माता का आँचल: शिवपूजन सहाय द्वारा लिखित Class 10 Krutika Mata Ka Aanchal Shivpujan Sahay

माता का आँचल: MP बोर्ड कक्षा 10वीं के लिए एक अनमोल धरोहर!

(सारांश और परीक्षा टिप्स)

Class 10 Krutika Mata Ka Aanchal Shivpujan Sahay :क्या आप MP बोर्ड कक्षा 10वीं के छात्र हैं और ‘माता का आँचल’ को लेकर थोड़ा कन्फ्यूज हैं? चिंता मत कीजिए! यह लेख आपको शिवपूजन सहाय द्वारा लिखित इस मार्मिक कहानी का पूरा सार बताएगा और साथ ही देगा परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए बेहतरीन टिप्स। तो चलिए, बिना देर किए गोता लगाते हैं बचपन की यादों और माँ के असीम प्रेम की इस दुनिया में!

‘माता का आँचल’ क्यों है इतना खास?

‘माता का आँचल’ कृतिका भाग 2 का एक ऐसा अध्याय है जो हर पाठक को अपने बचपन की गलियों में ले जाता है। यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के उस दौर का सजीव चित्रण है जहाँ बच्चे प्रकृति की गोद में पलते थे और जीवन में सादगी का गहरा महत्व था। शिवपूजन सहाय ने अपनी आत्मकथा के इस अंश में बचपन की मासूमियत, पिता के साथ गहरे संबंध और सबसे बढ़कर माँ की ममता की अद्भुत झाँकी प्रस्तुत की है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Class 10 Krutika Mata Ka Aanchal Shivpujan Sahay
Class 10 Krutika Mata Ka Aanchal Shivpujan Sahay

कहानी का सार: बोधगया का भोलानाथ और उसका बचपन

यह कहानी लेखक के बचपन पर आधारित है, जब उनका नाम तारकेश्वरनाथ था, पर उन्हें प्यार से ‘भोलानाथ’ कहकर पुकारा जाता था। कहानी के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • पिता का वात्सल्य: भोलानाथ का अपने पिता से गहरा जुड़ाव दिखाया गया है। सुबह उठने से लेकर, गंगा में नहाने, रामनाम बही में रामनाम लिखने और कंधों पर बैठकर घूमने तक, पिता और पुत्र का अनूठा प्रेम दिखाई देता है। पिता भोलानाथ को अपने साथ ही सुलाते थे, अपने हाथों से खाना खिलाते थे और हर खेल में शामिल होते थे।
  • ग्रामीण बचपन का चित्रण: कहानी में गाँव के बच्चों के खेलों का बड़ा ही रोचक वर्णन है। कभी बारात का स्वांग रचना, कभी खेती करना, कभी चूहे के बिल में पानी डालना – ये सभी दृश्य ग्रामीण जीवन की सहजता और मस्ती को दर्शाते हैं।
  • भोलानाथ के दोस्त: भोलानाथ अपने दोस्तों के साथ खूब शरारतें करते थे। इन शरारतों के दौरान वे अक्सर पकड़े जाते और फिर उनका डरना और भागना कहानी को और भी मनोरंजक बनाता है।
  • माँ का आँचल: अंतिम आश्रय: कहानी का सबसे महत्वपूर्ण अंश तब आता है जब बच्चे साँप से डर जाते हैं। सारे दोस्त तितर-बितर हो जाते हैं, और भोलानाथ सीधे अपनी माँ की गोद में जाकर छिप जाते हैं। यहाँ माँ का आँचल केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि प्रेम, सुरक्षा और असीम शांति का प्रतीक बन जाता है। इस क्षण में पिता का कंधा भी माँ के आँचल के सामने फीका पड़ जाता है, यह दर्शाता है कि संकट के समय माँ ही बच्चे का सबसे बड़ा सहारा होती है।

MP बोर्ड परीक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ‘माता का आँचल’?

यह अध्याय MP बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इससे अक्सर निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं:

  1. कहानी का केंद्रीय भाव: ‘माता का आँचल’ कहानी का केंद्रीय भाव क्या है? यह प्रश्न माँ की ममता और बचपन की मासूमियत पर आधारित हो सकता है।
  2. पिता-पुत्र का संबंध: भोलानाथ और उसके पिता के बीच के संबंध का वर्णन करें। यहाँ आपको उनके रोजमर्रा के क्रियाकलापों को बताना होगा।
  3. ग्रामीण संस्कृति: कहानी में वर्णित ग्रामीण संस्कृति की विशेषताओं पर प्रकाश डालें।
  4. शीर्षक की सार्थकता: ‘माता का आँचल’ शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए। यह प्रश्न माँ के आँचल के महत्व और कहानी में उसके प्रतीकात्मक अर्थ पर केंद्रित होगा।
  5. चरित्र चित्रण: भोलानाथ या उसके पिता के चरित्र की विशेषताओं का वर्णन करें।
  6. मुहावरे और लोकोक्तियाँ: कहानी में प्रयुक्त मुहावरे और लोकोक्तियों का अर्थ स्पष्ट करें।

परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए टिप्स (PRO TIPS!):

  • कहानी को ध्यान से पढ़ें: एक-एक पंक्ति को समझें। लेखक ने किस प्रकार ग्रामीण परिवेश और भावनाओं को व्यक्त किया है, उस पर ध्यान दें।
  • मुख्य बिंदुओं को याद रखें: भोलानाथ और उनके पिता के दिनचर्या, बच्चों के खेल, और साँप वाली घटना जैसे मुख्य प्रसंगों को याद रखें।
  • शब्दार्थ और मुहावरे: कठिन शब्दों के अर्थ और कहानी में आए मुहावरों पर विशेष ध्यान दें। ये अक्सर परीक्षा में पूछे जाते हैं।
  • केंद्रीय भाव पर पकड़: कहानी का मूल संदेश, यानी माँ का प्रेम और बचपन की मासूमियत, को अच्छे से समझ लें।
  • उत्तरों को व्यवस्थित लिखें: पॉइंट वाइज उत्तर लिखें और महत्वपूर्ण वाक्यों को रेखांकित करें। अपनी भाषा सरल और स्पष्ट रखें।
  • अभ्यास करें: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करें और अपनी लेखन शैली में सुधार करें।

निष्कर्ष

‘माता का आँचल’ सिर्फ एक पाठ नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के बचपन और माँ के प्रति अगाध प्रेम की एक खूबसूरत यात्रा है। MP बोर्ड के छात्रों के लिए यह अध्याय न केवल अंक दिलाने में सहायक होगा बल्कि जीवन मूल्यों को समझने में भी मदद करेगा। तो, इस कहानी को केवल एक अध्याय के रूप में न देखें, बल्कि इसे अपने बचपन की यादों से जोड़कर महसूस करें।

क्या आपके पास ‘माता का आँचल’ से जुड़ी कोई खास याद है? नीचे कमेंट सेक्शन में ज़रूर शेयर करें!


‘माता का आँचल’ पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां ‘माता का आँचल’ पाठ पर आधारित कुछ लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions) और बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) दिए गए हैं, जो आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

  1. भोलानाथ का वास्तविक नाम क्या था?
    उत्तर: भोलानाथ का वास्तविक नाम तारकेश्वरनाथ था।
  2. भोलानाथ के पिता उसे प्यार से क्या कहकर बुलाते थे?
    उत्तर: भोलानाथ के पिता उसे प्यार से भोलानाथ कहकर बुलाते थे।
  3. भोलानाथ और उसके पिता सुबह-सुबह कौन सा धार्मिक कार्य करते थे?
    उत्तर: भोलानाथ और उसके पिता सुबह-सुबह गंगा में स्नान करते थे और रामनामा बही में राम-नाम लिखते थे।
  4. बच्चों का झुंड ‘बारात’ का स्वांग कैसे रचता था?
    उत्तर: बच्चे तंबूरा (सहनाई), कनस्तर का बाजा, अमोले को घिसकर शहनाई, टूटी फूटी छड़ी को घोड़े की काठी बनाकर और कनस्तर को रथ बनाकर बारात का स्वांग रचते थे।
  5. भोलानाथ के साथियों के प्रमुख खेल क्या थे?
    उत्तर: भोलानाथ के साथियों के प्रमुख खेल थे: मिट्टी के घर बनाना, खेती करना, बारात निकालना, दुकान लगाना, चूहे के बिल में पानी डालना आदि।
  6. भोलानाथ साँप से डरकर सबसे पहले किसके पास गया और क्यों?
    उत्तर: भोलानाथ साँप से डरकर सबसे पहले अपनी माँ के पास गया, क्योंकि संकट की घड़ी में माँ का आँचल बच्चे के लिए सबसे सुरक्षित और भावनात्मक आश्रय होता है।
  7. माँ का अपने बच्चे के प्रति लाड़-प्यार किस घटना में विशेष रूप से प्रकट होता है?
    उत्तर: साँप से डरने के बाद जब भोलानाथ माँ के आँचल में दुबक जाता है, तो माँ उसे छाती से लगाकर, आँसू पोंछकर और हल्दी लगाकर जो ममता दर्शाती है, उसमें उसका लाड़-प्यार विशेष रूप से प्रकट होता है।
  8. इस पाठ में किस दशक की ग्रामीण संस्कृति का चित्रण है?
    उत्तर: इस पाठ में तीस के दशक (1930 के आस-पास) की ग्रामीण संस्कृति का चित्रण है।
  9. भोलानाथ के पिता आटे की गोलियाँ किसे खिलाते थे?
    उत्तर: भोलानाथ के पिता आटे की गोलियाँ गंगा में मछलियों को खिलाते थे।
  10. बच्चे चूहे के बिल में पानी क्यों डालते थे?
    उत्तर: बच्चे चूहे के बिल में पानी इसलिए डालते थे ताकि साँप बाहर निकल आए और वे उसे परेशान कर सकें (जो उनकी एक बचकानी शरारत थी)।

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

  1. ‘माता का आँचल’ पाठ के लेखक कौन हैं?
    a) प्रेमचंद
    b) शिवपूजन सहाय
    c) फणीश्वरनाथ रेणु
    d) नागार्जुन उत्तर: b) शिवपूजन सहाय
  2. भोलानाथ का पिता उसे किस नाम से पुकारते थे?
    a) तारकेश्वर
    b) अमोला
    c) भोलानाथ
    d) शिवशंकर उत्तर: c) भोलानाथ
  3. बच्चे ‘बारात’ के खेल में किसका तंबूरा बनाते थे?
    a) पत्तों का
    b) तार का
    c) कनस्तर का
    d) टूटी फूटी छड़ी का उत्तर: d) टूटी फूटी छड़ी का
  4. किस घटना के बाद भोलानाथ पिता को छोड़कर माँ की शरण में चला जाता है?
    a) जब उसे भूख लगती है
    b) जब वह पतंग उड़ाता है
    c) जब वह साँप से डर जाता है
    d) जब वह कुश्ती लड़ता है उत्तर: c) जब वह साँप से डर जाता है
  5. भोलानाथ को उसकी माँ क्या लगाकर स्कूल भेजने की कोशिश करती थी?
    a) तिलक
    b) काजल और तेल
    c) रोली और चंदन
    d) हल्दी उत्तर: b) काजल और तेल
  6. लेखक ने ‘खेती’ के खेल में किसको बैल बनाया था?
    a) चूहे को
    b) साँप को
    c) स्वयं को
    d) दोस्तों को उत्तर: d) दोस्तों को
  7. पाठ में किस रस की प्रधानता है?
    a) वीर रस
    b) भयानक रस
    c) वात्सल्य रस
    d) करुण रस उत्तर: c) वात्सल्य रस
  8. ‘माता का आँचल’ पाठ किस विधा में लिखा गया है?
    a) कहानी
    b) कविता
    c) आत्मकथा का अंश
    d) नाटक उत्तर: c) आत्मकथा का अंश
  9. पिता भोलानाथ को अपने साथ कहाँ सुलाते थे?
    a) पालने में
    b) माँ के पास
    c) अपनी ही चारपाई पर
    d) अलग कमरे में उत्तर: c) अपनी ही चारपाई पर
  10. साँप को देखकर बच्चे किस दिशा में भागे?
    a) पूरब
    b) पश्चिम
    c) अपनी-अपनी दिशा में, जिधर जिसका पैर उठ सका
    d) उत्तर उत्तर: c) अपनी-अपनी दिशा में, जिधर जिसका पैर उठ सका

Leave a Comment