।
- वाक्य: उसे एक बार जुआ खेलने का मुँह में खून लग गया, अब वह रुकता ही नहीं।
- लोहे के चने चबाना
- अर्थ: कठिन कार्य करना।
- वाक्य: इस परीक्षा को पास करना लोहे के चने चबाने जैसा है।
- हाथ मलना
- अर्थ: पछताना।
- वाक्य: मौका गँवाने के बाद वह अब हाथ मल रहा है।
- हवा में तलवार भाँजना
- अर्थ: व्यर्थ का प्रयास करना।
- वाक्य: उसकी बातों पर ध्यान देना हवा में तलवार भाँजने जैसा है।
- अंगारों पर लोटना
- अर्थ: बहुत कष्ट सहना।
- वाक्य: उसने गरीबी में अंगारों पर लोटकर जीवन बिताया।
लोकोक्तियाँ
लोकोक्तियाँ वे कथन हैं जो लोकानुभव और जीवन के सत्य को संक्षेप में व्यक्त करते हैं। ये प्रायः नीतिपरक और शिक्षाप्रद होती हैं। नीचे 20 लोकोक्तियों की सूची, उनके अर्थ और वाक्य में प्रयोग दिए गए हैं:
- आ बैल मुझे मार
- अर्थ: स्वयं मुसीबत को न्यौता देना।
- वाक्य: उसने बिना सोचे-समझे बॉस से बहस शुरू की, यह तो आ बैल मुझे मार की बात है।
- आए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास
- अर्थ: अच्छे उद्देश्य से आए, पर गलत काम में लग गए।
- वाक्य: वह पढ़ने बैठा था, पर मोबाइल पर गेम खेलने लगा, यह तो आए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास है।
- अंधा क्या चाहे, दो आँखें
- अर्थ: जो कमी हो, वही चाहिए।
- वाक्य: उसे धन की कमी थी, इसलिए वह नौकरी की तलाश में है, यह तो अंधा क्या चाहे, दो आँखें है।
- ऊँट के मुँह में जीरा
- अर्थ: आवश्यकता से बहुत कम।
- वाक्य: उसने इतने बड़े खर्च के लिए थोड़ा सा पैसा दिया, यह तो ऊँट के मुँह में जीरा है।
- एक अनार, सौ बीमार
- अर्थ: माँग अधिक, आपूर्ति कम।
- वाक्य: नौकरी की एक सीट के लिए सैकड़ों आवेदन आए, यह तो एक अनार, सौ बीमार की स्थिति है।
- काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती
- अर्थ: छल-कपट बार-बार कामयाब नहीं होता।
- वाक्य: उसने एक बार झूठ बोलकर बच गया, पर काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
- कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी
- अर्थ: स्वभाव नहीं बदलता।
- वाक्य: कितना भी समझाओ, वह अपनी आदत नहीं छोड़ता, कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी।
- खोदा पहाड़, निकली चुहिया
- अर्थ: बहुत मेहनत के बाद कम परिणाम मिलना।
- वाक्य: इतनी मेहनत के बाद उसे केवल सांत्वना पुरस्कार मिला, यह तो खोदा पहाड़, निकली चुहिया है।
- गए थे गंगा स्नान को, तिलक लगाकर आए
- अर्थ: छोटा काम करने गए, बड़ा काम करके आए।
- वाक्य: वह नौकरी माँगने गया था, पर शादी तय करके लौटा, यह तो गए थे गंगा स्नान को, तिलक लगाकर आए।
- घर का जोगी जोगड़ा, बाहर का जोगी सिद्ध
- अर्थ: अपने लोगों की कद्र नहीं होती, परायों की होती है।
- वाक्य: वह घर में कुछ नहीं समझा जाता, पर बाहर लोग उसकी तारीफ करते हैं, यह तो घर का जोगी जोगड़ा, बाहर का जोगी सिद्ध है।
- जंगल में मोर नाचा, किसने देखा
- अर्थ: एकांत में किए गए कार्य का कोई मूल्य नहीं।
- वाक्य: उसने अकेले में मेहनत की, पर कोई नहीं देखा, यह तो जंगल में मोर नाचा, किसने देखा है।
- जितना गुड़ डालो, उतना मीठा
- अर्थ: ज Teenage Mutant Ninja Turtles
- वाक्य: जितना पैसा लगाओ, उतना फायदा होता है, यह तो जितना गुड़ डालो, उतना मीठा है।
- जंगल में साँप का बिल
- अर्थ: बहुत खतरनाक स्थिति।
- वाक्य: उस गली में जाना जंगल में साँप के बिल में घुसने जैसा है।
- थोथा चना बाजे घना
- अर्थ: खाली दिमाग ज्यादा शोर करता है।
- वाक्य: वह बिना सोचे-समझे बहुत बोलता है, सचमुच थोथा चना बाजे घना।
- नौ दिन चले अढ़ाई कोस
- अर्थ: बहुत धीमी प्रगति।
- वाक्य: उसने एक साल में किताब का केवल एक अध्याय लिखा, यह तो नौ दिन चले अढ़ाई कोस है।
- बander से बैल बनाना
- अर्थ: मूर्ख को समझदार बनाना।
- वाक्य: उसे समझाना बander से बैल बनाने जैसा है।
- भैंस के आगे बीन बजाना
- अर्थ: अनजान व्यक्ति को समझाने की कोशिश करना।
- वाक्य: उसे गणित समझाना भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है।
- रोम-रोम में राम
- अर्थ: हर जगह एक ही बात।
- वाक्य: उसका रोम-रोम में राम बसा है, वह हर बात में भक्ति की बात करता है।
- सौ सुनार की, एक लोहार की
- अर्थ: एक बड़ा आघात कई छोटे आघातों के बराबर।
- वाक्य: उसने एक ही बार में सारी गलतियाँ सुधार दी, यह तो सौ सुनार की, एक लोहार की है।
- हाथी के दाँत खाने के और, दिखाने के और
- अर्थ: दिखावा कुछ और, हकीकत कुछ और।
- वाक्य: उसकी बातें सुनकर लगता है वह बहुत अमीर है, पर यह तो हाथी के दाँत खाने के और, दिखाने के और हैं।
निष्कर्ष
मुहावरे और लोकोक्तियाँ हिन्दी भाषा की शोभा हैं, जो साधारण बातों को असाधारण ढंग से व्यक्त करती हैं। मुहावरे भावनाओं को प्रभावी ढंग से व्यक्त करते हैं, जबकि लोकोक्तियाँ जीवन के अनुभवों और नीतियों को दर्शाती हैं। MPBSE कक्षा 10 के छात्रों के लिए इनका अध्ययन न केवल परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हिन्दी भाषा की समृद्धि को समझने में भी मदद करता है। इन मुहावरों और लोकोक्तियों को अपने दैनिक जीवन और लेखन में उपयोग करके आप अपनी अभिव्यक्ति को और आकर्षक बना सकते हैं।