अनेकार्थी शब्द: परिभाषा, समानार्थी से अंतर : MP Board 10th Hindi Grammar Anekarthi Shabd

MP Board 10th Hindi Grammar Anekarthi Shabd : हिन्दी भाषा में शब्दों का प्रयोग अर्थ को स्पष्ट और आकर्षक बनाता है। अनेकार्थी शब्द, समानार्थी, और पर्यायवाची शब्द भाषा की समृद्धि को दर्शाते हैं। यह लेख मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल (MPBSE) के कक्षा 10 के हिन्दी माध्यम के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। इसमें अनेकार्थी शब्द की परिभाषा, समानार्थी और पर्यायवाची से अंतर और 50 अनेकार्थी शब्दों के एक से अधिक अर्थ दिए गए हैं।


अनेकार्थी शब्द: परिभाषा

अनेकार्थी शब्द वे शब्द हैं जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं। ये शब्द संदर्भ के आधार पर अलग-अलग अर्थ व्यक्त करते हैं। अर्थात्, एक ही शब्द का प्रयोग विभिन्न परिस्थितियों में भिन्न अर्थ देता है।
उदाहरण:

  • पत्र: 1. पत्रिका (समाचार पत्र), 2. पत्ता (वृक्ष का), 3. चिट्ठी (लिखित संदेश)।

समानार्थी और पर्यायवाची शब्द: परिभाषा

  • समानार्थी शब्द: वे शब्द जो एक ही अर्थ को व्यक्त करते हैं, लेकिन उनके रूप भिन्न होते हैं। ये शब्द एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग किए जा सकते हैं।
    उदाहरण: जल, पानी, नीर (सभी का अर्थ पानी है)।
  • पर्यायवाची शब्द: पर्यायवाची शब्द भी समानार्थी शब्दों की तरह होते हैं, जो एक ही अर्थ को दर्शाते हैं। हिन्दी व्याकरण में समानार्थी और पर्यायवाची को एक ही माना जाता है।
    उदाहरण: सूरज, सूर्य, भानु, दिनकर (सभी का अर्थ सूर्य है)।

अनेकार्थी, समानार्थी और पर्यायवाची में अंतर

  1. अर्थ की संख्या:
    • अनेकार्थी: एक शब्द के कई अर्थ होते हैं।
      उदाहरण: कन्या (लड़की, राशि)।
    • समानार्थी/पर्यायवाची: कई शब्दों का एक ही अर्थ होता है।
      उदाहरण: आकाश, गगन, नभ (सभी का अर्थ आकाश)।
  2. प्रयोग का आधार:
    • अनेकार्थी: संदर्भ के आधार पर अर्थ बदलता है।
      उदाहरण: दिन (दिनचर्या, समय अवधि)।
    • समानार्थी/पर्यायवाची: सभी शब्द एक ही अर्थ देते हैं, चाहे संदर्भ कुछ भी हो।
      उदाहरण: पुष्प, कुसुम, सुमन (सभी का अर्थ फूल)।
  3. उद्देश्य:
    • अनेकार्थी: भाषा में लचीलापन और विविधता लाते हैं।
    • समानार्थी/पर्यायवाची: भाषा को समृद्ध और वैकल्पिक शब्द प्रदान करते हैं।
  4. उदाहरण:
    • अनेकार्थी: रस (स्वाद, रस्सी, रस राग)।
    • समानार्थी/पर्यायवाची: घोड़ा, अश्व, तुरंग (सभी का अर्थ घोड़ा)।

अनेकार्थी शब्द: अर्थ और वाक्य में प्रयोग

शब्दअर्थ 1वाक्य में प्रयोग (अर्थ 1)अर्थ 2वाक्य में प्रयोग (अर्थ 2)अर्थ 3 (यदि लागू)वाक्य में प्रयोग (अर्थ 3)
अंगशरीर का हिस्साउसका अंग टूट गया।हिस्सा या खंडपुस्तक का पहला अंग पढ़ा।
अन्नअनाजअन्न का भंडार भरा है।भोजनमाँ ने अन्न परोसा।
आमफलउसने आम खाया।साधारणवह एक आम आदमी है।
उदरपेटउसे उदर रोग है।गर्भउसके उदर में शिशु है।
कक्षास्कूल की कक्षावह दसवीं कक्षा में पढ़ता है।वृत्तग्रह की कक्षा बदल गई।
कन्यालड़कीकन्या का विवाह हुआ।राशिउसकी कन्या राशि है।
कलसमयवह कल आएगा।मशीनमशीन के कल खराब हो गए।
कामकार्यउसे काम पूरा करना है।इच्छाउसकी कामना पूरी हुई।
कूलतटनदी का कूल सुंदर है।कुलवह उच्च कूल से है।
खानखदानकोयले की खान बंद हुई।भोजनउसका खान-पान सादा है।
गतिचालगाड़ी की गति तेज है।स्थितिउसकी गति खराब हो गई।
गुणविशेषताउसके अच्छे गुण हैं।गुणागणित में गुण करो।
घटघड़ाउसने घट में पानी भरा।कमीउसकी आय घट गई।
चरणपैरमैंने गुरु के चरण स्पर्श किए।हिस्साकविता का चरण गाया।
जलपानीउसने जल पिया।तेजआभूषण जल चमकता है।
जातिप्रजातियह पशु की नई जाति है।सामाजिक समूहउसकी जाति भिन्न है।
दिनदिनसोमवार एक अच्छा दिन है।समयउसके दिन बदल गए।
दृष्टिनजरउसकी दृष्टि तेज है।विचारउसका दृष्टिकोण अलग है।
धनसंपत्तिउसने धन कमाया।धनुषवह धनुर्धर है।
नक्षत्रतारानक्षत्र रात में चमकते हैं।राशिउसने नक्षत्र गणना की।
नामनामउसका नाम राम है।प्रसिद्धिउसने नाम कमाया।
पक्षपंखपक्षी के पक्ष सुंदर हैं।समूहवह पक्ष का समर्थन करता है।
पत्रचिट्ठीउसने पत्र लिखा।पत्तावृक्ष का पत्र गिर गया।पत्रिकावह पत्रिका पढ़ता है।
पदस्थानवह उच्च पद पर है।कविता का हिस्साउसने पद गाया।
परपंखपक्षी के पर रंगीन हैं।दूसरों कापर निंदा नहीं करनी चाहिए।
पाणिहाथउसने पाणि पकड़ा।जलपाणि पीने योग्य है।
पुस्तककिताबवह पुस्तक पढ़ रहा है।संग्रहयह पुस्तक लेखन का काम है।
फलफलउसने आम का फल खाया।परिणामकर्म का फल मिलता है।
बलशक्तिवह बलवान है।बलिदानउसने बल दिया।
बाणतीरउसने बाण चलाया।वचनउसके बाण जैसे वचन हैं।
बुद्धिबुद्धिमानीउसने बुद्धि से काम किया।समझउसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई।
भागहिस्साउसने केक का भाग लिया।भाग्यउसका भाग्य बदल गया।
मतिबुद्धिउसकी मति तेज है।रायउसने मति दी।
मुखचेहराउसका मुख सुंदर है।प्रवेशगुफा का मुख संकरा है।
रसस्वादआम का रस मीठा है।रस्सीउसने रस खींचा।रागरस काव्य में है।
रागसंगीतराग भैरवी मधुर है।प्रेमउसका राग गहरा है।
लक्ष्यनिशानाउसने लक्ष्य भेदा।उद्देश्यउसका लक्ष्य स्पष्ट है।
वंशकुलवह रघुवंश से है।बाँसवंश की बाँसुरी बजी।
वसनकपड़ाउसने वसन पहना।निवासवह यहाँ वसन करता है।
शाखाडालवृक्ष की शाखा टूटी।विभागबैंक की शाखा खुली।
शिक्षापढ़ाईउसने शिक्षा प्राप्त की।सीखजीवन की शिक्षा मिली।
संगसाथवह मेरे संग चला।पत्थरसंगमरमर चमकता है।
सारसारांशकहानी का सार समझाया।तत्वजीवन का सार है।
सुधिस्मृतिमुझे उसकी सुधि आई।जानकारीउसने सुधि दी।
स्थानजगहयह स्थान सुंदर है।स्थितिउसका स्थान उच्च है।
हरिभगवान विष्णुहरि भजन करो।हिरणहरि का शिकार हुआ।
हस्तहाथउसकी हस्त रेखा देखी।हस्ताक्षरउसने हस्त किए।
हानिनुकसानउसे हानि हुई।कमीहानि की पूर्ति की।
हितलाभयह उसके हित में है।मित्रवह हितैषी है।
क्षेत्रखेतकृषि क्षेत्र में काम हो रहा है।स्थानवह कार्य क्षेत्र में निपुण है।

अनेकार्थी शब्द हिन्दी भाषा को लचीलापन और विविधता प्रदान करते हैं, जबकि समानार्थी और पर्यायवाची शब्द भाषा को समृद्ध बनाते हैं। अनेकार्थी शब्दों का संदर्भ के आधार पर सही प्रयोग समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि गलत प्रयोग से अर्थ बदल सकता है। समानार्थी और पर्यायवाची शब्द एक ही अर्थ को विभिन्न शब्दों से व्यक्त करने की सुविधा देते हैं। MPBSE कक्षा 10 के छात्रों के लिए इन शब्दों को समझना और उनके प्रयोग को सीखना परीक्षा के साथ-साथ भाषा की गहराई को समझने में सहायक है। यह लेख आपके लिए एक उपयोगी और शैक्षिक सामग्री है।

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